हेलो दोस्तो मैं चोदू यानी चरण आप के लिए आज पहली बार अपनी एक सच्ची कहानी ले कर आया हूँ. मुझे पूरी उमीद है आप सब मेरी इस कहानी को पढ़ कर मूठ ज़रूर मारेंगे. क्योकि मेरी ये कहानी कुछ ऐसी ही है. क्योकि मैने जब ये सोचा की मैं ये घटना क्यो ना कहानी बना कर लिखूं. तभी ये सोच कर ही मैने 2 बार मूठ मार ली थी.
अब आप सब तो मेरी ये कहानी पूरी पढ़ेंगे. तो आप का क्या हाल होगा. चलो खैर जो भी होगा उसमे आपको मज़ा बहोत आएगा. ये कहानी आज से 2 साल पहले की है. मैं नारंगरह गाओं का रहने वाला हूँ. और मेरी उमर 21 साल हो गई. पर बचपन से ही मेरी बॉडी काफ़ी ग्रो कर गई थी. पर मेरा दिमाग़ ग्रो बहोत कम स्पीड से कर रहा था.
इस बात का आप अंदाज़ा ऐसे लगा सकते है. मेरे साथ के लड़के जॉब या बी.टेक कर रहे है. और अभी +2 क्लास मे हुआ हूँ. दोस्तो मैं बचपन से ही बहोत भोला हूँ. और काफ़ी ना समझ भी हूँ. मैं शकल से ही एक चूतिया सा लगता हूँ. इसलिए मुझे सब चोदु चोदु कह कर बुलाते है. गाओं मे ये वर्ड्स कॉमन है. स्कूल मे तो सब छोटे छोटे बच्चे चूतिया ही कहते है.
मैं भगवान को बहोत भला बुरा कहता था. पर मम्मी मुझे हमेशा कहती थी. बेटा उप्पर वाले ने तुझे कोई ऐसी चीज़ ज़रूर दी होगी जो इन सभी पर कभी नही आ सकती. मम्मी की बात का मतलब मुझे 20 साल की उमर मे पता चला. क्योकि मेरा लंड औरो से एकदम अलग था. मैने स्कूल मे पेशाब करते हुए बाकी सब के लंड देखे थे. पर वो सब मेरे लंड से काफ़ी ज़्यादा छोटे थे.
मेरा अकेले का लंड ही उनके 3 लंडो के बराबर था. कहने का मतलब था की मेरा लंड 10 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटा था. जब मेरी स्कूल की एक लड़की ने मेरा लंड अचानक ही देख लिया था. तो कुछ दिन बाद उसने मुझे अपने घर पर बुलाया और मेरे लंड को अपनी चूत मे लिया. तब जा कर मुझे अपने लंड की और अपनी वैल्यू का अंदाज़ा हुआ था.
जिस लड़की को मैने चोदा था उसका नाम रोमा था. जब मैं उसको चोद कर वापिस आ रहा था. तब उसने मुझे एक बात कही जो मुझे आज तक याद है. उसने मुझे कहा था चोदू तू शकल से चोदू है पर पूरे गाओं मे असली मर्द तू ही है. ये लाइन मेरे कानो मे गूँजती रहती थी. उस दिन के बाद मुझे लगा की मै चोदू नही एक मर्द हूँ.
चूत मारने का मेरे उप्पर एक अलग ही असर हुआ था. मैं थोड़ा ठीक होने लग गया था. कुछ दीनो बाद रोमा ने मुझे फिर से अपने घर मे आने को कहा. मैं चला गया जब मैं वाहा गया तो मैने देखा की वाहा पर मेरे स्कूल की 3 लड़किया और भी है. और मुझे उन्होने आते ही पूरा नंगा कर दिया. और चारो मिल कर नीचे बैठ गई और बारी-बारी से मेरे लंड को चूसने लग गई. वो दिन मैं कभी नही भूल सकता था. उस दिन से चोदु से जानू बन गया था.
पूरे स्कूल मे लड़किया मुझे बहोत अच्छे से बात करती थी. मेरे लंड को छूने का मोका देखती थी. करीब 6 महीने मे ही मैं 12-14 बार उन लड़कियो को 20-25 बार चोद चुका था. मेरा दिमाग़ अब आम लड़को की तरह होने लग गया था. चुदाई का मेरे दिमाग़ पर काफ़ी अच्छा असर दिख रहा था. अब मैने अपनी फैमिली के बारे मे बता दू फिर अपनी कहानी पर आता हूँ.
मेरे घर मे मेरे मम्मी पापा और मैं ही हैं. पापा तो दुबई गये हुए है. जो की साल मे 3 बार ही आते है. और उन दीनो मम्मी पापा दिन रात एक ही कमरे मे घुसे रहते है. मैने काफ़ी बार उन दोनो को छुप कर देखा है. तो एक दम पूरे नंगे हो कर चुदाई करते रहते है.
मेरे पापा के साथ मेरे घर के सामने वाले अंकल भी दुबई गये हुए. उनके घर मे उनकी जवान वाइफ रोपा और एक बेटा और एक बेटी रहेती है. बच्चे तो ठीक ठाक ही है. उसका लड़का मुझसे छोटा और अभी 10थ क्लास मे पढ़ता है. उसकी बेटी रानी होस्टेल मे रहेती है. अब घर पर मा बेटा अकेले ही रहते है.
रोपा आंटी मुझे बहोत पसंद है. जब मैने चुदाई करना शुरू किया था. उसी दिन से मैं रोपा आंटी को चोदने की सोचने लग गया. उनकी नज़रो मे अभी भी चोदु ही था जिसे कुछ भी पता नही था. पर उन्हे क्या पता था की अब मैं सब का बाप बन चुका था. अगर मैं आंटी के बारे मे बताऊ तो आप का लंड भी एक दम खड़ा हो जाएगा.
रोपा आंटी का रंग एक दम गोरा था. उनके जिस्म काफ़ी भरा हुआ था उनके मोटे मोटे बूब्स हर वक़्त उनका ब्लाउस फाड़ने वाला होता था. मैं सब से ज़्यादा दीवाना तो उनके चुत्तड़ो का था. जिसे देखते ही अब मेरा लंड मेरा अंडरवियर फाड़ने वाला हो जाता था. आंटी हमेशा ही साड़ी डालती थी. जिससे उनके चिकने और गोरे पेट के दर्शन तो बड़ी आसानी से हो जाते थे.
मैं उनको छोड़ने के सपने लेता रहता था. पर मैं उनके घर तक नही जाता था क्योकि उनके घर जाने का कोई भी रीज़न नही था. कुछ दिन पहले ही मुझे पता चला था की आंटी अपने बेटे को इंग्लीश की ट्यूशन देती है.
क्योकि रोपा आंटी शेहेर की रेहेने वाली है इस लिए वो काफ़ी पढ़ी लिखी है और अपने बच्चो को खुद ही सब कुछ पढ़ा देती है. मेरे दिमाग़ मे तभी एक आइडिया आया की क्यो ना मैं ट्यूशन के बहाने आंटी के घर घुस जाऊ.
पर आंटी से सीधा ट्यूशन के बारे मे पूछना इसमे मुझे काफ़ी डर लगता था. अभी मैं ये सोच ही रहा था की अगले ही दिन मैं जब स्कूल गया तो मेरा काम एक मिनिट मे ही बन गया. हुआ कुछ ऐसे ही स्कूल की छुट्टी हो गई थी. पर मेरा लंड खड़ा हो रखा था क्योकि मैथ्स की टीचर काफ़ी ज़्यादा सेक्सी थी. उसको देख मेरा लंड अक्सर खड़ा हो जाता था. उस दिन मेरा मूठ मारने का दिल कर रहा था.
स्कूल के बाद बाथरूम तो बंद हो जाते है. इसलिए मैं स्कूल के पीछे वाले गार्डन मे चला गया. ताकि आराम से वाहा पर मूठ मार सकु. मूठ का मारी वाहा पर मैने मेरी तो वाहा जाते ही एक लॉटेरी लग गई. मैं वाहा एक ट्री के पीछे देखा की किसी की आ अहहह की आवाज़ें आ रही है.
मैं समझ गया की यहा पर पक्का किसी की चुदाई चल रही है. इसलिए मैं सोचा की अगर कोई मस्त लड़की होगी तो अपनी चूत का इंतेजाम तो हो गया समझो. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर जब मैं वाहा पर जा कर देखा तो मेरे होश उड़ गये. वाहा पर हमारे स्कूल का माली और वॉचमैन दोनो रोमा आंटी के लड़के विकास को चोद रहे थे. माली ने उसकी गांड मे अपना लंड डाला हुआ था और वॉचमैन ने उसके मूह मे. जब विकास ने मुझे देखा तो उसने वॉचमैन का लंड मूह से निकाला और बोला चोदु तू. मैं उसे इस हालत मे देख कर वाहा से वापिस हो लिया.
मुझे देख कर उसकी गांड और ज़्यादा फट गई थी. इसलिए वो मेरे पीछे भगा भगा आया और मुझसे माफी माँगने लग गया. मैने उससे एक ही बात कही देखो मैं या तू अपनी मम्मी के पास मेरी इंग्लीश की ट्यूशन रखवा दे या मैं तेरी मम्मी के पास जा कर सब कुछ बता दूँ. मैने कहा देख अब मैने तेरी कोई बात नही सुन्नी तूने जो करना है कर. पर मैं आज शाम को 5 बजे तेरे घर पर आऊंगा.
और मेरे आने पर तेरी मम्मी मुझे देखती ही कहनी चाहिए की आओ बेटा अपनी इंग्लीश की बुक लाए हो या नही. अगर उन्होने ऐसा नही कहा तो मैं ये बात उनको खुद बता कर आऊंगा. ये कह कर मैं घर वापिस आ गया. मुझे पता था की मेरा ये काम बड़ी आसानी से हो जाएगा.
क्योकि विकास डरपोक था काफ़ी और अपनी मा से बहोत ज़्यादा डरता था. मैं शाम को अपने लंड के सारे बाल अच्छे से सॉफ करके तैयार हो गया. मुझे रोमा आंटी की चूत मारनी थी मैं अपनी पूरी तैयारी से उनके घर गया.
घर जाते ही मैने देखा की बाहर विकास खड़ा है उसने मुझे देखते ही कहा. मैने तुम्हारा काम कर दिया है अब प्लीज़ भाई ये बात किसी को नही बताना. मैने कहा ठीक है पर अब घर मे तुम रात को 8 बजे से पहले मत आना ओके अब यहा से दफ़ा हो जाओ.
मैं सीधा अंदर गया दरवाजा एक दम खुला पड़ा था. पर मुझे घर मे आंटी नही दिख रही थी. मैने उनके रूम की तरफ जाने लगा तो मुझे आहह आ उई मा अफ की आवाज़ें आने लग गई.
मेरे दिमाग़ मे आया की बेटा तो सला ऐसा ही था अब ये मा भी ऐसी है क्या. मैने नीचे बैठ कर दरवाजे के कीहोल मे से अंदर देखा तो आंटी पूरी नंगी अपने बेड पर लेटी हुई थी. और अपनी चूत मे छोटी पर मोटी की मूली ले रही थी. मैं उन्हे देखते ही समझ गया की आंटी लंड की प्यासी है समझो मेरा काम बन गया.
मैं उन्हे ऐसी ही देखता रहा मेरा लंड खड़ा हो गया था. जब आंटी की चूत का पानी निकल गया तो मैं घर की एंटर्स पर चला गया. और आंटी को आवाज़ दी की उन्हे ऐसा लगे की मैं अभी आया हूँ. आंटी अपनी नाइटी डाल कर बाहर आई और बोली आओ चरण मुझे विकास ने बताया था की तुम आने वाले हो. अच्छा बुक लाए हो अपनी.
मैं कहा नही आंटी वो नही लाया मैं सॉरी. कोई बात नही बेटा तुम अदिति के कमरे से कोई भी इंग्लीश की बुक ले आओ ओके मैं इतने मे नहा कर आती हूँ. मैने कहा ठीक है मैने वाहा से एक बुक ली जिस पर लिखा था आंटी वॉंट अ बिग कॉक. मैं उसे पड़ने लग गया मुझे इंग्लीश ज़्यादा समझ नही आती थी. पर मुझे ये पता था की ये एक सेक्स बुक है.
कुछ ही देर मे आंटी बाथरूम से नहा कर वापिस आ गये. मैं उनको देखता ही रह गया. क्या लग रही थी रोमा आंटी उन्हे देख कर मेरा दिमाग़ खराब सा हो गया. आंटी के गिल्ले बाल उनकी कमर पर चिपक रहे थे. और एक तो वो पहले से ही इतनी गोरी है पर जब वो नहा कर आई तो और भी ज़्यादा गोरी लग रही थी. उन्हे देख कर मेरा दिमाग़ सा खराब होने लग गया. उन्होने एक पतला सा वाइट कलर का सूट डाला हुआ था. जिसमे से उनके मोटे मोटे सॉफ नज़र आरहे थे.
आंटी ने जब मेरे हाथ वो बुक देखी तो वो बोली ये तुम्हे कहा से मिल गई. मैने कहा आंटी मैने अदिति के रूम से ली है क्यो ये इंग्लीश की बुक नही है क्या. आंटी बेटा ये इंग्लीश की ही बुक है पर ये बडो के लिए है. ये कहते ही उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पर गई उनकी नज़र वहीं पर जाम गई और उनके मूह मे पानी भरने लग गया. मैने पूछा आंटी इसका क्या मतलब होता है आंटी वॉंट अ बिग कॉक.
आंटी बेटा मुझे लगता है अब तुम्हारा भी कॉक बड़ा हो गया है चलो मेरे साथ बेडरूम मे सब कुछ अच्छे से बताती हूँ मैं. मैं जान कर बोला आंटी पर मेरे पास तो मुर्गा नही है जो की बड़ा भी हो. आंटी हसने लग गई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड रूम मे ले गई. फिर आंटी ने कहा बेटा कॉक मतलब है लंड अब तुम मुझे देखो तुम्हारा कॉक यानी लंड कितना बड़ा है. मैने कहा आंटी वो तो बहोत छोटा है अभी.
आंटी ने खुद ही मेरी पैंट उतार दी और मेरा अंडरवियर भी. जब उन्होने मेरा 10 इंच का लंड देखा तो उनके मूह से एक ही लाइन निकली. तेरी मा की चूत इतना बड़ा लंड वाह आज तो मज़ा ही आ जाएगा. साले तू मुझसे झूट बोल रहा था की तेरा लंड बहोत छोटा है. बेटा तेरे लंड मे से तो तेरे पापा और तेरे अंकल के लंड को मिला कर भी ना बने, तेरे जैसा लंड. तू तो अपने बाप का भी बाप निकला.
उसके बाद मुझे कुछ करने की ज़रूरत नही पड़ी. आंटी ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी पूरी नंगी हो गई. वो नीचे ज़मीन पर बैठ गई और मेरा लंड नीचे बैठ कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गई. उनके चूसने का अंदाज सच मे बहोत ही कमाल का था. क्योकि जब भी वो मेरा लंड अपने मूह मे लेती थी. तब उनकी जीब मेरे लंड को बाहर आकर नीचे से चट्टी थी.
मेरा लंड बड़ा तो है ही था इस लिए वो उनके मूह मे पूरा कभी भी नही जा सकता था. पर मैं हरामी बन गया था मैं जैसे तैसे अपना 7 इंच का लंड उनके गले मे तो उतार ही देता था. आंटी मेरा बड़ा लंड गले मे नही ले पाती थी. लंड चूसने के बाद मैने उनके बाल पकड़े और बेड पर गिरा दिया. मैने उनके दोनो बूब्स को करीब 15 मिनिट अपने दातो से काटा. जिससे उनके बूब्स गोरे से लाल हो गये.
दोनो बूब्स को काफ़ी अच्छे से चूसने के बाद मैं उनके उप्पर 69 की पोज़िशन मे आ गया. मैने उनकी गुलाबी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चाटने लग गया. कुछ ही देर मे उनकी चूत ने मेरी जीब के उप्पर अपना सारा पानी निकाल दिया. कसम से गरम गरम पानी पी कर मज़ा ही आ गया था. उसके बाद आंटी लंड के लिए तड़पने लग गई. मैने भी देर नही करी.
मैं बेड के नीचे खड़ा हो गया और आंटी को बेड के किनारे ला कर उनकी दोनो टाँगे खोल दी. और अपना लंड चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्के से चूत मे 5 इंच लंड घुसा दिया. आंटी अपने होंठो को अपने दांतो मे दबा कर अपनी आवाज़ को बाहर नही आने दिया. उनके दर्द का पता मुझे उनके चेहरे से सॉफ पता चल रहा था. पर मुझे उनके दर्द से कुछ नही लेना था. मैं अपने घर से ही ये सोच कर आया था की आज आंटी की चूत फाड़ देनी है.
तभी मैने एक और धक्का इस धक्के मे मेरा लंड 2 इंच तक और घुस गया. चूत काफ़ी टाइट थी अब मैने अपना पूरा लंड वापिस निकाल लिया और आंटी की चूत पर थूक लगा कर. थोड़ा सा लंड सेट किया और आंटी की आँखों मे आँखें डाल एक बहोत ज़ोर से धक्का मारा जिससे मेरा 10 इंच जड़ तक पूरा चूत मे समा गया.
जैसे ही लंड अंदर गया आंटी की तो मानो जान ही निकल गई. आंटी की दोनो आँखें खुली की खुली रह गई. और मूह भी खुला का खुला रह गया. उनकी आँखो मे से आँसू बाहर आ गये. और वो 2 सेकेंड बाद ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लग गई. ओ मा के लोडे साले हरामी आराम से चोद ले मैं कोई रंडी नही हूँ, जो तू मुझे एक जानवर की तरह चोद रहा है.\
मैं बोला चुप कर साली रॅंड कहीं की आज से तू मेरी रंडी ही है रोमा रंडी समझी अब चुप चाप चुद समझी. ये कहते ही मैने कुत्ते की तरह आंटी को जम कर चोदा. और आख़िर मे 2 घंटे की चुदाई के बाद मैने अपने लंड का सारा पानी उनके मूह पर ही निकाल दिया.
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आजसे रोमा आंटी को मैं रोज चोदता हूँ. और उनके बेटे विकास को मैं रोज ही बाहर भेज देता हूँ. अब मैं लड़कियो मे सच मे एक नंबर का उनका चॉडू हीरो बन गया हूँ. जिससे वो अपनी चूत की प्यास शांत करवाती है. आंटी मुझसे अपनी बेटी की चूत भी शांत करवाई थी. वो मैं आप को अपनी आने वाली कहानी मे बताऊंगा.
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