train mai aurat ki chudai कुछ साल पहले जब मैं अपने होमटाउन से दिल्ली जा रहा था. मेरा फर्स्ट एसी में रिजर्वेशन था जिसमे एक कम्पार्टमेंट में 4 बर्थ होती हे. मेरी लोवर बर्थ थी और ओवरनाईट जर्नी कि वजह से मैं सीधा जा कर बर्थ पर लेट गया. सेम स्टेशन से एक लेडी उसका हसबंड और एक एक दो साल का लड़का था वो चढ़े. मैंने लाईट ऑफ कर रखी थी तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया किसी पे. बट जब ट्रेन चली तो हसबंड निचे उतर गया और बाकि 2 बर्थ खाली थी. अब कम्पार्टमेंट में बस मैं, वो लेडी और उसका बेबी था. एकदम सन्नाटा था. थोड़ी देर के बाद टीटी आया तो उसने लाईट ओं की और टिकेट चेक किया. तब मैंने उस लेडी को थोडा देखा, उसने ब्लू कलर का स्यूट पहना था. मैंने ज्यादा ध्यान नहीं देते हुए टिकट चेक करवाया और फिर वापस लेट गया. उसने उठकर कम्पार्टमेंट का डोर बंद कर दिया और फिर हम दोनों ही सो गए.
करीब दो घंटे के बाद में बेबी उठ गया और रोना शरु कर दिया उसने. मेरी भी आँख खुल गई रोने की आवाज से. मैं उठकर बैठ गया और वो बेबी को चूप कराने लगी. वो मुझसे ओपोसिट फेस कर के लेटी हुई थी. अचानक से बेबी चूप हो गया तो मुझे लगा की इस भाभी ने उसके मुहं में अपनी निपल दे दी होगी. थोड़ी देर में बेबी फिर से सो गया पर मेरी नींद उठ चुकी थी. शायद ऐसा ही कुछ उसके साथ भी हुआ था. तो उसने मुझे पूछा आप कहा जा रहे हो? मैंने कहा दिल्ली जा रहा हूँ. मैंने उस से सेम प्रश्न पूछा तो उसने कहा हम गाज़ियाबाद जा रहे हे. हम दोनों फिर चूप हो के विंडो के बहार देख रहे थे. उस रात को फुल मून वाली नाईट थी. बहार ग्रीनरी एकदम मस्त लग रही थी चाँद के उजाले में. मैंने कहा आज कितना मस्त लग रहा हे न बहार. तो उसने भी कहा आज की रात एकदम रोमांटिक सी हे. फिर उसने मेरा नाम पूछा और अपना नाम उसने सबीना बताया.
उसके बाद में हम दोनों के बीच में कैसुअल बातें होने लगी. उसने बताया की उसकी शादी 3 साल पहले हुई थी. उसने कहा यहाँ ससुराल में कुछ फंक्शन में आये थे और मेरे हसबंड यही रुके हे. वो शादी के पहले काम करती थी लेकिन फिर शादी के बाद उसे अपनी जॉब छोडनी पड़ी. जब उसने ये कहा तो उसकी आवाज में गुस्सा था. फिर हमने बहुत सब बातें की. सबीना भाभी ने अपनी कोलेज लाइफ से ले के शादी तक की सब बातें मुझे बताई. उसने बताया की उसके बॉयफ्रेंड ने लास्ट मोमेंट पर उसे डिच कर दिया इसलिए उसको अरेंज मेरेज करनी पड़ी.
ऐसे ही हम दोनों की बातों बातों में रात का एक बज गया और पता ही नहीं चला. अब हम लोगों आप से आगे बढ़ के तुम पर और तू पर आ चुके थे.
सबीना: तो फिर सोया जाए अब?
मैं: भाभी मेरी तो नींद उड़ ही गई हे, तुम को सोना हे तो सो जाओ.
सबीना: नहीं यार मुझे भी नींद नहीं आ रही हे अब.
बेबी फिर से उठ गया और वो बात करते करते उसे चूप कराने लगी. अचानक ही उसने बेबी को दूध पिलाना शरु कर दिया बात करते करते मेरे सामने ही. लाईट ऑफ़ थी और कम्पार्टमेंट में बहुत ही कम रौशनी थी फिर भी मुझे हल्का हल्का दिख रहा था और मैं ठीक से देखने का ट्राय कर रहा था.
सबीना: इतनी कम लाईट में कुछ नहीं दिखने वाला.
और ये कह के वो एकदम से हंस पड़ी.
मेरी तो बोलती ही बंद हो गई. और मैं शरमा के खिड़की के बहार देखने लगा.
सबीना: अरे डर क्यूँ गए मैं तो सिर्फ तुम्हारी टांग खिंच रही थी यार.
अब मुझे भी थोड़ी थोड़ी हिम्मत मिली.
मैं: डरा नहीं पर कुछ दिखेगा नहीं तो देखने से क्या फायदा भला.
सबीना: अच्छा जी.
और फिर वो हसंने लगी.
सबीना: कभी अपनी गर्लफ्रेंड का नहीं देखा क्या? लगभग तो सेम ही होते हे सब के.
मैं: हाँ पर उसके अन्दर दूध नहीं आता था ना!
सबीना: उफ़ तुम लड़के ना. अच्छा अब देखना बंद करो कुछ और बताओ.
फिर हमारी और बातें हुई और उसका बेबी भी फिर से सो गया.
सबीना: रुको मैं वाशरूम से आती हूँ मेरी बेबी को देखना प्लीज़.
वो थोड़ी देर बाद वापस आई वाशरूम से और मेरी बर्थ पर ही बैठ गई. मैंने उसे एक स्माइल दे दी.
सबीना: हाँ जी अब बताओ तुम क्या बोल रहे थे.
मैं: कुछ नहीं मैं भी टांग खिंच रहा था.
और मैंने उसे ये कह के हंस दिया. हम दोनों ही हंस रहे थे.
सबीना: आई मिस आल धिस, मेरे हसबंड मेरे से 7 साल बड़े हे और थोड़े सिरियस से हे.
मैं: और कुछ तो मिस नहीं करती ना तुम???
सबीना: ऐ नोटी लड़के छोटे हो तो छोटे की तरह रहो.
मैं: अरे मैं इतना भी छोटा नहीं हूँ.
फिर हमारी फ़्लर्टिंग शरू हो गई और बात सेक्स के टोपिक पर पहुँच गई. अपनी सुहागरात की बातें बताने लगी वो और मैं पूरा लाल पड़ गया. वो मुझे देख कर हंसने लगी और बोली, बच्चे हो अभी.
फिर उसने अपने मोबाइल के ऊपर मुझे अपनी कॉलेज की और शादी की फोटो दिखाई.
मैं: ये तुम हो?
सबीना: हां भाई और क्या, कोई शक हे!
मैं: लाईट जलाओ. देखूं तो तुम्हे.
सबीना: हां भाई देख लो लेकिन लाईट को जल्दी बंद कर देना नहीं तो ये उठ जाएगा.
मैंने लाईट जलाकर देखी तो वो एकदम स्टनिंग थी. पिक्स से ज्यादा ही प्रेटी लग रही थी. ब्राउन आँखे, रेड लिपस्टिक वाले ठीक लिप्स, खुले हुए बाल और बहुत ही स्वीट सी स्माइल. देखते ही मैं तो सबीना के ऊपर फ़िदा हो गया. मेरा मुहं उसे देख के खुला की खुला ही रह गया.
सबीना: देख लिया ना अब लाईट बंद कर दो.
मैंने लाईट बंद करते हुए कहा: यार तुम्हारे हसबंड की तो सच में लोटरी लग गई हे, क्या वाइफ मिली हे उसको.
ये सुनते ही उसने टोपिक को चेंज कर दिया. मुझे लगा कुछ बात हे तो पूछा पर उसने मना कर दिया. फिर मैंने उसे थोडा जिद्द कर के पूछा.
सबीना: अरे यार मैं तुम्हे कैसे बताऊ, एक अनजाने लड़के हो. पर मैं थोडा कम्फ़र्टेबल हो गई हूँ इसलिए बता देती हु. मेरा हसबंड एक पजेशिव और जले हुए नेचर का हे. वो मुझे घर के बहार अकेले कदम भी रखने नहीं देता हे और उसकी चले तो वो मुझे किसी और मर्द से बात भी न करने दे. और जब वो शराब पी के आता हे तो मारता भी हे मुझे.
ये कहते हुए उसकी आँखे भर सी आई थी. फिर उसने कहा, आज उसकी माँ ने कहा तो मुझे गाडी तक छोड़ गया. मुझे लगता हे की उसका चक्कर अपने बड़े अब्बा की लड़की के साथ हे इसलिए मुझे यहाँ से भगा दिया उसने.
और ये सब कहते हुए वो रोने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने फिर और डिटेल में सब बताया और वो साथ में बहुत रो भी रही थी. मैंने हिम्मत कर के हग कर दिया उसे. उसने भी टाईट पकड़ लिया मुझे और मैंने भी उसकी पीठ के ऊपर सहलाना चालू कर दिया. फिर अपने रुमाल से मैंने उसके आंसू पोंछ दिए. और फिर वो रोते रोते हुए हंस पड़ी.
सबीना: सोरी यार तुम स्ट्रेंजर हो फिर भी इतना ध्यान से सब कुछ सुना तुमने.
मैंने फेस पोंछते हुए कहा माय प्लेजर, तुमने एक अजनबी को इतना सब खुल के कहा! अगर मैं कुछ मदद कर सका तो मुझे धन्य लगेगा. फिर वो हलके से पास और मुझे उसकी साँसे महसूस हो रही थी. अब मैंने हिम्मत कर के उसके लिप्स पर एक छोटा सा किस कर लिया. फिर क्या था उसने भी वापस किस कर लिया छोटा सा. और फिर अगले ही सेकंड हम दोनों एक दुसरे को स्मूच करने लगे. हम पागलों की तरह एक दुसरे को किस कर रहे थे. और वो मेरे लिप्स भी काट रही थी. और मेरी जबान को अपनी जबान और होंठो के बिच में दबा के चूस भी रही थी. हम दोनों ऐसे ही एकदम पेशन से भरा हुआ किस ऑलमोस्ट 15-20 मिनिट तक करते रहे.
और फिर कोई स्टेशन आया और ट्रेन रुक गई. वो मुझे देख के हंसने लगी और मैं भी!
सबीना: कोई ऊपर वाली बर्थ पर ना आ जाए!
मैं: उपरवाला करे की ऊपर की बर्थ पर कोई ना आये!
और ये कहते हुए मैंने उसके हाथ को रब किया.
लगभग 5 मिनिट के बाद ट्रेन वापस से चल पड़ी और कोई भी नहीं आया तो उसके चहरे पर एकदम से ख़ुशी की लगर आ गई. वो उठी और कम्पार्टमेंट का लेच लगा दिया और मैंने विंडो के परदे खिंच लिए और फिर शेरनी के जैसे वो मेरे ऊपर टूट पड़ी. हम दोनों फिर से स्मूच करने लगे एकदम पागलों की तरह. मैं बूब्स दबाने के लिए सोच रहा था पर थोडा हेसिटेट हो रहा था. थोड़ी देर बाद वो रुकी.
सबीना: अरे घबराओ मत अगले स्टेशन पर कोई आये उसके पहले जो करना हे वो कर लो!
हम दोनों फिर से स्मूच करने लगे और मैंने उसके बूब्स के ऊपर अपने हाथ रख दिए. मैंने अपने हाथ को उसके कुरते में डाल कर उसके बूब्स को बहुत दबाये. और फिर मैंने सबीना को बर्थ के ऊपर लिटा दिया और हम दोनों किस करते रहे. फिर मैं उसकी नेक के ऊपर किस किया और हलके से बाईट भी किया, उसकी आह निकल रही थी.
मैं: थोडा सा कंट्रोल करो, बेबी को जगा दोगी या फिर पड़ोस के कम्पार्टमेंट वालो को.
ये सुन के वो हंस पड़ी. मैंने उसकी नेक के साथ साथ अब कान के ऊपर भी बाईट किया और फिर मैं नेक को लीक करने लगा. वो मदहोश होती जा ताहि थी और उसने मेरे चेस्ट के ऊपर अपने हाथ को रख के फेरना चालू कर दिया.
मैं: सबीना मैं तुम्हे अच्छे से देखना चाहता हूँ.
सबीना: बस लाईट मत जलाना.
मैंने खिड़की से थोडा पर्दा हटा लिया और चाँद के उजाले में मैं उसे देखने लगा. उसका कुरता ऊपर कर के पेट के ऊपर किस करने लगा. फिर नावेल में अपनी टंग डाल के लिक करने लगा. वो पागल हुए जा रही थी. मैं कुरते को और ऊपर कर के उसकी ब्रा के निचे वाले हिस्से को किस करने लगा. उसने उफ्फ्फ्फ़ कहा और अपने कुरते को उसने उतार ही दिया. ब्लू कलर की ब्रा पहनी हुई थी उसने और उसके गोरे चिकने बदन पर एक भी बाल नहीं था. और ब्रा में वो बड़ी ही नशीली नागिन लग रही थी.
मैं: तुम्हारा साइज क्या हे.
सबीना: 36C.
और मैंने उसकी ब्रा में हाथ डालकर उसके बुब्द दबाने चालु कर दिए. और मैं उस वक्त उसके नावेल को चाट रहा था. वो भी मेरे बाल खींचने लगी. मैंने उसके बूब्स बहार निकाले और हलके से सक करने लगा बूब्स को. दोस्तों ब्राउन लॉन्ग निपल्स उसकी गोरी निपल्स के ऊपर एकदम सेक्सी लग रहे थे. वो भी अपने नाख़ून से मेरी पीठ में चुभन देने लगी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी. और वो मेरे चेस्ट को रब कर रही थी. मैंने बूब्स सक करते करते ही पाजामें का नाडा खोला और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा. पूरी पेंटी पहले से ही गीली थी सबीना भाभी की.
मैंने उसने कान में कहा, इतनी गीली!
सबीना: शादी के बाद से कलाईमेक्स नहीं हुआ हे मेरा, समझ जाओ!
मैं: आज करवाते हे फिर!
और मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाल कर चूत को रब करना चालू कर दिया अपनी हथेली से. एकदम चिकनी थी और पहली बार मैंने इतनी गीली चूत को अपने हाथ से फिल किया था. जैसे बह रही थी वो! फिर दो ऊँगली ऊपर निचे कर रहा था चूत पर और उसके बूब्स को चूसना और लिक करना चालू कर दिया. इसके बाद मैं निचे गया और उसका पाजामा और पेंटी को एकसाथ उतार दिया. और मैंने उसकी चूत के ऊपर एक चुम्मा दे दिया. उसे जैसे करंट लगा पुरे बदन के अन्दर और उसके मुहं से एक बड़ी अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह निकल गई. मैं चूत रब करते हुए ऊपर आया और लिप्स पर किस कर के बोला, संभालो थोड़ा!
सबीना: अब मैं कैसे कंट्रोल करती यार निचे पहली बार किसी ने किस किया हे! आज तक ये सब सिर्फ पोर्न में देखा था बस और आज तुमने मुझे ये फिल करवा दिया. फिर मैंने भी अपना काम शरू कर दिया और निचे जा कर उसकी चूत को और भी चाटने लगा. एक डीएम स्वीट स्मेल आ रही थी उसकी चूत में से. मैं चाटते हुए उसकी क्लाइटोरिस को अपनी उँगलियों से रब करने लगा और फिर जबान को उसकी चूत के छेद में अन्दर बहार करने लगा. थोड़ी देर के अन्दर सबीना मेरे मुह के अन्दर ही झड़ गई.
सबीना: सोरी यार मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ!
मैं: मेरी जान कंट्रोल करवाना किसे था, सच में तुम्हारी पुसी का पानी बड़ा टेस्टी था.
सबीना: अब मेरी बारी.
वो हंसी और मेरे ऊपर आ गई मुझे लिटा दिया उसने और मेरी पूरी चेस्ट के ऊपर किस करते हुए वो मेरी लंड की तरफ बढ़ गई और मेरे लंड को वो जींस के ऊपर से दबा रही थी.
सबीना: देखो तो ये तो मैदान में आने के लिए तडप रहा था. तुमने आज एक्सपीरियंस दिया हे तो मैं भी पहली बार कर रही हूँ ये. और ऐसा कह के उसने मेरे लंड को बहार निकाला और चाटना चालू कर दिया उसने लोड़े को. उसने मुहं में लंड जैसे ही लिया मेरी तो हालत खराब सी हो गई. जैसे लंड एक हलके गरम मख्खन में घुस गया हो! वो तेज तेज चुस्ती रही और साथ में लंड को हिलाती रही साथ में. मेरा जूनियर खड़ा हो के एकदम टाईट हो गया था.
सबीना: कंदम हे तुम्हारे पास?
मैं: नहीं यार.
वो थोड़ी देर कुछ सोची और फिर मेरे ऊपर आ गई. मुझे किस करते हुए बोली.
सबीना: निकलने वाला हो तो बता देना मैं रुक जाउंगी.
और ऐसा बोलते हुए उसने मेरे लंड अपने हाथ से ही अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर निचे करने लगी. चूत ज्यादा टाईट नहीं थी गीली हद से ज्यादा थी. मेरा पूरा लंड उसकी रस से भीग गया था. वो ऊपर निचे करती ही जा रही थी. ऊपर वाली बर्थ की वजह से वो आगे बेंड हुई और फिर बाउंस कर रही थी मेरे लंड के ऊपर. मैंने भी उसके बूब्स को दबाये और कभी कमर पकड़ के उसे उछलने में मदद की. 10-15 धक्को के बाद वो फिर से झड़ गई और मुझे किस करने लगी.
मैं: बहुत रस हे. और ये कह के मैंने उसे आँख मार दी.
फिर मैंने कहा: अब तुम निचे लेट जाओ थक गई हो.
सबीना: देखो अंदर नहीं निकालना, कंट्रोल कर लोगे ना!
मैं: हां बाबा डोंट वरी.
और फिर मैं उसके ऊपर आक उसके बूब्स दबाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. ट्रेन की स्पीड के साथ साथ तेज तेज धक्के भी लग रहे थे. वो अपने लिप्स को बाईट कर रही थी आवाज रोकने के लिए और मेरी पीठ में उसके नेल्स घुसे जा रहे थे. फाइनली जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने लंड बहार निकाला. सबीना ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी.
सबीना: तुमने मेरा पिया हे मुझे नहीं पिलाओगे!
और ये कह के उसने अपने मुहं में लंड रखा और मैं झड़ गया. वो सारा रस पी गई और फिर हम एक दुसरे के ऊपर ही पड़े रहे. सुबह होने लगी थी तो मैंने कर्टेन खिंचा और दोनों ने कपडे पहन लिए.
वो फ्रेश होने चली गई और मैं भी पानी पी कर बैठ गया.
थोड़ी देर में तो मुह धो के आई और पास में बैठ गई और गाल पर किस करते हुए उसने मुझे थेंक यु बोला!
मैं हंसा और बोला दोनों के लिए ही मजे थे फिर थेंक यु कैसा!
एक किस किया उसने और फिर हम थोड़ी देर के लिए सो गए.
उसका स्टेशन आने से 5 मिनिट पहले उसने मुझे उठाया और किस किया और बोला अभी मन नहीं भरा हे मेरा. और फिर उसने मेरा मोबाइल नम्बर लिया और अपने नम्बर से मेरे नम्बर पर मिस कॉल किया. सबीना: काल घर पर आना हे तुमको, ना नहीं बोलना. और हाँ कल जब सेक्स के लिए आओ मेरे घर पर तो कंडोम ले के आना. हम दोनों हंसने लगे और फिर उसने मुझे हग किया. उसने बेबी को उठाया और मैंने उसकी बेग उतारन दी. स्टेशन के ऊपर वो मुझे चुदासी नजरों से बाय कर रही थी. जैसे वो कह रही हो की कल मेरे घर पर आ के चोदना जरुर!