मेरा एक दोस्त था, जिसका नाम रवि था. ये उसका बदला हुआ नाम है. तो रवि और मैं और दो अन्य दोस्त काफी मिलजुल कर रहा करते थे. हम सबको जब भी टाइम मिलता था तो हम सब मिलकर एक साथ पार्टी करते थे. अब आप तो समझ ही गए होंगे कि किस चीज की पार्टी.. और जो नहीं समझा है उन्हें मैं बता दूँ कि जवान लौंडों की सौ में नब्बे टाइम दारू की पार्टी ही होती है.
हम सब दोस्त मिल कर रात को बारह एक बजे तक पार्टी करते थे. हमारी ये पार्टी ज्यादातर रवि के यहां ही होती थी.
मैं अब आपको अपने दोस्त रवि के बारे में बता देता हूं. उसकी उम्र 27 साल है और उसकी शादी उसके ज्यादा उम्र वाली लड़की से हो चुकी है. उसकी वो शादी किसके साथ हुई, वो लिख रहा हूँ.
रवि के एक बड़े भाई भी थे, जो उससे कम से कम 8 साल बड़े थे. उनकी शादी भी हो चुकी थी, लेकिन अभी तक उनको कोई औलाद का सुख नहीं मिला था. इसी कारण वो ज्यादा परेशान रहने लगे थे. ये चिंता इतनी अधिक बढ़ गई कि एक दिन अचानक दिल का दौरा पड़ने से रवि के भाई को मौत हो गई.
इसी कारण रवि के घर वालों ने रवि की शादी उसकी भाभी से कराने की सोची, लेकिन भाभी की उम्र 35 साल की थी, इसलिए रवि ये शादी करने से मना कर रहा था. लेकिन घर वालों के सामने कहां चलती है. सो जबरदस्ती उसकी शादी उसकी भाभी से करा दी गई. इस तरह रवि की शादी हो गई थी.
मैं और रवि आपस में बहुत अच्छे दोस्त हैं इसलिए उसने मुझे ये सब बात बताई.
मैंने कहा- तू घर से भाग जा!
लेकिन उसके भाई की मौत के बाद उसके घर का सारा बोझ और खर्च उसके ऊपर आ गया था इसलिए वो घर वालों को अकेला नहीं छोड़ सकता था. उसने मजबूरी में अपनी भाभी से शादी कर ली. ये शादी इतनी जल्दी हुई कि उन्होंने मंदिर से ही शादी करवा दी. किसी भी मेहमान को भी नहीं बुलाया और न ही किसी दोस्त को.
लेकिन एक दिन उसने सब दोस्त को शादी की पार्टी दी. हम लोग 5 दोस्त थे और उसके छत पर ही पार्टी करने लगे. फिर सब के कहने पर उसने हमारी भाभी मतलब उसकी पत्नी को हम सब से मिलवाया.
दोस्तो, उसकी भाभी/पत्नी इतनी खूबसूरत थी कि लग ही नहीं रही थी कि उसकी उम्र 35 की है. फिर हम सब पार्टी करके वहां से चले गए.
मेरा उसके घर पर आना जाना था, तो रवि की वाइफ मतलब मेरी भाभी से भी मेरी अच्छी दोस्ती हो गई. हम दोनों भाभी देवर में हंसी मजाक भी चालू हो गया. मजाक मजाक में मैं कभी उसके शरीर पर हाथ रख देता तो कभी वो मेरे शरीर पर हाथ रख देती थी.
इस सब में मजा तो बड़ा आता लेकिन मैंने कभी भी भाभी के बारे में गलत नहीं सोचा था.
ऐसा ही चलता रहा, एक दिन रवि की रात को तबियत खराब हो गई तो भाभी ने तुरंत मुझे फ़ोन लगाया. मैं अपनी कार लेकर रवि और भाभी के साथ रवि को डॉक्टर के पास ले गए.
दोस्तो, मैं आपको रवि की वाइफ का नाम तो बताना ही भूल गया, उसका नाम स्वाति था.
रात में रवि का डॉक्टर इलाज कर रहे थे इसलिए मैं और स्वाति हम दोनों बाहर ही कुर्सी पर बैठ गए. देर तक बैठे रहने से स्वाति को जरा नींद सी आ गई और वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि स्वाति मेरे इतना क्यों पास आ रही है. दो दिन में रवि स्वस्थ हो गया और बस ऐसा ही चलता रहा.
फिर एक दिन रवि और मैं उसके घर पर पार्टी कर रहे थे. उस दिन हम दोनों ने इतना पी ली थी कि मैं अपने घर तक नहीं जा पा रहा था.
तो रवि बोला- आज तू मेरे ही घर पर सो जा.
मैं रवि के घर पर ही सो गया. मैं अलग कमरे में सो गया और रवि अपने कमरे में सो गया.
उस दिन रात को 3 बजे के लगभग मुझे लगा कि मेरे साथ चिपका हुआ है और मेरे कपड़े उतार रहा था. मेरी एकदम से नींद खुली तो देखा कि ये स्वाति थी. उसे देख कर मैं चौंक गया और उठ कर उसको मना किया कि ये सब गलत है.
लेकिन मैंने दारू पी हुई थी और इसीलिए मुझमें इतनी ताकत नहीं थी कि मैं उसे रोक पाऊँ. वो मुझ पर अपना शिकंजा कसती ही जा रही थी. कुछ देर बाद मैं पस्त हो गया और स्वाति अपनी मनमानी करने लगी.
उस रात तब तक भाभी मेरे लंड को ही चूस पायी थी कि अचानक उसके पति रवि के आवाज लगाने के कारण वह वहां से चली गई और मैं सो गया.
फिर मैं सुबह उठा और अपने घर आ गया. लेकिन मुझे रात की बात सोच कर अच्छा नहीं लग रहा था.
एक दिन मुझे रवि के घर किसी काम से जाना पड़ा तो स्वाति ने कहा कि वो तो घर पर नहीं है.
मैं जाने लगा लेकिन उसने कहा- आपसे मुझे कुछ बात करनी है तो आप अन्दर आओ.
मैं अन्दर गया लेकिन अब मेरा भी मन स्वाति को चोदने का करने लगा था.. इसलिए मैं भी जल्दी से अन्दर घुस गया.
मैंने पूछा- रवि की मम्मी भी नहीं हैं क्या?
उसने कहा- मम्मी जी बाहर गई हैं.
मतलब घर पर कोई नहीं था.
फिर स्वाति ने मुझे पानी पिलाया और कहा- उस रात के लिए सॉरी.
तो मैंने कहा- अपने उस दिन गलत किया था.
उसने कहा- पता नहीं मेरे मन को क्या हो गया था.
मैंने कहा- ये सब रवि के साथ किया करिये.
उसने कुछ नहीं कहा.
लेकिन मेरा मन तो स्वाति को चोदने लिए कर रहा था तो मैं उसके पास चला गया और उससे बोला कि तुमको कोई प्रॉब्लम है.. मुझे बताओ.. मैं शायद तुम्हारी मदद कर सकूँ.
तब भी वह चुप रही और एकदम से उसने मुझे किस करने चालू कर दिए.
मैंने मना भी किया.
उसने कहा- आपको तो मेरी मदद करनी है ना.
मैं बोला कि ये कैसी मदद हुई?
उसने कहा- आपको मेरी कसम.. मुझे मत रोको.. अभी सिर्फ जैसा मैं कहती हूं वैसा करो.
मैंने कहा कि नहीं.. ये रवि का साथ धोखा होगा.
फिर भी वह नहीं मानी और मुझे किस करने लगी. बस दोस्तो अब तो सारी हदें पार हो चुकी थीं, सो मैंने भी उसका साथा देना शुरू कर दिया.
मैं उसके होंठों पर किस करने लगा. इस वक्त जोश इतना ज्यादा चढ़ गया था कि क्या बताऊं. मैं उसके दूध इतने जम के दबाने लगा कि वो आवाज करने लगी- आह.. दर्द हो रहा है.. आराम से करो..
मैंने कहा- तुझे चुदने का बहुत शौक है ना तो अब सहन कर साली..
हम दोनों ने एक-दूसरे को बांहों में भरकर देर तक चूमाचाटी की, माहौल गरमाने लगा. मैंने भाभी के कपड़े खींचते हुए उतारने शुरू किए, जिस कारण उसकी ब्रा फट गई लेकिन मैं रुका नहीं.. मैं पूरे जोश में था.
फिर स्वाति भाभी बोली- जल्दी से मेरी चुत में अपना लंड डाल कर चोद दो.. नहीं तो रवि आ जाएगा.
मैंने भी देर न करते हुए स्वाति को लेटा दिया और अपना लंड उसकी चुत पर रगड़ कर डालने लगा. लंड उसकी चूत में जा ही नहीं रहा था.
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कहा कि मेरी बहुत टाइम से चुदाई नहीं हुई है. उसकी इस बात से मैं चौंका कि क्या रवि भी इसको नहीं चोदता है. फिर मैंने सोचा कि फिलहाल तो भाभी की नंगी चुत की खाज मिटाने में ही भलाई है.. इसलिए मैंने सोचना बंद किया और उसकी चूत में लंड पेलने की सोचने लगा.
जब लंड नहीं घुसा तो मैंने अपने लंड पर क्रीम लगाई और फिर अपना लंड उसकी चुत में पेल दिया. जैसे ही मेरा लंड अन्दर गया, स्वाति ने इतनी जोर से आवाज की कि मुझे अपना हाथ उसके मुँह पर रखना पड़ा.
थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई तो मैंने जोर जोर से उसकी चुत में लंड पेलना चालू किया. स्वाति को बहुत मजा आ रहा था और वो भी अपनी गांड उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी.
कुछ देर के बाद मैंने अपने दोस्त की बीवी को अपने ऊपर ले लिया और लंड पर बिठा कर उछलने को कहा. अब मेरा पूरा लंड स्वाति की चुत में जा रहा था और स्वाति भाभी मस्ती से अपनी चूचियों को उछालते हुए अपनी चुदास शांत करवा रही थी.
इसी बीच वह दो बार झड़ गई और अब ऊपर चढ़ने का मेरा नम्बर था. कुछ देर धकापेल चुदाई हुई. मैं भी झड़ने को हुआ तो मैंने पूछा कि मेरा आने वाला है.. किधर लोगी?
उसने कहा- मेरे अन्दर ही गिरा दो.
मैं दोस्त की बीवी की चुत में ही झड़ गया और हम दोनों कुछ देर बाद अलग हो कर तैयार हो गए.
भाभी की चुदाई के मजे लूटने के बाद मैं अपने घर आ गया.
उसके बाद से मैंने अपने दोस्त की बीवी को कई बार चोदा है. लेकिन मुझे अब तक ये नहीं मालूम चल सका कि रवि के अलावा वो मुझसे क्यों चुदती है. अब तो मैंने भी उसकी चूत चोदने के अलावा कुछ भी सोचना और पूछना बंद कर दिया. जो भी हो, मुझे भाभी को चोदने में खूब मजा आता है.