तो ये सब आज से ५ साल पहले हुए था. मेरा नाम प्रतिभा है और मैं शहर से दूर एक कॉलेज में स्टडी करती हूँ. मैं एक गरीब घर से हूँ इसलिए मैं कॉलेज के हॉस्टल में नहीं रहती. क्योकि उसका रेंट बहोत ही ज्यादा है. जो मेरे घर वाले दे नहीं पते.
इसलिए मैं अपनी एक क्लास में पढ़ने वाली लड़की ऋतू के साथ कॉलेज के पास एक घर पर रेंट पर रहती है. जिस घर में हम दोनों रहती थी उस घर में तीन रूम है. जिसमे से एक रूम में तो मकान मालिक और उसकी वाइफ रहती थी. और दूसरा रूम उसके बेटे और उसकी फॅमिली के लिए था. और लास्ट वाले रूम में मैं और मेरी फ्रेंड ऋतू मेरे साथ उस घर में रेंट पर रहती थी. दो रूम के बिच में एक बाथरूम बना हुआ था. जिसके दो डोर थे जो दोनों रूम में खुलते थे.
हमारे मकान मालिक की उम्र करीब ४६ साल होगी उन्होंने अपनी जॉब पूरी कर ली है. अब वो बाजार के पास ही एक अपनी छोटी सी शॉप चलाते है. और उसकी वाइफ जो हाउसवाइफ है उनकी उम्र ४३ साल है. उनका एक बेटा है जिसकी उम्र करीब २४ साल है. वो शहर में अपनी वाइफ के साथ ही एक बड़ी कंपनी में काम करता है. वो दोनों वहीं पर रहते है पर किसी ही हालत में वो दोनों एक महीने में घर पर जरूर आते है. और वो दोनों जब भी अपने मम्मी पापा से मिलने आते है तो वो बिच वाले रूम में रहते है.
बस दोस्तों यहीं से मेरी कहानी शुरू होती है दिन भी उसके बेटा और बहु घर पर आये हुए थे. रात के ११ बजे चुके थे मुझे अब नींद आ रही थी. मेरी फ्रेंड पहले से सो चुकी थी. पर मैं अभी तक स्टडी कर रही थी फिर मैंने अपनी बुक्स बंद की और सोने की तयारी करने लग गयी. मैं सोने से पहले एक बार बाथरूम जरूर जाती हूँ. इसलिए मैं बाथरूम में चली गयी.
जब मैं बाथरूम में थी तो मुझे मकान मालिक के रूम में कुछ आवाजें आने लग गयी. उनका रूम के साथ ही बाथरूम का दुसरा दरवाजा खुलता था मैंने दरवाजे के निचे से देखा की उसमे से लाइट आ रही थी. वो आवाज सिसकारियों से भरी हुई थी मेरे मन में इच्छा होने लग गयी. की आखिर ये आवाज है तो है किसी.
इसलिए मैं अपने सांसो रोक कर बाथरूम में बैठी रही. जब मैंने वो आवाज धयान से सुनी तो मुझे लगा की ये आवाज मकान मालिक और उनकी वाइफ की है. पर मैं जानना चाहती थी की आखिर ये आवाज किसी है. इसलिए मैं थोड़ी देर और बैठी और फिर मैंने और धयान से आवाजें सुनी. उसके बाद मैं समझ गयी की अंदर सेक्स चल रहा है. और फिर कुछ ही देर बाद अंदर से जोर जोर से आआह्ह्ह उह्ह्ह ई अहह की आवाजें आने लग गयी. ये सुन कर मैं समझ गयी की अब काम शुरू हो गया है.
अब मेरे दिल में इच्छा हुई की जो भी अंदर हो रहा है उसे मैं खुद अपनी आँखों से देखूं इसलिए मैं धीरे से दरवाजे के पास गयी. और बहोत धयान से और आराम से दरवाजे को खोलने की कोशिश की.
मैंने देखा की दरवाजा बहार से खुला है इसलिए मैंने दरवाजा हल्का सा खोला और थोड़ी सी दरार में से मैं अंदर देखने लग गयी. उनके बैडरूम में छोटी वाली लाइट ओन थी जिसमे मुझे सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था. वो दोनों पति पत्नी एकदम पुरे नंगे लेटे हुए थे. उनके पुरे जिस्म पर कपड़ा नाम की चीज नहीं थी. वो दोनों एकदम पुरे नंगे सेक्स करने में खोये हुए थे.
उस दिन अंकल आंटी के ऊपर ६९ की पोज़ में थे जिसमे वो ऊपर लेट कर आंटी की चूत को अपनी जीभ से जोर जोर से चाट रहे थे. चूत को चाटते हुए वो बिच बिच में अपनी दो उंगलिया आंटी की चूत में भी डाल रहे थे. साथ ही आंटी भी कम नहीं थी वो भी अपना मुँह पूरा खोल कर अपने पति का लंड अपने मुँह में पूरा बार बार ले रही थी.
आंटी अपना सर ऊपर निचे करके खुद ही लंड को जोर जोर से चूस रही थी. लंड को चूसने के साथ साथ वो अपने एक हाथ से अंकल की बॉल्स को भी मसल रही थी. दोनों के मुँह से थूंक निकल रहा था और अच्छे से चूत और लंड को गीला कर रहा था.
मैं ये सब देख रही थी पर मुझे ये सब देख कर मैं आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था. की मैं ये सब सच में देख रही हूँ. फिर तभी अचानक से आंटी ने अपनी दोनों टंगे ऊपर उठाइ जिससे उनके चुत्तड भी ऊपर उठ गए फिर आंटी ने अपनी दोनों टाँगे अंकल की गर्दन पर रखी. और आंटी ने अंकल की गर्दन को अपनी दोनों टांगो से लॉक कर लिया.
फिर अपनी दोनों टांगो से आंटी ने अंकल की गर्दन को अपनी चूत पर अच्छे से दबा दिया. जैसे आंटी अंकल के मुँह को अपनी चूत पर दबा रही थी. वैसे देखने में ही लग रहा था की अंकल को जरूर सांस नहीं आ रही होगी.
फिर आंटी की चूत का पानी निकल गया और उनका जिस्म एकदम पूरा शांत हो गया. पर अंकल अभी भी आंटी की चूत चाटने से हट नहीं रहे थे. वो लगातार आंटी की चूत को चाटने में लगे हुए थे.
अंकल ने अपनी जीbh से आंटी की चूत को अच्छे से चाट चाट कर साफ़ कर दिया. अंकल की जीभी ने आंटी की चूत पर एक भी पानी की बूँद तक नहीं छोड़ी थी. फिर आखिर में अंकल ने अपने मुँह में आंटी की चूत के दोनों होंठो को अच्छे से अपने होंठो में ले कर जोर से चूसा. जिसे देख कर मेरे जिस्म में कुछ हरकत सी होने लग गयी. मेरा जिस्म पूरा गरम होने लग गया और मेरी चूत में अजीब सी गुदगुदी होने लग गयी.
अचानक से मेरा हाथ अपने आप मेरी चूत जो पेंटी के अंदर तड़पने लग गयी थी. उसके पास चला गया और मैं इतनी गरम हो चुकी थी. मुझे ये तक पता नहीं चला की कब मैंने अपनी चूत को शांत करने के लिए खुद अपनी चूत में मैंने अपनी दो उंगलिया उतार दी.
उधर मेरे सामने अंकल से आंटी की चूत को चाट और चूस चूस कर फिर से उन्हें बहोत गरम कर दिया था. अब चूस बंद हो चुकी थी अब सेक्स करने की बारी थी. फिर अंकल उठे और बेड पर अपनी वाइफ को सीधा लिटा दिया. अंकल ने आंटी के चुत्तडो के निचे एक पिलो रखा और फिर उनकी दोनों टाँगे खोल कर उन्होंने अपना लंड उनकी चूत के अंदर डालना शुरू हो कर दिया.
जैसे आंटी की चूत में लंड अंदर गया. तभी उनकी ऑंखें बंद हो गयी और उनके मुँह से आह्ह से भरी हुई मस्त सिसकारी निकल पड़ी.
आंटी के चेहरे पर ख़ुशी साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी. करीब दो या तीन धक्को में अंकल का लंड पूरा का पूरा आंटी की चूत के अंदर चला गया था. फिर वो दोनों जोर जोर से चुदाई करने लग गए.
अंकल की ताकत देख कर मैं भी हैरान थी क्योकि वो इस उम्र में भी आंटी को जम कर थोक रहे थे. फिर अंकल आंटी की दोनों टाँगे अपने कंधो पर रखी और वो निचे झुक कर आंटी के होंठो को चूसने लग गए. और साथ ही उन्होंने अपने धक्को की स्पीड बहोत तेज़ कर दी.
इससे शायद आंटी को ज्यादा तकलीफ होने लग गयी उनके मुँह से अह्ह्ह उईइ अह्ह्ह अहह उईई माँ जैसी जोर जोर से आवाजें आने लग गयी. फिर तभी अचानक आंटी ने फिर से अंकल को कस कर पकड़ लिया. आंटी अपने दोनों अंकल के चूतडों पर रख कर जोर जोर से दबा रही थी. साथ ही वो निचे से अपनी गांड को उठा उठा कर खुद ही अंकल का लंड अंदर ले रही थी.
कुछ ही देर में आंटी की चूत का पानी एक बार फिर से निकल गया. मैं तो ये देख कर हैरान हो गयी. क्योकि अभी तक आंटी की चूत का पानी दो बार मेरे सामने ही निकल चूका था. पर अंकल का लंड अभी तक खड़ा हुआ आंटी की चूत को चोदने में लगा हुआ था.
फिर अब चूत में से फच फच की आवाजें आने लग गयी. क्योकि आंटी की चूत का पानी चूत में भर चूका था. और अंकल का लंड उस पानी में बार बार अंदर बहार हो रहा था. मुझे ये सब देखने में अब मजा आने लग गया मेरी चूत भी अब भीग चुकी थी.
करीब १० मिनट बाद अंकल जोर जोर से हाफने लग गए उन्होंने तीन धक्के अपनी पूरी ताकत से मारे और लास्ट वाले धक्के में अंकल अपना पूरा लंड आंटी की चूत में एन्ड तक दाल दिया और फिर वो आंटी के ऊपर गिर गए.
शायद अब उनके लंड का पानी निकल चूका था आंटी उन्हें बड़े प्यार से चुम रही थी. फिर वो खड़े हुए जैसे ही लंड चूत में से बहार निकला तो आंटी की चूत में से पानी लबालब निकलने लग गया.
मैंने देखा की वो दोनों अब बाथरूम की और आ रहे है.ये देख कर मेरी गांड फट कर हाथ में आ गयी. मैं जल्दी से वहां से भाग कर सीधी अपने रूम में चली गयी.
मैं डर के मरे कांप रही थी फिर मैं अपने बिस्तर में आ कर अपनी चूत को जोर जोर से रगड़ने लग गयी. और मैंने अभी अपनी चूत का सारा पानी अंकल के लंड को याद करके निकल दिया.
दोस्तों ये लाइव सेक्स मैंने पहली बार अपनी लाइफ में देखा था. जिसे देख कर मेरी चूत का पानी निकल गया था. ये घटना मैं पिछले ५ सालो से अपने दिल में ले कर घूम रही थी. आज मैंने इस कहानी के जरिये अपने मन को बहोत ज्यादा हल्का कर दिया है.