मै अपने खाला के बेटे से चुदती हुई पकड़ी गयी

हाय फ्रेंड्स मेरा नाम सबीना है। मैं आजमगढ़ की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र अभी 27 साल की है। मै बहोत ही हॉट और सेक्सी माल हूँ। मेरा गोरता भूरा बदन बहोत ही आकर्षक लगता है। मै एक शादी शुदा औरत हूँ। घर का सारा काम करने के बाद खाली ही बैठी रहती हूँ। तो मैंने सोचा क्यूँ ना अपने जीवन की सच्ची घटना आप लोगो की खिदमद में पेश कर दूं! फ्रेंड्स मै अब आप लोगो को निकाह से पहले ही शौहर से किस तरह चुदी! ये आपको अपनी कहानीं में बताती हूँ। ये बात अभी एक साल पहले की है। उस समय मेरी उम्र 26 साल की थी। मै सेक्स के प्रति कुछ ज्यादा ही रूचि रखती थी। 19 साल की उम्र से ही मैंने लंड खाना शुरू कर दिया। मेरी चूत में हमेशा खुजली होती रहती थी। मै भी चुदने को हमेशा तत्पर रहती थी .हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम मेरा निकाह मेरे मामू के बेटे निज़ाम भाईजान से होने वाली थी। निजाम बचपन से ही हष्ट पुष्ट शरीर वाला था। वो देखने में बहोत हो स्मार्ट लगता था। मै अपने खाला के बेटे से चुदती हुई पकड़ी गयी थी। इसीलिए मेरा निकाह मेरे घरवाले जल्दबाजी में कर रहे थे। निकाह के कुछ दिन पहले से ही मेरा घर से बाहर आना जाना बंद हो गया था। मेरे को बहोत परेशानी हो रही थी। घर पर भी सारे लोग मेरे पर निगरानी रखने लगे। वो सब घर के भी लड़को पर शक करने लगे। निज़ाम मेरे छरहरे बदन पर अपनी जान छिड़कता था। मेरी चूत पाने के लिए वो भी परेशान था। मेरे से वो उम्र में दो साल बड़ा था।

मेरे गोल मटोल गाल पर सभी फ़िदा हो जाते थे। मेरी उम्र के हिसाब से मेरी बॉडी बहोत ही फिट थी। मेरे दूध का आकार उम्र के साथ बढ़ता गया। मै कई सारे लोगो को अपने दूध का रस पिला चुकी थी। मेरी गोल मटोल गांड चेहरे पर बड़ी फिट बैठती थी। मेरे को चोद कर लोगों ने खूब मजे उड़ाए। मेरे को चुदने की ख्वाहिश सी हो गयी। किसी का लंड खा पाना मेरे लिए बहोत ही मुश्किल हो गया था। निज़ाम एक दिन मेरे घर आया हुआ था। वो अक्सर आया जाया करता था। अपने होने वाले शौहर का लंड खाने के बारे में सोचने लगी। अम्मी ने उसे रात भर के लिए रोक लिया था। निज़ाम भी मेर ओर आकर्षित हो चुका था। वो बार बार मेरे 34 30 32 के फिगर को ताड़ रहा था। अम्मी अब्बू के सामने वो बात करने में शर्म कर रहा था। “अम्मी मेरे को निज़ाम से अकेले में कुछ बात करनी है”-मैंने कहा,, अम्मी ने रात को हम दोनो को एक ही रूम में कर दिया। जिससे हम लोग एक दूसरे से बात कर सके। अब्बू को ये बात पता नहीं चली। मै अपनी अम्मी से बिल्कुल ही फ्रेंक थी। वो मेरे को अच्छे से समझती थी। हिंदीपोर्न स्टोरीज डॉटकॉम मेरे अब्बू बहुत ही गुस्सैल किस्म के थे। निकाह से पहले ही मै अपने शौहर के साथ बिस्तर पर पहुच चुकी थी। निज़ाम ने मेरे हाल चाल के बारे में बड़े ही लहजे और शरमाते हुए पूछा! रात के करीब 12 बज गए। मेरी तो चूत में आग लगी थी। निज़ाम मेरा रिश्ते में भाई भी लगता था। मैने कभी उसके साथ निकाह के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन इत्तेफाक भी बड़ा अजीब होता है। जो हमारे किस्मत में होता है वही मिलता है। लेकिन आज तो मेरे को निज़ाम का लंड खाना था। निज़ाम को नींद आने लगी थी। वो अपना कपड़ा निकाल कर सोने जा रहा था। उसने अपना सफेद कुर्ता निकाल कर सिरहने पर रख लिया।

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निज़ाम: मेरे को कम कपड़ो में सोने की आदत है! मै अपना पैजामा निकाल सकता हूँ??
मै तो इसी मौके का इंतजार कर रही थी। कितनी जल्दी मेरे को लंड के साइज़ का अंदाजा लग जाए।
मै: हाँ हाँ… क्यों नहीं! कुछ दिनों के बाद तो हम लोगो को साथ ही सोना है
निज़ाम धीरे धीरे ठरकी होने लगा था।
निज़ाम(हँसते हुए): क्या बात है! बाद काम भी पहले हो जाता तो और अच्छा होता!
इतना सुनते ही मैं उसके लंड को छेड़ने लगी।
निज़ाम: मेरी जान उससे मत खेलो एक बार खड़ा हो गया तो इसका डाउन होना बहोत मुश्किल हो जाएगा
मै: मेरे को उसका इलाज भी करने को आता है।
निज़ाम भाईजान आप तो मेरे शौहर बन गए
निजाम: चलो आज से ही हम मिया बीबी की तरह हो जाते हैं इतना कहकर निज़ाम ने अपना पैजामा उतार दिया। उसके अंडरवियर में छिपा हुआ लंड काफी मोटा लग रहा था। मै बिस्तर पर अपनी गांड टिका के बैठी थी। निज़ाम भी अंडरवियर में होकर मेरी तरह बैठ गया। मेरी आँखे उसके लंड पर ही टिकी थी।
निज़ाम ने कहा: अगर तेरे को मेरा औजार देखना है तो जो मैं करूं मेरे को करने देना
मै: ओके!(सीधी साधी लड़कियों की तरह)
निज़ाम को लगा मै अभी तक इन सब बातों से अंजान हूँ। मेरे को सेक्स के स्टेप को बताने लगा। वो मेरे को सुहागरात की रेहलसेल कराने जा रहा था।

निज़ाम: आज तेरे को सब कुछ सिखा रहा हूँ। सुहागरात के दिन सब कुछ तेरे को ही करना होगा
इतना कहकर मेरे को उसने बिस्तर पर सीधा लिटा दिया। मैंने उस दिन ब्लू रंग की सलवार कमीज पहनी हुई थी। ब्लू रंग के कपडे में मै गजब की माल दिखती थी। मेरे कमीज पर दूध के ऊपर बहोत ही अच्छी डिजाइन बनी थी। उसे हाथ से छूते हुए मेरे गालो की तरफ बढ़ने लगा। मेरी ठोड़ी थोड़ी सी निकली हुई थी। उसके पकड़कर उसने दबा दिया। मैंने अपनी आँखे बंद कर ली। फिर पता नहीं कब उसने अपना होंठ मेरे होंठो पर लगा दिया।
मेरे को इसका पता भी नहीं चला। मेरी आँख खुली तो निज़ाम को अपने होंठो पर होंठ टिकाये पाया। वो मेरी होंठ को चूस रहा था। मैं उससे लिपट गयी। उसका मोटा चौड़ा शरीर मेरी बाहों में ही नहीं आ रहा था। वो धीरे धीरे खिसकता हुआ मेरे ऊपर चढ़ गया। मै उसका भारी भरकम शरीर अपने ऊपर झेल रही थी। मेरे को बहोत दिनों के बाद किसी लड़के से चिपकने का मौका मिला था। कुछ दिन बाद तो मेरे को चुदने का लाइसेंस निकाह के बाद मिलने वाला था। मै भी होंठ चुसाई में निज़ाम का साथ दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे को होंठ चूस कर मजा ले रहे थे। हम दोनो की साँसे बढ़ने लगी। वो जोर जोर से मेरी होंठो को काट काट कर मजा लेने लगा। मै सिसकने लगी।

मेरे मुह से “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की सिसकारियां निकालने लगी। मेरी बालो को पकड़कर वो खींचते हुए मजे लूट रहा था। थोड़ी देर तक होंठो को चूसने के बाद मेरे पतले गले पर किस करते हुए मेरे को गर्म करने लगा। उसने मेरे कमीज को उतार दिया। ब्रा में ही कैद चूचे को उसने दबा दबा कर उसका रस निचोड़ने लगा। 34 के मम्मो को उसने ब्रा को निकाल कर आजाद कर दिया। मेरे दूध के ऊपर उभरे हुए निप्पल को अपने मुह में लेकर दबा दिया। दांतो से मेरे निप्पल को काट काट कर वो पीने लगा। मै “……अई…अई….अ ई……अई….इसस्स्स्स्…… .उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजो के साथ अपना दूध पिलाने लगी। मेरी दूध का सारा रस निचोड़ कर उसने दूध पीना बंद कर दिया।
मेरी पेट पर हाथ फेरते हुए निज़ाम मेरी नाभि में ऊँगली करने लगा। उसने नाभि पर किस कर के बिस्तर पर खड़ा हो गया। उसने अपना अंडरवियर नीचे खिसकाते हुए निकाल दिया। उसका शरीर तो गोरा था। लेकिन लंड थोड़ा सा काला लग रहा था। उसके साँवले लंड से खेलते हुए अपना होंठ उसके लंड पर स्पर्श कराया। मेरी चूत में चुदाई के कीड़े बहोत तेज तेज काटने लगे। मै एक हाथ से निज़ाम का लंड पकड़े हुई थी। दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी। निज़ाम को ये देखकर बाजोत ही आश्चर्य हुआ। वो मेरे मुह में अपना लंड डालकर चुसाने लगा। उसका लंड धीरे धीरे बड़ा होकर गोरा हो गया। मै बहोत ही मजे से उसके लंड के गुलाबी टोपे को चाट रही रही थी। निज़ाम ने अपना लंड मेरे पतले से गले तक पेल रहा था। मेरी चूत को देखने को उसकी भी इच्छा हो गयी थी।

निज़ाम: सबीना तेरी चूत को देखने को मन हो रहा है। जल्दी से ये अपना सलवार निकाल दे!
मै अपने सलवार के नाड़े को खोलने लगी। नाड़ा काफी टाइट बंधा हुआ था। जल्दबाजी में वो खुल ही नहीं रहा था। निज़ाम की तड़प बढ़ती ही जा रही थी। वो मेरी सलवार को पकड़कर उसका नाडा तोड़ दिया। जल्दी से नीचे सरकाकर मेरी सलवार को निकाल दिया। मैं अब पैंटी में हो गयी। मेरी पैंटी को भी उसने एक ही झटकें में निकाल दिया। मैं अपने टांगो को फैलाकर बैठ गयी। उसने मेरी दोनों घुटनो को पकड़कर अपना मुह मेरी चूत पर लगा दिया। जीभ से वो मेरी चूत को रसमलाई की तरह चाटने लगा।

चूत के अंदर अपनी जीभ को घुसाकर चाटने लगा। मेरी चूत में लगी चुदाई की आग बढ़ती ही जा रही थी। मै उसके बालो को खीच खीच कर “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”, की सिसकारियां निकाल रही थी। उसने मेरी चूत को लगभग 10 मिनट तक चाटा। उसके बाद उसने मेरी चूत पर अपना लगभग 6 इंच का लंड लगाकर रगड़ने लगा। मेरी चूत लोहे की तरह गर्म होकर लाल लाल हो गयी।
मै: निज़ाम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो! फाड़ कर इसकी खुजली को शान्त कर दो
निज़ाम: देखती जाओ जान अब तेरी चूत की खुजली को कैसे मिटाता हूँ. हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम
इतना कहकर उसने मेरी चूत के छेद पर अपना लंड लगाकर जोर का धक्का मार दिया। मेरी चूत में लंड घुसते ही मैं तड़प उठी। मै जोर जोर “……अम्मी…अम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखे निकालने लगीं। उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर धीरे धीरे समाहित हो गया। पूरे लंड से जोर की चुदाई करते हुए भरपूर मजा लेने लगा। उससे ज्यादा मजा तो मेरे को आ रहा था। लगभग महीने भर के बाद मेरी रसीली चूत को चुदने का मजा मिला था। मेरी रसीली चूत आसानी से निज़ाम का पूरा लंड खा रहा थी। उससे पहले भी कई बार उसने बहोत ही मोटा मोटा लंड खा चुकी थी। मेरे को निज़ाम के लंड से कुछ ज्यादा चुदाई के दर्द का एहसास हो रहा था। अचानक से निज़ाम ने मेरी चूत को जोरो से फाड़ना शुरू किया। इस बार मेरी चीखें निकल गयी। मै जोर जोर से सुसुकते “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकालने लगी।

मै बिस्तर को अपने हाथों से मरोड़ रही थी। मेरी घुटनो को पकड़कर वो जोर जोर से अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था। मेरी चूत फटने को हो रही थी। मै अपने हाथों की लंबी लंबी अंगुलियो के लंबे नाखूनों से मसल रही थी। उसने खुद बिस्तर पर लेट कर अपना लंड खम्भे की तरह खड़ा कर दिया। उसके खंभे से लंड पर मैं अपनी चूत रख कर बैठ गयी। उसके लंड की सवारी करके मै खुद ही उछल उछल कर चुदवा रही थी। मेरे को चुदने में बड़ा मजा आ रहा था। मैं तेजी से उछल कर उसके लंड की रगड़ को अपनी चूत में महसूस कर रही थी। मै जोर जोर से “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज को निकाल रही थी।
वो भी अपनी कमर को उठा उठा कर चोद रहा था। मेरी चूत की चुदाई दुगनी स्पीड से हो रही थी। कुछ देर बाद हम दोनों झड़ने की चरम सीमा पर पहुच गए थे। एक साथ हम दोनों ने अपना माल छोड दिया। वो मेरी चूत में ही अपना माल गिरा दिया। मेरी चूत वीर्य से लबा लबा भर चुकी थी। निज़ाम के लंड निकालते ही सारा वीर्य झरने की तरह मेरी चूत से बहने लगा। मेरी चूत से सारा सारा माल उसके लंड पर ही गिर गया। हम दोनों के माल एक ही में मिक्स हो गए। मै उसके लंड पर गिरे सारे माल को चाट कर साफ़ कर दी। उस दिन मेरी चुदाई करने के बाद हमारी मुलाकात सुहागरात वाली रात में हुई। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना..