अब मैं समझ गया कि ज्यादा देर करना बेकार है, इंजन गरम है और अब जल्दी से गियर लगाना चाहिये. फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने लण्ड पर कंडोम चढ़ा लिया. कंडोम लगा कर मैंने उसकी चूत में अपने 7 इंच लम्बे लण्ड का सुपारा टिका दिया और फिर एक धक्का मारा तो वो दर्द से चिल्ला उठी…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम शशिकांत है और मैं जालंधर से हूँ. मेरी उम्र अभी यही कोई 30 साल के करीब है. दोस्तों, मैं अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ. ये मेरी सच्ची कहानी है. इससे पहले मेरे दो कहानी ‘गर्लफ्रेंड की सहेली ने अपनी चूत चुदवाई’ और ‘शादीशुदा दीदी की चूत चुदाई’ प्रकाशित हो चुकी हैं.
इस कहानी को मैं अपनी गर्लफ्रेंड गुलनाज सिंह उर्फ़ निशा की अनुमति के बाद लिख रहा हूँ. अब आपका ज्यादा समय जाया न करते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.
बात साल 2013 की है. उस समय मैं डीएड कर रहा था. दूसरे साल में संपर्क कक्षा के दौरान एक दिन मेरे बेंच पर एक लड़की आकर बैठ गई. क्या सुंदर लग रही थी! वह एक दम कयामत लग रही थी! फिर जब मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम शहबाज निशा बताया.
उसकी उम्र यही कोई 24 साल की थी. वह सांवली सी भूरी आंखों वाली एक नंबर की माल लग रही थी. उस दिन धीरे धीरे हम दोनों में बातें होनी शुरू हुई.
फिर जब मैंने उससे पूछा कि कहाँ से आई हो तो उसने अपने गांव का नाम बताया. उसका गांव जालंधर के पास ही था. उस दिन मैंने उसको क्लास में विषय के बारे में मदद किया. फिर जब छुट्टी हो गयी तो हम लोग अपने – अपने घर चले गये.
इसके बाद करीब एक सप्ताह तक हम दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. फिर संपर्क कक्षा के आखिरी दिन उसने कक्षा में ग्रुप फोटो के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि स्टूडियो वाले से पूछ कर बताउंगा. इतना कह कर मैंने उसका मोबाइल नंबर मांगा तो उसने अपना नंबर दे दिया और फिर हम लोगों के क्लास की छुट्टी हो गई.
फिर घर आने के बाद हमारे बीच मैसेज करने का दौर चला. फिर धीरे – धीरे हम दोनों फोन पर बातें करने लगे. फिर कुछ दिन बाद मैंने निशा को आई लव यू बोल दिया. इस पर उस दिन उसने मना कर किया. लेकिन फिर दूसरे दिन वो मान गई और मुझे भी आई लव यू बोल दिया.
फिर हम दोनों रोज घंटों फोन पर बात करने लगे. हमारे बीच अब नॉनवेज बातें भी होने लगी और मैं उससे सेक्स चैट भी करने लगा. एक दिन बातों ही बातों में वो मुझसे बोली की टाइम मिलेगा तो किसी दिन तुम्हें चूत के मजे दूंगी.
उसके बाद 15 दिन बाद हम लोगों का प्रैक्टिकल का पेपर था. तब हमें फिर से मिलने का मौका मिला. उस दिन मैं प्रैक्टिकल देने से पहले उससे मिला और फिर इसके बाद हम प्रैक्टिकल परीक्षा देने चले गये.
दोस्तों, उस दिन मैंने सुबह ही एक होटल में कमरा बुक करा लिया था और पहले से ही कंडोम का पैकेट लेकर रख लिया था. फिर जब हमारी परीक्षा खत्म हो गई तो मैं और वो साथ निकले. हमारे साथ उसकी एक फ्रेंड प्रभा (बदला हुआ नाम) भी थी.
हम तीनों कालेज से आकर चौक पर रूके और उसके बाद प्रभा अपने घर चली गयी. इसके बाद हम लोग होटल की तरफ गये और होटल में जाकर चेक-इन किया. फिर मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया. जब मैं फ्रेश होकर कर आया तो निशा भी फ्रेश होने चली.
उसके फ्रेश होकर आते ही मैंने उसे पीछे से कस कर पकड़ लिया और किस करने लगा. मैं उसके दूध को भी दबाने लगा था. जिससे वो एक दम जोश में आ गई और जोर – जोर से सिसकारियां लेने लगी.
फिर मैंने उसके सूट को उतारना शुरू कर दिया. कुछ ही सेकेंड में मैंने सूट के साथ उसका पजामा भी निकाल दिया. अब वो केवल ब्रा और पैन्टी में मेरे सामने खड़ी थी.
फिर मैंने भी अपने पूरे कपड़े निकाल दिए और अंडर वियर में आ गया. इसके बाद मैं उसके नंगे बोबे दबाने लगा. तभी निशा बैठ गई और अंदर वियर के ऊपर से ही मेरा खड़ा लंड पकड़ कर अपने मुंह में लिया और हिला – हिला कर चूसने लगी.
अब मैं भी झुक कर उसके दूध को जोर – जोर से दबाने लगा. वह लगातार मेरा लन्ड चूस रही थी साथ ही साथ उसके मुँह से जोर – जोर सिसकारियां भी निकल रही थी.
फिर निशा ने मेरे अंडर वियर को निकाल दिया और लण्ड को पूरा का पूरा मुँह में लेकर गटागट चूसने लगी. उसकी चुसाई मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई तो फिर मैं बोला कि अब मेरा निकलने वाला है तो निशा बोली कि मेरे मुँह में ही निकाल दो, तुम्हारे लण्ड का स्वाद बहुत अच्छा है.
फिर मैंने पूरा का पूरा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया. मेरे माल से उसका पूरा मुँह भर गया था. फिर निशा बाथरूम में गई और वहां से मुँह धोकर आई.
फिर हम दोनों नंगे ही बैठ कर बिरयानी खाने लगे. खाना खाने के बाद मैंने निशा को फिर से पकड़ लिया और पकड़ कर उसे किस करना शुरू कर दिया. अब वो भी मुझे किस करने लगी.
फिर मैं उसके दूध को चूसने लगा. अब एक बार वो फिर से मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और बोली, “अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना यह लन्ड मेरी इस चूत में घुसा और मेरी वासना की आग को ठंडा कर दो.”
अब मैं समझ गया कि ज्यादा देर करना बेकार है, इंजन गरम है और अब जल्दी से गियर लगाना चाहिये. फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने लण्ड पर कंडोम चढ़ा लिया. कंडोम लगा कर मैंने उसकी चूत में अपने 7 इंच लम्बे लण्ड का सुपारा टिका दिया और फिर एक धक्का मारा तो वो दर्द से चिल्ला उठी.
उस धक्के से मेरा आधा लन्ड निशा की बुर में घुस गया लेकिन वह दर्द से छटपटा उठी थी. अब मैंने अपने मुँह से उसके मुँह को बंद किया और फिर से जोर लगाकर एक और धक्का मारा तो निशा के मुंह घुटी सी आवाज निकल पड़ी, “उईई मां, मैं तो मर गयी! जल्दी निकालो बहुत तेज दर्द हो रहा है!”
इस पर मैंने कहा कि अभी कैसे निकालूँ, अभी तो शुरूआत है. फिर मैंने निशा से पुछा कि इससे पहले कितनी बार चुदवाई हो. तब निशा कराहते हुए बोली कि अपने पूर्व बॉयफ्रेंड से कई बार चुदी हूँ, लेकिन तुम इसे जल्दी निकालो ना! यह कह कर वो रोने लगी थी.
लेकिन मैंने लन्ड नहीं निकाला और मेरा धक्के लगाना जारी रखा. फिर कुछ देर बाद वो भी धीरे – धीरे अपनी नाज़ुक कमर को हिलाने लगी थी और मैं उसके दूध को कस – कस के दबा दबा रहा था और साथ ही साथ चूस भी रहा था.
धीरे – धीरे अब उसको भी मजा आने लगा था. निशा हल्के दर्द का मजे लेते हुए बोल रही थी, “बहुत मजा आ रहा है यार, चोद डालो मुझे, मैं अभी भी लण्ड की प्यासी हूँ.” उसकी यह बात सुन कर मैंने अपने चोदने की रफ्तार को और बढ़ा दिया. उसकी एक दम कसी हुई चुत को पेलने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद निशा झड़ गई. अब मेरा भी निकलने वाला था मैं उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ निकालूँ? इस पर निशा बोली, “रूको, मैं कंडोम निकालती हूँ.” इतना कह कर उसने कंडोम निकाल दिया और लन्ड को हिलाने लगी. फिर वो बोली कि इसे मेरे चूत में गिरा दो.
फिर मैंने उसकी चुत में पूरा का पूरा वीर्य गिरा दिया. अब उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका काम रस मिल कर निकलने लगा था. फिर हम दोनों लेटे रहे और मैं उसको किस करता रहा.
उसके बाद बाथरूम में हम दोनों एक साथ नहाने के लिए चले गए. बाथरूम में मैंने उससे कहा कि अब मैं उसकी गांण्ड मारूंगा तो उसने मना कर दिया. लेकिन फिर मेरे जिद करने के बाद वो मान गई और फिर मैंने बाथरूम में ही निशा को पीछे से पकड़ लिया और एक हाथ से उसके दूध को दबाने लगा.
इसके साथ ही मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को टिका दिया और एक जोरदार धक्का मारा, जिससे मेरा थोड़ा सा लन्ड उसकी गांड के अंदर गया. लेकिन वो दर्द से चिल्ला उठी.
अब मैंने उसकी गांड में थूक लगा दिया और फिर से लन्ड पेला तो आधा लण्ड अंदर चला गया लेकिन वो जोर – जोर से रोने लगी. अब मैंने दो – चार धक्के लगाकर अपने लण्ड को बाहर निकाल दिया और फिर हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए और अपने – अपने कपड़े पहन कर होटल से चेकआउट कर लिया.
इसके बाद हमने फिर नज़दीक के माल से शॉपिंग की और फिर अपने – अपने घर आ गए. उस दिन के बाद से मैं निशा को तीन बार चोद चुका हूँ लेकिन बाद में मुझे मौका ही नहीं मिला क्योंकि एग्जाम के कुछ दिन बाद ही उसकी शादी हो गयी.