जयपुर की गर्मी में चुदाई

हेलो फ्रेंड्स

मेरा नाम वरुण है मेरी उमर 27 साल है मैं जाईपुर मैं रहता हू. अभी तक कुवारा हू. मेरे लंड का साइज़ 6.2 है एंड 2 इंच मोटा है. मैं एक एवरेज लुकिंग लड़का हू. ये एक दम सच्ची कहानी है जो कुछ महीनो पहले मेरे साथ घटी है.

बात जून की है मैं अपनी बाइक से ऑफीस से लंच के लिए वापिस आ रहा था की रास्ते में मुझे मेरी कोलीग “दीपिका” मिली मैने उससे पूछा कहाँ जा रही तो उसने बोला की वो जीटी(मॉल) जा रही है, मैने उसको लिफ्ट ऑफर की. आपको बता दू दीपिका के बारे में उसकी उमर लगभग 25 ईयर्स है एक दम गदराया हुआ शरीर भारी चुचिया 36 एंड गॅंड ऐसे की कोई भी दीवाना हो जाए ऑफीस में कई लोग उसकी गॅंड की तारीफ करते है एंड मुझे यकीन है कई लोग उसके नाम लेकर हिलाते भी होंगे..हाहाहा

तो दीपिका मेरी बाइक के पीछे सीट पे बैठ गई हम जीटी की तरफ निकले रास्ते में कई बार मैने ब्रेक लगाए तो उसके बूब्स मेरी पीठ में गड़ जाते थे, वो जानती थी मैं ये जनभुज के कर रहा हू पर उसने कोई रियाक्शन नही दी शायद उसे ये बहुत पसंद आ रहा होगा. फिर जीटी पहुच के मैने उसको पूछा यहाँ क्या काम है तो वो बोली की लंच करने आई है. मैने कहा इतनी धूप में कहाँ करेगी खाना पॅक करा लेना और मेरे रूम पे मेरे साथ खा लेना तो वो मान गई, मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे. खाना पॅक करा के हम मेरे रूम की तरफ निकले रास्ते में मैने कई बार ब्रेक लगाए उसके बूब्स टच करने के लिए. मैने बॅक मिरर में देखा जैसे उसके बूब्स मेरे को टच करते वो हल्की सी स्माइल कर रही थी, शायद उसे ये बहुत पसंद आ रहा होगा.

तो हम रूम पे पोहोचे मैने लॅपटॉप ऑन कर दिया और गाने चला दिया. हमने खाना खाया. फिर मैं बाथरूम गया फ्रेश होने के लिए. अब लड़को का लॅपटॉप हो और उसमे ब्लू फिल्म ना हो ऐसा तो हो नही सकता. मुझे लगा वो नही ढूंदेंगी पर एक फिल्म डाउनलोड में पड़ी थी. उसने वो चला ली और देखने लगी, शायद वो गरम हो गई थी बार बार बूब्स दबने से बाइक पे. मैं खिड़की से खड़ा ये देख रहा था मेरा तो लॅंड तन के सलामी देने लगा, कई दीनो बाद चुदाई का आनंद मिलने वाला था मुझे. मैं रूम में घुसा वो एक दम से हाड़-बड़ा गई और फिल्म बंद करने लगी मैने कहा कोई नही चलता है.

फिर मैने उससे पूछा क्या तुम्हे बीएफ पसंद आई, वो शर्मा के हान बोली मैने कहा जो बीएफ में हो रहा है वो मेरे साथ करना चाहोंगी वो कुछ नही बोली बस मूह नीचे करके मुस्कुराती रही. मेरी हिम्मत बढ़ गई अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था मैने आगे बढ़कर उसके बूब्स पकड़े वो चौंक गई और मैने अपने लिप्स उसके लिप्स से मिला दिए, फिर हम फ्रेंच किस करने लगे हमारी जीभ आपस में लिपट गई, बहुत ही ज़्यादा इनटेन्स किस थी वो, मेरा लॅंड उसकी जाँघो के बीच गड़ा जा रहा था. मेरे से कंट्रोल नही हो रहा था तो मैने तुरंत उसका टॉप और ट्राउज़र निकाल फैंका. फिर मैने अपने कपड़े भी उतार दिए.

उसके तरबूज जैसे भारी बूब्स लटक के मुझे बुला रहे थे कह रहे थे आकर मुझे चूस डालो सारा रस पी जाओ. मैं जैसे सातवे आसमान पे था और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लागा पागलो की तरह उन्हे किस करने लगा, चूसने लगा मैं बहुत ही ज़्यादा वाइल्ड हो गया था. मैने ऐसे करते करते काई बार उसके बूब्स पे थप्पड़ मारे उन्हे काटा निशान बना दिए. वो पूरी मदहोश हो चुकी थी और मेरे लंड को अपने हाथ से रगड़ रही थी.

फिर मैने उसके ब्रा और पैंटी को भी आज़ाद कर दिया. सच बताउ दोस्तो वो बूब्स अभी भी मेरी आँखों के सामने आ रहे है मेरा लंड टाइट हो रहा है खैर स्टोरी पे वापिस आता हू. हम 69 पोज़िशन में आ गये वो मेरा लंड बड़ी ही शिद्दत के साथ चूस रही थी मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था, मैं भी पूरी ईमानदारी रखते हूए उसकी चूत चाट रहा था, अमृत पी रहा था उसके रस का, बहुत ही नमकीन और टेस्टी रस था उसका. और खुशबू ऐसे मादक की इतर भी फैल हो जाए.

ऐसा करीब 20 मिनट करने के बाद हम दोनो एक दूसरे के मूह में झड़ गये, फिर हम दोनो ने फ्रेंच किस की और एक दूसरे का कम टेस्ट किया हमारी जीभ एक दूसरो के मूह में लिपट गई थी और उपर से दोनो के कम मिल कर उसे और गरम कर रहे थे. 10 मिनट किस करने के बाद हम दोनो बिस्तर पे लेट गये नंगे एक दूसरे की बाहों में.

मेरे लॅंड को मगर और कुछ भी चाहिए था, वो फिर से खड़ा होके उसके पेट में घड़ने लगा वो मुस्कुराइ और उसे मूह में ले लिया, लॅंड तन के लोहे की रोड जैसा हो गया था. मैने ज़्यादा टाइम ना वेस्ट करते हुए उसे घोड़ी बनाया और लंड उसकी चुत में उतार दिया, मैने इतनी ज़ोर से लंड डाला की वो चीख पड़ी और आसू निकल गये, उसने मुझे कहा धीरे करो मैं कहीं नही भागे जा रही हू, पर मेरे उपर कोई भूत सवार हो गया था. मैने कहा चुप कर कुतिया और उसके बूब्स को इतनी ज़ोर से दबाए की वो चीखी पर मैं एक ना सुनी और ज़ोर ज़ोर से चोदता रहा बूब्स इतनी ज़ोर से दबाए की उसमे नील पड़ गया.

पर कमरे में हमारी चुदाई की आवाज़ गूँज रही थी, वो ज़ोर से चिल्ला रही थी प्लीज़ धीरे करो.. अयाया… अया …. ऊऊओ ….वरुउुुउउन्न्ञन्… प्लस्ससस्स… प्लस्सस्स… आआआः…. ऊऊ क्ष्स..सस्स्शह ,,,,,मर गई… ये आवाज़ें मुझे और भी पागल और जंगली बना रही थी मैने अपनी स्पीड और बढ़ाई और एक हाथ से उसकी गॅंड को पीटने लगा…. मेरे टटटे उसकी गॅंड पे टकरा रहे थे तो छाप छाप छाप छाप..और उसके मूह की सिसकारिया अयाया अयाया .. ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ … फुक्कककककक.. चोदो…और ज़ोर से और तेज.. आअहह.. फाड़ दो मेरी.. चुत टुकड़े टुकड़े करदो.. वरूंन्ं.. हाआँ… ऊऊओ… आआअहह आआअहह.. आआआआआआआआआआहह…. ऊऊओ. लव ऊवूयुयूवयू… चोदो डालूऊऊऊऊओ.

मैं उसके गॅंड के छेद में उंगली करने लगा वो घबरा गई और तुरंत बोली प्लीज़ गॅंड में नही डालना..मैने कहा चुप कर साली और एक थप्पड़ जड़ दिया.. वो अब कुछ नही कर सकती थी.. मैने उंगली उसके मूह में डाली ताकि वो ढंग से गीली हो जाए… फिर मैने उंगली उसकी गॅंड में उतार दी..वो रो पड़ी कहने लगी नही प्लीज़ मत करो..तभी मैने उसे एक और थप्पड़ मार दिया. वो रोने लगी..उसके रोने से मैं और वाइल्ड हो गया.. उसके चुत के पानी से मेरा लंड अछी तरह से गीला हो चुका था.. अब उसकी गॅंड की बारी थी. मैने एक झटके में उसकी गॅंड की दीवार तोड़ते हुए अंदर डाल दिया.. वो उछाल पड़ी और छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी पर मैने उसे कसके जाकड़ लिया.

थोड़ी देर रुका और फिर झटके चालू अब तो पहले से ज़्यादा तेज चिल्ला रही थी..मैने उसके बाल पकड़ के खींचे और चुदाई चालू की और तेज..वो पूरी तरह से चुदाई के नशे में आ गई थी…और चिल्ला रही थी चूओदाआ….चोद्दाअ…. फ़ाआआद ददाअलो.. अयाया.. ओ ओ ओ ओ ओ ओ … आआआः… प्लस्सस्स.. और तेज.. करो करो करो और करो करो.. गॅंड में चुत से ज़्यादा सुख है.. आहह प्लीज़ क्रूऊऊरो ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ.

करीब 15 मिनट बाद ज़ोर से चुदाई करने के बाद मैने अपना लावा उसकी गॅंड में उतार दिया, लाइफ में पहली बार शायद मेरा इतनी मात्रा में मूठ निकला होगा.. वो बिल्कुल बेहोश सी पड़ी थी बिस्तर पे.. मैने गौर किया गॅंड मारने से उसके खून भी निकल आया था, पर मैने परवाह नही करी. फिर मैने उसकी गॅंड में 2 उंगली डाली और अपना कम निकाल के उसके मूह में डाल दिया. वो मेरी उंगलियों को चूसने लगी.

ऐसे पड़े पड़े हम कब सो गये पता ही नही चला. आँख खुली तो अंधेरा हो चुका था, हमारे ऑफीस से कॉल पे कॉल अरे थे.

फिर मैने उसको उसके घर छोड़ा वो बेचारी चल भी नही पा रही थी पर एक अजीब सा सॅटिस्फॅक्षन था उसके चहरे पे. वो बाइक पे मेरे साथ चिपक के बैठी और मुझे जाकड़ रखा था. मैं समझ गया था ये चुत और गॅंड अपनी फिक्स हो गई है. जब मर्ज़ी मिलेगी अब तो,

पर 1 महीने बाद वो जाईपुर छोड़ के चली गई देल्ही, अब कभी कभी हमारी फ़ोन पे बात होती है.

तो दोस्तों कैसे लगी आपको मेरी ये कहानी प्लीज़ ज़रूर बताना एट [email protected], और जाईपुर से कोई भी लड़की आंटी या भाभी मिलना चाहे तो ज़रुरू कॉंटॅक्ट करे. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके