मेरे पड़ोस मे एक उ.प की आंटी रहती है आगे होगी 37 से 40 की ओर दिखने मे मस्त भरवदर शेरर,मोटी गंद ओर बड़े2 उसके बूब्स.मे हमेशा से उनको छोड़ने की फिराक मे रहता था क्योकि उनका पति शराबी था ओर ज़्यादातर बाहर रहता था तो मूज़े पता था ये सेक्स की भूखी होगी तो मेरा कम आसान हो जाएगा. पकैसे उसे छोड़ू हिम्मत नही हो रही थी.1दिन मेरी गफ़ से फोन पे सेक्स कर रहा था ओर एक्षसितमेंट मे ज़ोर ज़ोर से मे बोल रहा था ओर ज़ोर से छोड़ रहा हू ओर ज़ोर से ओर शायद उसने सुन लिया होगा क्योकि मेरा रूम आंटी के रूम के पास है…सुबह जब मों दाद कुछ कम से रिस्त्ेदार के वाहा गये तो वो मेरे पास आई ओर मूज़े अजीब तरह देखने लगी मेरा लॅंड तो उसे देख के खड़ा हो गया था ओर सीधा उसने मूज़े पु6आ कल किससे बाते कर रहा था … मे घभरा गया कही आंटी ने सुन तो नही लिया मेने कहा किसीसे तो नही तो आंटी बोली बनो मत मेने सब सुन लिया है मे गाभहरा गया ओर उसे बोला किसी को बोल ना मत वो बोली किससे बाते कर रहा था ये तो बता मेने कहा मेरी गफ़ से उससे रहा नई जा रहा था इस लिए.. फिर एक नॉटी स्माइल दे कर वो चली गयी..
मेरे मन में उसे छोड़ ने का ख्याल आ रहे थे मेने हिम्मत करके आंटी के घर गया तो देखा की उनके बच्चे स्कूल गए थे और आंटी अकेली थी में आंटी के पास गया और बोलै आंटी क्या सुना तो आंटी बोली वही सुना जो तू तेरी गफ से कर रहा था और मेने कहा क्या करू आंटी वो रोज मिल नै सकती मुझे ऐसा सुनते ही आंटी मेरे पास आयी और मेरा हाथ पकड़ कर कहा होता है समज सकती हु में समज गया मेरा काम बन सकता है. मेने कहा आंटी है आप समज सकती हो अंकल भी तो यहाँ नहीं होते तो फिर आप कैसी…. इतना सुनते ही आंटी मेरे पे लिपट पड़ी और मुझे उसकी बहो में भर लिया मेने भी समय न गवाते हुए आंटी को हुग किया और जोर जोर से किश करने लगा वो बी मेरा साथ देने लगी
फिर मेने आंटी को बेड पे लाइटाया ओर उनके कपड़े उतरे धीरे धीरे आंटी काफ़ी एक्शिटेड हो गयी थी मेने फिर उसे तड़पाना सुरू किया आंटी के चेहरे पे हाथ फेरते हुए उनके बूब तक सहलाता रहा ओर लीप किस करते करते उनके बड़े से बूब्स को ज़ोर से दबा रहा था आंटी अब गर्म हो गयी थी ओर मॉआंनिंग सू कर दिया था आआ…एमेम…म…एमेम… प्रतीक ज़ोर से करो तेरे अंकल कू6 नही करते आअहह ओर ज़ोर से ओर मूज़े आंटी ने दबोच लिया ओर मे आंटी के पूरे बदन को छत ने लगा
फिर सीधा उनकी छूट पे टूट पड़ा जातो वाली चूत काफ़ी गर्म थी ओर पूरी तरह से गीली थी मेने छूट को फेलके चूत के दाने को अकचे से मसल ने लगा वो पागल हो रही थी ओर मोन करके आआ….प्रतीक एम्म.. करो ओर ज़ोर से करते जाओ बोल रही थी ओर मेरे सिर को पकड़ के छूट मे दल दिया ओर मे जीभ से ज़ोर ज़ोर से छत ने लगा ओर छूट मे उंगली दल के आंटी को ज़्यादा गर्म कर रहा था फिर आंटी बोली जल्दी से दल दो मेरी चूत मे
मेने शरारत करते हुए कहा क्या डालु तो आंटी ने मूज़े मार के कहा तेरा लोड्ा दल छोड़ दल मूज़े कई दीनो से छोड़ा नई तेरे अंकल ने लेकिन मे नही मानने वाला था मेने कहा पहले लोड को चूस के गीला करो ओर आएसए मेरा लोड्ा को चूसाया फिर उसने ंकहा दीरे से करना अंकल का तेरे से 6ओटा लोड्ा है छूट ने लिया नही इतना बड़ा.मेने कहा छूट की रानी कुछ नही होगा ओर मे उनके उपर चाड कर बूब्स दबा दिया ओर लॅंड को छूट मे दिरेसे दल दिया लॅंड का टोपा बड़ा होने से आंटी की चीख निकल गयी ओर मेरी गंद को पकड़ कर मूज़े नीचे की ओर धक्का दिया ओर पूरा लॅंड गम छूट मे समा गया
मे ज़ोर ज़ोर से आंटी को छोड़ रहा था ओर वो सिसकिया ले रही थी छोड़ दल आज छोड़ एम्म…उउजी आहह प्रतीक बहोट मज़ा आ रहा है एयेए…हह…एमेम… फिर मेने उसे किस करते हुए बूब दबा रहा ओर लंबे जटके मार कर उसे छोड़े जा रहा था.
करीब 20मीं बाद अचानक से मूज़े आंटी ने कस कर पकड़ लिया ओर दोनो टाँगे मेरी कमर पे फसा दी ओर वो जड़ गयी मे अबी नही जाड़ा था ओर आंटी को छोड़े जा रहा था.आंटी फिर से मूड मे आ गयी ओर गंद उठा2 कर जवाब दे रही थी करीब 7मीं के बाद हम दोनो साथ मे जड़ गये फिर हम ने 69 पोज़िशन मे आके एकदुसरे को साफ किया.आंटी खुश लग रही थी ओर बाकचो के आने का टाइम हो गया था सो हमने जात से कपड़े पह्न कर बेत गये आंटी ने कहा तू इतना अक्चा छोड़े गा ये मूज़े आज पता चला मेने कहा मेटो आपको काई सालो से छोड़ना चाहता था पर हिम्मत नही हो रही थी . आंटी ने कहा आज से ये छूट तेरी है जब चाहे छोड़ना फिर दो दिन के बाद मे हॉस्टिल चला गया पर बाकी के दो दिन मेने कैसे छोड़ा वो मे “आंटी के साथ” कहानी मे बतौँगा.