दोस्तो, मेरा नाम पूजा है. मेरी उम्र 22 साल है. ये बात तब की है जब मेरी शादी को करीब तीन महीने हुए थे. उस समय मेरी उम्र 19 साल थी. एक बार हम पति पत्नी घर पर अकेले थे. मेरी सास उसी दिन मेरी ननद से मिलने गई हुई थी.
हमारी शादी हुए करीब तीन महीने हुए थे. रात के ग्यारह बज रहे थे. मैं ओर मेरा पति बेडरूम में बेड पर होंठों में होंठ डालकर पूरे मदहोश हुए पड़े थे.
तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया.
मेरे पति दरवाजा खोलने चले गए.
जब उन्होंने दरवाजा खोला तो क्या देखा कि दरवाजे पर पांच आदमी खड़े हुए थे.
मैं भी अपने पति के पीछे चली गई. मैंने काले रंग की पैंटी पहनी हुई थी. मैं छिपकर पीछे खड़ी हुई उनकी बातें सुन रही थी.
वो कहने लगे कि दूर जाना है लेकिन अब रात को बस, टैक्सी या होटल कुछ भी नहीं मिल रहा है. खाने के लिए भी कुछ नहीं मिल रहा है, यहां कुछ खाने को मिल सकता है क्या?
पहले तो मेरे पति सोचने लगे लेकिन फिर बाद में उनको उन भूखे प्यासे लोगों पर तरस आ गया.
वो अंदर आकर बैठ गए और मैंने उनके लिए खाना बनाना शुरू कर दिया.
मेरे पति उनके पास ही बैठ गए.
खाना खिलाकर हमने उनके सोने का इंतजाम भी कर दिया.
वो पांचों सोने के लिए चले गए.
उनके जाने के बाद पति ने फिर से मेरी मैक्सी उतार दी और मैं काली पैंटी में फिर से काफी सेक्सी लग रही थी.
मेरे पति मेरे ऊपर टूट पड़े और आधे घंटे तक मेरे जिस्म को काटते और नोंचते रहे. हम दोनों ही नंगे थे, बस एक दूसरे चूसे चाटे जा रहे थे.
फिर उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर मेरे पति ने अपना 6 इंच का लंड मेरे मुंह में डाल दिया.
मैंने भी लंड को खूब चूसा.
अब हम दोनों से ही चुदाई शुरू करने के लिए इंतजार नहीं किया जा रहा था.
मैं पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.
पति ने मेरी चूत पर लंड को रखा और जोर से झटका लगा दिया. एक बार में ही उनका लंड मेरी चूत में फंस गया.
मेरी जोर से चीख निकली ऐसा लग रहा था कि जैसे लंड में से आग निकल रही हो.
वो मुझे चोदने लगे. वो धक्के लगा रहे थे और मैं दर्द में तड़पती हुई चिल्ला रही थी.
चुदते हुए मेरी नजर दरवाजे पर पड़ी तो एक आदमी हमें देख रहा था.
दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था. शायद मेरे पति सेक्स की आग में दरवाजे को लॉक करना भूल ही गए थे. मैं चुदाई के दर्द में इतना आनंद ले रही थी कि मैंने पति को बताना ठीक नहीं समझा और ऐसे ही मजे लेकर चुदती रही.
फिर मैंने देखा कि वो अपने लंड को हाथ में लिए हुए सहला रहा था.
उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था और वो हम पति पत्नी की लाइव चुदाई देखकर मुठ मार रहा था.
चार पांच मिनट के बाद मेरे पति मेरी चूत में झड़ गए और थक कर एकतरफ लेट गए.
मेरी चूत का पानी अभी नहीं निकला था और मैं चाह रही थी कि इसकी प्यास भी झड़कर शांत हो जाए!
लेकिन पति का काम तो पूरा हो चुका था, वो तो पांच मिनट के बाद ही खर्राटे लेने लगे.
मैं भी हांफ रही थी और पड़ी हुई थी.
फिर मैं उठी और दरवाजा ढालकर बाथरूम में चली गई.
शायद वो आदमी चला गया था.
मैं अपनी चूत को धोकर वापस आई.
पति के पास वापस जाने से पहले मैंने सोचा कि बाहर देखकर आती हूं कि कोई और तो नहीं खड़ा है.
मैं बाहर गई तो बाहर पूरा अंधेरा था और कोई दिखाई नहीं दे रहा था. मैं थोड़ा और आगे गई तो उस आदमी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे मुंह पर हाथ रख लिया.
धीरे से उसने मेरे कान में कहा- मैम प्लीज, शोर मत मचाना, मैं आपको कुछ देर पहले देख रहा था. मुझसे नहीं रुका जा रहा है, मैं ऐसे आपको परेशान नहीं करना चाह रहा था.
उस आदमी का लंड मेरी जांघों पर टकरा रहा था.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
उसका लंड मेरे पति से काफी मोटा लम्बा था और एकदम से गर्म हुआ पड़ा था.
मैंने कहा- आप कुछ देर रुको, मैं ऐसे अभी नहीं रह सकती यहां! पति को देखकर आती हूं.
मैं अंदर गई और दस मिनट तक पति से चिपक कर लेटी रही.
जब मुझे लगा कि वो गहरी नींद में चले गए हैं तो मैं चुपचाप से उठकर बाहर आ गई और दरवाजे को बंद कर दिया.
मगर अब तक वो आदमी जा चुका था.
मैं उनके बेडरूम की ओर गयी तो दरवाजा खुला हुआ था और वो आदमी बेड पर बैठा हुआ था, उसके बाकी साथी सो रहे थे.
मैंने उसको बाहर आने का इशारा किया तो उसने मुझे अंदर बुला लिया, कहने लगा कि सब गहरी नींद में हैं कोई नहीं उठेगा.
ये बोलकर उसने मुझे वहीं दीवार से लगा लिया और अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया.
उसके गर्म मोटे लंड को हाथ में लेकर मैं सहलाने लगी.
वो मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरी चूत को सहलाने लगा.
मुझे चूत पर हाथ से मसलवाते हुए बहुत मजा आ रहा था क्योंकि मैं अभी कुछ देर पहले ही अपने पति के लंड के चुदवाकर आई थी और चूत में हल्का सा मीठा मीठा दर्द भी हो रहा था.
अब उसने मुझे जमीन पर लिटा लिया और मेरे बूब्स दबाने लगा.
फिर उसने मेरी टांगें फैलाकर अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और चूत चाटना शुरू कर दिया.
मैं जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर उसने कुछ देर चाटने के बाद अपना लंड मेरे होंठों पर फिराना शुरू कर दिया.
मैंने मुंह खोल लिया और उसने लंड को मेरे मुंह में दे दिया और चोदने लगा.
उसका लंड काफी लम्बा लग रहा था. मैं जान गई थी कि आज सच में ये मेरी चूत को फाड़ देगा.
मेरी चूत से पानी निकल रहा था.
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख कर जोर से धक्का लगाया तो लंड मेरी चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर घुस गया.
मेरी चूत ज्यादा खुली नहीं थी क्योंकि मैंने अपने पति के सिवाय किसी और से सेक्स सम्बन्ध नहीं बनाए थे.
मेरी चूत में आधा लंड जा चुका था.
उसका लंड मोटा होने की वजह से चूत में पूरा नहीं जा रहा था.
फिर उसने एक जोर का धक्का लगाया, लंड पूरा मेरी चूत में घुस गया.
मेरी जोर से चीख निकली.
चीख सुनकर उसका दोस्त जाग गया और वो हमको ऐसे देखकर हैरान हो गया.
फिर बाकी लोग भी उठ गए.
मैं सबके सामने नंगी अपनी चूत में लंड लिए पड़ी थी.
एकदम मैं उठकर एकदम से जाने लगी तो उन्होंने मुझे वहीं पर रोक लिया और बाहर नहीं जाने दिया.
वो सब केवल अंडरवियर में थे और इतनी देर में सबके लौड़ों में तनाव आ चुका था.
दो के लंड तो कच्छे को फाड़ने पर उतारू हो चुके थे.
इतने सारे मर्द एक साथ देखकर मेरे अंदर भी और ज्यादा चुदास उठने लगी.
मैंने सोचा कि ऐसा मौका फिर शायद नहीं मिलेगा. मैंने कभी पराये लंड का स्वाद नहीं चखा था और आज मेरे पास पांच पांच लंड थे.
मन में मैंने सोच लिया कि आज जो होगा देखा जाएगा, मैं अपनी चूत की प्यास को ऐसे अधूरी नहीं छोड़ सकती.
इतने में ही उन्होंने मुझे बेड पर लिटा लिया.
नंगी तो मैं पहले ही थी.
सभी ने मुझे चारों ओर से घेर लिया और दो लोगों ने मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए. बाकी तीन लोग मेरे बदन को चूमने लगे.
अब सभी ने अपने अंडरवियर निकाल दिए.
वो पांचों पूरे नंगे हो चुके थे. सभी के लंड बहुत बड़े थे. मुझे बहुत डर लग रहा था कि अब मेरा क्या होगा.
फिर पांचों ने मुझे अपना लंड चूसने को कहा.
मैं सब का लंड बारी बारी चूसने लगी.
पांचों मेरे बदन पर हाथ फिरा रहे थे.
कुछ देर बाद मुझे दोबारा बेड पर गिरा लिया गया और वो मेरे बदन को चूमने लगे.
कोई मेरी चूत में उंगली कर रहा था तो कोई मुंह में लंड दे रहा था.
कोई मेरी गांड को दबा रहा था और कोई उसमें उंगली देने की कोशिश कर रहा था.
इतने सारे मर्दों का स्पर्श अपने बदन पर पाकर मैं जैसे मदहोश हुई जा रही थी.
मुझे ये सब इतना अच्छा लग रहा था कि मैं बता नहीं सकती.
ये मेरा पहला अनुभव था. मेरी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.
अब पांचों मुझे चोदने को तैयार थे.
एक आदमी बेड पर लेट गया, फिर दो लोगों ने मुझे उठाकर उसके लंड पर बिठा दिया.
मेरी चूत इतनी गीली हो गई थी कि उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया.
वो नीचे से मुझे चोदने लगा और तीन आदमी मेरे सामने लंड खड़ा करके बारी से मेरे मुंह में डालने लगे और एक मेरे जिस्म से खेलने लगा.
दो मिनट में ही मेरी चूत ने पानी फेंक दिया.
मैं इतने मजे को सहन नहीं कर पाई.
फिर दो मिनट के बाद वो पहला आदमी झड़ गया.
अब दूसरे ने मुझे अपने लंड पर बिठाया और चोदने लगा.
मेरी चूत में भी लंड था और मुंह में भी लंड था.
दो आदमी मेरे बूब्स को दोनों ओर से दबाने में लगे हुए थे और मेरे हाथों को पकड़ कर अपने लंड की मुठ मरवा रहे थे.
नजारा ऐसा था कि मैं चारों ओर से लंडों से घिरी हुई थी.
आगे जो हुआ उसकी मुझे उम्मीद नहीं थी.
मेरे मुंह से लंड निकाल कर वो आदमी आगे की ओर आकर बेड पर चढ़ गया.
उसने नीचे लेटे आदमी को रुकने के लिए कहा.
चूत में पहले से ही लंड था और अब उस दूसरे आदमी ने भी मेरी चूत में लंड लगाकर धकेलना शुरू कर दिया.
मैं समझ नहीं पाई कि हो क्या रहा है.
वो जोर लगाने लगा और मेरी चूत फटने लगी.
उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और मेरी चूत में दो दो लंड घुसने लगे.
मेरी चूत फट गई और उससे खून निकलने लगा लेकिन वो आदमी लंड घुसाता चला गया.
मैं बस बेहोश होने वाली थी कि उसने लंड को रोक दिया.
वो सारे के सारे फिर से मेरे पास आ गए और मेरे नंगे जिस्म को सहलाने लगे.
कोई बूब्स को तो कोई पीठ को सहलाने लगा; कोई मेरे होंठ चूसने लगा तो कोई गर्दन.
अगले पांच मिनट में ही मेरा सारा दर्द गायब हो गया.
अब धीरे धीरे मेरी चुदाई दो लंडों से शुरू हुई.
शुरू में तो बर्दाश्त नहीं कर पाई लेकिन फिर धीरे धीरे मजा आने लगा.
हालांकि उन दोनों के लंड मेरी चूत के खून में लथपथ हो चुके थे.
अब दोनों आदमी मेरी चूत को पूरा चोद रहे थे. बाकी के तीन बारी बारी मेरे मुंह में लौड़ा डाल रहे थे.
मैं झड़ने वाली थी.
बेशर्म होकर मैंने कहा- जोर से चोदो … आह्ह … और फाड़ो इसे!
मैं जैसे पूरी रंडी बन गई थी.
फिर उन्होंने स्पीड बढ़ा दी.
अगले कुछ सेकेंड्स में ही मेरी चूत से फिर पानी बह निकला.
फिर मैं बेड पर कुतिया बना दी गई.
अब दो लोग और बचे थे जिनको मेरी चूत की चुदाई करनी थी.
कुतिया बनकर मैं चुदने लगी और बारी बारी से दोनों ने मेरी चूत को उसी स्टाइल में चोदा.
एक बार फिर से मैं झड़ गई.
चुदाई को चलते हुए आधा घंटा हो गया था. मेरी चूत का बुरा हाल था.
मैंने सोचा कि चुदाई खत्म हो गई. पांचों का पानी निकल चुका है.
लेकिन मैं भूल गई थी दो लोगों का पानी छूटे आधे घंटे से ऊपर हो गया था और अब उनके लंड फिर से मेरे सामने तने खड़े थे.
वो मेरी गांड मारने की बातें करने लगे.
मैंने उनको मना किया लेकिन वो नहीं माने.
वैसे मैंने आज तक गांड की चुदाई भी नहीं करवाई थी तो मैंने सोचा कि गांड में लंड डलवा कर भी देखती हूँ.
तो मैं गांड चुदवाने के लिए तैयार हो गई.
अब उन्होंने मुझे फिर से कुतिया बना लिया और एक ने थूक लगाकर लंड मेरी गांड पर रख दिया.
दो ने मुझे आगे से पकड़ रखा था.
उसने जोर से धक्का लगाया और लंड मेरी गांड में घुस गया.
मैं तड़पने लगी.
चार आदमियों ने मुझे जोर से पकड़ रखा था. मैं कुछ नहीं कर सकती थी. मेरी गांड फट चुकी थी. वो आदमी मेरी गांड चोदने लगा और धीरे धीरे मुझे मजा आने लगा.
जब उसका पानी मेरी गांड में निकला तब तक मेरी गांड खुल चुकी थी और मेरी चूत में फिर से चुदाई की इच्छा जाग चुकी थी.
अब दूसरे आदमी ने मेरे ऊपर चढ़ाई कर दी.
इस बार लंड मेरी चूत में उतारा गया.
वो मुझे चोदने लगा तो तीसरे ने रोक लिया और अपने लंड को मेरी गांड पर टिका कर धक्का दे दिया.
मेरी गांड के छेद ने अब दूसरे लंड का स्वागत आराम से किया.
अब मेरी चूत में भी लंड था और गांड में भी.
दर्द तो बहुत हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था.
पांचों ने मेरी गांड और चूत खूब चोदी.
वो मुझे बेड पर खड़ी करके मेरी चूत और गांड एक साथ मार रहे थे.
पांचो ने बारी बारी से चोदते हुए मेरी चूत में ही पानी निकाला.
मेरी चूत उनके वीर्य से भर गई.
मैं कुछ देर टांगें फैला कर पड़ी रही.
जब मैं उठने लगी तो मेरे से उठा नहीं जा रहा था. मेरी टांगें कांप रही थीं.
मेरी बहुत चुदाई हो चुकी थी.
मेरे से चला भी नहीं जा रहा था.
बेड की चादर खून से खराब हो चुकी थी.
मैंने उन सब की मदद से बेड में से नई चादर निकाल कर बिछा दी.
अब मेरे से एक कदम भी नहीं चला जा रहा था.
मैंने कहा कि मुझे मेरे बेडरूम में छोड़ दो तो एक ने मुझे उठा लिया और मेरे बेडरूम में बेड पर छोड़ दिया.
मेरे पति सोए हुए थे. तीन घन्टे तक पांचों ने मुझे रंडी की तरह चोदा था.
उस बीच मैं कई बार झड़ गई.
सुबह मेरे से उठा नहीं जा रहा था. मेरे पति ने उन पांचों को चाय पिलाई और वो चले गए.
आज तक भी मैं उस रात को नहीं भूल पाई हूं.
मैं ये भी नहीं जानती कि वो लोग कौन थे, कहां से आए थे और कहां चले गए.
लेकिन वो मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी चुदाई की रात थी.
मेरी चूत कई दिनों तक दुखती रही.
पति को लगा कि उनकी चुदाई से मेरी चूत की ये हालत हुई है इसलिए वो मेरी सेवा में लगे रहते थे.
उन पांचो की चुदाई से मैं प्रेग्नेंट हो गई थी. उन पांच की कठोर चुदाई ने मुझे बेटा दिया है. जिसकी शक्ल उनमें से ही किसी एक से मिलती है.
मैंने अपने बेटे का नाम भी पंचकुमार रखा है.
यह थी मेरी ग्रुप चुदाई की कहानी.