हेलो दोस्तो मेरा नाम अभिनव है. और आज मैं आप सब दोस्तो का अपनी एक दम ब्रांड न्यू कहानी मे तहे दिल से सावगत करता हूँ. ये मेरी दूसरी कहानी है.
मेरी पहली कहानी का आप सब ने मुझे बहोत ज़्यादा अच्छा रिस्पांस दिया. आप सब दोस्तो के कॉमेंट्स और ईमेल्स पढ़ कर मेरा दिल बहोत खुश हो गया. इसलिए आज मैं आप से अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की घंटा शेयर करने जा रहा हूँ.
मुझे पूरी उमीद है जैसे आप सब को मेरी पहली कहानी बहोत अच्छी लगी थी. वैसे ही आज की कहानी भी बहोत अच्छी लगेगी. तो चलिए अब मैं बिना टाइम खराब किए कहानी शुरू करता हूँ.
ये बात आज से 4 साल पहले की है जब मैने अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की थी. दोस्तो मेरी किस्मत तो देखिए मैं अपनी जिंदगी की पहली चूत भी सील बंद ही मारी थी. जिसे मेरे 7 इंच के मोटे लंड ने फाड़ कर रख दिया था.
अपनी पहली चुदाई मे ही मैं चूत के साथ साथ गांड भी मार ली थी. सच मे वो चुदाई मैं कभी भी नही भूल सकता. मेरे घर कुछ ही दूरी पर मेरी मामा जी का घर था. मैं अक्सर उनके घर जाता रहता था.
उनके घर वो 4 मेंबर थे. एक मामा जी और मामी और उनके दो बच्चे. एक तो लड़का था जो आज तक दिल्ली मे रहता है. उसने वहीं शादी करली है और वो वहीं पर जॉब भी करता है. उसके बाद उनकी एक छोटी बेटी है उसका नाम कीर्ति है. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
कीर्ति की उमर ** साल है और अब कुछ ही दीनो मे वो ** की होने वाली है. वो अपनी मम्मी के साथ घर पर ही रहती है. मामा इंडिया के बाहर मे जॉब करते है. और साल मे 2 से 3 बार ही घर मे आते है. मुझे कीर्ति अपने बचपन से ही बहोत पसंद है. उसका रंग गोरा है और उसकी हाइट भी ठीक ठाक है. उसके बूब्स 34 के है मोटे मोटे देखते ही चूसने का दिल करता है.
पर मुझे उसके जिस्म मे सब से ज़्यादा अच्छी चीज़ की उसकी गांड लगती है. उसकीगांड का मैं पहले दिन से ही बहोत दीवाना हू. पर सब से बड़ी दिक्कत ये है की वो बहोत ज़्यादा सीरीयस है. वो किसी से भी फालतू नही बोलती थी. मामी ने उसे +2 तक ही स्कूल से पढ़ने की पर्मिशन दी थी. अब आगे की स्टडी वो घर पर बैठ कर ही करने वाली थी. मैं भी अपनी स्टडी से उन दीनो फ्री था इसलिए मैं उनके घर चला जाता था.
मुझे वाहा जाना अच्छा लगता था क्योकि मेरी मामी के साथ बहोत बनती थी. वो मुझे मार्केट के काम भी बहोत बताती थी. एक दिन की बात है कीर्ति ने मुझे कहा की उसे एक स्मार्ट मोबाइल चाहिए. मैने उसे 4-5 अच्छे अच्छे फोन बताए. तो वो मेरे साथ जा कर एक मोबाइल ले आई. उसी दिन रात को 10 बजे उसका मेसेज आया. और मैने भी उसके मेसेज का रिप्लाइ दे दिया. बस उस दिन से हम दोनो मे बातें शुरू हो गई.
अब हम दोनो का ये रोज का काम हो गया था. वैसे भी सर्दियो के दिन थे इसलिए मैं रात को 10 बजे तक फ्री हो कर रज़ाई मे आ जाता था. उधर से वो भी फ्री हो कर आ जाती थी. फिर हम दोनो फोन पर ही एक दूसरे को ना जाने क्या क्या कहने लग गये थे. हम दोनो रात के 12 या 1 बजे तक बातें करते और फिर सो जाते थे. ऐसे ही अब हम दोनो आपस मे घुलने मिलने लग गये.
हम दोनो अब काफ़ी ओपन बातें करने लग गये. वो मुझसे मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे मे पूछने लग गई. पर अभी तक मेरी कोई भी गर्ल फ्रेंड नही थी. इसलिए मैं सॉफ ही ना कह दिया. कुछ ही दीनो बाद उसने मुझसे पूछा की तुम्हे लड़कियो के जिस्म मे सब से अच्छा क्या लगता है. फिर उसने पूछा की तुम बाकी लड़कियो को छोड़ो ये बताओ मेरे अंदर तुम्हे सब से ज़्यादा अच्छा क्या लगता है.
मैं बोला मैं बता दूँ पर मुझे डर है की कहीं आप मेरी बात का गुसा ना मान जाए. फिर वो बोली कोई बात नही तुम जो मर्ज़ी कहो पर मैं तुम्हारी बात का ज़रा सा भी गुसा नही करूँगी. फिर मैं बहोत हिम्मत करने के बाद उसे कहा की मुझे आप के दोनो चुत्तड़ बहोत अच्छे लगते है. जब चलती हो तो ऐसा लगता है मानो मेरे दिल पर आपके दोनो चुत्तड़ लग रहे हो. सच मे आपकी चाल सच मे बहोत कमाल की है.
फिर उन्होने कहा की अब तुम बड़े हो गये हो. अच्छा ये बताओ तुमने अभी तक किसी से सेक्स किया है या नही. मैने कहा नही किया फिर मैने पूछा की आप ने किया है. तो उन्होने कहा की मुझे अभी तक ऐसा कोई नही मिला जो मुझसे सेक्स करे.
मैने कहा क्या बात कर रहे हो आप भी आप के साथ सेक्स करने के लिए आधी दुनिया तैयार है. अचानक ही वो बोली क्या तुम मेरे साथ करने के लिए तैयार हो. मैने झट से कहा क्या बात कर रहे हो आप भी. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर वो बोली देखो कल मम्मी सुबह ही कही बाहर जा रहे है. अगर तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो तो प्लीज़ कल आ जाना गुड नाइट अब मैं सो रही हूँ. अगले दिन मेरे दिल मे खुशी के लड्डू फुट रहे थे. मैं सुबह उठते ही नहा लिया और अपने दोस्त के पास गया. उसके पास से कॉन्डोम लिए और सीधा फिर मैं कीर्ति के घर गया. उसने दरवाजा खोला वो बहोत ही खूबसूरत लग रही थी.
जैसे की उसने बताया था की वो घर पर अकेली होगी. वो सच मे घर मे अकेली ही थी. फिर हम दोनो बेडरूम मे बैठ गये मैं बहोत ही डर रहा था. फिर वो बोली अब शुरू भी करो यार. मैं बहोत हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ा और उसे बेड पर सीधा लेटा दिया. मैं उसके उप्पर आ गया और उसके उप्पर आ कर उसके होंठो पर अपने होंठ रखा और उसके होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. दोनो होंठो को अच्छे से चूसने के बाद मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए सिर्फ़ पैंटी को छोड़ कर. फिर मैने उसके दोनो गोल गोल दूध जैसे गोरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. कीर्ति कुछ ही देर मे पूरी पागल सी होने लग गई. वो मेरे नीचे मछली की तरह तड़प रही थी. करीब 20 मिनिट तक मैने दोनो बूब्स चूस चूस कर गोरे से लाल कर दिए.
फिर मैं नीचे गया और उसकी पैंटी भी उतार दी. पैंटी के नीचे उसकी गुलाबी चूत थी. जिसे देखते ही लंड पागल हो गया और मेरे मूह मे पानी आ गया. उसके बाद मैने उसकी दोनो टाँगे खोली और मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. क्या चूत थी उसकी चूत मे से थोड़ा थोड़ा पानी बाहर आ रहा था. जिसे मैं अपनी जीब से चाट-चाट कर पी रहा था. उसके बाद उसने अचानक ही मेरे मूह पर अपनी चूत का सारा पानी निकल दिया.
अब कहीं जा कर वो थोड़ी ठंडी हो गई थी. फिर वो बोली यार तूने मुझे आज वो मज़ा दिया जिसके लिए मैं बहोत टाइम से तड़प रही थी. पर आइ एम सॉरी मेरी चूत ने तुम्हरा मूह गंदा कर दिया है. मैने कहा कोई बात नही मेरी जान ये सब प्यार मे चलता है. अब मैने उसे कहा की तुम मेरा लंड चूसो तो वो बोली क्यो नही इसी तरह हिसाब भी बराबर हो जाएगा.
मेरा लंड हाथ मे ले कर जैसे मानो उसको काफ़ी तसल्ली मिली या एक अजीब सी खुशी मिली. क्योकि ये खुशी उसके चेहरे पर सॉफ-सॉफ दिख रही थी. वो पहले तो मेरे लंड के साथ काफ़ी अच्छे से खेलने लग गई और फिर उसने अपने हाथो मे बॉल्स भी ले ली और उससे खेलने लग गई. मुझे उसका ये बचपना काफ़ी अच्छा लग रहा था और ये सब देख कर और ये सब करवा कर मुझे भी काफ़ी मज़ा आ रहा था.
वो पहले तो ऐसे ही देखती रही और फिर धीरे-धीरे खुद ही अपने हाथो से उसे उप्पर नीचे करने लग गई. मुझे भी ये देख कर काफ़ी ज़्यादा मज़ा आ रहा था और मज़े तो मैं उसके नरम नरम होंठो से लंड को उप्पर नीचे करने के भी ले रहा था.
ये सब देख कर मुझसे रहा नही जा रहा था इसलिए मैने उसे लंड को चूसने को कहा. उसने भी बिना कोई देर किए मेरे लंड को मूह मे भर लिया. अरे यार क्या बताऊ की कितना मज़ा आ रहा था जब उसके मूह मे लंड था और वो उप्पर नीचे कर रही थी.
अब मैने उसके फेस को पकड़ लिया और खुद ही लंड को उसके मूह मे अच्छे से उप्पर नीचे कर चोदने लग गया. वो भी मज़े से चुस्वाई जा रही थी और मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था. ऐसे ही कुछ देर करने के बाद मेरे लंड ने जवाब दे दिया और फिर मैने उसके मूह मे ही अपना पानी निकाल दिया.
पानी निकलते ही मेरा लंड ठंडा पड़ गया और मैं आपको बता दूँ की मेरे लंड से इतना पानी निकाला जिसकी वजह से उसका पूरा मूह भर गया. पहले तो मुझे लगा की वो सारा का सारा पानी बाहर निकाल देगी. पर नही मैने सोचा उसके बिल्कुल अपोजिट ही हुआ और उसने मज़े मे सारा पानी पी लिया.
अब मेरा लंड सो चुका था तो मैं भी थोड़ी देर रेस्ट करने के लिए लेट गया और उसे बाहो मे ले कर बाते करने लग गया. अब मैने साथ ही साथ उसके जिस्म को चूसना और चाटना शुरू कर दिया जिससे वो खुद ही गरम होने लग गई.
फिर मैने उसकी चूत पर हाथ रखा तो देखा की वो तो जैसे आग की लपते छोड़ रही है. फिर मैने उसकी चूत पर अपना मूह रख दिया और अपनी जीब बाहर निकाल कर चाटने लग गया. मेरी जीब जैसे ही उसकी चूत पर लगी तो उसके मूह से सिसकियाँ निकल गई और वो तो जैसे तड़पने लग गई.
मैं भी उसे ऐसे ही तड़पाना चाहता था और फिर अपनी जीब से उसकी चूत को चाटने लग गया. पर वो जल्दी ही गरम हो गई और लंड माँगने लग गई. तब मैने भी कोई देर नही करी और लंड पर कॉन्डोम लगा कर लंड को चूत पर सेट कर दिया.
मैने अभी अंदर को धक्का देना ही था वो डर के मारे बोल पड़ी की दर्द होगा तब मैने उससे कहा की इतना भी दर्द नही होगा तो थोड़ा बर्दाश कर लेना. मेरी बात सुन कर वो भी खुश हो गई और फिर मैने उसकी टाँगे खोल दी और लंड को चूत पर रख कर एक ज़ोर का धक्का दिया.
एक धक्का देते ही लंड अंदर चला गया और कीर्ति के मूह से ज़ोर से चीख निकल गई. तब मैं थोड़ी देर रुक गया और फिर उसे आराम मिलने पर फिर से शुरू हो गया. मेरा लंड उसकी चूत मे बिल्कुल टाइट था और मुझे उसकी चूत मारने मे भी बहोत मज़ा आ रहा था. मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चोद रहा था और वो कभी तो दर्द के मारे कभी मज़े मे आहह आहह करने लग जाती थी. मुझे उसकी ये आवाज़े सुन कर और भी ज़्यादा हिम्मत मिल रही थी जिससे मेरी स्पीड और तेज हो गई.
अब मैने उसके बूब्स चूस्ते हुए उसकी चूत को चोदने लग गया जिसमे अब वो भी मेरा साथ देने लग गई थी. वो अब अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ दे रही थी और मैं उसे चोदे जा रहा था.
अब मेरे लंड ने जैसे कोई इशारा किया तो मैं समझ गया की इतनी चुदाई के बाद मेरा लंड अब निकालने को कह रहा है. तो मैने भी बिना कोई देर किए उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया और फिर उधर कीर्ति की चूत भी पानी निकालने को टायर थी.
तो हमने एक साथ ज़ोर लगा कर अपना सारा पानी निकाल दिया और फिर मैं उसके उप्पर से उठ कर साइड मे आ कर लेट गया. मैने उसे बाहो मे भर लिया और एक किस करके उससे बाते करने लग गया.
अब मैने उससे चूत की चुदाई के बारे मे पूछा तो वो बोली की मज़ा तो बहोत ज़्यादा आया. पर मुझे तो लगा की तुम तो बच्चे हो पर तुम तो जानवर निकले.
ये सुन मैं भी बोल पड़ा की अब ये तुम्हारा बच्चा अब तुम्हारी ये मस्त सी गांड भी मरेगा. मेरी बात को सुन कर वो घबरा गई और बोली की मैं ये नही करवाऊंगी क्योकि इसमे तो बहोट ज़्यादा दर्द होगा. पर मैने उससे कहा की ज़्यादा नही होगा तो वो मान गई.
पर हाँ मेरा लंड तो सो रहा था इसलिए मैने उसे पहले लंड को चूस कर खड़े करने को कहा और वो मान गई. उसने लंड को मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया और फिर लंड भी खड़ा हो गया. अब मैने भी बिना कोई देर किए लंड को गांड पर रख कर एक धक्का दिया तो गया नही.
तब मैने क्रीम निकाली और लंड और गांड पर लगाड़ी. और फिर लंड को गांड पर रख कर उसमे ज़ोर से धक्का दे दिया. कीर्ति बहोट ही ज़ोर से चिल्लई पर मैं भी जिद्दी था इसलिए मैने भी बिना कोई परवाह किए अपना पूरा लंड उसकी गांड मे घुसा दिया और उप्पर नीचे करने लग गया.
वो दर्द से चिल्लई जा रही थी पर मैने कोई परवाह नही करी पर बाद मे उसे भी मज़ा आने लग गया और मैं अब ज़ोर ज़ोर से उसकी गांड को चोदने लग गया. करीब 14 मिनिट की गांड चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला हो गया तो मैने उसकी गांड मे ही निकाल दिया और फिर उसके उप्पर से उठ कर साइड मे आ कर लेट गया.
अब जब भी मन होता है हम सेक्स कर ही लेते है. और एक दूसरे की सेक्स की प्यास को चुदाई करके शांत कर लेते है. हम दोनो करीब 2 महीने तक हर रोज सेक्स किया और उसके बाद अब हम दोनो कभी कभी मोका मिलने पर ही सेक्स करते है.
दोस्तो, आप सब को मेरी ये कहानी कैसी लगी प्लीज़ नीचे दिए हुए कॉमेंट्स बॉक्स मे लिख कर ज़रूर बताना. मुझे आप के कॉमेंट्स और ईमेल्स का बेसबरी से इंतज़ार रहेगा,