हेलो दोस्तो, मेरा नाम सचिन है. और मैं चण्डीगढ़ मे रहता हूँ. मैं एक 19 साल का गोरा और पतला पर काफ़ी सुंदर लड़का हूँ. मेरी फॅमिली मे मेरे पापा, मम्मी और मेरी बड़ी बहन रहती है. मेरी बहन का नाम दीपांजलि है, और उसे सब डीप ही कहते है.
वो मुझे से 4 साल बड़ी है, और वो जॉब करती है. देखने मे वो बहोत क्यूट है. उसकी हाइट 5फ्ट है, और उसका जिस्म बहोत ही ज़्यादा स्लिम है. उसका रंग सावला है, लेकिन फिर भी वो काफ़ी सुंदर है.
तो अब मैं स्टोरी पर आता हूँ.
ये एक रियल स्टोरी है. मेरे दिल मे मेरी बहन के प्रति सेक्स करने की भावना तब शुरू हुई. जब मैं 16 साल का हुआ था, मैने उसे पहली बार ब्रा और पनटी मे देखा था.
उसे क्या मैने पहली बार किसी लड़की को ऐसे रियल मे देखा था. हालाँकि वो किसी बची से कम नही है, वो बहोट चौड़ी दुबली पतली. लेकिन इतनी सेक्सी है, की बस पूछो मत. तब से लेकर मैं उसके नाम मूठ मरता रहता हूँ.
तो अभी कुछ टाइम पहले ही उसकी जॉब लगी, और वो उस मे बिज़ी रहती थी. और मैं भी आज कल बहन को गंदी नज़रो से न्ही देखता था. मैं सब भूल चुका था.
मैं पूरा दिन ग़मे खेलता या पढ़ाई करता था, और 10-15 दिन मे एक बार मूठ भी मार लेता था.
फिर एक दिन काफ़ी बारिश हुई और मम्मी पापा ज़्यादातर गांव मे ही रहते थे. तो शाम को जब बेल बाजी, और मैने डरवजा खोला तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गयइ. बाहर दीदी एक दम गीली खड़ी थी, और उनकी ब्लॅक ब्रा क्लियर त-शर्ट के अंदर सॉफ दिख रही थी.
मैने जेसे तेसे इश्स चीज़ को इग्नोर किया, और फिर दीदी अंदर आ गयइ और सीधे बातरूम चली गयइ. और बातरूम मे जाते ही उन्होने आवाज़ लगाई.
दीदी – सचिन ज़रा टवल दे तो.
मैं – अभी लाया दीदी.
मैने फ्टाफ़ट दीदी को टवल दिया, और उन्होने दरवाज़ा लॉक कर दिया.
फिर 1 मिनिट बाद फ़िर दीदी ने आवाज़ दी.
दीदी – सचिन. ज़रा इधर आ.
मैं दरवाजे के बाहर खड़ा होकर बोला – हा दीदी क्या हुआ?
दीदी – सुन मेरी आल्मिराह मे नीचे वाले खाने से मेरी पिंक कलर की ब्रा होगी, वो पकड़ा ज़रा.
मुझे ये सब काफ़ी काफ़ी अजीब लग रा था. मैने आल्मिराह से ब्रा निकली और दीदी को आवाज़ लगाई.
मैं – दीदी बस ये ही दूं या और भी कुछ?
दीदी – हां मेरा लोवर भी दे दे.
मैं दीदी के कपड़े लेकर उनके दरवाजे के बाहर गया. उन्होने हल्का सा दरवाजा खोला और हाथ बाहर निकाला. मैने उन्हे कपड़े पकड़ाए और मैं हॉल मे बैठ कर फोन यूज़ करने लग गया.
फिर दीदी जब बातरूम से बाहर आई तो फिर से मैं डिसट्रॅक्ट हो गया. उन्होने उपर से सिर्फ़ ब्रा ही पहनी थी, और नीचे से लोवर डाला था. हालाँकि उनके बूब्स छोटे है, लेकिन ज़्यादा छोटे भी न्ही है.
उनके बूब्स बहोट सेक्सी है. उन्हे ऐसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था. जो की मेरे लोवर मे सॉफ टा चल रा था. वो बाल सूखा रही थी, और उनका अचानक ध्यान मेरे लोवर की तरफ गया.
मैने उसे कवर करना चाहा, पर उन्हे वो दिख चुका था. वो हल्की सी स्माइल के साथ पीछे मूड गई, और रूम मे जाकर त-शर्ट डाल के बाहर आई.
उधर मैने जेसे तैसे अपने लंड को शांत किया. फिर रात को हमने खाना खाया और हम सोने चले गये. लेकिन मेरा लंड खड़ा का खड़ा ही था.
मैं बाथरूम मे गया तो देखा वहाँ पर दीदी की ब्लॅक गीली ब्रा लटक रही थी. मैने झट से लोवर और चड्डी उतरी और उस ब्रा की सुगंध लेकर मैं मूठ मरने लग गया.
उस दिन इतना मज़ा आया था, की बस मैं आपको क्या ही बताऊं. कभी उस ब्रा को मैं खा रा था, तो कभी उसे मसल रा था. फिर मैने ब्रा के दोनो कप्स मे अपना कम झाड़ दिया. फिर मैं सोने चला गया.
सुबह उठा तो दीदी ने कहा की अगर कोई कपड़े धोने है तो मशीन मैं डाल दे मैं अभी धो रही हूँ. मैने अपने कपड़े मशीन मे डाल दिए, और मैं टीवी देखने लग गया.
फिर कुछ देर बाद हम खाना खा रहे थे, तो दीदी मुझे देख कर हास रही थी.
मैं – क्या हुआ दीदी, क्यूँ हंस रही हो आप मुझे देख कर.
दीदी – कुछ नही समझ न्ही आ रा मैं गुस्सा करू या तरस खओ?
मैं – क्या मतलब?
दीदी – कुछ नही बस रहने दे.
मैं – अरे ब्ताओ ना यार, अब मुझसे क्या छुपा रही हो?
दीदी – तेरी कितनी गर्ल फ्रेंड र्ही है आज तक?
मैं – पता तो है आपको, एक भी नही पर क्यू.
दीदी – तुझे ज़रूरत है.
मैं – नही तो, सॉफ सॉफ ब्ताइए ना हुआ क्या है?
दीदी – चल छोड़ड़, कुछ नही है.
मैं – अछा ठीक है.
फिर हम दिन भर यहाँ वाहा की बाते करते रहे. शाम को दीदी नहाने जा रही थी, क्यूकी नेक्स्ट 2 दिन फिर से छुट्टी थी.
फिर शाम को मैं बातरूम गया, तो देखा की दीदी ने अपनी पनटी वहीं छोड़ रखी है. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था, मैने दीदी की चड्डी उठाई और उसे चाटने लगा गया.
और उसे सूंघ कर मूठ मार रा था, फिर उसे पहन कर भी मूठ मरने लगा गया. और मैं फिर से उसी मे झाड़ गया. मुझे इतना मज़ा मुट्त् मार कर कभी न्ही आया था, जितना 2 दिन मे ही आ चुका था.
मैने पनटी वही पर टांगी और मैं सो गया. अगले दिन सुबह दीदी मेरे रूम मे आई, और वो थोड़े गुस्से मे बोली.
दीदी – सचिन.
मैं एक दम से घबरा के उठा और मैं बोला.
मैं – क्या हुआ दीदी?
दीदी – पहले तू सीधा बैठ, तुझसे कुछ ज़रूरी बात करनी है.
मैं थोड़ा डरा हुआ भी था, क्यू मैं दीदी से डरता भी था.
मैं – क्या हो गया दीदी?
दीदी – देख भाई ऐसे है, तू मेरे बारे मे क्या सोचता है. अब तू मुझे तू सॉफ सॉफ बता दे.
मैं – क्या मतलब, मैं वो ही सोचता हूँ जो है. मैं आप से कुछ नही छुपाता हूँ. आप ऐसे क्यू पूछ रहे हो.
दीदी ने अपने सिर को पकड़ लिया, और मुझे प्यार से कहने लगी.
दीदी – देख मुझे पता है, की तू कुछ नही छुपाता है. लेकिन जेसा तू सोच रा है ना मेरे बारे मैं वेसा बिल्कुल भी नही हो सकता. तो प्लीज़ कोई गर्ल फ्रेंड बना टाइम से.
मैं – लेकिन हुआ क्या है? आप ऐसी बातें क्यू कर रही हो?
दीदी – तुझे सब पता है, और अगर नही पता तो मम्मी पापा आ कर बता देंगे फिर तुझे समझ आ जाएगा.
मैं घबरा चुका था और फिर मैं बोला.
मैं – दीदी सॉरी, मैं वो नही
दीदी – ह्म्म अब बता, मैं किस बारे मे बात कर रही हूँ.
मैं – वो जो परसो आप की ब्रा मे, और कल आप की पनटी मे सॉरी दीदी.
दीदी – सचिन तू मेरा भाई है और वो भी सागा भाई है. तू वर्जिन है अभी भी?
मैं – हन दीदी सॉरी वो सब पता न्ही केसे हो गया.
दीदी – हुआ न्ही है किया गया है. प्लीज़ ग़लत मत सोचा कर मेरे बारे मे. मैं तेरी बहन हूँ.
मैं – सॉरी दीदी, बस आप पापा मम्मी को मत ब्ताना. प्लीज़ दीदी सॉरी.
दीदी – पहले तू रिलॅक्स हो जा, और आराम से सुन. मैं किसी को न्ही बताऊँगी पर तुझे अपनी थिंकिंग चेंज करनी होगी.
मैं घबराया हुआ तो था लेकिन थोड़ी सी हिम्मत जुटा कर मैं बोला.
मैं – दीदी सॉरी पर मैने आज तक किसी लड़की को न्यूड तो क्या ब्रा और पनटी मे भी न्ही देखा. आप को देख कर मुझसे कंट्रोल न्ही कर पाया सॉरी.
दीदी – अरे यार तो कोई गर्ल फ्रेंड बना ले. उसको न्यूड भी देखयी और सेक्स भी करयीओ. लेकिन मैं तेरी बहन हूँ बहन समझा.
मैं – दीदी मैं किसी को गर्ल फ्रेंड न्ही बनाना चाहता अभी, और किसी रॅंडम लड़की के साथ सेक्स तो बिल्कुल नही.
दीदी – देख मुझे नही पता बस तू अपनी सोच सुधार नही तो मैं मम्मी पापा को बता दूँगी. ये लास्ट चान्स है तेरे लिए.
और दीदी वाहा से उठ कर चली गई. मेरी तो गॅंड एक दम से फटी गई थी.
फिर हमने ब्रेकफास्ट किया, मैं चुप छाप से सिर नीचे कर के ब्रेकफास्ट किया. और दीदी टीवी देखने लग गयइ. मैं वाहा से चुप चाप अपने रूम मे आ गया और दीदी को अवॉइड सा करने लग गया.
फिर उन्होने मुझे लंच के लिए बुलाया, और मैं चुप चाप ही था. मैं उन से नज़ारे भी न्ही मिला पा रा था.
दीदी – यार क्या हो गया है तुझे, परसो तक एक दूं सही था. अचानक केसे मुझे देख कर ऐसी फीलिंग आने लग गयइ तुझे?
मैं सिर झुका के चुप चाप ही था. फिर दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और वो मुझे रूम मे ले गयइ. और वाहा मुझे बिठा कर वो बोली.
दीदी – देख भाई मैं तेरी बड़ी बहन हूँ. मतलब मा जेसी हूँ, हम दोनो ऐसी चीज़े नही कर सकते. सोच अगर किस इको पता चल गया तो क्या सोचेगे.
मैं – दीदी ई आम सॉरी मेरी वजह से आपको इतना टेन्षन हो रही है. लेकिन मैं अपनी फीलिंग कंट्रोल नही कर पा रा हूँ.
दीदी – अफ यार तू गिल्टी मॅट हो. मैं स्मझती हूँ ऐसे हो जाता पर. हम ये नही कर सकते.
मैं – दीदी वो.
दीदी – बोल बोल जो बोलना है बोल दे हेज़िटेट मत कर.
मैं – कर तो सकते है वेसे.
दीदी – पागल है क्या, अगर हम दोनो के अलावा किसी को भी पता चला तो क्या होगा. और कल को अगर मैं.
मैं – किसी को पता नही चलेगा दीदी, हम नॉर्मल रहेगे सब के सामने. और प्रेग्नेंट भी नही होगी आप कसम से.
दीदी – फिर भी हम भाई बहन है सचिन.
मैं – तो क्या हुआ दीदी हम को तो बस एंजाय करना है. और मुझे तो बाहर भी कोई पसंद नही आई. प्लीज़ दीदी मान जाओ ना प्लीज़.
दीदी – यार मुझे कुछ नही समाज आ रा. अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो?
मैं – दीदी मैं दवाई ले आउन्गा टेन्षन मत लो. आप प्लीज़ मान जाओ ना.
दीदी – अछा चल ठीक है, लेकिन ये बात किसी को भी पता नही चलनी चाहिए.
मैं – ओके दीदी.
दीदी ने हल्की से स्माइल दी और मैने उन्हे बेड पर धक्का दे दिया. और मैं उन्हे किस करने लग गया.
मुझे तो एक्सपीरियेन्स नही था, लेकिन दीदी एक दूं टाइट किस दे रही थी. करीब 5 मीं बाद मैं उन से अलग हुआ.
दीदी – अछा तो मेरे भाई, अपनी लाइफ के पहले सेक्स के लिए रेडी है?
मैं – हन दीदी एक दम तैयार हूँ मैं.
दीदी – अछा चल दिखा ज़रा अपना लंड मुझे.
मैं दीदी के मूह से ऐसी चीज़ सुनकर मैं हैरान था. मैं एक दम से पूरा नंगा हो गया.
दीदी – ओह्ह वाह मेरे भाई, इतना बड़ा लंड तो मैं पहली बार देख रही हूँ.
दीदी ने मुझे बेड पर लेटा दिया, और मेरे उपर आ कर लंड को मूह मे ले लिया. अफ पहली बार किसी लड़की ने मेरा लंड मूह मे लिया था. मेरी तो आँखे बंद थी, और मुझे क्या मज़ा आ रा था.
दीदी मेरा लंड एक दूं प्रोफेशनल रंडी की तरह चूस रही थी. वो आधे से ज़्यादा लंड मूह मे अंदर बाहर करने लग गयइ.
मैं तो एक दम बेकाबू हो चुका था. फिर दीदी ने लंड मूह से बाहर निकल दिया.
दीदी – क्यो मेरे भाई, मज़ा आया?
मैं – दीदी मज़ा नही बहोत ज़्यादा मज़ा आया.
दीदी – अछा तू तो तू कह रहा था, की तूने न्यूड लड़की नही देखी रियल मे. ले आज अपने हाथों दे नंगा कर ले मुझे.
मैने फटा फट दीदी की त-शर्ट और लोवर खोल दी. दीदी अब मेरे सामने पिंक ब्रा और ब्लॅक पनटी मे लेती हुई थी.
दीदी – क्या हुआ कर दे नंगा अब.
मैने दीदी की ब्रा खोलनी चाही पर वो खुल नही रही थी.
दीदी – बस यार क्या बहन को चुदाई करेंगा तू, तुझे ब्रा तो खुलती नही.
ये सुन कर मैने गुस्से मे दीदी की ब्रा ही फाड़ दी.
दीदी के छोटे छोटे संतरे जेसे बूब्स ब्लॅक छोटी निपल वाले मेरे सामने थे. मैं पहली बार असली बूब्स देख रा था.
दीदी – आगे बढ़ ये तेरा ही माल है.
मैने उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाया और उनके निपल्स चुस्स रहा था. दीदी भी लकी लकी गरम हो चुकी थी. मैं दीदी की निपल काट रा था, और उनके बूब्स को दबा रहा था.
दीदी – बूब्स ही दबाएगा की पनटी भी खोलेगा. भाई जन्नत का दरवाजा तो वहाँ है.
मैं तो दीदी के मूह से ये सब सुन कर वेसे ही बहोत गरम हो गया था. मैने फटक से दीदी की चड्डी उतार दी. उफ्फ मैं पहली बार कोई छूत देख रहा था, और वो भी अपनी सग़ी बहन की.
उनकी चूत से उपर पायट की तरफ हल्के से बाल थे छोटे छोटे लाइन मे थे. फिर मैने उनकी चूत खोली अफ क्या बतौन दोस्तो, वो बाहर से थोड़ी ब्लॅक थी. पर अंदर से वो एक दम पिंक और गीली थी. तो मै उसे कुत्तों की तरह चाटने लग गया.
दीदी भी आहह आअहह करके लकी लकी सिसकारिया ले रही थी. उनकी चूत से दो पंखुड़िया सी बाहर निलकली हुई थी, और उसे खोलने पर एक पूरे ब्लॅक छोटी सी लाइन भी थी.
मैं – दीदी ये तो वाकई मे जन्नत है.
दीदी – बस मेरे राजा अब नही रहा जाता. अब गुस्सा दे अपना मोटा लंड अपनी बहन की चूत मे और फाड़ दे आज.
मैं ये सब सुन कर कुछ ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया, और मैं लंड को चूत पर रगड़ने लग गया.
दीदी – सुन्न पहले थोड़ा वॅसलीन लंड पर लगा दे.
मैने फटा फट वॅसलीन लगया और लंड चूत पर रखा. दीदी अपनी टांगे फैला के मेरे सामने लेती हुई थी. लेकिन मेरा लंड बार बार फिसल रा था.
दीदी – साले चूतिए, लंड तो ढंग से सेट कर ले.
दीदी ने मेरा लंड अपनी चूत पर सेट किया, और मुझे ज़ोर से धक्का मरने को बोला. मैने भी एक जोरदार धक्का मारा, और लंड आधे से ज़्यादा अंदर घुस्स चुका था.
दीदी की एक दम ज़ोर की चीख निकली और वो रोने लग गयइ. उन के आसू भी निकल रहे थे.
मैं – दीदी क्या हुआ, अब क्या करू?
दीदी – पूरा एक बार मे अंदर डाल और थोड़ी देर हिलिये मत.
मैने वेसा ही किया दीदी अभी भी दर्द मे थी. पर 1 मिनिट बाद उन्होने कहा.
दीदी – आराम आराम से अंदर बाहर कर अब.
मैने आराम आराम से करना शुरू कर दिया, वो क्या फीलिंग थी.
मैं – दीदी अब दर्द तो नही हो रहा है?
दीदी – पहले तो मुझे तू दीदी बोलना बंद कर, अब तू मुझे रंडी बोल. और एक रंडी की तरह चोद, तब मैं बतौंगी तो क्या मज़ा.
मैं – ठीक है मेरी रंडी अभी तेरी चूत फड़ता हूँ.
दीदी – ये हुई ना बहन्चोद वाली बात. अब बना ले आज मुझे अपनी रंडी और फाड़ दे मेरी चूत को.
मैने अपनी स्पीड बढ़ा ली और दीदी भी खूब मज़े ले कर आअहह आअहह कर रही थी. फिर करीब 5 मीं बाद मैं लीक करने वाला था. ओह क्या फीलिंग थी
मैं – दीदी मैं आने वाला हूँ.
दीदी – अंदर ही निकल दे, तू भी क्या याद करेगा और मुझे रानी बुला अब.
मुझे इस टाइम कितना मज़ा आ रहा था, मैं आपको बता नही स्कता. मैने स्पीड एक दूं तेज की और मैं उनकी चूत के अंदर ही अपना माल चोद दिया. अब मैं एक दम ढीला पड़ गया, और वहीं लेट गया.
दीदी – क्यो आया ना मज़ा, लेकिन अभी मेरा पानी नही निकाला.
फिर 5 मिनिट मे मेरा फिर से खड़ा हो चुका था. मैने दीदी की चड्डी से उनकी चूत सॉफ की और फिर से पेलना शुरू कर दिया.
दीदी भी अब तो आआअहह असशह फुउकककककक म्म्म्ममम.
वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया ले रही थी, करीब 5 मिनिट मे बो भी झाड़ गयइ. और मैने उनका नमकीन पानी सब पी लिया. दीदी तो एक दम ढीली पद गई थी, लेकिन मैं कंटिन्यू चोद्त रा.
फिर 10 मीं बाद मे भी झाड़ गया, और दीदी ने इस्स बारी मेरा सारा स्पर्म पी लिया.
इससे आगे की कहानी और भी रोमांचक है. वो मैं आपको बाद मे बतौँगा. [email protected]