नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम समीर है. मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले का रहने वाला हूँ. यह रीयल सेक्स कहानी मेरे कॉलेज के दिनों की है. मैं एक नया लेखक हूँ, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. पहला सेक्स ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत अनुभव होता है. मेरा पहला अनुभव जब मैं 21 वर्ष का था.
मेरा कॉलेज काफी अच्छी जगह पर था. खूबसूरत वादियों, पहाड़, नदियां मतलब काफी खूबसूरत और शांत जगह थी. प्रवेश लेने के बाद इंजीनियर बनने के सपने से मैं पहले दिन कॉलेज गया. बहुत सी खूबसूरत लड़कियां मेरे साथ पूरे 4 साल पढ़ने वाली थीं. मेरे ठीक सामने एक खूबसूरत सी लड़की कोई 18-19 साल की रही होगी. मैं सोचने लगा कि इससे दोस्ती की जाए. मैंने उसे हाय बोला, उसने भी प्रतिउत्तर में हाय बोला. अब मैं उससे बात करने में उत्सुक हो गया. उसके बारे में सब कुछ पूछने लगा. उसने बताया कि उसके पिता की किराने की दुकान है.
फिर थोड़ी बहुत बातें हुईं और क्लास खत्म हो गई. अब रोज़ उससे कुछ कुछ बातें होने लगीं. हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए. हम दोनों साथ घूमने लगे. चूंकि हम दोनों के पास कोई गाड़ी नहीं थी, तो कहीं लम्बा जाने की जगह आस पास नदी किनारे रोज़ घूम लिया करते थे.
मेरी ज़िंदगी में वो पहली लड़की थी, जिसके मैं इतने करीब आया था. हर्षा.. जी हां.. हर्षा नाम था उसका, नाम की ही तरह हमेशा खुश रहती थी.
अब मेरी दोस्ती प्यार के परवान चढ़ने लगी.
एक दिन मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर लिया और रात को उसे प्रपोज़ कर दिया. उसका जवाब दिल तोड़ देने वाला था.. उसने कहा कि उसके कोई और बॉयफ्रेंड है.
मेरा दिल टूट सा गया था, मैंने सोचा कि उससे कभी बात नहीं करूँगा. अब मैंने उसे इग्नोर करना शुरू किया.
एक हफ्ते बाद वो मेरे पास आई और रोते हुए बोली कि उसका बॉयफ्रेंड उसकी मौसी का लड़का है.. पर वो मुझसे प्यार करने लगी है.
यह मुझे बात समझ नहीं आई, पर मैं चुप रहा. फिर धीरे धीरे हमारी बातें होने लगीं. अब तो रात रात भर बात होने लगी. हम सेक्स के बारे में भी बातें करने लगे थे. वो बताने लगी कि वो हस्तमैथुन भी करती है.
उसकी ये बातें सुनकर अब मेरे अन्दर का शैतान जागने लगा था.. तो एक दिन मैंने उससे किस देने को कहा.
वो बोली कि अगर उसकी परीक्षा अच्छी गयी तो वो मुझे किस देगी.
अब मुझे इन्तजार सिर्फ परीक्षा खत्म होने का था.
जैसे ही परीक्षा खत्म हुई, हम नदी के तरफ घूमने गए. वहां एक पुलिया है, जिसके नीचे कोई आता जाता नहीं था, मैंने उससे वहां चलने को कहा.
वो मना करने लगी, पर मेरी जिद के आगे उसने घुटने टेक दिए. नीचे जाते ही मैं किस मांगा. उसने ले लेने को कहा. फिर क्या था.. मैंने उसे कस कर पकड़ कर अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए और 15 मिनट तक उसे चूमता रहा.
वो खुद को छुड़ाने की कोशिश करती रही. पर मैं कहां मानने वाला था. फिर उसने अपने आपको मुझसे अलग कर लिया.
पर मैं अब कुछ और ही करने की सोच रहा था. मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी योनि में हाथ डालने लगा. वो पुरजोर कोशिश कर रही थी मुझसे अपने आपको छुड़ाने की … पर कामयाब नहीं हो पाई.
चूंकि उसने लैगीज और टॉप पहना हुआ था तो मुझे हाथ डालने में कोई दिक्कत नहीं हुई. जैसे ही मैं उसकी योनि में अपनी उंगली रखी, वो सिहर गयी. यह मेरा पहला अनुभव था किसी स्त्री की योनि को छूने का… मुझे कुछ चिपचिपा सा द्रव्य उसकी योनि पर महसूस हुआ, मैंने अपना हाथ तुरंत निकाल लिया. वो मौक़ा पाते ही भागते हुए पुलिया के ऊपर चली गयी.
रात को मैंने उसे मैसेज किया. मुझे लगा वो बुरा मान गयी.. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.. और मेरे आगे का रास्ता साफ हो गया.
कुछ ही दिनों बाद बरसात के मौसम में हम फिर नदी के किनारे घूम रहे थे, तभी मैं उससे कहा- हर्षा, मौसम कितना रोमांटिक है ना?
उसने हां कहा.
फिर अचानक से बोली कि मूड भी बन रहा है.
मैं उसकी तरफ देखकर हँसा. फिर हम नदी से लगे जंगल में घुस गए. कुछ अन्दर जाते ही मैंने उसे किस करना शुरू किया. इस बार वो भी साथ दे रही थी. किस करते करते मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा. उसकी चूत काफी गरम थी और गीली भी. मैं उसकी चूत में उंगली कर ही रहा था कि अचानक मुझे अपने लिंग पे कुछ महसूस हुआ. मैंने देखा तो उसका हाथ मेरे लंड पर था. मुझे पहले इतनी उत्तेजना नहीं हुई. पहली बार किसी लड़की ने मेरा लंड छुआ था.
अब मैंने देर ना करते हुए उसे घास में लेटाया, वो मना करने लगी. पर मैं कहां मानने वाला था. पहले उसकी पजामी को उतारा, फिर चड्डी निकाल दी.
उफ्फ्फ.. पहली बार दुनिया की सबसे नशीली चीज़ को देखा. उसकी फूली हुई चूत को देखकर मैं पागल सा हो गया.
मैंने आव देखा न ताव अपना लंड निकाल कर उसकी चूत पर रख दिया. पर हाय रे मेरी किस्मत पहली बार होने की वजह से मुझे लंड को डालने में परेशानी हो रही थी.
फिर उसने मुझे रुकने का इशारा किया और मेरा लंड पकड़ कर अपने हाथों से अपनी चूत पे सैट किया. जैसे ही मैंने धक्का लगाया, वो चीखी. उसे दर्द हो रहा था.
मैंने दो पल रुक कर उसकी तरफ देखा और पूछा, उसने मंजूरी दे दी. मैंने धक्के लगाने शुरू किए … पूरा जंगल उसकी चीख से गूंज रहा था, वो ‘आह उफ्फ उम्म्ह… अहह… हय… याह… हम्म ओह्ह..’ जैसे अजीब सी आवाजें कर रही थी. मैं अपनी पहली चुदाई का मजा ले रहा था.
पर ये क्या … अभी 25-30 धक्के ही लगे थे कि मुझे एक आहट सुनाई दी. हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहने. कुछ लोग जंगल में घूम रहे थे, उन्होंने हमें देख लिया. मैंने उससे पहले मुँह बांधने को कहा. फिर हम जंगल से निकल गए.
उस रात मैं 6-7 बार मुठ मारी. क्या करता पहला सेक्स भी अच्छी तरह से नहीं हुआ. फिर रात को उसका मैसेज आया. वो काफी डरी हुई थी. मेरे समझाने पर वो शांत हुई.
कुछ दिन यूं ही बीत गए. फिर हमारी ट्रेनिंग शुरू हुई. ट्रेनिंग रायपुर के पास होने के कारण मैं घर में रुका और वो रूम लेकर रहने लगी.
कुछ ही दिनों में उसका जन्म दिन था. मैंने सोचा इस बार तो उसकी चूत मारने का मौका मिल ही जाएगा.
एक दिन शनिवार को शाम को उसने फ़ोन कर मुझसे कहा कि उसके रूम में कोई नहीं है. सब अपने अपने घर गए है. और वो अकेली है.
मैंने उसकी मंशा जाननी चाही.
उसने कहा कि अगर मैं चाहूँ तो कल मतलब रविवार को दिन भर उसके साथ उसके रूम में रह सकता हूँ.
मैंने मस्ती की- क्यों?
उसने कहा कि हम मिलकर पढ़ाई करेंगे.
अब आप ही बताओ कि पढ़ाई किसे करनी होगी.
मैंने हामी भर दी.
अगले दिन घर में झूठ बोलकर उसके रूम के लिए निकल पड़ा. जैसे ही उसके रूम के नजदीक पहुंचा, उसे फ़ोन किया. उसने धीरे से अपना दरवाज़ा खोल दिया और मैं चुपके से उसके रूम में पहुँच गया. रूम में पहुँच कर मैं कुछ देर बैठा. फिर उसको चूमने लगा.
वो मुझे हटा कर बोली- पढ़ने बुलाया है.
मैं पीछे हट गया.
फिर वो मेरे खाने के लिए कुछ बनाने लगी, पर मेरा मन कुछ और ही करने को कर रहा था.
खैर.. मैं 8:30 बजे उसके रूम पहुँच गया था और तकरीबन 2 बजे तक हम नार्मल ही रहे. मैंने भी जानबूझ कर कुछ नहीं किया. दो बजे के बाद मैंने फिर उसे किस किया, वो हटाने लगी और बोली कि उसके पीरियड्स चल रहे है.
मुझे लगा वो झूठ बोल रही है.
मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए, पहले पायजामा, फिर कुर्ती, फिर ब्रा और अंत में पैंटी.. कसम से दोस्तो पहली बार किसी जवान लड़की को आंखों के सामने पूरी नंगी देखा था.. जंगल में उसको अधूरी तरह से चोदा तो था, लेकिन उसकी नंगी जवानी के दीदार नहीं किए थे.
मैंने उसे बाहों में भर लिया. कुछ देर बाद उसकी चूत में उंगली डालने की कोशिश की, तो देखा वहां से खून निकल रहा है. अब मुझे लगा कि वाकई में उसके पीरियड्स चल रहे थे.
तभी उसने जिद की कि मैं भी अपने कपड़े उतार दूँ. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपनी टी-शर्ट को एक हाथ से निकाल दिया.
दोस्तो जैसे ही मेरी टी-शर्ट निकली, उसका मुँह खुला का खुला रह गया. वो बोली कि बॉडी अच्छी है.
कसम से ओलम्पिक गोल्ड मैडल वाली फीलिंग आ गई थी.
अब मैंने अपना पैन्ट और अंडरवियर भी निकाल लिया. मेरा लंड वो हाथ में पकड़ कर खेलने लगी. मैं भी जोश में आ गया. मैं उसे अपना लंड मुँह में लेने को कहा. पहले कुछ देर मना करने के बाद वो मान गयी. उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया.
उफ़्फ़फ़ अब तड़पने की बारी मेरी थी. वो जैसे मेरा लंड मुँह में रखकर अन्दर बाहर कर रही थी. कसम से मज़ा आ गया. करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद उसने लार थूक दी. फिर मैं उसे लेटा कर अपना लंड उसकी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था पर पीरियड्स की वजह से लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मैंने सब कुछ ट्राई किया. वैसलीन, सरसों का तेल, रिफाइन तेल, नारियल तेल पर मेरे खड़े लंड पे धोखा हो गया.
फिर मैंने अपनी चुदास को शांत करने के लिए उससे मेरी मुठ मारने को कहा.
उसने बड़ी देर तक लंड चूस चूस कर, हिला हिला कर मेरा वीर्य निकाला. पूरे दिन में 4 बार उसने मेरी मुठ मारी. अगली सुबह मैं अपने घर के लिए सुबह सुबह निकल गया.
उस रात के कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि वो अपने उसी मौसी के लड़के के साथ किसी होटल ने 2 रात रहकर आयी है. ये बात मेरे दिल में लगी और मैं उससे बात करना बंद कर दिया. पर उसका जन्मदिन, जो कि ठीक 2 दिन बाद था. उसके जन्म दिन वाले दिन में उससे मिलने गया. वो नज़रें नहीं मिला पा रही थी.
फिर हमारी ट्रेनिंग खत्म हुई और हम वापस कॉलेज आ गए. कॉलेज आने के बाद मैंने उससे 5 महीने बात तक नहीं की. वो तड़पती थी बात करने को.. माफी भी माँगती थी. पर मैं कहां मानने वाला था.
वो हमेशा बोलती थी कि दो रात जब वो अपने मौसी के बेटे यानि भाई के साथ होटल में रुकी थी तब दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ.. मित्रो, अब आप ही बताओ कौन यकीन करे.
पांच महीने बाद उसने मुझे नदी के पास वाले मंदिर में मिलने बुलाया. न चाहते हुए भी मैं वहां गया.
वो रोने लगी और कहने लगी कि उससे गलती हो गयी. वो वापस आना चाहती थी.
मैंने भी मना नहीं किया. बस उससे इतना कहा कि ये गलती दुबारा नहीं होनी चाहिए.
मुझे पता था कि वो वापस वही गलती करेगी. पर मुझे तो उसकी चूत से मतलब था और धोखे के बाद सिर्फ सेक्स बच जाता है.
मैंने अब मौके तलाशने शुरू कर दिए, जब भी मौका मिलता, मैं उसके 34″ के दूध दबा देता.. उसकी चूत को मसल देता, वो सिहर सी जाती. कॉलेज, जंगल नदी, पुलिया.. मैं कहीं भी शुरू हो जाता था. जितना होता उतना उसे गरम करने की कोशिश करता. पर पूरी तरह से उसे चोदने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
एक दिन एक फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में पूरे क्लास वाले कैंटीन गए थे. मैंने मौका देखकर हर्षा को क्लास में आने को कहा. उसने भी हामी भर दी. हम चुपके से क्लास में आ गए. क्लास में कोई भी नहीं था. मैंने उसे चूमना शुरू किया, वो भी साथ देने लगी.
फिर मैंने उसकी लैगीज उतारने की कोशिश की. वो मना करने लगी, पर अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि वो क्या चाहती है.
मैंने झटके से उसकी पैन्टी उतारी और अपना लंड, जो पूरी तरह से तैयार था उसकी चुत में पेल दिया.
कमाल की बात है दोस्तो, जब प्यार था तो लंड साथ नहीं देता था. इस बार लंड एक बार में उसकी चूत, जिसे उसका मौसेरा भाई फुद्दी कहता था (ये बात उसी ने मुझे बताई) में चीरता हुआ चला गया.
उफ़्फ़फ़.. अजीब सी शांति मिली उस दिन मुझे.. फिर मैं उसे बेंच पर बिठा कर चोदने लगा. वो धीरे धीरे आवाज कर रही थी और मैं पूरे जोश से अपना लंड उसकी चुत में डाल रहा था.
कुछ देर में उसने पानी छोड़ दिया.. पर मेरा अभी बाकी था. मैं फच फच की आवाज़ सुनते हुए और जोश में उसे चोदने लगा. कुछ देर बाद मेरा छूटने वाला था, मैंने लंड बाहर निकाल कर उसके पेट और चूत के ऊपर गिरा दिया.
अब मुझे थोड़ा चैन आया. मैंने उसके दुपट्टे से अपना लंड पोंछा और पैन्ट पहन ली. उसने भी अपने कपड़े सही किये.. ये हमारी पहली चुदाई थी.
अब हमारे लिए चुदाई आम बात थी. हर हफ्ते कॉलेज की छत पर कम से कम 2-3 बार तो चुद ही जाती थी वो. मैंने उसे कई बार घोड़ी बना कर चोदा. एक दो बार उसकी गांड में भी लंड डालने की कोशिश की, एक बार लंड घुस भी गया था. जिससे उसके गांड का छेद फट गया. फिर भी मेरा मन नहीं भरता था.
वो थी ही मस्त माल.
उसको मैंने कॉलेज की छत में तकरीबन 40-50 बार चोदा होगा. कई बार तो मैं उसकी चुत के अन्दर ही अपना वीर्य छोड़ देता था.
फिर कुछ दिन में मेरा कॉलेज खत्म हुआ और मैं घर आ गया. अब उससे बातें होती थीं, पर मिल नहीं पाता था.
मैंने एक कंपनी में जॉब ज्वाइन कर ली. मुझे एक रूम भी मिला. एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसे पूरी एक रात के लिए अपने रूम में आने का ऑफर किया. वो मान गयी.
अब बस मुझे उस दिन का इंतजार था. पूरी रात उसे नंगी करके चोदना ये एक सपना ही था.
वो शाम 6:30 बजे आयी. मैं उसके इन्तजार में तड़प रहा था. मैंने 2 प्लेट पुलाव पैक करवाया ताकि खाना बनाने में टाइम वेस्ट ना हो.
उसे रूम लेकर आने के बाद मैं भूखे भेड़िये की तरह उस पर टूट पड़ा. वो भी शायद 4-5 महीने से चुदी नहीं थी तो वो भी किस करने लगी और मेरे कपड़े निकालने लगी. मैं भी उसे नंगा करने लगा.
फिर मैंने उससे अपना लंड चुसवाया औऱ उसकी चुत, जिसे वो फुद्दी बोलती थी.. को अच्छे से रगड़ा. मैंने अपना टाइट लंड उसके चूत के छेद पर रखकर उसकी चुत को भोसड़े में बदलना शुरू कर दिया. वो चीखती रही, पर अब मैं बेरहम बन चुका था. मैंने उसे चोदना जारी रखा. कई मिनट में मैं पहली बार झड़ा. जबकि इस दौरान वो 2-3 बार झड़ चुकी थी.
फिर हमने खाना खाया, वो एक बार और चुदने को तैयार हो गयी. अब भला मैं उसे कैसे मना करता. मैंने लंड हिलाया और डाल दिया उसकी फुद्दी में.
वो चीख चीख कर मज़े से चुदवा रही थी. फिर मैं उसके अन्दर झड़ गया. उसने अपनी फुद्दी साफ की, मेरा लंड चाट कर साफ किया और हम सो गए.
उसके बाद मैंने उसे एक दिन फिर उसके मौसेरे भाई के साथ पकड़ा और बातें सुना कर हमेशा के लिए छोड़ दिया.