हे फ्रेंड्स, मेरा नाम आयुष है. मैं हरयाणा का रहने वाला हू. मेरी हाइट 5’7″ है, और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मैं 28 साल का हू, और अभी तक मेरी शादी नही हुई है. मैं एक कॉर्पोरेट ऑफीस में जॉब करता हू.
आज मैं अपनी एक कहानी आप सब के साथ शेर करना चाहता हू. आशा करता हू, की आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आएगा.
जिस ऑफीस में मैं काम करता हू, वाहा मेरा एक बहुत अछा दोस्ती है. उसका नाम कमाल है. कमाल भी मेरी ही आगे का है, और हम दोनो की काफ़ी बनती है. कमाल के घर में सिर्फ़ वो और उसकी मा रहते है.
पिछले साल की बात है. कमाल और मैने कही घूमने का प्लान बनाया.
फिर हमने हिमाचल जाने का प्लान बनाया. क्यूकी उसकी मा ने वाहा के एक मंदिर में मन्नत माँग रखी थी, तो उनको भी हमारे साथ चलना था.
ट्रिप वाले दिन मैं तैयार हो कर बस स्टॅंड के लिए निकल गया. मैने पॅकिंग पिछली रात को ही कर ली थी. 5 मिनिट वेट करने के बाद मुझे कमाल सामने से आता हू दिखा. उसके साथ उसकी मा भी आ रही थी.
मा! अर्रे वो मा जैसी तो बिल्कुल भी नही थी. कमाल की मा का नाम जया है, और उनकी आगे 50 है. इतनी आगे के बावजूद भी वो सिर्फ़ 35 की लगती है. जब मैने उनको देखा, तो मेरे मूह में पानी आ गया.
गोरा रंग, 38″ की ब्रेस्ट, 30″ की कमर, और 40″ की गांद थी उनकी. उपर से उन्होने लेगैंग्स पहनी हुई थी. उनकी हाइट 5’7″ थी, तो वो और भी हॉट लग रही थी. क्या समान था दोस्तो, मैं तो पहली नज़र में ही उनका दीवाना हो गया.
फिर जब वो आई, तो मैने उनको हेलो कहा. उन्होने भी स्माइल पास की. फिर हमने बस पकड़ ली, और हिमाचल के लिए निकल गये. रास्ते में हमने बहुत सी बाते की. जया आंटी काफ़ी फ्रेंड्ली थी, और उनका सेन्स ऑफ ह्यूमर भी कमाल का था.
उन्होने हमे ये फील ही नही होने दिया, की हम एक मम्मी के साथ ट्रिप पर जेया रहे थे. बस में वो विंडो सीट पर बैठी थी. कमाल सेंटर में था, और मैं दूसरे कॉर्नर पर था. मैं बार-बार आयेज हो कर उनके बूब्स देख रहा था. उनकी क्लीवेज तो आराम से दिख रही थी.
फिर हम हिमाचल पहुँच गये. वाहा हमने एक धरामशाला में रूम ले लिया. मौसम बहुत अछा था, और ठंड भी काफ़ी थी. फिर हम थोड़ी देर आराम करके फ्रेश हुए. जब हम घूमने जाने लगे, तो जया आंटी ने जीन्स और त-शर्ट पहन ली.
क्या बॉम्ब लग रही थी वो जीन्स और त-शर्ट मे. उनका तोड़ा सा पेट भी निकला हुआ था, जो उनको और सेक्सी बना रहा था. घूमने के दौरान मेरा ध्यान आस-पास कम और जया आंटी पे ज़्यादा था.
तभी कमाल को ऑफीस से फोन आ गया. बॉस ने कमाल को इमीडीयेट्ली वापस आने को बोला. अब कमाल के पास कोई रास्ता नही था, और उसको वापस जाना पड़ा. जया आंटी मेरे साथ ही रुक गयी, क्यूकी उनको मन्नत भी पूरी करनी थी.
अब मेरे पास पूरा मौका था. घूमने के दौरान मैने आंटी को बहुत हासाया, और उनके साथ डबल मीनिंग बाते भी की. वो किसी बात का बुरा नही मान रही थी. जब भी मैं उनके साथ डबल मीनिंग बात करता था, तो वो एक नॉटी एक्सप्रेशन देती थी.
फिर हम शाम को वापस आ गये, और हमने डिन्नर किया. रात को 10 बजे के पास हम सो गये. मुझे नींद कहा आने वाली थी. अब जब सामने इतनी सेक्सी औरत सो रही हो, तो लंड सोने नही देता. मैं पंगा लेने की सोच रहा था, लेकिन दर्र भी रहा था.
आंटी ने वाइट कलर का डॉटेड नाइट सूट पहना हुआ था. और वो मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी. उनकी गांद मुझे अपनी तरफ खींच रही थी. कमरे में ज़्यादा रोशनी नही थी, लेकिन मैं आंटी को आचे से देख पा रहा था.
फिर मैने सोचा, जो होगा देखा जाएगा. मैं अपने बेड से उतरा, और आंटी के बेड के पास जाके साइड में बैठ गया. फिर मैने आंटी की गांद को टच करना शुरू कर दिया. क्या फीलिंग थी यार वो. एक-दूं सॉफ्ट गांद थी आंटी की.
उनके पाजामे के उपर से मुझे उनकी पनटी की शेप फील हो रही थी. मैं 2-3 मिनिट ऐसे ही उनकी गांद पर हाथ फेरता रहा. जब उन्होने कोई रिक्षन नही दिया, तो मैं उनके साथ लेट गया. मैने अपने आप को पीछे से उनके साथ चिपका लिया.
अब मेरा लंड उनकी गांद को टच हो रहा था. फिर मैने अपना एक हाथ उनकी कमर पर रखा, और धीरे से उनके बूब्स पर ले गया. आंटी की साँसे भी तेज़ हो रही थी. फिर मैने ज़ोर से उनका बूब दबा दिया. इससे आंटी की जाग खुल गयी, और उन्होने घबरा कर पीछे देखा. फिर आंटी बोली-
जया आंटी: आयुष! तुम मेरे बेड पर क्या कर रहे हो?
मैं: कुछ नही आंटी. मुझे ठंड लग रही थी.
तभी आंटी की नज़र मेरे खड़े लंड पर पड़ी. वो लंड देख कर मुस्कुराइ, और बोली-
आंटी: सिर्फ़ साथ लेट कर गर्मी चाहिए, या और कुछ भी करना है?
ये आंटी की तरफ से ग्रीन सिग्नल था. मैं अपना फेस आंटी के फेस के पास लेके गया, और अपने होंठ आंटी के होंठो से चिपका दिया. वाह यार! क्या कमाल का स्वाद था आंटी के होंठो का. हम दोनो घुटनो के बाल हो गये, और एक-दूसरे को किस कर रहे थे.
मैं अपने दोनो हाथो से कभी आंटी की कमर दबाता, तो कभी गांद. आंटी भी गरम हो चुकी थी, और मेरे होंठो को खींच-खींच कर चूस रही थी. फिर मैने आंटी की शर्ट के बटन खोल दिए, और उनकी गर्दन और क्लीवेज चूमने लगा.
आंटी ने भी मुझे बाहो में भर लिया, और मेरा सिर सहलाने लगी. फिर आंटी ने अपनी शर्ट उतार दी, और ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया. मैने आंटी की ब्रा को आयेज से पकड़ा, और उनके बड़े-बड़े बूब्स से अलग कर दिया.
उनके बूब्स को देख कर मैं पागल हो गया, और निपल्स चूसने लगा. वो कामुकता भारी आहें भर रही थी. आंटी के बदन में से कमाल की खुश्बू आ रही थी. फिर मैने आंटी को लिटाया, और उनका पाजामा उतार दिया. मैने भी अंडरवेर छोढ़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए.
अब मैं और आंटी दोनो सिर्फ़ अंडरवेर में थे. मैं आंटी के पेट को चूमने लगा, और नाभि को अपने जीभ से चाटने लगा. उसके बाद मैं नीचे आया, और मैने पनटी के उपर से आंटी की छूट पर किस किया.
जैसे ही मैने उनकी चूत को चूमा, तो उन्होने मेरे सिर को अपनी छूट में दबा लिया. ऐसा लग रहा था, जैसे वो मुझे अपनी छूट खिलाना चाहती हो. मैने भी उनकी पनटी में हाथ डाला, और उसको छूट से नीचे खिसका दिया.
आंटी की छूट पे . बाल थे. फिर मैने अपनी की छूट पर मूह लगाया, और उसको चूमने-चूसने लगा. आंटी तड़प उठी, और अपनी गांद उपर कर-कर के अपनी छूट . लगी. मैने आंटी की छूट को खोला, और उसमे अपनी जीभ डाल कर . लगा.
आंटी आहह आ कर रही थी. फिर मैने आंटी की सेक्सी जाँघो पर बहुत सारे किस किए. मैने अपना अंडरवेर उतारा, और मेरा लंड देख कर आंटी खुश हो गयी. फिर मैं आंटी की टाँगो के बीच आया, और उनकी छूट पर लंड सेट किया.
मैं लंड पर दबाव बनाने लगा, और लंड धीरे-धीरे अंदर जाने लगा. जैसे-जैसे लंड अंदर जेया रहा था, वैसे-वैसे आंटी की आहें तेज़ हो रही थी. तोड़ा लंड जब अंदर चला गया, तो मैने झटका मार के बाकी का लंड पूरा अंदर घुसा दिया.
आंटी की चीख निकल गयी, और मैने उनका मूह अपने होंठो से बंद कर दिया. अब मैं तेज़-तेज़ धक्के देने लगा. 2-3 मिनिट में आंटी की छूट अड्जस्ट हो गयी, और वो भी गांद उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी. अब हम दोनो पुर मज़े में चुदाई कर रहे थे.
छूट में लंड था, मूह में आंटी के बूब्स और होंठ थे, पूरा जन्नत का माहौल बना हुआ था. फिर 15 मिनिट बाद मेरे पानी निकालने वाला था. जब मैने आंटी से पूछा, तो आंटी बोली-
आंटी: छोड़ता जेया, और रुकना मत. मेरा भी होने वाला है.
फिर मैने धक्के और ज़ोरदार कर दिए. 1 मिनिट में आंटी आहह आ करते हुए झाड़ गयी, और उसके तुरंत बाद मैने अपना माल आंटी की छूट में ही निकाल दिया.
उस पूरी रात मैने और आंटी ने खूब चुदाई की. अगले दिन हम हाथ में हाथ डाल कर घूम रहे थे. हम बिल्कुल एक कपल की तरह हर जगह जेया रहे थे. घूमने के दौरान भी जब मौका मिलता हम किस करने लगते. दिन में मैने आंटी को बहुत चूसा, और रात भर फिरसे उनकी चुदाई की.
फिर जीतने भी दिन हम वाहा रहे, एक कपल की तरह रहे. और कपल की तरह ही हमने रात-रात भर चुदाई की. वापस आने के बाद भी मैने काई बार आंटी को उनके घर जाके छोड़ा.
हमारी चुदाई का खाल आज भी जारी है, और कमाल आज भी मेरा सबसे अछा दोस्त है.
तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. [email protected]