हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम जीत है. मैं 40 साल का हटता-कटता आदमी हू. मेरी हाइट 5’11” है, और लंड 7 इंच का है. मेरी बीवी की डेत 5 साल पहले हो गयी थी. हमारा कोई बच्चा नही हुआ, क्यूकी मेरी बीवी का मिसकॅरियेज हो गया था.
अब मैं घर पर अकेला रहता हू. अपनी प्यास बुझाने के लिए मैं किसी ना किसी रंडी को घर पर ही ले आता हू. फिर फुल नाइट उसकी चुदाई करके, सुबा उसको वापस भेज देता हू. मैने पिछले 5 साल में बहुत मज़े किए है. रंडियो को तो मैने छोड़ा ही है. उनके अलावा काई भाभियो और जवान लड़कियो को भी छोड़ा है.
चुदाई की उन्ही कहानियो में से एक मैं आपके साथ शेर करने जेया रहा हू. ये स्टोरी 3 साल पहले की है. मेरे पड़ोस में एक रमेश नाम का आदमी रहने आया था. वो ऑटो चलता था. उसके घर में उसकी बीवी और 2 बच्चे थे. उसकी उमर 42 साल थी.
उसकी जो बेटी थी, वो 19 साल की थी. वो नये-नये हमारे मोहल्ले में किराए पर रहने आए थे. जब मैने पहली बार उसकी बेटी को देखा, तो मेरा लंड फ़र्राटे मारने लग गया. हल्का सावला रंग, 36″ की गांद 34″ के बूब्स, और 28″ की कमर थी उसकी. साली चलती फिरती आग थी. उसका नाम शिवानी था.
मैने पहली बार में ही डिसाइड कर लिया था, की कैसे भी करके उसको पटौँगा. फिर मैने रमेश के साथ दोस्ती बढ़ानी शुरू कर दी. मुझे उसकी कमज़ोर कड़ी मिल गयी थी, जो थी दारू.
रमेश को दारू पीना बहुत अछा लगता था. वो पागल था दारू के लिए. मैने उसकी इसी कमज़ोरी का फ़ायदा उठाया, और उसके घर में आने-जाने लगा. शाम को वो मेरे घर आता, और मैं उसको खूब दारू पिलाता. उसका बेटा अभी 10 साल का था, तो शिवानी उसको मेरे घर से लेने आती थी.
शिवानी को देख कर मैं पूरी रात सो नही पाता था. लेकिन शिवानी ने अभी तक मेरी तरफ देखा भी नही था. फिर एक दिन मुझे उनके घर से झगड़ने की आवाज़े आई. मैं उनके घर गया, और पूछा-
मैं: क्या हुआ रमेश, तुम लोग झगड़ा क्यू कर रहे हो?
रमेश: यार शिवानी की कॉलेज फीस पे करने का आखरी दिन था. फीस नही दी, तो इसकी अड्मिशन कॅन्सल कर दी कॉलेज वालो ने. अब ये सब मुझ पर चढ़ रहे है.
मैं: अर्रे इसमे टेन्षन की क्या बात है. मैं कल जाके बात करूँगा वाहा पे.
फिर मैने शिवानी की तरफ देखते हुए बोला-
मैं: शिवानी तुम मेरे साथ चलना कल.
शिवानी: ठीक है अंकल.
उसके मूह से अंकल सुन कर मेरी आत्मा तड़प उठी. फिर अगले दिन मैं उसको अपनी गाड़ी में बिता कर कॉलेज ले गया. गाड़ी में उसका जिस्म देख कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था. फिर मैने उससे बाते शुरू की, और कॉलेज पहुँचने से पहले हमारी अची ईक्वेशन बन गयी.
अब वो मेरे साथ हस्स-हस्स कर बाते कर रही थी. फिर कॉलेज पहुँच कर मैने उसकी पुर साल की फीस भर दी. मैने दीं से उसकी सिफारिश भी की. अब शिवानी मुझ पर फिदा हो गयी थी. उसी रात उसने मुझे मेसेज किया-
शिवानी: थॅंक योउ अंकल.
मैं: अंकल मत कहो मुझे. कॉल में जीत.
शिवानी: ओक जीत. थॅंक योउ वेरी मच.
मैं: इसमे थॅंक योउ की क्या बात? फ्रेंड्स के लिए इतना तो कर ही सकते.
शिवानी: ह्म फ्रेंड्स है?
मैं: नही है.
शिवानी: हा है.
मैं: मेरे साथ घूमने चलॉगी.
शिवानी: कहा?
मैं: जहा तुम चाहो.
अब शिवानी मेरे साथ खुल गयी थी. मैं उसको काई बार घुमाने लेके गया. उसने कॉलेज बंक करके मेरे साथ काई मूवीस भी देखी. उसको मेरे पैसे पर ऐश करने की आदत पद गयी थी. अब लोहा गरम हो गया था, और बस हात्ोड़ा मारना था.
एक दिन वो रमेश को लेने मेरे घर आई. रमेश ने उस दिन बहुत पी रखी थी, और वो चलने की हालत में ज़रा भी नही था. जब शिवानी आई, तो उसने पिंक हूदी के साथ पिंक लेगैंग्स पहनी हुई थी. जब वो रमेश को उठाने के लिए झुकी, तो मुझे उसकी गांद की शेप दिखने लगी.
क्या मस्त गांद थी उसकी यार. मैं तो अब और बर्दाश्त नही कर सकता था. तभी रमेश को उठाते हुए शिवानी अनबॅलेन्स हो गयी, और मेरी गोद में आके गिर गयी. जब उसकी गांद मेरे लंड पे टच हुई, तो मेरा लंड लोहा बन गया.
शिवानी को भी मेरा लंड फील हो गया. वो खड़ी हुई, और मेरी तरफ देख कर हेस्ट हुए बोली-
शिवानी: कुछ ज़्यादा ही फीलिंग नही लेली आपने.
मुझे यही सही मौका लगा, और मैने खड़ा होके उसको अपनी तरफ खींच लिया. फिर मैं बोला-
मैं: अब तुम्हारे जैसी हॉट लड़की इस पर बैठेगी, तो फीलिंग तो आएगी ही.
शिवानी: छोढ़ो मुझे, पापा सामने है.
मैं: तुम्हारे पापा को कॉन्सा होश है.
ये बोल कर मैने अपने होंठ शिवानी के होंठो के साथ चिपका दिए. शिवानी ने भी मुझे रोका नही. क्या मस्त सॉफ्ट लिप्स थे उसके. फिर 2 मिनिट बाद उसने मुझे रोका और बोली-
शिवानी: पापा का क्या करना है?
मैं: उन्हे यही सोने दो. और तुम मेरे साथ चलो.
शिवानी: मम्मी मेरे पीछे आ जाएँगी. मैं उनको बोल के आती हू, की मैं पापा के साथ रुक रही हू.
फिर वो गयी, और 2 मिनिट बाद वापस आ गयी. आज तो मेरी लॉटरी लगने वाली थी. मैने उसको देखते ही पकड़ लिया, और हम दोनो पागलो की तरह किस करने लगे. मैं किस के साथ उसकी सॉफ्ट गांद को भी दबा रहा था. एक कुवारि काली को चूसने का मज़ा ही अलग होता है दोस्तो.
फिर मैने उसकी हूदी निकाल दी, और वो ब्रा में थी. मैं बेड पर बैठ गया, और उसको अपनी जाँघ पर बिता लिया. फिर मैने उसकी गर्दन और क्लीवेज को चूमने शुरू किया. वो आहें भर रही थी. फिर मैने उसकी ब्रा को पीछे से खोला, और उसको निकाल दिया.
उसने अपने हाथो से अपने बूब्स च्छूपा लिए. फिर मैने उसका एक हाथ उसके बूब से हटाया, और उसका बूब चूसने लगा. वाह! उसके बूब्स बिकुल हार्ड थे. उसको बूब्स चुस्वा कर मज़ा आने लगा, और उसने दूसरा हाथ भी बूब से हटा लिया.
फिर मैने एक-एक करके उसके दोनो बूब्स चूज़. उसके निपल्स बहुत ही टेस्टी थे. फिर हम दोबारा किस करने लगे, और मैने अपना एक हाथ उसकी टाँगो के बीचे डाल लिया. मैने लेगैंग्स के उपर से उसकी छूट मसालने लगा.
उसकी छूट काफ़ी गीली हो चुकी थी. फिर मैने उसको बेड पर लिटाया, और उसकी लेगैंग्स और पनटी एक साथ उतार दी. अब मैं उसकी जाँघो को चाट-ते हुए उसकी छूट की तरफ जेया रहा था. वो पागलो की तरह तेज़ साँसे ले रही थी.
फिर जैसे ही मैने उसकी छूट पर जीभ लगाई, वो काँपते हुए झाड़ गयी. अब कुवारि थी, तो जल्दी तो झड़ना ही था. उसके झड़ने के बाद जब मैने उसके फेस की तरफ देखा, तो वो शर्मा गयी. फिर मैं उसका सारा पानी पी गया. वो था उस लड़की का पहला पानी.
फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और मेरा लंड देख कर वो दर्र गयी. वो मुझे बोली-
शिवानी: हाए राम! ये कितना बड़ा है.
मैं: यही अंदर जाएगा तुम्हारे.
शिवानी: मैं तो मॅर जौंगी.
मैं: नही, तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
फिर मैने अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो आहह आहह करने लगी. फिर मैने छूट के मूह पर दबाव बनाया, और वो ज़ोर की आहें भरने लगी. मैने एक ज़ोर का झटका मारा, और मेरा आधा लंड उसकी छूट में चला गया.
उसने ज़ोर की चीख मारी, और उसकी छूट से खून . लगा. मैने 2-3 धक्के मार कर पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया, और उसके मूह को अपने मूह से बंद कर लिया. जब लंड पूरा अंदर चला गया, तो मैने लंड बाहर निकाल लिया. उसकी . में आँसू थे.
फिर मैने उसकी छूट सॉफ की, और उसके होंठ और बूब्स चूस कर उसको गरम किया. अब उसकी छूट गीली हो गयी थी. मैने दोबारा अपना लंड उसकी छूट में डाल दिया, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा.
थोड़े दर्द के बाद उसको मज़ा आने लगा, और वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगी. मैने धीरे-धीरे अपने धक्के तेज़ कर दिए. अब वो भी गांद उठा-उठा कर अपनी छूट छुड़वा रही थी. मैं साथ-साथ उसके होंठ और बूब्स चूस रहा था.
वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और उसकी छूट तो मानो गरम होती जेया रही थी. फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से उसकी छूट छोड़ने लग गया. जब मेरी जांघे उसकी गांद से टकराती, तो बड़ी ही मधुर आवाज़ आ रही थी.
मैने उसकी गांद को कस्स कर पकड़ा हुआ था, और उसको मसल रहा था. बीच-बीच में मैं आयेज होके उसके निपल्स भी खींच रहा था. फिर मदहोश हुई शिवानी बोली-
शिवानी: ई लोवे योउ जीत. मैं तुम्हारी बीवी बनना चाहती हू.
मैने कहा: क्यू नही मेरी जान.
फिर मैं तेज़ हो गया, और मैने अपना सारा पानी उसकी छूट में ही निकाल दिया. क्या मज़ा आया था उसको छोड़ कर. फिर मैं उसके उपर ही लेट गया. उस रात मैने उसको 4 बार छोड़ा. मैने पहली ही रात में उसकी छूट पूरी फाड़ के रख दी थी.
फिर वो बार-बार मुझसे चूड़ने लगी. जिस दिन उसने अपने घर पर मुझसे शादी की बात की, तो रमेश ने मुझसे दोस्ती तोड़ ली, और वाहा से चला गया. उसके बाद शिवानी मुझे दोबारा नही मिली. लेकिन उसका टेस्ट आज भी मुझे याद है.
तो ये थी मेरी कहानी. अची लगी हो तो लीके ज़रूर करना. ओर मैल करे इंडियन आंटी ओर भाभी आप को पूरा गरम कर दूँगा [email protected]