अब भाभी की सिसकारियाँ तेज होने लगी थीं और मेरी भी हालत खराब होने लगी. फिर मैंने उन्हें पीठ के बल लिटाया और धीरे – धीरे उनके होंठों को चूमने लगा. भाभी कुछ देर तक मेरा विरोध करती रहीं लेकिन फिर धीरे – धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी…
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम राहुल है और आज मैं पहली बार अपनी कहानी आप सब के सामने पेश करने जा रहा हूँ.
सबसे पहले मैं आप सभी को अपने बारे में बता देना चाहता हूँ. मैं अभी 21 साल का हूँ. मैं औसत शरीर वाला, कद में लम्बा और साधारण सा लडका हूँ. अब आप सब को ज्यादा बोर ना करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.
बात उस समय की है जब मैं 11वीं में आया था. मेरे माता – पिता ने मुझे अच्छे स्कूल में पढ़ाने के लिये मुझे ग्वालियर भेज दिया था. मैं वहां किराये के मकान में रहता था. वहां पर मैं किसी को नहीं जानता था, इसलिये ज्यादातर समय घर पर ही रहता था.
मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा था, लेकिन यहां आने के बाद वह भी औसत हो गई थी. इस बात से मेरे माता – पिता भी परेशान थे. मैं जहां रहता था वहीं पास में एक भैया भी किराये से रहते थे. उनकी शादी हो चुकी थी, लेकिन मैंने भाभी को कभी नहीं देखा था.
सुबह जब मैं स्कूल जाता हूं, तब हम अक्सर एक – दूसरे का हाल पूछ लिया करते थे. एक दिन मैं यूं ही उदास सा जा रहा था तो भैया ने मुझे देखा और पूछा कि क्या हुआ? उदास क्यों हो? तो मैंनै उन्हें अपनी पढ़ाई के बारे में बताया.
इस पर वो बोले कि इतनी सी बात है, उदास मत हो तुम्हारी भाभी भी बच्चों को 12वीं की कोचिंग देती है. मैं उनसे तुम्हारे बारे में बात करूंगा. भैया की बात सुन कर मैं खुश हो गया और भैया को शुकिया बोलने के बाद फिर मैं स्कूल चला गया.
उस दिन शाम को अॉफिस से आने के बाद लगभग 7 बजे भैया ने मुझे बुलाया. फिर उन्होंने मुझे भाभी से मिलवाया. भाभी का नाम नीलम था. मैं तो बस उन्हें देखता ही रह गया. क्या मोटी गांड थी उनकी! मैं लगातार उनको घूरे जा रहा था.
तभी भैया ने भाभी से मेरा परिचय कराते हुए कहा, “नीलम, यह राहुल है. क्या तुम इसकी पढ़ाई में मदद कर सकती हो जान?”
भैया की बात सुन कर भाभी ने कहा – क्यों नहीं जान, यही तो मेरा काम है.
इतना कहने के दौरान भाभी के चेहरे पर अजीब सी मुस्कुराहट थी, जोकि मैं बाद में समझा. फिर यह बात मैंने अपने घर वालों को बताई तो इस पर उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं थी.
दूसरे दिन स्कूल से आने के बाद मैं सीधा भाभी के पास चला गया. उस वक्त घर पर कोई नही था. मैंने भाभी से पूछा, तब उन्होंने बताया कि कोचिंग वाले बच्चे शाम को आते हैं. इस पर मैंने उन्हें कहा ठीक है तो फिर भाभी मैं भी शाम को ही आता हूँ. इतना कह कर जैसे ही चला तो भाभी ने मुझे रोक लिया और कहा, “तुम बाकियों से अलग हो. मैं तुम्हें इसी समय पढाया करूंगी.” इस पर मुझे कुछ अजीब सा लगा. लेकिन फिर मैं ज्यादा न सोचकर पढ़ने लगा. अब भाभी मेरे सामने बैठ गईं.
दोस्तों, पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता दूं. उनकी उम्र लगभग 25 साल की होगी. उनके दूध जैसे गोरे बदन में हाथ लगाने से भी डर लगने लगे कि कहीं मैली ना हो जाएं. ऊपर से उनका 38-30-40 का फिगर, उफ्फ्फ! जब वो चलती हैं तो दिल पर लाखों तीर चल जाते हैं. कोई भी बस उन्हें देख ले उसका लंड खडा हो जाए.
उस दिन जैसे ही भाभी मेरे सामने बैठी तो उनके बड़े – बड़े चूचे मानो अभी बाहर आ जाएंगे. मैं उन्हें लगातार घूरे जा रहा था. भाभी शायद जान – बूझकर यह सब कर रही थीं. तभी उन्होंने मुझे घूरते हुए पूछा, “तेरा ध्यान कहां है?”
यह सुन कर मेरी तो आवाज ही बंद हो गई थी. तभी वह हंसने लगी और फिर उन्होंने कहा कि अब घूरना बंद करके पढ़ाई पर ध्यान दो. मैं डर गया था और डर के मारे मेरा पसीना छूटने लगा था. मुझे लग रहा था कि कहीं भाभी भैया को ना बता दें. फिर मैं उस दिन की पढाई खत्म करके जल्दी से अपने रूम आ गया.
अब मैं रोज भाभी के पास पढने जाने लगा. जब भी वह मेरे करीब आती तो मेरा लंड खडा हो जाता. दोस्तों, मैंनै अभी तक आपको बताया नहीं लेकिन मेरा 9 इंच का काला लन्ड है और उसका सुपाड़ा लाल है. उसके खड़े होने पर पैंट में से साफ पता चल जाता था.
भाभी को भी मेरे खडे लंड के बारे में पता चल जाता था. वह भी छुप – छुप कर मेरे लंड को घूरती रहती थीं. शायद, आग दोनों ही तरफ लगी हुई थी.
अब तो मैं रोज भाभी को घूरता रहता. भाभी भी पढाते – पढ़ाते मेरे लंड को घूरती रहती. कभी – कभी किताब गिरने के बहाने वह मेरे लंड को छू भी देती थीं. इस पर मुझे कुछ अजीब सा महसूस होता और फिर मैं सीधा बैठ जाता.
एक दिन मैं स्कूल नहीं गया था. उस दिन भैया ने मुझसे कहा, “राहुल, मैं एक जरूरी काम से नागपुर जा रहा हूँ. क्या तुम आज रात को मेरे घर पर रुक सकते? मैं तुम्हारी भाभी को अकेले नहीं छोड़ना चाहता.”
उस दिन मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई थी. फिर मैंने उन्हें कहा, “क्यों नहीं भैया, आप निश्चन्त होकर जाओ. मैं भाभी का ख्याल रखूंगा.” यह सुन कर भैया ने मेरा धन्यवाद किया और कहा कि खाना तुम अब से भाभी के साथ ही खाना. इस पर मैंने कहा कि ठीक है. फिर वह चले गए.
उसके बाद मैं अपने कमरे में आ गया. वहां पर थोडी देर आराम करने के बाद मैं भाभी के रूम गया. वहां कोई नहीं था. तभी भाभी नहा कर बाहर आ गईं. हाय.. क्या गोरा बदन था उनका! जैसे ही मैंने उन्हें देखा, मेरा लंड खडा हो गया.
तभी अचानक पानी पर पैर पड़ने से भाभी फिसल गईं और उन्हें गांड में चोट लग गई. अब उनसे उठा भी नहीं जा रहा था. तब मैंने उठने में उनकी मदद की. वह उस समय तौलिए में थी.
उनके बदन को छू लेने से मेरा लंड और सख्त हो गया. फिर मैंनै भाभी को बिस्तर पर लिटा दिया. तभी भाभी को और तेज दर्द होने लगा. इस पर उन्होंने एक तरफ इशारा करते हुए मुझसे कहा – राहुल, वहाँ बाम रखा है, मुझे दे दे प्लीज..
फिर मैंने बाम भाभी को दे दिया तो वह लगाने लगीं. खुद से करने में उन्हें तकलीफ हो रही थी तो उन्होंने मुझसे कहा, “राहुल, क्या तुम मुझे बाम लगा दोगे? मेरा हाथ नहीं पहुंच रहा है.”
इस पर मैंने बाम लिया और भाभी की कमर पर लगाने लगा. मेरी तो आवाज ही बंद हो गई थी. तभी भाभी ने कहा – थोड़ा और नीचे.
अब मैं भाभी की गांड पर बाम लगाने लगा. मुझे कुछ परेशानी हो रही थी. इस पर मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि तौलिए को निकाल दो. फिर मैंने तौलिए को भाभी से अलग कर दिया. अब भाभी पीछे से पूरी नंगी थी. मैं बाम लगाने लगा. इसके साथ ही मेरा लंड भी झटके लगाने लगा.
अब भाभी की आँखें अपने आप बंद हो गई और धीरे – धीरे उनके मुंह से सिसकारी निकलने लगी. उनके मुंह से निकल रही ‘उम… आह…’ की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी थी. जिससे अब मेरी हालत खराब होने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत की और अपनी एक उँगली भाभी की गांड में डाल दी. इस पर उन्होंने जोर से सिसकारी ली और मेरी तरफ देखा. इस पर मैंने भाभी को अनदेखा कर दिया और धीरे – धीरे उँगली अन्दर – बाहर करने लगा.
अब भाभी की सिसकारियाँ तेज होने लगी थीं और मेरी भी हालत खराब होने लगी. फिर मैंने उन्हें पीठ के बल लिटाया और धीरे – धीरे उनके होंठों को चूमने लगा. भाभी कुछ देर तक मेरा विरोध करती रहीं लेकिन फिर धीरे – धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी.
अब कभी मैं भाभी के निचले होठ को चूसता तो कभी ऊपर वाले को. भाभी भी मेरा साथ देती रही और अचानक भाभी ने एक हाथ से मेरे लंड को कपड़ों के ऊपर से ही पकड़ लिया और दबाने लगी. अब मैं भी एक हाथ से उनकी चूत को सहलाने लगा.
भाभी काफी उत्तेजित हो गई थीं. तभी उन्होंने जोर से सिसकारी ली और कहने लगी, “प्लीज राहुल, ओर तेज करो…” अब मैं भाभी की चूची को दोनों हाथों से दबाने और चूमने लगा. मैं भाभी की एक चूची को दबाता और एक को चूसता.
लगभग 15 मिनट तक उनको चूसने के बाद मैं धीरे – धीरे नीचे आने लगा और फिर मैंने भाभी की चूत को जैसे ही किस किया, वैसे ही भाभी की जोर से चीख निकल गई और उन्होंने कहा कि ऐसा मत करो! लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी. मुझे उनकी चूत का स्वाद कुछ नमकीन सा लगा लेकिन मैं चाटता रहा. मैं पहली बार चूत चाट रहा था, मेरा मन कर रहा था कि मैं दिन भर उनकी चूत को चाटता रहूं.
दोस्तों, भाभी की चूत पर एक भी बाल नहीं थे. शायद उन्होंने कुछ देर पहले ही साफ किये थे. तभी भाभी ने कहा – राहुल, अब और सहन नहीं होता, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में.
इतना सुनना था कि मैं खड़ा हो गया और एक – एक करके उनके सारे कपड़े उतारने लगा. इसके बाद मैं खुद भी नंगा हो गया. भाभी ने मेरे लंड को देखा जो 9 इंच लम्बा और काले नाग की तरह खडा था. इसके बाद भाभी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और आगे – पीछे करने लगी.
फिर हम 69 की पोजिशन में आ गए. अब भाभी मेरे लंड को पूरी मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और मैं भी उनकी चूत को चूसता रहा. अचानक भाभी बड़ी जोर से चीखीं और उनकी चूत से नमकीन रस निकलने लगा, जिसे मैं पूरा चाट गया.
फिर मैंने भाभी को सीधा लिटाया और उनकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने लगा. अब भाभी जोर से सिसकारी लेने लगी. थोड़ी देर बाद भाभी बोली – अब और मत सता राहुल, डाल दे अपना लंड मेरी चूत में. उनका इतना कहना था कि मैंने जोर से एक झटका दे दिया. लेकिन मेरा लंड अंदर जा ही नहीं रहा था. इस पर भाभी को हंसी आ गई और उन्होंने मुझे कहा – पहले कभी किया है?
तो मैंने कहा – नहीं भाभी.
फिर उन्होंने मुझे नीचे आने को कहा खुद मेरे ऊपर आ गई. इसके बाद उन्होंने मेरे लंड को पकडा और धीरे से अपनी चूत पर रखा और धीरे – धीरे बैठने लगी. उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. भाभी की आँखों में आँसू आ गए थे.
तभी अचानक वो जोर से चीखीं और मेरे लंड को पूरा अन्दर ले लिया. उनकी आँखें थोड़ी देर के लिए बंद हो गई थीं. थोड़ी देर रुके रहने के बाद उन्होंने दोबारा ऊपर – नीचे होना शुरू कर दिया.
अब पूरे कमरे में भाभी की सिसकारियाँ गूंजने लगी. वो ‘आ.. आह.. ऊई माँ मर गई..’ जैसे बड़बड़ा रही थीं. कुछ देर बाद भाभी तेज – तेज ऊपर – नीचे होने लगी. थोड़ी देर बाद फिर वह नीचे आ गई और मैं ऊपर से उनकी चूत में लंड अन्दर – बाहर करने लगा.
करीब 5 मिनट तक इस तरह चोदने के बाद मैंने उन्हें कुतिया की तरह चोदना शुरू कर दिया. अब मैं पीछे से उनके चूचे दबाने लगा और तेजी से झटके मारने लगा. तभी भाभी को कुछ हुआ और वह जोर से चीखीं, मगर मैं नहीं रुका और लगातार झटके लगाता रहा.
अब वह झड़ गई थी और ठीली पड़ गईं. फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनकी एक टाँग को कंधे पर रखकर चोदने लगा. करीब 5 मिनट तक इस तरह चोदने के बाद मैं झडने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ निकालूँ तब उन्होंने मुझे कहा कि अन्दर ही डाल दो. फिर मैंने अपने झटके और तेज कर दिये.
अब पूरे कमरे में भाभी और मेरी सिस्कारियों के साथ – साथ ठप – ठप की आवाज आने लगी थी. तभी मैंने भाभी को कस कर पकड़ा और बहुत देर तक झडता रहा. फिर भाभी ने मुझसे कहा – राहुल, मुझे कभी छोड़ के मत जाना, आई लव यू. अब मैंने भी भाभी को आई लव यू टू कहा.
इसके बाद मैं अक्सर स्कूल से आकर भाभी के पास चला जाता और बाद में मुझसे भाभी को एक लडका भी हुआ, लेकिन वो कहानी फिर कभी.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं. मेरी ईमेल आईडी –