दोस्तो, आप सभी को मेरा सादर प्रणाम. मेरा नाम प्रतीक है. मैं विदिशा का रहने वाला हूँ, मेरी हाइट कुछ 6 फुट के आस पास है.
मैं एक अनाथ युवा हूँ. शारीरिक रूप से दिखने में औसत हूँ लेकिन आकर्षक हूँ. पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरे लंड का साइज कुछ बड़ा है.
इस सेक्स कहानी में वैसे तो कई किरदार हैं. लेकिन फिलहाल मैं आपको माया और प्रण का परिचय दे रहा हूँ. माया मेरी धर्म मॉम हैं और वो मुझसे उम्र में 9 साल बड़ी हैं.
प्रण मेरे डैड हैं. वो महीने में बीस दिन अपने व्यापार के काम से बाहर रहते हैं. बाकी प्रियंका मेरी धर्म बहन है.
प्रियंका, मेरे धर्म के मॉम डैड प्रण और माया की एकलौती बेटी है.
एक बड़ी बहन सपना भी है, जो मेरे डैड प्रण और सोनिया से पैदा हुई थी. मतलब सोनिया का मेरे डैड प्रण से तलाक हो गया था और वो मेरे डैड से अलग रहने लगी थी.
पर सोनिया मॉम मुझसे और सपना से मिलने हर पन्द्रह दिन में घर आती हैं.
उन्होंने ही मुझ अनाथ को कूड़े घर से उठा कर अपने घर में आसरा दिया था. मुझे किसी मां में लोक लाज के भय से जन्म देकर घूरे पर डाल दिया था.
सोनिया मॉम ने मुझे उठा लिया था और अपना बेटा समझ कर पाला था.
यह बात गर्मी के मौसम की है. वो 15 मई का दिन था. मैं अपनी मॉम को गुडनाईट बोल कर सोने चला गया.
मेरे बाद बाकी सब भी चले गए.
दूसरे दिन सुबह का वक़्त था.
माया मॉम सबके कमरे में बारी बारी से गईं और सबको उठाने लगीं.
फिर वो मेरे रूम में आईं और मुझे देख कर एकदम से स्तब्ध हो गईं.
जैसे ही उन्होंने देखा कि मेरे पैंट के पास कुछ गुलाबी गुलाबी सा दिख रहा है. ये देख कर वो डर गईं. उनको लगा कि रात को किसी कीड़े या मच्छर ने मुझको काट लिया है.
वो मेरे करीब आईं और ध्यान से देखने लगीं.
उन्हें पता चला कि कि वो गुलाबी गुलाबी जो था, वो उनके बेटे के लंड का सुपारा था.
मेरे लंड का गुलाबी कलर का मोटा सा सुपारा देख कर मॉम के मुँह से पानी आने लगा.
उनकी दबी हुई कामवासना भड़क उठी.
दरअसल बात यह थी कि मेरे डैड प्रण, माया मॉम को रोज नहीं चोद पाते थे. पैसे कमाने के चक्कर में वो महीने में 20 दिन बाहर ही रहते थे. इसलिए मेरी माया मॉम की वासना शांत नहीं हो पाती थी.
माया मॉम का मुँह मेरा मस्त लंड देख कर एकदम से खुला का खुला रह गया.
उनकी सांसें तेज होने लगीं और उनका बदन उनके कंट्रोल से बाहर होने लगा.
उनको पता भी नहीं चला कि कब वो अपनी चूत मसलते हुए मेरे लंड के बेहद करीब आ गईं.
फिर उन्हें अपने बेटे के लंड की खुशबू आई, जो उनको पागल बना दे रही थी.
एक मस्त मीठी सी खुशबू, जिसको सूंघने के बाद माया मॉम की चूत में सनसनी फैल गयी.
उनकी प्यासी चूत में आग लग गयी थी. उनकी चूत से पानी निकलने लगा था.
तभी मैंने अगड़ाई ली और शायद मेरी माया मॉम को इसी का इन्तजार था.
जैसे ही मैंने करवट ली, मेरा लंड पैंट से बाहर आ गया और आधे से अधिक लंड साफ़ दिखने लगा.
माया को अचानक ठंड और गर्मी एक साथ लगने लगी.
यह सब वासना की कसक और लंड की मादक खुशबू के कारण हुआ था.
उसको तो अहसास भी नहीं हुआ था कि वो कब अपनी चूत में उंगली करने लगी थी और उसको जोर जोर से रगड़ने लगी थीं.
अचानक से माया मॉम के जिस्म ने एक हरकत की उसने मेरे लंड को पकड़ लिया.
लंड हाथ में लेते ही मेरी माया मॉम का मुँह अपने आप खुल गया और वो आ करके बस लंड मुँह में लेने ही वाली थीं कि मेरी नींद खुल गयी.
अपना लंड पकड़े जाने से मैं जाग गया था और अपना लंड अपनी मॉम के हाथ में देख कर एकदम से हतप्रभ था.
अपनी मॉम को ऐसे लंड पकड़े हुए देख कर मैं घबरा गया था.
चूंकि सुबह का समय था तो मेरे जवान वय के कारण मेरा लंड भी उत्तेजित था.
जैसे ही मेरी नींद खुली, माया मॉम को भी होश आ गया कि उन्होंने ये क्या किया.
वो शर्म से मारे पूरी लाल हो गईं और हम दोनों चुप्पी साध कर बैठ गए.
अगले कुछ मिनट जब किसी ने कुछ नहीं कहा, तो माहौल में फर्क आया.
उस वक्त तक भी माया मॉम मेरे लंड को हाथ से पकड़े हुई थीं.
उनके चेहरे की मासूमियत मुझे ऐसी लग रही थी कि वो कदाचित एक छोटी ब च्ची हों, जिसको जिद के चलते कोई खिलौना चाहिए मतलब चाहिए ही हो.
मैंने अपने दिमाग को ठंडा रखा और अंजान बनते हुए माया मॉम को ‘गुड मॉर्निंग मॉम …’ करके विश किया.
तभी माया मॉम ने भी ‘गुड मॉर्निंग मेरा प्यारा बेटा …’ बोल कर विश किया.
मैं अपने लंड की तरफ देखा और कहा- मॉम, यह आप क्या कर रही हो?
माया मॉम- बेटा, तुम अब बड़े हो गए हो, आज तुम्हारी लाइफ का उस तरह का सबसे महत्वपूर्ण दिन है, जैसे कि बर्थडे होता है.
मैं- मॉम मैं कुछ समझा नहीं कि आप क्या बोल रही हो?
माया मॉम- बेटा इसको (लंड) देखो और बताओ इसको क्या बोलते हैं?
मैं- इसको पेनिस या डिक बोलते हैं मॉम, पर यह सब आप क्यों पूछ रही हो और आपने इसको पकड़ कर क्यों रखा है?
अपनी मॉम के सामने मैं भोला इसलिए बन रहा था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मॉम की नजर में मैं हरामी बन जाऊं या अपनी मॉम की ममता को खो दूँ.
माया मॉम- इसको हिन्दी में लंड बोलते हैं, एक औरत हो या लड़की, लंड दोनों की एक बड़ी जरूरत होती है, समझे?
मैं- अच्छा, तो आपको इसकी जरूरत है?
माया मॉम- हां बेटा, मुझे इसकी जरूरत तो बहुत ज्यादा है, पर तुम सोनिया दीदी को बता दोगे, तो उनको बुरा लगेगा. आखिर हूँ मैं तो सौतेली मां ही न … तुम्हारे डैड भी बुरा मान जाएंगे.
मैं- मॉम, यदि आपको मेरे लंड की बहुत ज़्यादा जरूरत है, तो आप जैसे बोलोगी, मैं वैसा ही करूंगा. मैं किसी को नहीं बताऊंगा कि आपको मेरे लंड की बहुत जरूरत है.
माया मॉम चहकती हुई बोलीं- पक्का नहीं बोलोगे … मैं जो बोलूँगी, वो करोगे?
मैं- हां मॉम आज आप मांग कर देख लो.
माया मॉम- ठीक है, तुम पहले अपनी पूरी पैंट उतारो.
मैं- जैसा आप बोलें मॉम.
मैंने एक झटके में अपना पैंट उतार दिया.
रात को मैं अंडरवियर पहन कर नहीं सोता हूँ तो मेरा लंड खुली हवा में फनफनाने लगा.
माया मॉम- बाप रे.
मॉम का मुँह खुला का खुला रह गया.
मेरा लंड पूरा खड़ा था. माया मॉम अपने मन में अपने पति के लंड से, बेटे के लंड की तुलना कर रही थीं.
उन्होंने देखा कि उनके पति प्रण के लंड के सुपारे से मेरे लंड का सुपारा चार गुना मोटा है और लंड भी दुगना बड़ा है. लंड की मोटाई भी काफी ज़्यादा है.
माया मॉम- बेटा क्या मैं तुम्हारा लंड मुँह में लेकर चूस सकती हूँ?
मैं- मॉम ,आपकी जो जरूरत हो, आप वैसा कर लीजिए … मैं आपको मना नहीं करूंगा.
इतना बोलते ही मॉम ने झट से अपने मुँह के अन्दर मेरे लंड का सुपारा ले लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगीं.
वो लंड को हल्का हल्का काटने भी लगीं और अपने मुँह के थूक से उसको रसीला करने लगीं. वो बार बार लंड के बाहर चूसतीं और फिर से पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगतीं. वो एक पल के लिए भी लंड नहीं छोड़ रही थीं.
मेरा बदन झनझना रहा था और मस्त होने लगा था.
मैंने कई लड़कियों को चोदा था पर आज मेरी मॉम मेरे लंड को सपर सपर करके चूस रही थीं तो मुझको कुछ ज़्यादा ही अच्छा लग रहा था.
माया मॉम कभी मेरे लंड के सुपारे को चूसतीं तो कभी अन्दर लेकर गले तक लंड को चूसने लगतीं. कभी मेरी मॉम मेरे टट्टे चाट लेतीं, तो कभी उनको मुँह में लेकर चुसकने लगतीं.
मैं खुद भी काफी गर्म हो गया था और मुझे अपने सामने एक चुदासी चूत दिखाई दे रही थी.
मेरी मॉम की सामने से खुलने वाली नाइटी के बटन खुले पड़े थे और मेरी मॉम के मस्त मम्मे मुझे दीवाना बना रहे थे.
मॉम ने अपनी चूत पर पैंटी पहनी हुई थी.
मुझे उनके हिलते हुए मम्मे वासना से उत्तेजित कर रहे थे.
मॉम ने मेरी नजरों का पीछा किया और अपने एक हाथ से मेरे एक हाथ को पकड़ कर अपने मम्मों पर रखवा दिया.
कुछ देर बाद मॉम ने मेरा हाथ लेकर अपने मम्मों से रगड़ कर बोलीं- जोर जोर से दबाओ न मेरे मम्मों को.
एक तरफ माया मॉम अपने बेटे का लंड को मस्ती से चपर चपर करके चूस रही थीं, लंड एकदम टाइट हो गया था और दूसरी तरफ वो मुझसे अपने दूध दबवा रही थीं.
यह सिलसिला कुछ 15 से 20 मिनट तक चला.
मैं माया मॉम को बोला- मॉम, अब रुक जाओ, मुझे सुसु लग रही है, मैं करके आता हूँ. बाद आप में फिर से चूस लेना.
माया मॉम- बेटा, तुम टेंशन मत लो. मैं हूँ ना. तुमको कहीं जाने की जरूरत नहीं है.
ये कह कर माया मॉम और जोर जोर से लंड चूसने लगीं.
वो मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाने भी लगीं.
तभी मैं अकड़ गया और मेरी माया मॉम को अपने मुँह में जैली आती सी महसूस हुई.
वो पहले ही समझ गयी थीं कि मेरे लंड का रस निकलने वाला है; वो लंड को दबा दबा कर चूसने लगीं.
मैं झड़ता गया और मॉम अपने बेटे का लंड चूसती गईं. उन्होंने मेरे लंड की एक बूंद भी नहीं छोड़ी.
खैर … मुझको भी मालूम था कि मेरे लंड से क्या निकलने वाला है, पर मैं अपनी बदमाशी छुपाए रहा था.
लंड साफ़ करके माया मॉम उठ गईं.
फिर उन्होंने चादर से मेरे लंड को अच्छे से साफ़ कर दिया.
माया मॉम- प्रतीक आज तुम्हें कैसा लगा … पसंद आया कि मैंने तुम्हारे लिए ये किया?
मैं- मॉम आप तो कोई अप्सरा हो. मुझे इतना सुकून कभी नहीं मिला.
माया मॉम- अभी तो मेरे पास और भी बहुत कुछ है मेरे प्यारे बेटे के लिए.
मैं- सच … वो कब मिलेगा मॉम?
माया मॉम- जितनी जल्दी तुम नहा कर नाश्ता कर लोगे और मेरा काम खत्म होगा, उतना जल्दी मिलेगा.
मैंने कहा- क्या मैं जान सकता हूँ कि मुझे क्या मिलेगा?
मॉम ने लंड सहलाते हुए कहा- इसे इसके लिए एक घर मिलेगा.
मैंने कहा- क्या वो घर मुझे देखने मिल सकता है?
मॉम मुस्कुरा दीं और बोलीं- हां जरूर दिखा तो दूंगी … पर अभी मिलेगा नहीं.
मैंने कहा- दिखाओ.
मॉम खड़ी हो गईं और उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी. फिर पैंटी नीचे खिसका दी.
मेरे सामने मेरी मॉम की साफ़ चूत नुमाया होने लगी थी.
मेरा लंड गुर्राने लगा.
मॉम हंस दीं और मेरे लंड को मरोड़ कर बोलीं- अभी नहीं … लंच के बाद जब तेरी दोनों बहनें घर से कॉलेज चली जाएंगी, तब तू मुझे चोद लेना.
मैं उठा और मॉम को किस करके तुरंत नहाने चला गया.
दोस्तो आज यहीं तक. देखिए मैं बहुत अच्छा राइटर तो नहीं हूँ, पर कोशिश कर रहा हूँ कि आपको मजा दिन. यदि आपको लगता है कि मैं और अच्छा लिख सकता हूँ, तो आप प्लीज अपनी राय मुझे नीचे दिए गए किसी भी माध्यम से दें. मुझे अच्छा लगेगा.
मैं मॉम के प्यार और ममता को उतनी अच्छी तरह से नहीं जानता हूँ. आप लोग मुझे उस प्यार का अहसास दिला सकें, तो बहुत आभारी रहूंगा.
धन्यवाद.