इंडियन X हिंदी कहानी में पढ़ें कि पुणे जाते वक्त मैंने सड़क के किनारे एक कार और लड़की को खड़े देखा. मैंने रुक कर उसकी मदद करनी चाही. उसके बाद क्या हुआ?
लेखक की पिछली कहानी थी: भाभी के साथ रोमांस भरे सेक्स की कहानी
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आरव है और मेरी उम्र 22 साल है.
आज मैं आपके सामने इंडियन X हिंदी कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं जो एक काल्पनिक पात्रों की कहानी है मगर सच्चाई पर आधारित है.
अपनी जॉब की वजह से मैं मुंबई में अकेला रहता हूं और मेरी फैमिली एक छोटे से शहर में रहती है.
मैं मुम्बई की एक प्राईवेट कंपनी में जॉब करता हूँ.
मुझे मार्च में कंपनी के एक काम से पुणे जाना था.
मैं तीन मार्च को दोपहर के चार बजे अपनी कार लेकर पुणे के लिए निकला.
पुणे से दस किलोमीटर दूर शाम सात बजे के आसपास, रोड के किनारे खड़ी एक कार के पास एक महिला खड़ी थी.
उसने हाथ से मेरी कार को रोकने का इशारा किया.
मैंने उसके करीब आकर अपनी कार साइड में रोक दी और अपनी कार से बाहर निकल आया.
वो महिला उम्र में करीब तीस साल के आसपास की थी और दिखने में काफी खूबसूरत, स्टाइलिश और परफेक्ट फिगर वाली औरत थी.
मैं- जी मेम, क्या हुआ?
महिला- वो मेरी कार बंद हो गई है और मेरा फोन भी स्विच ऑफ़ हो गया है, तो किसी को कॉल भी नहीं कर पा रही हूँ. क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं?
मैं- जी हां, मैं आपकी हेल्प जरूर करूंगा.
महिला- मैं अपने पति को कॉल करना चाहती हूं.
मैं- ठीक है.
मैंने अपना फोन उस महिला को दे दिया और वो महिला अपने पति को फोन करने लगी.
लेकिन उसकी बदकिस्मत के चलते उसके पति का फोन भी नहीं लगा.
मैं- आप किसी और को कॉल कर लो.
महिला- दरअसल मुझे और किसी के नंबर याद नहीं हैं और मोबाइल बंद हो गया है.
ये कह कर वो महिला उदास हो गई.
मैंने उसकी मदद करने का सोच लिया- आप चिंता मत करो, मैं कुछ करता हूँ.
मुंबई में मेरी एक जान-पहचान वाला था, जिसका खुद का गैरेज था.
तो मैंने उस मैकेनिक को कॉल किया और उसको बताया- पुणे से दस किलोमीटर दूर पर एक महिला की कार बंद हो गई है. उसका फोन भी स्विच ऑफ़ है, तो कैसे क्या हो सकता है … प्लीज़ बताओ!
उसने मुझे दस मिनट बाद व्हाट्सैप पर वीडियो कॉल करने के लिए बोला ताकि वो मुझे कार सुधारने के लिए वीडियो कॉल से बता सके.
मैंने ओके कह दिया.
अब मैं उस महिला की तरफ घूमा और उससे बात करने लगा.
मैं- वैसे मेरा नाम आरव है.
महिला- मैं दीप्ति.
कुछ देर बाद मैंने उस मिस्त्री को फोन लगाया तो वो मुझे गाइड करने लगा.
मैं उसके कहे अनुसार कार को चैक करने लगा और कार ठीक करने की कोशिश की.
कुछ देर बाद कार आखिर ठीक हो गई और दीप्ति जी की उदासी खत्म हो गई.
मैंने भी उस मैकेनिक को धन्यवाद कहा.
अब दीप्ति मुझसे बात करने लगी- तुम पुणे में ही रहते हो?
मैं- मैं मुंबई का रहने वाला हूँ और उधर ही जॉब करता हूँ. इधर अपनी कंपनी के किसी काम से पुणे आया हूँ.
कुछ देर यूं ही हम दोनों की बात हुई और दीप्ति के कहने पर हम दोनों ने अपने अपने नंबर बदल लिए.
दीप्ति- मेरी वजह से तुम्हें तकलीफ हुई, उसके लिए सॉरी.
मैं- इसमें क्या तकलीफ, मदद करना मेरा फर्ज है.
दीप्ति- अभी पुणे में कहां रुकने वाले हो?
मैं- होटल में.
दीप्ति- तुमने आज मेरी बहुत मदद की है. अब तुम मुझे अपनी मेहमानी करने का मौका दो. अभी मेरे घर पर चलना, आज का डिनर मेरे घर पर.
मैं- नहीं, आपको तकलीफ लेने की कोई जरूरत नहीं है.
दीप्ति- अब तुम्हें डिनर तो मेरे घर पर ही करना होगा.
फिर हम दोनों अपनी-अपनी कार को चलाते हुए पुणे पहुंच गए.
बहुत बार कहने पर मैं होटल की जगह दीप्ति के घर आ गया.
दीप्ति के पति भी एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं और अभी किसी काम से बंगलोर गए थे.
मैं दीप्ति के पीछे पीछे उसके घर में आ गया.
सच में जितनी दीप्ति स्टाइलिश और हॉट थी, उसका घर भी उतना ही आलीशान था.
मतलब दीप्ति एक हाई-फाई फ्लैट में रहती थी.
दीप्ति ने सबसे पहले मुझे पानी दिया.
मैं सोफे पर बैठकर पानी पीते हुए उससे बात करने लगा.
दीप्ति- तुम फ्रेश हो लो.
मैं- मैं ठीक हूँ.
दीप्ति- तब भी मुँह हाथ धोना चाहो तो बाथरूम उधर है.
उसने मुझे गेस्ट रूम दिखाया और मैं कमरे में अन्दर आ गया.
वो भी अपने कमरे में चली गई.
मैं बाथरूम में फ्रेश होते हुए दीप्ति के बारे में ही सोच रहा था.
कुछ टाइम पहले में दीप्ति को जानता भी नहीं था और अभी उसके घर पर हूँ. थोड़ा अजीब था लेकिन यह सच था.
दीप्ति किसी अप्सरा की तरह खूबसूरत और हॉट थी, ऊपर से मदमस्त जिस्म वाली औरत थी.
उसका पति मानव बहुत लक्की था, जो उसको दीप्ति जैसी मस्त बीवी मिली.
सच में मैं भी ऐसी ही बीवी चाहता था.
मैं नहाकर फ्रेश हो गया और दूसरे कपड़े पहन कर बाहर आ गया.
बाहर आकर मैं लिविंग रूम में जाकर सोफे पर बैठ गया और सबसे पहले मैंने उस होटल में कॉल किया जिधर मेरे रुकने की बुकिंग थी.
मैंने उधर बता दिया कि मैं कल सुबह चैक-इन करूंगा.
फोन करने के बाद मैं अपना फोन चला रहा था.
तभी कुछ मिनट के बाद दीप्ति अपने कमरे में से बाहर आ गई.
उफ्फ … क्या लग रही थी वो … मैं तो उसकी हॉटनैस को देखते ही रह गया.
उसने अभी शर्ट्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी, जिसमें से उसका फिगर और भी अच्छी तरह से निखर रहा था.
दीप्ति का ऐसा अंदाज देखकर मेरे खुद की वासना जाग गई.
लेकिन अभी खुद को कन्ट्रोल करना जरूरी था.
वो स्माइल करती हुई मेरे पास बैठ गई और हमारी बातचीत शुरू हो गई.
दीप्ति- कैसा लगा मेरा फ्लैट?
मैं- बहुत शानदार है.
दीप्ति- तुम्हारे डैड क्या करते हैं?
मैं- वो बैंक में जॉब करते हैं.
दीप्ति- वाओ गुड.
अभी हमारी सामान्य बातचीत हो रही थी, तभी डोरबेल बज उठी.
दीप्ति खड़ी होकर दरवाजा खोलने गई और डिलीवरी बॉय से खाने का आर्डर लेकर गई.
वो डिनर से पहले कुछ एन्जॉय की बात करने लगी.
उसका इशारा ड्रिंक की तरफ था.
मैंने समझा कि ये ही ड्रिंक करेगी तो मैंने सर हिला दिया.
दीप्ति के कहने पर मैं बालकनी में जाकर बैठ गया, जहां से उस इलाके का शानदार नजारा दिख रहा था.
मुझे सिगरेट पीने की आदत है तो मैं सिगेरट सुलगा कर धुंआ उड़ाने लगा.
थोड़ी देर बाद दीप्ति स्कॉच की बोतल और दो ग्लास लेकर आई और मेरे पास बैठ गई.
उसे आया देख कर मैंने सिगेरट बुझाने का उपक्रम किया तो उसने मुझे रोका और मेरे हाथ से सिगरेट लेकर खुद पीने लगी.
उसे अपने होंठों में सिगरेट दबाए हुए गिलास में स्कॉच डालना शुरू किया.
मैं- दीप्ति जी मैं ड्रिंक नहीं करता. सिर्फ बियर लेता हूँ.
दीप्ति- क्या बात कर रहे हो … क्या सच में!
मैं- हां मैं आजतक ड्रिंक नहीं की.
दीप्ति- अब मानव है नहीं यार … तो मुझे अकेले ड्रिंक करने में मजा नहीं आएगा. मेरे पास बियर स्टॉक में नहीं है. यदि तुम मेरी सलाह मानो तो आज इस अच्छे मुहूर्त में ड्रिंक की शुरुआत कर ही दो.
मैंने हंसकर कहा- नहीं, आप अकेले ही ड्रिंक कर लो.
दीप्ति- नहीं, आज तो शुरू कर ही दो प्लीज. मेरी बात मानो और अब मना मत करना.
दीप्ति ने हम दोनों के लिए पैग बना दिए.
फिर उसने मुझे ग्लास थमा दिया.
हम दोनों चियर्स बोल कर पैग लगाने लगे.
शुरुआत में मुझे अजीब सा स्वाद आया, मैंने मुँह सा बनाया.
दीप्ति- कैसा स्वाद लगा?
मैं- एक अजीब सा टेस्ट है.
दीप्ति- फर्स्ट टाइम ऐसा ही लगता है. आदत हो जाएगी तो अच्छा लगने लगेगा. तुम मॉम-डैड के साथ ही रहते हो?
मैं- मैं अकेला रहता हूं और मेरी फैमिली दूसरे शहर में रहती है.
दीप्ति- हम्म … बेचलर लाईफ.
मैं- हां.
दीप्ति- वैसे तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड हैं?
मैं- एक भी नहीं.
दीप्ति- क्या बात है … ड्रिंक्स नहीं करते हो … एक भी गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैं- एक थी … लेकिन दो महीने पहले उससे मेरा बेक्रअप हो गया.
दीप्ति- कोई बात नहीं, जिंदगी में ऐसा चलता रहता है.
मैं- हम्म.
दीप्ति ने दूसरा पैग बनाया.
मेरे ना कहने पर भी उसने मुझे ग्लास भर कर थमा दिया.
दीप्ति- तो अब तुम्हें कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए?
मैं- पहले तो कभी सोचा नहीं था … लेकिन आपको देखकर ऐसा लगता है कि आपकी जैसी कोई मिल जाए, तो मजा आ जाए.
शायद मेरे ऊपर स्कॉच सवार होने लगी थी. मैंने सिगरेट सुलगाई और कश लगाने लगा.
दीप्ति हंस पड़ी और बोली- अच्छा, मैं तुम्हें इतनी ज्यादा पंसद आ गई!
मैंने भी धुंआ उड़ाते हुए झौंक में कहा- हां.
दीप्ति ने अपने दूध मेरी तरफ ताने और बोली- हम्म … तो तुम्हें मुझमें क्या पंसद आया?
मैं- आपकी आवाज.
दीप्ति मायूस होकर बोली- सिर्फ आवाज … बिन्दास बोलो यार!
दीप्ति एक मॉडर्न ख्यालत वाली महिला थी और ऊपर से शराब पीने से मेरी वासना की आग भी बढ़ गई थी.
मैंने खुलकर बात करना शुरू कर दी.
मैं- आपकी आवाज, आपकी खूबसूरती आपका स्टाइलिश लुक और आपकी फिटनेस.
दीप्ति अब हंसी- हम्म … मैं इतनी ज्यादा पंसद आ गई हूँ!
मैं- हां आपकी जैसी कोई मिल जाए तो मैं फट से उससे शादी ही कर लूं.
दीप्ति- मगर मैं तो शादीशुदा हूँ.
मैं- इसलिए तो किसी और की बात कर रहा हूं, वर्ना आपको ही अपनी बीवी बना लेता.
दीप्ति मेरी ओर देखकर सेक्सी अंदाज में स्माईल देने लगी.
और पता नहीं उस वक्त मुझे क्या हो गया. मैं उसे किस करने के मूड में आ गया.
मैं सरक उसके एकदम पास हो गया.
दीप्ति ने भी कुछ नहीं कहा.
अगले ही पल हम दोनों के बीच चूमाचाटी होना शुरू हो गया.
दीप्ति के गुलाबी होंठों को चूमते ही मेरे बदन में कंरट दौड़ पड़ा. मैंने भी अपना होश खो दिया.
कुछ पल बाद जैसे ही हम दोनों ने किस खत्म किया, तब मुझे अहसास हुआ कि मैंने कितना बड़ा कदम उठा लिया था.
दीप्ति एक शादीशुदा औरत थी इसलिए मुझे थोड़ा अजीब लगने लगा था.
मैं- माफ करना दीप्ति जी, मैं कन्ट्रोल नहीं कर पाया.
दीप्ति मुस्कुरा कर बोली- मैं समझ सकती हूँ. वैसे किस अच्छा कर लेते हो.
दीप्ति का ऐसा जवाब सुनकर मुझे उसके अन्दर की सोच पता चल गई थी.
इस समय दोनों तरफ आग लगी हुई थी और शायद आज की रात मुझे दीप्ति जैसी खूबसूरत और नशीले जिस्म वाली औरत के साथ सेक्स करने का मौका मिल सकता था.
वैसे भी मैं सेक्स के लिए पिछले तीन महीने से तड़प रहा था.
मैं- आज मैंने आपकी मदद की, क्या उसका फायदा मिल सकता है?
दीप्ति सेक्सी अंदाज में- उसका फायदा तो किस करके ले चुके हो.
हम दोनों की आंखें साफ-साफ बता रही थीं कि हम दोनों इस समय क्या सोच रहे हैं.
मैंने भी सही मौका देखकर बिना देर किए फिर से दीप्ति के होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उसको चूमने लगा.
दीप्ति भी मेरा साथ देने लगी.
कुछ ही पल में हम दोनों हीरो-हीरोईन की तरह किस करने लगे और मशगूल होकर अपने वज़ूद को भूल बैठे.
हम दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूम रहे थे और मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी थी.
तीन महीने बाद आज इतना अच्छा मौका मिल रहा था, तो मैं किसी भूखे शेर की तरह दीप्ति पर टूट पड़ा था. मेरी जवानी जाग गई थी.
दीप्ति ने भी अपनी रजामंदी जाहिर करके मुझे हरी झंडी दे दी थी. अब मुझे किसी की चिंता नहीं थी.
मैंने जोश में आकर अपना एक हाथ दीप्ति की जांघ पर रख दिया.
मेरी तरह दीप्ति भी उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए वो भी मेरा साथ खुल कर दे रही थी.
जिस तरह से दीप्ति का जिस्म एकदम कसा हुआ था, उसी की तरह मैं भी एकदम फिट बॉडी वाला लड़का हूँ.
मेरा लुक भी आकर्षित करने वाला है, तो मेरे द्वारा की गई मदद … और मेरे लुक की वजह से दीप्ति मेरी ओर आकर्षित हो गई थी.
मेरा हाथ दीप्ति की मस्त जांघ पर था.
मैंने उसे अपनी तरफ खींचा तो दीप्ति मेरी गोद में आ गई.
कुछ टाइम पहले हम दोनों एक-दूसरे को जानते भी नहीं थे और अभी बॉयफ्रेंड- गर्लफ्रेंड की तरह रोमांस कर रहे थे.
हम दोनों गर्म हो चुके थे. अब हम दोनों रुक गए और एक-दूसरे की आंखों में देखने लगे.
दोनों ने स्माइल करके फिर से चूमना शुरू कर दिया.
हम दोनों ने ये सोचा भी नहीं था कि हम इतनी हद तक आगे बढ़ जाएंगे.
मैं इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता था और आज की रात दीप्ति की यादगार रात बनाना चाहता था.
मैं बिना देर किए फिर से उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा.
दीप्ति भी मेरा साथ देने लगी.
मैंने किस करते हुए अपने दोनों हाथ दीप्ति की गांड पर रख दिए.
अब तो मेरा लंड भी तन चुका था.
मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह टाइट हो गया था.
कुछ मिनट ऐसे ही किस करने के बाद दीप्ति ने मुझे रोक दिया.
मुझे ना चाहते हुए भी रुकना पड़ गया.
हम दोनों एक-दूसरे के इरादे जान चुके थे हम जानते थे कि आगे क्या होने वाला है, तो हम दोनों के बीच अब शर्म खत्म हो चुकी थी.
दीप्ति- हमें शायद कमरे में चलना चाहिए.
मैं- जैसा आप चाहो.
दीप्ति मेरे ऊपर से हट गई और उसके खड़े होते ही मैं भी खड़ा हो गया.
मैंने दीप्ति की कमर पर हाथ रख दिया.
दीप्ति मुझे अजीब सी नजर से देखने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं.
अब हम दोनों उसके कमरे की ओर आ गए.
दीप्ति- मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं तुम्हारे इतने करीब आ जाऊंगी.
मैं- हां मैंने भी, लेकिन आज की रात मेरे लिए यादगार और हसीन रात होगी.
दीप्ति मुस्कुराई- अच्छा जी!
फिर जैसे ही हम दोनों कमरे के अन्दर आए, मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया और दीप्ति की अपनी ओर खींच लिया.
दीप्ति अंगड़ाई लेती हुई एक मादक और सेक्सी स्माइल करती हुई मेरी बांहों में समा गई.
हम दोनों फिर किस करने लगे.
इस बार तूफान की तरह दोनों एक-दूसरे के होंठों को चूम रहे थे क्योंकि हम दोनों पूरी तरह उत्तेजित हो चुके थे.
मेरे दोनों हाथ दीप्ति की कातिलाना कमर पर थे.
उसके हाथ मेरे कंधों पर थे और हम दोनों किस करने में मशगूल थे.
हम दोनों की कामवासना काफी बढ़ चुकी थी.
मैंने पहल करके सबसे पहले उसकी टी-शर्ट निकाल दी.
उसकी काले रंग की स्टाइलिश ब्रा में छिपे उसके कातिलाना मम्मों को देखकर मेरा जोश दोगुना हो गया.
जोश में आकर मैंने भी अपनी शर्ट उतार दी.
दीप्ति की सेक्सी नजर मेरे तने हुए पैंट पर पड़ गई.
वो मेरे फूलते हुए लंड को देख कर शर्मा गई; उसके चेहरे पर शर्म की लाली नजर आने लगी थी.
दोस्तो, मैं दीप्ति के साथ सेक्स करने की दिशा में आगे बढ़ने लगा था. उसकी चुत चुदाई का मजा किस तरह से मिला, ये मैं आपको इंडियन X हिंदी कहानी के अगले भाग में लिखूंगा.
आप मुझे मेल करें.