अशोक बना मेरा नया बाप

Ashok Bana Mera Naya Baap हेलो दोस्तो मेरा नाम राजू है आज मैं आपको अपनी मा की मा बेटा इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीस सुनाने जा रहा हू मेरी मा का नाम मीनू है..

और मेरी मा किसी हेरोयिन से कम नही लगती जिसका कारण उनका खुसबसूरत बदन और उनका लाजबाब फिगर है मेरी मा की गोल गोल चुचिया देख किसी भी मर्द का दिल उसे दबाने को कर जाए.

ये कहानी तब की है जब मैं छोटा था और हम एक न्यू सिटी मे शिफ्ट हुए हम लोगो ने किराए पर एक कमरा ले रखा था जिसमे मैं मम्मी और पापा आराम से रहते थे और पापा एक बूढ़ी औरत जिसका घर था और उसका बेटा रहता था.

उसका बेटा मेरे बाप से 5 या 6 साल छोटा था पापा अक्सर काम के चक्कर मे लेट आते थे और मा पर बिल्कुल भी ध्यान नही देते थे मैने कई बार रात को मा को कहते सुना की आज रात उनकी चुदाई करे बट पापा सो जाया करते थे.

उपर से मकान मलिक का बेटा जिनका नाम अशोक था वो मा को हमेशा घूरता रहता था और कभी कभी मौका मिलते ही मा को छेड़ भी देता था मा ने कई बार अशोक अंकल की शिकायत उनकी मा से भी की बुत बुढ़िया मा को ये कहके मना लेती थी की बेटी ये शराब पिता है और नशे मे कर देता है तू चिंता मत कर इसकी शादी जल्दी करवा दूँगी तब ये तुझे नही छेड़ेगा. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

लेकिन मा ने कभी ये बात पापा को नही बताई एक दिन की बात है जब अशोक की मा घर पर नही थी किसी काम से गई हुई थी तब मा मुझे लेके उपर कपड़े सुखाने जा रही थी की उपर पहूचके हमे अजीब अजीब आवाज़ आने लगी कोई औरत अह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्म्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह कर रही थी मा ये आवाज़ सुनके वही रुक गई.

उन्होने खिड़की मे से अंदर झाकके देखा तो पता चला अशोक किसी को चोद रहा था असल मे दोस्तो अशोक अपनी नोकरानी को चोद रहा था मैने मा से ज़िद की मुझे भी अंदर झाकना है बट मा ने मुझे देखने नही दिया और मुझसे एक गमला गिर गया जिसकी आवाज़ दोनो ने सुन ली अशोक ने खिड़की मे से देख लिया की मा उसे देख रही थी.

मैं और मा वाहा से जल्दी से भाग निकले बट वो देख चुका था मा कमरे मे आके लेट गई और मैं भी मा के पास लेट गया गर्मी का मौसम था मा को पसीने आ रहे थे लेकिन उन्होने चद्दर खोलके अपने उपर ढक लिया और मुझसे कहा की मैं आराम से लेट जाउ मुझे कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन मा अशोक की चुदाई देखके गरम हो चुकी थी उसने चादर के अंदर से अपने आप को नंगी कर लिया.

और फिर अपने चुत के साथ खेलने लगी मा अपनी चुत मे उंगली कर रही थी जिसके कारण बेड हिल रहा था मैने मा की और देखा तो उनका चद्दर नीचे हुआ जा रहा था और उनकी चुचिया दिख रही थी बट मैं चुपचाप लेटा रहा अचानक मेरा ध्यान अपनी खिड़की पर गया और मैं भी देखा अशोक मा को देख रहा था मैं चुपचाप लेटा रहा.

उसके अगले दिन मा जब उपर छत पर कपड़ा सुखाने गई तो वाहा पहले से ही अशोक बैठा हुआ था मा ने उसे इग्नोर करते हुए कपड़े सुखाना शुरू कर दिया मैं छत से नीचे की तरफ देख रहा था और मा कपड़े सूखा रही थी तभी अशोक ने आके मा को पीछे से पकड़ लिया मा एकदम हिल गई.

मा ने जल्दी से आगे एक साड़ी सूखा दी ताकि मैं ना देख सकु की उस साड़ी के पीछे क्या हो रहा है बट दोस्तो साड़ी के पीछे का मामला मुझे दिख रहा था अशोक मा को पकड़े हुए उसके गर्दन पर चूम रहा था मा ने उसे हटाने की कोशिश की लेकिन वो हटा नही मा का ध्यान अब मुझपर से हट चुका था..

और मैं इसी बात का फ़ायदा उठाके दरवाजे के पीछे छिप गया जहा से मुझे नज़ारा और आवाज़ 2नो सुन रहा था मा अशोक छोड़ो मुझे जाने दो तो अशोक बोला ऐसे कैसे रानी तुझे जाने दू इतने दिन बाद हाथ लगी है आज तुझे नही जाने दूँगा मा अशोक मैं शादीशुदा हू तो अशोक बोला हा तभी कल छिपके मेरी लंड को देख रही थी ना..

तो मा बोली ऐसी बात नही है छोड़ो मुझे इतने मे अशोक ने मा के बूब्स पर हाथ रख दिए और उन्हे दबाने लगा और बोला ऐसी बात नही है रानी तो नीचे आके तूने अपनी चुत मे उंगली क्यू की बोल अब मा ये सुनके शोक हो गई थी वो अशोक से नज़रे चुरा रही थी..

और अशोक ने इसका फ़ायदा उठाके मा को पकड़के चूम लिया और बोला मुझे पता है तू मेरा लंड देखके गरम हो गई है क्यूकी तेरा पति तुझे प्यार नही करता बोल मैने सही कहा ना मा ने कुछ नही बोला..

और अशोक ने मा को उठा लिया इतने मे मा बोली अशोक प्लीज़ यहा कुछ मत करो हमे कोई देख लेगा मेरा बेटा भी यही है इतने मे मैं मा के पास जाके बोला चलो मा नीचे चलते है. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मा बोली हा तू जा मैं अभी कपड़े सुखाके आती हू मुझे पता था मा कपड़े सुखाने के बहाने कुछ और करेगी इसलिए मैं बस जीने मे ही खड़ा हो गया और देखने लगा मा कपड़े उठाके सूखा रही थी और अशोक मा से चिपककर उसे तंग कर रहा था इतने मे माआ बोली कहा ना कोई देख लेगा..
बट अशोक कमीना आदमी था अगली बार जब मा कपड़े उठाने झुकी तो उसने पीछे से मा की साड़ी उठा दी मा की गुलाबी पैंटी नज़र आ गई थी मा अशोक की ऐसी हरकत से शर्मा गई और जल्दी से भाग खड़ी हुई बट अशोक ने मा को पकड़ लिया और अपने गोद मे उठा लिया और नीचे लाने लगा मैं भी जल्दी से नीचे आ गया..

वो मा को गोद मे उठाके नीचे ले आया और अपने रूम मे ले गया इतने मे मा बोली छोड़ो मुझे जाने दो तो अशोक बोला साली फिर नाटक करने लगी उपर से उठाके लाया तब तो आराम से आ गई अब बहाने कर रही है जा साली भाग तेरी जैसे रोज आती है तो मा ने कहा अरे मेरे जानू तुम तो नाराज़ हो गये मैं इसलिए छोड़ने को कह रही थी..

ताकि नीचे राजू को बोल आउ की मैं उपर हू थोड़ा टाइम लगेगा वरना वो मुझे ढून्डता हुआ उपर आ जाएगा तो अशोक बोला साली छीनाल कही की कितनी आग लगी हुई है तेरी चुत मे हाहाहा जा फिर और उससे कहके आना की डिस्टर्ब ना करे वरना उसका छोटा भाई नही आ पाएगा हाहाहा मा वाहा से चली आती है मैं नीचे कमरे मे आ जाता हू.

फिर मा आती है और बोलती है बेटा राजू उपर अशोक अंकल भूके है उनकी मम्मी नही है तो मैं उनके लिए खाना बना रही हू और उन्हे खिलाके आउन्गि ठीक है तू आराम से यहा रहना उन्हे डिस्टर्ब मत करना पता है ना वो गुस्सा करते है मैं बोला ठीक है.

मम्मी इसके बाद मा ने थोड़ा मेकप किया और गॅंड मटकाते हुए उपर चल दी मैं भी उपर जाके उनका नज़ारा देखने की कोशिश करने लगा अशोक अंकल मम्मी को चूम रहे थे और मा भी उनका पूरा सपोर्ट कर रही थी और अशोक अंकल मा की चुत को भी दबा रहे थे और मा के मुआहह से आह की आवाज़े निकल रही थी

मा बोली ऑश अशोक आराम से करो ना मैं कोनसा भागे जा रही हू तो अशोक ने कहा साली तुझे जबसे देखा है तबसे सोच रहा हू चोद दू बट साली तू नखरे भी तो खूब दिखाती थी.

मेरी मा से कह दिया इसकी सज़ा तो तुझे मिलेगी और ऐसा कहके अशोक ने मा की चुचिया पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबा दी और माआ ओह्ह्ह्ह अशोक उम्म्म अह्ह्ह्ह इतने मे अशोक बोला मज़ा आ रहा है ना मेरी रानी.

मा बोली हा बहोत मुझे और सज़ा दो बल्कि मुझे छोड़ना नही मैने अपनी चुत को कितना तडपाया है तुम्हारे लंड से दूर रहके मुझे सज़ा दो अपने लंड से इसमे अशोक हस पड़ा और बोला ले फिर तू फिर मेरे लंड को चूस और उसे खुश कर..

और फिर अशोक ने अपना लंड निकाल के मा के सामने रख दिया मा ने उसे हाथ मे पकड़के पहले उसे चूमा और फिर उसे चूसना शुरू कर दिया और अशोक अह्ह्ह्ह तू क्या चुस्ती है साली अह्ह्ह्ह्ह मज़ा आ रहा है चूस मेरे लंड को अह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म इतने मे मुझे नीचे से आवाज़ आई मीनू राजू कहा हो तुम लोग मैने देखा पापा आ गये काम से मैं जल्दी से नीचे आया और पापा से बोला मा उपर खाना बना रही है अशोक अंकल के लिए.

उनकी मम्मी नही है ना तो बोले अछा ठीक है उसे बोल दे वो खाना बनाके मेरे पास आ जाए मैं जल्दी से उपर गया और गेट को ख़टखटाने लगा तो देखा अंकल उल्टे होके मुझे गुस्से से देख रहे थे और मा साइड मे उनका लंड चूस रही थी.

तो मैं बोला मा को बोल दो पापा आ गये है वो 2नो डर गये और जल्दी से उन्होने गेट बंद किया मा ने जल्दी से कपड़े ठीक किए और नीचे आ गये पापा बोले आज और कल वो घर पर रहेंगे उनकी कंपनी मे काम नही है.

अब मा को समझ नही आ रहा था की वो खुश होये की दुखी फिर रात को मा की चुत की तड़प बढ़ने लगी मा को लगा मैं सो चुका हू वो पापा को सेक्स के लिए उकसाने लगी और आज शायद पापा भी मूड मे थे.

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उन्होने मा को 2 मीं मे नंगा कर दिया और उनकी चुत मे लंड डालके 2 मीं तक हिला दिया और मा के उपर ही अपना माल गिराके लेट गये मा वैसे ही नंगी मेरे पास लेटी रही.

इसके बाद दोस्तो आधी रात को मुझे ऐसा लगा की किसी ने मुझे अपनी गोद मे उठा लिया और मेरा शक सही निकला अशोक अंकल ने मुझे बेड से उठाके पास पड़े चेर मे बैठा दिया और खुद मा के पास लेट गये और साइड मे मेरा बाप.

आगे की मा बेटा इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीस मैं आपको बताउन्गा की कैसे अशोक अंकल ने मा को चोदा तब तक ये कहानी पढ़के मुझे फीडबॅक दे.