नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम देवेंद्र है. मैं वाराणसी का हूँ. यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है. मेरी लम्बाई 5’9″ है. मेरी उम्र 19 है, नियमित व्यायाम से मेरा बदन काफी गठीला है. जैसा कि मैंने अपनी पढ़ाई, मामा के घर से ही की है. उनके घर में उनके दो बेटे और एक बेटी रिया रहती थी, जो कि जरा सांवली थी, लेकिन माल गजब की थी.
रिया की लम्बाई 5’6″ की थी, उसकी उम्र 18 की थी और 32-24-32 का फिगर बड़े ही कमाल का था.
मैं उनके घर 8 साल रहा क्योंकि 8 साल पहले वो ना माल बनी थी, न मेरे पास लम्बा हथियार था.
मैं अपनी पढ़ाई के आखिरी वर्ष में था. वैसे अब मैं उसके रस को चूसने के इंतजार में था. आखिरकार वो मौका आ ही गया. हुआ यूं कि उसकी नानी का देहांत हो गया. उसके दोनों भाई और उसके मम्मी पापा को उधर जाना पड़ा. लेकिन रिया के बोर्ड के पेपर और मेरे ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर के पेपर भी चल रहे थे. इसलिए मामी बोलीं कि रिया तुमको अपने एग्जाम की वजह से रुकना पड़ेगा.
वो रुक गई. मैंने सोचा कि अभी नहीं तो कभी नहीं.
अगले दिन सुबह जब मैं व्यायाम कर रहा था तो वो चाय लेकर आई. उस दिन रिया और मेरा कोई पेपर नहीं था. मेरी एक आदत है कि मैं कमरे में अंडरवियर पहनकर एक्सरसाइज करता था. वो बिना नॉक किये कमरे में आ गई. उसी वक्त मैं अपनी झांटें देख रहा था. उसने मुझे झांटें देखते हुए देखा और वो शर्मा कर जल्दी से चाय रखकर चली गयी.
शाम तक मैं उसके नाम की दो मुठ मार चुका था. जब रात को 11 बजे मैं सोने लगा, तो वो आकर बोली कि मुझे आपके रूम में सोना है.
यह सुनकर मानो मेरा सपना पूरा हो गया. मैंने पूछा- क्यों क्या बात है?
वो बोली- मुझे अकेले सोने की आदत नहीं है.. कल मैं सो भी नहीं पाई थी और आज मुझे डर लग रहा है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. आ जाओ.
वो मेरे बेड के दूसरे कोने पर सो गई. अब मैंने सोचा कुंआ खुद प्यासे के पास आ गया है तो इसकी चुत के रस से अपने लंड की प्यास बुझा ही लेना चाहिए.
मैं बोला- इतनी दूर क्यों सोई हो?
वो शर्मा कर बोली- नहीं यहीं ठीक हूँ.
मेरी नींद कोसों दूर थी.
करीब एक बजे मैंने अपना हाथ उसकी चुत के ऊपर रख दिया, लेकिन वो गहरी नींद में थी. फिर मैंने दूसरा हाथ उसकी चूची के ऊपर रख दिया. उसकी तरफ से अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके पास अपना एक पैर लाकर उसकी जांघों पर रख दिया. शायद बहुत ज्यादा काम करने की वजह से वह गहरी नींद में थी. एक पैर रखने के बाद मैंने अपना एक हाथ भी उसकी 24 इंच कमर पर रख कर उसको अपनी तरफ उसको मोड़ लिया. इससे वो जग सी गयी, मैंने तुरंत अपनी आँखें मूंद लीं. वो बेड लाइट जलाकर मेरे पैर और हाथ धीरे से हटाकर सो गई. शायद उसने सोचा कि मैंने नींद में ऐसा किया है.
आधे घंटे बाद उसने करवट मेरी तरफ ले ली. मैंने उसके नजदीक जाकर उसके होंठों को अपने होंठों से बिलकुल नजदीक कर लिया. इससे हुआ ये कि मैं इस वक्त उसकी गर्म सांसों को महसूस कर रहा था. दो पल रुकने के बाद मुझसे रहा न गया. मैंने आव देखा न ताव, बस उसको अपनी तरफ खींच कर उसके होंठों को चूसने लगा. वो तुरंत जग गई, उसने खुद को बहुत छुड़ाने की नाकामयाब कोशिश की, लेकिन न छूट पाई. होंठों पर होंठ लगे होने के कारण वो बोल भी नहीं पा रही थी.
उसके 32 इंच की चूची मेरे सीने से चिपकी हुई थीं. करीब 5 मिनट बाद मैंने उसको छोड़ा तो उसके होंठ सूज गए थे.
मैंने जैसे ही उसकी नजरों से नजरें मिलाईं, वो बोली- अब पास आये तो मैं पापा से सब कह दूँगी.
मैं बोला- जिंदगी का असली मजा सेक्स में ही है.
वो बोली- ये सब तो शादी के बाद ही किया जाता है.
मैंने कहा- वो कहा जाता है न कि एक बार करके देखो.. हम दोनों को बहुत मज़ा आएगा.
मेरे कई बार कहने पर वो बोली- लेकिन किसी को पता तो नहीं चलेगा.. वर्ना हम दोनों की बदनामी होगी?
मैं- तुम किसी से मत कहना, मैं भी नहीं कहूंगा तो किसे पता चलेगा?
तब मेरी बहन मान गई. अब तो मैं मस्ती से उसके होंठों को चूम कर उसके रस को पिए जा रहा था. फिर मैंने उसका टॉप निकाल दिया. उसकी ब्रा को भी खोल दिया.
वो बोली- इतनी जोर से चूसा है कि होंठ दर्द कर रहे हैं.
मैंने हंसते हुए उसका लोवर उतार फेंका. उसकी पैन्टी लगभग गीली हो चुकी थी. उसमें से बड़ी मस्त खुशबू आ रही थी.
मैंने उसकी पैन्टी को भी उतार फेंका. मेरी बहना की चुत पर हल्के सुनहले से रोएंदार बाल थे. अब मेरे सामने मेरी बहन बिल्कुल नंगी थी. फिर मैं उसको ऊपर वाले कमरे से से नीचे लाया क्योंकि मुझे लाइट ऑन करके चुदाई करने का मन था. ऊपर वाले रूम में खिड़की से रात को सड़क से सब दिखता था.
घर पर हम दोनों ही थे, तो कोई चिंता की बात नहीं थी.
वो अपने नीचे वाले कमरे की पूरी लाइट ऑन करके मुझे बिस्तर पर ले गयी. मैंने उसको बेड पर पटक दिया और उसकी गर्दन और नाभि को चूमने लगा.
पेट पर चुम्मी लेते ही वो अकड़ने लगी. फिर मैं उसकी चुत में एक उंगली करने लगा. मेरी उंगली बहुत मुश्किल से अन्दर जा पाई थी. मैं समझ गया कि सील पैक माल हाथ लगा है. पूछने पर मालूम हुआ कि उसने अपनी चूत में कभी उंगली भी नहीं की थी.
मैं अपनी जीभ उसकी चूत पर ले गया. जीभ चूत के अन्दर डालते ही वो एकदम से गनगना उठी और मेरा सर तेजी से दबाने लगी. इस तरह मैं करीब 15 मिनट तक उसकी चूत का रसपान और जीभ अन्दर बाहर करता रहा. वो अकड़ने लगी, शायद वो पहली बार झड़ने जा रही थी.
करीब दो मिनट की अकड़न के बाद चूत के फव्वारे मेरे मुँह पर छूटने लगे. उसके चूत के रस का नमकीन स्वाद मुझे बड़ा मजेदार लग रहा था. मैंने पूरा चुत रस चाट गया.
कुछ पल बाद मैंने उसकी चूचों को दबाने के लिए हाथ बढ़ाया. उसकी चूचियां बिल्कुल मखमली थीं. मैंने मम्मे दबाते हुए उसकी गर्दन और नाभि को भी चूमने लगा.
अब मेरा लंड एकदम सख्त लोहे की तरह लम्बा मोटा हो चुका था. यह मेरा पहला अनुभव था क्योंकि मैं पोर्न लगभग प्रतिदिन देखता था. रिया का भी पहला अनुभव था. मैंने अपना लौड़ा उसको चूसने को कहा, उसने मना कर दिया. लेकिन दोबारा कहने पर वो मुँह में थोड़ा सा ही लंड लेकर चूसने लगी.
कुछ समय बाद वो पूरा का पूरा लंड चूसने लगी. उसे मजा आ रहा था और मैं तो मानो सातवें आसमान पर उड़ रहा था. वो बस लंड चूसे जा रही थी. पहली बार के कारण दस मिनट बाद ही मेरा पूरा माल उसके मुँह में ही छूट गया.
वो माल थूकने वाली ही थी, मैं बोला पी लो रानी.. जवानी में निखार आ जाएगा.
वो इशारे से बोली- उल्टी हो जाएगी.
मैंने उसकी नाक दबा दी तो वो मजबूरी में पूरा माल पी ही गयी.
मैं फिर जोश के साथ उसके चूचों को दबाने लगा. मैंने उसकी चुत पर अपना मुँह लगा दिया और अपना लंड उसके मुँह में डालकर हम 69 की अवस्था में आ गए.
फिर मैं उसकी चुत में जीभ को नुकीली करके अन्दर बाहर करता रहा. उसने भी मेरे लंड को पूरा 9 इंच का कर दिया. अब वो मेरे लौड़े को जल्दी जल्दी चूसने लगी. मैं भी दोनों पैर फैलाकर उसकी चुत को जीभ से चोदे जा रहा था.
करीब दस मिनट बाद बोली- मेरा आने वाला है.
उसने अकड़ते हुए पूरा पानी बिस्तर पर छोड़ दिया. अब चुदाई की बारी थी, जिसका मैं कई वर्ष से इंतज़ार कर रहा था.
मैं उसके मम्मों का रसपान करने लगा, बीच में नाभि को चूमने पर अकड़ जाती थी. होंठों को करीब 10 मिनट चूसने के बाद मैंने ग्लिसरीन उसकी गीली और बिल्कुल कुंवारी चूत में लगा दी.
फिर अपने सख्त लौड़े को भी ग्लिसरीन से नहला कर उसकी चुत के लिए तैयार कर दिया. चूतड़ों के नीचे तकिया रख दिया, जिससे उसकी चूत को ऊपर आ गई. मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाकर अपना लंड सैट करके धकेला तो फिसल गया. फिर लौड़ा पकड़कर उसकी चुत के छेद पर तेजी से धकेला तो लगभग 3 इंच लंड घुस गया. लंड घुसते ही वो बहुत तेज से चीखी और रोने लगी. लेकिन मैंने लौड़ा बाहर नहीं निकाला.
वो करहते हुए बोली- अब नहीं.. प्लीज़ बाहर निकालो.. नहीं तो मैं मर जाऊंगी.
मैं बोला- पहली बार सबके साथ होता है.
उसके होंठों और चूचियों को चूसने लगा मैं!
5 मिनट बाद जब वो नॉर्मल हुई तो फिर होंठ चूसते हुए मैंने एक तेज धक्का लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी बुर में समा गया. वो लगभग बेहोश हो गयी. फिर मैंने धीरे धीरे चोदना शुरू किया. उसकी भी गांड हिलने लगी. कुछ समय बाद रफ्तार को काफी तेज कर दिया. अब वो भी मादक सिसकारियां लेने लगी.
रिया- ओह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अहह उहह..
मैं पूरी रफ्तार से उसे चोदता रहा. दस मिनट बाद मैं बिस्तर पर लेट गया और उसे अपने ऊपर ले लिया. अब वो मुझे चोदने लगी. कुछ देर बाद मैं उसे अपने दोनों पैर फैलाकर गोद में लेकर चोदने लगा और उसकी चूचियों को चूसता रहा. कुछ मिनट के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था. मैंने उसे नीचे लेटाकर उसकी चुत में ही पूरा माल छोड़ दिया. फिर हम दोनों एक लम्बा फ्रेंच किस करके बिस्तर पर लेट गए. मैंने घड़ी की तरफ देखा तो साढ़े पांच हो गए थे.
फिर मैं उठा तो रिया भी उठी. वो बिस्तर देख कर घबरा गई और बोली- इतना खून?
मैं बोला- साफ कर देंगे, चलो नहाने.
वो चल भी नहीं पा रही थी.
फिर मैं उसे गोद में उठाकर किस करते हुए नहाने ले गया. वहां पर एक दूसरे को नहलाया. फिर बिस्तर की चादर बदलकर हम दोनों सो गए. दो बजे दोपहर में हम लोग उठे, उसे चलने में समस्या हो रही थी. मैंने उसे दवा लाकर दी. उसके बाद अगले दस दिनों तक हम दोनों ने जमकर चुदाई की.
मेरी ममेरी बहन की चूत चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे मेल पर लिख कर बताइए.