अन्तर्वासना पर कामुक कहानियाँ तो आप लोगों ने बहुत पढ़ी होंगी. मगर आज कामुकता की जो परिभाषा मैं आपको देने जा रहा हूँ, वह शायद ही आपने इससे पहले कभी कहीं पढ़ी हो. यह कहानी मेरी कामुकता की जीवनमाला के समान है जिसका हर एक शब्द रूपी मोती मैंने अपने निजी अनुभव के समंदर से छांटकर निकाला है. उम्मीद है आपको यह मधुर कहानी पसंद आएगी.
दोस्तो, आज मैं आपको अपने जीवन की कहानी सुनाना चाहता हूँ। मेरी कहानी सुन कर आप भी सोचेंगे कि शायद मेरी जैसी किस्मत आपको भी मिलती। सच में मेरी जितनी खुशनसीबी किसी को नहीं मिलती।
जब मैं स्कूल में पढ़ता था, तब एक दोस्त ने मुझे बताया कि जिसके लंड पर तिल होता है, उसको बेइंतेहा चुदाई का मौका मिलता है। मेरे लंड पर कोई तिल नहीं है, कहीं पर भी नहीं। मगर फिर भी जितनी चुदाई मैंने की है, शायद ही किसी ने की हो। आप जैसे-जैसे मेरी कहानी पढ़ते जाएं, तो आप अपने साथ मेरी तुलना करते जाएँ, आपको पता चलता जाएगा, कि आप ज़्यादा बड़े चोदू हैं या मैं!
तो लीजिए पढ़िए मेरी जीवन कथा:
मुझे जो बात अपने जीवन में सबसे पहले सेक्स से सम्बन्धित याद आती है, वो है अपनी माँ के बारे में। मैं बहुत छोटा था, तब एक रात मेरी नींद खुल गई, मैं उठ गया और बाथरूम में जाकर सुसू करने लगा। जब मैं सुसू करके आया तो देखा कि माँ मामाजी के कमरे में जा रही थी। उनके कमरे की बत्ती जल रही थी.
मैंने खिड़की से आँख लगा कर देखा तो हैरान रह गया, माँ और मामाजी दोनों ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये और देखते ही देखते वो दोनों बिल्कुल नंगे थे। फिर दोनों ने कस कर एक दूसरे को अपनी बांहों मे ले लिया, और एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे।
मुझे बहुत गुस्सा आया कि माँ मामा जी के साथ क्या कर रही है।
बेशक मैं छोटा था, पर इतना तो पता ही था कि यह काम मम्मी और पापा करते हैं, न कि माँ और मामाजी। उसके बाद न जाने क्यों मैं अक्सर इस बात का ख्याल रखता कि माँ और मामाजी क्या करते हैं। और माँ पापा के साथ वो सब क्यों नहीं करती।
जब भी माँ और पापा के बीच कोई बहस होती, माँ हमेशा एक ही ताना मारती- किसी लायक भी हो?
तब मैं इस बात को नहीं समझ पाता था कि ये लायक क्या होता है. आज समझ पाया हूँ कि पापा सेक्स के मामले में मम्मी के लायक नहीं थे, इसीलिए मम्मी ने अपने जिस्म की भूख मिटाने के लिए अपने ही भाई को चुना।
शायद इसलिए कि उनका काम भी बन जाएगा और घर की बात घर में ही रह जाएगी. बाहर किसी को भी पता नहीं चलेगा। पापा और मेरे बीच में भी कोई ख़ास प्यार नहीं था, पापा के लिए मैं सिर्फ एक ज़िम्मेदारी था।
घर का सारा काम पापा करते थे। अपनी जॉब पर जाने से पहले और वापस आने के बाद भी। मॉम सिर्फ अपनी खूबसूरती पर और अपने नए-नए बन रहे दोस्तों पर ही अपना सारा समय बिताती। जब मामाजी की शादी हो गई, तो मामाजी का आना-जाना हमारे घर कम हो गया. मम्मी के दोस्तों का आना-जाना बढ़ गया।
अब दोस्त लोग आ रहे थे, तो घर में अक्सर शराब और सिगरेट के साथ नॉन वेज सब कुछ चलने लगा। पर अक्सर ये सब तब होता, जब मैं स्कूल में और पापा ऑफिस में होते।
मगर एक दिन जब मैं स्कूल से किसी वजह से जल्दी घर वापस आ गया तो देखा कि घर में टेबल पर शराब, मीट, सिगरेट भरे पड़े थे, जब बेडरूम में देखा तो मॉम बेड पर बिल्कुल नंगी लेटी पड़ी थी और दो लड़के, एक 20-22 साल का और दूसरा उस से कुछ बड़ा, दोनों नंगे, मॉम के साथ सेक्स करने में लगे थे। मॉम नशे में बिल्कुल बेसुध थी, उन्हें कुछ पता नहीं चल रहा था कि उनके साथ क्या हो रहा है।
थोड़ी देर बाद वो लड़के चले गए। मैंने ही घर मे सारी साफ सफाई की. फिर बेडरूम में जाकर देखा, मॉम अभी भी उसी तरह बेसुध, नंगी लेटी थी। मैंने उनके ऊपर चादर डाली और फिर अपना खाना खाकर पढ़ने बैठ गया।
शाम को पापा आए. मैंने पापा से बात करने की कोशिश की मगर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं पापा से क्या कहूँ। जो कुछ भी मैंने पापा से कहा, पता नहीं पापा समझे या समझ कर भी अन्जान बन गए।
मगर बात वहीं की वहीं रही।
अब तक तो मैं अपनी मॉम को सैकड़ों बार नंगी देख चुका था। मुझ पर भी जवानी चढ़ने लगी थी, बहुत बार मॉम के पेट से मैंने गोंद जैसा गंदा सफ़ेद पानी साफ किया था, कई बार उनके मुंह पर भी यही सफ़ेद पानी गिरा होता।
मॉम को पता था कि मैं ही घर पहले आता हूँ और मैंने ही हमेशा उनकी बेहोशी में उनके नंगे जिस्म को ढका था, तो वो जानती थी कि मैंने उनको नंगी देखा था, मगर मॉम ने इसको बहुत आम बात की तरह लिया।
वो अक्सर कहती- तुम अब बड़े हो गए हो, तुम्हारी अब कोई गर्ल फ्रेंड होनी चाहिए।
मगर मुझे तो अपनी माँ से प्यार हो गया था, मैं तो अपनी क्लास की या आस-पड़ोस की किसी भी लड़की को नहीं देखता था।
एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे बताया कि लंड को कैसे फेंटते हैं। दरअसल उसने मुझे मुट्ठ मारने का तरीका बताया था।
वैसे तो मैं अपने किसी भी दोस्त को अपने घर नहीं लाता था, क्योंकि सबके सब मेरी मॉम के खूबसूरत होने की बहुत बात करते थे, मैं जानता था, सब साले ठरकी हैं, इसलिए दोस्ती घर के बाहर ही रखता था।
मगर उस दोस्त ने जब मुझे मुट्ठ मारने का तरीका बताया, और यह भी बताया कि मुट्ठ मारने के बाद क्या होता है, कैसा होता है। मुझे भी बड़ी उत्सुकता हुई।
एक दिन शाम को मैं फ्री था।
पापा किचन में खाना बना रहे थे और मॉम फोन पर किसी से बात कर रही थी। मैं बाथरूम में गया और पेशाब करते-करते मुझे अपने दोस्त की बात याद आई तो मैं वैसे ही अपने लंड को सहलाने लगा। मुझे मज़ा आने लगा तो मैं और फेंटने लगा।
मैं पूरी मस्ती में अपने लंड को फेंट रहा था, तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला और मैं एकदम से डर गया, सामने देखा तो मॉम खड़ी थी और मेरी तरफ देख रही थी। उन्होने मेरे खड़े लंड को भी देख लिया।
“क्या कर रहा था?” उन्होंने पूछा।
“कुछ नहीं मम्मी” मैंने कहा और पलट गया।
वो अंदर आई, और मुझे अपनी तरफ घुमा कर मेरी शर्ट ऊपर उठाई, मेरी निक्कर से मेरा लंड अभी भी बाहर था। उन्होने मेरा लंड पकड़ लिया और उसको अपने हाथ से हिला कर बोली- इस काम का कोई फायदा नहीं मेरे बच्चे, अगर तू आज हाथ से करेगा, तो कल तेरी बीवी किसी और से चुदेगी। इसलिए हाथ से कभी मत करना, जब भी दिल करे मेरे पास आना, मेरे साथ जो करना चाहो, कर लो, मैं तुम्हारी दोस्त हूँ, माँ नहीं।
इतना कह कर वो नीचे बैठी, मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और उसकी चमड़ी पीछे हटाने की कोशिश की. मगर मेरे लंड की चमड़ी पीछे नहीं हटी तो उन्होंने कहा- अभी तो तेरी सील भी नहीं टूटी मेरे लाल और तू मुट्ठ मार कर अपनी सील तोड़ना चाहता है। इसकी सील तू नहीं, मैं तोड़ूँगी।
यह कह कर वो मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
“अरे वाह!” मैंने सोचा- इसमें तो हाथ से करने से भी ज़्यादा मज़ा है।
थोड़ा सा चूस कर माँ चली गई। और उसके बाद मैंने कभी अपने लंड को हाथ नहीं लगाया क्योंकि जो मज़ा चुसवाने में आया, वो तो हाथ से करने में था ही नहीं।
अगली ही रात माँ अपने कमरे में बैठी टीवी देख रही थी और पापा अपने कमरे में थे। मैं माँ के पास गया। नीले रंग के गाउन में बहुत मस्त लग रही थी।
मैंने माँ से कहा- माँ, कल जो तुमने अपने मुंह से किया था, मुझे बहुत अच्छा लगा।
मॉम ने मेरी तरफ देखा और मुस्करा कर बोली- फिर से करवाना है?
मैंने हाँ में सिर हिलाया.
तो मॉम ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेड पर बुलाया और अपने साथ लेटा लिया। मुझे लेटा कर वो मेरी तरफ घूम कर अपनी बगल लेट गई। उनके गाउन के गले से उनका बड़ा सा क्लीवेज दिख रहा था. गोरे, चिकने मस्त मम्मे … जिन्हें मैंने उनकी बेसुधी में बहुत बार देखा था.
मगर आज शायद मैं उन्हे पहली बार उनके पूरे होश में देखकर दबा और चूस पाने के सपने देख रहा था।
मॉम ने मुझसे कहा- अब तू जवान हो गया है और अब तेरी ये लुल्ली …
कहते हुए उन्होने मेरी लुल्ली को छुआ- अब लंड बन रही है। तो अब तुझे इसका ख़ास ख़याल रखना है।
और मॉम ने मेरे पजामे का नाड़ा खोला और मेरा पजामा और चड्डी दोनों उतार दिये।
उस वक़्त मेरी थोड़ी-थोड़ी झांट आ चुकी थी, सीने पर भी बाल आने लगे थे।
मॉम ने मेरी लुल्ली को अपने हाथ मे पकड़ा और हिलाने लगी। पता नहीं उसके हाथ में क्या जादू था, ज़रा सा छूने से ही मेरी लुल्ली पूरी तन गई।
मॉम देख कर हँस पड़ी- देखा, कैसे लुल्ली से लंड बन गई है ये!
और फिर मॉम ने उसे अपने मुंह में ले लिया और लगी चूसने।
चूसते-चूसते वो उसे ऊपर नीचे भी कर रही थी।
पहले जब मैंने अपने हाथ से किया तो उसमें इतना मज़ा नहीं आ रहा था, मगर मॉम के द्वारा करने से तो बेइंतेहा मज़ा आ रहा था।
मॉम ने मेरे लंड को ऊपर नीचे सहलाते हुए उसका पूरा टोपा बाहर निकाल लिया। आज मैंने पहली बार देखा था कि मेरे लंड के अंदर जो बॉल मुझे महसूस होती थी, ऊपर से दिखती थी, वो कैसी होती है।
बड़े प्यार से मॉम मेरे लंड को चूस रही थी। मगर जैसे-जैसे चूस रही थी, वैसे-वैसे वो अपने हाथ से ज़ोर लगा कर मेरे लंड की चमड़ी को और नीचे की तरफ खींच रही थी, इससे मुझे दर्द भी हो रहा था, पर मॉम के हाथ से करने से और उनके चूसने के कारण मज़ा भी बहुत आ रहा था।
मैंने अपना सारा पजामा उतार दिया और अपनी कमीज़ भी उतार दी। एक 18 साल का नौजवान लड़का अपनी 37 साल की खूबसूरत और बहुत ही सेक्सी माँ के सामने बिल्कुल नंगा पड़ा काम की अग्नि में जल रहा था और उसकी ही माँ उसकी काम ज्वाला को शांत कर रही थी।
मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और पता नहीं कब मैंने अपने एक हाथ से मॉम के मम्मे को पकड़ लिया, तो मॉम ने अपने गाउन के आगे के बटन खोल कर अपना बड़ा सा मम्मा बाहर निकाल कर मुझे दिया और कहा- ले खेल इससे …
मैं मॉम के मम्मे जिनको बचपन में पी-पी कर इतना बड़ा हुआ था, आज उनसे ही खेल रहा था, उन्हें दबा-दबा कर अपनी सेक्स की भूख शांत कर रहा था। जब मैं पूरी उत्तेजना में आ गया तो तभी मॉम ने एक ज़ोरदार झटका मारा.
मेरे लंड की सारी चमड़ी पीछे हटा कर मेरे लंड का सारा टोपा बाहर निकाल दिया। मैं दर्द से तड़प उठा और उठ बैठा. मॉम के बदन से अपने हाथ हटा कर मैंने अपना लंड पकड़ लिया, देखा तो उसमें से खून निकल रहा था।
मैंने दर्द से कराहते हुए मॉम से पूछा- मॉम ये क्या किया?
मॉम बोली- घबरा मत, तुझे बच्चे से मर्द बनाया है, तू रुक अभी आती हूँ।
वो किचन में गई और वहाँ से फ्रिज में से बर्फ ले आई। फिर अपने हाथ से मेरे लंड के जख्म पर बर्फ लगाई। थोड़ी देर में खून रुक गया तो मॉम ने फिर से मेरा लंड थोड़ा सा चूसा और बोली-
अब जब ये ठीक हो जाएगा, तब मैं तुम्हें बताऊँगी, आगे क्या करना है और कैसे करना है।
3-4 दिन बाद जब मैं बिल्कुल ठीक हो गया तो मैंने मॉम से कहा- मॉम अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ।
मॉम बोली- तो कोई बात नहीं। रात को आना, तब तुम्हारी जवानी का उद्घाटन होगा।
मैं वापस अपने कमरे में आ गया और रात का इंतज़ार करने लगा।
रात को करीब 11 बजे मॉम ने मुझे अपने रूम मे बुलाया तो मैं दौड़ा-दौड़ा गया।
“जी मॉम!” मैंने पूछा।
मॉम बेड पर लेटी थी, महरून कलर के नाइट गाउन में। एक हाथ में व्हिस्की का गिलास, जो उनकी ज़िंदगी थी, और दूसरे हाथ में लंबी सी सिगरेट। सिगरेट मॉम बस कभी-कभी ही पीती थी। मैं उनके सामने जा खड़ा हुआ।
वो बोली- इधर बैठ।
मैं उनके पास बेड पर बैठ गया।
वो थोड़ी उठ कर सीधी हो कर बैठी, मेरी तरफ गहरी नज़र से देख कर बोली- सेक्स करेगा?
मैं तो कब से यही चाहता था, मैंने कहा- येस मॉम।
मॉम ने सिर हिलाया, अपना गिलास मुझे दिया, तब तक मैंने कभी शराब नहीं पी थी, मगर मॉम ने गिलास दिया था तो मैं बिना कुछ सोचे समझे गटागट पी गया. हालांकि मुझे शराब का स्वाद एकदम बेकार लगा, पहली बार पी थी न.. गिलास खाली करके मैंने बेड की साइड टेबल पर रख दिया।
मॉम ने कहा- इधर आ ऊपर!
मैं बेड के ऊपर चढ़ कर उनकी बगल में लेट गया.
महरून नाइटी के गहरे गले से उफन कर बाहर झाँकता उनका मादक हुस्न। मॉम ने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उनके निप्पल उनकी नाईटी से भी चमक रहे थे।
मॉम ने सिगरेट का एक कश लिया और मेरे मुंह पर धुआं मार कर सिगरेट भी साइड में रख दी। फिर नीचे झुक कर मेरे गाल पर अपना खूबसूरत हाथ रखा और नीचे झुक कर मेरे होंठों पर एक चुंबन लिया।
कितनी कामुकता थी उनके चुंबन में … जैसे मेरे सारे बदन पर चींटियाँ चल पड़ी। मॉम ने मेरी कमीज़ के बटन खोले, मैंने नीचे से बनियान नहीं पहनी थी, मॉम ने मेरे सीने और मेरे पेट पर अपना हाथ फेरा और मेरे सीने के बीचों बीच अपने गर्म होंठों से एक और चुंबन लिया।
उनकी लिपस्टिक का निशान मेरे सीने पर छप गया। सिर्फ इतने में ही मेरा लंड तन गया। मॉम को तो खैर इस काम का बहुत तजुर्बा था कि किसी भी मर्द को कैसे गर्म करना है. और मैं था बिल्कुल नया खिलाड़ी तो मुझे तो वो कैसे भी इस्तेमाल कर सकती थी।
मॉम ने मेरे सीने से हाथ फेरते हुए पेट से ले जाकर मेरे लंड के ऊपर अपना हाथ रोका।
“अरे ये तो तैयार भी हो गया!” मॉम नशे में बोली।
मॉम ने मेरी निक्कर भी उतार दी और चड्डी भी … मैं बिल्कुल नंगा हो चुका था। मेरा लंड इतना तना हुआ था कि घूम कर मेरे ही पेट को चूम रहा था।
मॉम उठी और बेड पर खड़ी हो गई, उनका एक पांव मेरी कमर के इस तरफ और दूसरा उस तरफ।
उन्होने अपनी नाइटी उठाई और उतार कर साइड में फेंक दी; 5 फुट 6 इंच, दमदार, गरदाए हुए बदन वाली एक भरपूर औरत मेरे ऊपर बिल्कुल नंगी होकर खड़ी थी।
ये मोटे-मोटे मम्मे उनके, सपाट पेट, और नीचे दो मांसल जांघें, संगमरमर की तरह चिकनी। और दोनों जांघों के बीच में उनकी चिकनी साँवली सी चूत, जो न जाने कितने हरामजादों के लंड से चोट खा-खा कर काली सी हो गई थी।
मुझे उनकी चूत के होंठों में गीला-गीला सा भी लगा जैसे कोई पानी सा अंदर से रिस रहा हो। मुझे तो कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी; मॉम नीचे बैठी और उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत पर रखा।
फिर मेरी तरफ देखते हुए मुझे आँख मारी और फिर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी. पहले मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में घुसा। सच में गर्म और मुलायम चूत के छूने से ही मेरा लंड जैसे खिल उठा हो।
तीन चार बार वो ऊपर नीचे हुई और हर बार जब वो नीचे होती तो मेरा लंड और उनकी चूत में घुस जाता। और देखते-देखते ही उनकी चूत के मखमली होंठ मेरे सारे लंड को निगल कर मेरे लंड की जड़ से जा लगे।
मॉम बोली- अभी तू छोटा है न, तो तेरा लंड भी छोटा है, जैसे-जैसे तू बड़ा होता जाएगा, ये भी बड़ा होता जाएगा. फिर देखना एक दिन तू ऐसा शानदार मर्द बनेगा कि जो औरत एक बार तेरा लंड लेगी, वो तेरी गुलाम बन कर न रह जाए तो मुझे कहना। किसी भी औरत को चोदने का तरीका होता है, टेक्नीक होती है, उसकी साइकोलॉजी पढ़ो, वो क्या चाहती है, कैसे चाहती है, फिर उसको उसके ही अंदाज़ मे चोदो। फिर देखो वो कैसे उछल-उछल कर तुमसे चुदवाती है।
मैंने कहा- मॉम मुझे तो कुछ पता नहीं, बस आप ही मुझे बताते जाना।
वो बोली- अरे तू तो मेरी जान है, तुझे तो मैं एक शानदार मर्द बनाऊँगी।
कितनी देर मॉम ने ऊपर बैठ कर मेरी चुदाई की। फिर वो नीचे उतर गई और लेट गई; अपनी टाँगे फैला कर बोली- चल आ, अब तू ज़ोर लगा।
मैंने अपना लंड मॉम की चूत पर रखा और वो गर्म गीली चूत में एक बार में ही फिसल कर घुस गया। मैंने अपनी कमर हिलानी शुरू की तो मॉम ने मुझे कमर एडजस्ट करना बताया।
फिर मैंने उनके बताए अनुसार चुदाई शुरू की और मॉम से पूछा- मॉम, ये जो आदमी हमारे साथ रहता है, जिससे तुमने शादी की है, क्या यह मेरा बाप है?
मॉम बोली- अरे वो साला तो बाप बनने के लायक ही नहीं!
मैंने पूछा- तो मेरा असली बाप कौन है?
मॉम बोली- तेरा बाप असल में तेरा मौसा है। उसने ही मुझसे कहा था कि सुनीता मेरा बच्चा पैदा करो। तो मैंने उसके बीज से तुझे पैदा किया।
मैंने पूछा- मॉम, ये बीज क्या होता है?
मॉम बोली- अभी पता लग जाएगा जब तू झड़ेगा।
मॉम ने मुझसे बहुत सी बातें की, मुझे सेक्स के बारे में बहुत कुछ बताया, मैं उनसे बातें भी कर रहा था और उनको चोद भी रहा था। आज पहली बार मैंने अपनी मॉम के मम्मों को उनके होश में दबाया। मैंने उनको बताया भी कि जब वो दारू पी कर टल्ली होकर सो रही होती थी, तो मैंने बहुत बार उनके मम्मे दबाए थे, उनकी जांघें सहलाई थीं, उनकी चूत को खोल कर देखा था।
मॉम हँस कर बोली- तू क्या समझता है, मुझे पता नहीं? मुझे सब पता है, तभी मैंने तुम्हें आज ये मौका दिया, कि तू अपनी मॉम के साथ वो सब एंजॉय कर सके जो दूसरे लोग करते हैं। अब बता, कैसा लगा?
मैंने कहा- मॉम सच में बहुत मज़ा आ रहा है।
उसके बाद मॉम के कहने पर मैंने ज़ोर-ज़ोर से उनकी चुदाई की और जब मैं इस चुदाई से काँपने लगा तो मॉम बोली- अब तेरे लंड से वीर्य निकलेगा, उससे पहले ही अपना लंड बाहर निकाल लेना.
बस उनके कहते ही मुझे लगा, जैसे बदन से मेरी जान मेरे लंड के रास्ते बाहर निकल रही है। मैंने एक झटके से अपना लंड अपनी मॉम की चूत से निकाला और जैसे ही लंड बाहर निकला एक गाढ़े सफ़ेद पानी की धार बड़े ज़ोर से बाहर को निकली और मॉम के मुंह तक जा गिरी. उसके बाद एक और … एक और … और कितनी बार धार निकली, मैं तो जैसे आसमान में उड़ गया। कितना आनंद, कितना मज़ा।
मेरे लंड से निकले सफ़ेद पानी ने मॉम और आस-पास का बिस्तर भी गीला कर दिया। मैं मॉम के ऊपर ही गिर गया। मॉम ने अपने गाल से मेरे सफ़ेद पानी को अपनी उंगली पर लिया और चाट लिया.
फिर मेरी पीठ ठोक कर बोली- शाबाश मेरे लाल। आज तू मर्द बन गया है। और मेरी बात याद रखना, तू एक दिन इतनी औरतों को चोदेगा, जितनी किसी ने सोची भी नहीं होंगी।
मैं तो कुछ भी बोलने, या करने की हालत में नहीं था. कितनी देर मैं वैसे ही लेटा रहा। फिर मॉम ने मुझे नीचे उतारा और बाथरूम में चली गई। वो अंदर जाकर नहाने लगी, क्योंकि उनका सारा बदन मेरे पहले वीर्य से गंदा हो चुका था। मैं भी उठ कर बाथरूम में चला गया और मॉम के साथ ही नहाने लगा।
मैंने खुद उनके बदन पर शेम्पू लगाया और सारे बदन को अपने हाथों से रगड़ा। मॉम ने मेरे बदन को रगड़ा।
मेरी ज़िंदगी का पहला सेक्स और वो भी मेरी बहुत ही सेक्सी मॉम के साथ। इस बात को आज बीस साल हो चुके हैं। मेरी शादी भी हो चुकी है, मैं और मॉम आज भी सेक्स करते हैं, क्योंकि जो मज़ा मुझे अपनी मॉम के साथ सेक्स करने मे आता है, वो और किसी के साथ नहीं आता।
इसके बाद हमने बहुत सेक्स किया, सिर्फ इतना ही नहीं, मेरी मॉम ने मुझे और भी बहुत सी औरतों के साथ सेक्स करने में मदद की। अपनी बुआ, मौसी, मामी, मौसी की लड़की, पड़ोस की लड़की, और न जाने कितनी ही औरतों और लड़कियों से सेक्स करने में हेल्प की।
वो कहानी मैं आपको आगे बताऊँगा। फिलहाल मेरी यह कहानी कैसी लगी, इस पर अपनी राय दीजिए।