हेलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं लकनव मे रहता हूँ और मैं डीके का रेग्युलर रीडर हूँ और मुझे इसमे इन्सेस्ट की कहानियाँ पढ़ने मे बहुत मज़ा आता है, वेल आज मैं आपको अपनी लाइफ की रियल स्टोरी सुनाना चाहता हूँ और ये एक दम सच्ची स्टोरी है इस लिए प्लीज़ आप सब इसे अपने साथ भी इमॅजिन कर सकते है, चलिए अब मैं अपनी स्टोरी स्टार्ट करता हूँ, अभी मेरी उमर 28 है पर ये बात तब की है जब मैं 20 साल का था और मैं अपनी फॅमिली यानी की पापा और मॉम के साथ अपनी बुआ जी के घर कानपुर गया था, मेरी बुआ जी की एक ही लड़की (नेहा) है उस समय उसकी उमर 18 साल की थी और हम दोनो की अछी दोस्ती भी थी, एक दिन सब लोग मार्केट गये थे और हम दोनो अकेले ही घर पे रुक गये थे क्योकि बाहर बहुत धूप थी और मम्मी और बुआ जी के साथ मार्केट जाने का हम दोनो का ही मन नही था इसीलिए हम दोनो ने ही मना कर दिया की इतनी धूप मे हम नही जाएँगे.
खैर दोपहर के 12 बजे मम्मी और बुआ जी मार्केट के लिए घर से निकल गये और मैं अपनी कज़िन के साथ घर पे अकेले ही रुक गया, मेरी कज़िन गोरी और स्मार्ट बिल्कुल किसी आक्ट्रेस की तरह दिखती थी और हम दोनो ही घर मे खाली बैठे तो उसने पूछा की भैया चाय पियोगे तो मैने कहा की ठीक है बना लो तो वो चाय बनाने किचन मे चली गयी और मैं रूम मे बैठा हुआ टीवी देख रहा था, मैने तब शॉर्ट्स (नेकार) और टी-शर्ट पहनी हुई थी और मेरी कज़िन ने स्कर्ट पहनी हुई थी और मैं 18 साल की उमर से मूठ मारना शुरू कर चुका था इसी लिए मेरे दिमाग़ मे अपनी कज़िन के साथ कुछ करने का मन होने लगा, पहले तो मैं टीवी पे कोई इंग्लीश मूवी सर्च करने लगा पर डे टाइम मे कोई भी अडल्ट मूवी नही आ रहती थी और उनके केबल टीवी पे फॅशन टीवी भी नही आता था, अब मैं सोचने लगा की क्या करूँ और तभी मैं किचन मे अपनी कज़िन के पास गया और उसके पीछे जा के खड़ा हो गया तो उसने पीछे मूड के देखा और बोली.
नेहा “क्या हुआ भैया?”, मैं “कुछ नही बस अंदर बैठे हुए बोर हो रहा था (और मेरी निगाह स्कर्ट के नीचे उसकी चिकनी चिकिनी नंगी टाँगों पे थी)”, नेहा “भैया आप जाओ मैं चाय ले के अभी आती हूँ”, मैं “ओके ठीक है”, और मैं किचन से चला आया और सोचा की चलो बाथरूम मे जा के एक बार मूठ ही मार लेता हूँ और मैं बाथरूम मे मूठ मारने चला गया, वाहा जा के मैने अपनी कज़िन के नाम की मूठ मारी वाउ उसके नाम की मूठ मारने मे ही इतना मज़ा आया की बस, थोड़ी ही देर मे नेहा चाय ले के रूम मे आ गयी पर मैं तो उस वक्त बाथरूम मे था और जब मैं उसे रूम मे कहीं नज़र नही आया तो उसने आवाज़ लगाई, नेहा “भैया कहाँ हो?”, मैं “आ रहा हूँ अभी (और मैं जल्दी से अपने हांत धो के बाथरूम से बाहर आ गया)”, उसने मुझे बाथरूम से निकलते हुए देखा तो पूछने लगी की भैया आप बाथरूम मे क्या करने गये थे आप तो मॉर्निंग मे नहा भी चुके हो.
तो मैने कहा की मैं हाथ पैर धोने गया था और अब हम दोनो ही बेड पे बैठ के टीवी देख रहे थे और चाय पी रहे थे, मैं चोरी-चोरी उसकी तरफ देख रहा था और मेरी नज़र उसकी चेस्ट पे थी मैं इमॅजिन कर रहा था की इसके दूध कैसे होंगे शायद पिंक कलर के होंगे, फिर मैं उसकी स्कर्ट मे से बाहर निकल ते हुए पैर देख के उसकी चुत को इमॅजिन कर रहा था कैसी होगी इसकी चुत?, मैं ये सोचता ही रहा और हम दोनो की चाय ख़तम हो गयी और फिर मैने उससे कहा की नेहा चलो कुछ खेलते है, तो वो हसणे लगी और बोली “क्या खेलते है हम अब बच्चे थोड़े रह गये है जो खेलेगे”, तो मैने कहा “हम बचपन मे कैसे खेलते थे एक साथ जब मैं यहा आता था या तुम मेरे घर आती थी मुझे आज अचानक उन दीनो की याद आ रही है”, तो वो बोली “हान वो दिन मुझे भी याद आते है”, तो मैं बोला “तो फिर आज बचपन की तरहा कुछ करते है और पुराने दिन याद करते है”, वो बोली “पर भैया!”.
मैं बोला “प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़”, तो वो बोली की “ओके भैया बताओ कॉनसा खेल खेले?”, मैं “चलो चोर पोलीस खेलते है”, नेहा “ओके भैया मैं चोर बनती हूँ और तुम पोलीस”, मैं “ओके ठीक है”, और मैने उससे कहा की तुम कुछ चोरी करो और मैं तुम्हे पकड़ता हूँ तो वो बोली ठीक है और मैं छुप गया, वो किचन मे गयी और कुछ चुराने की आक्टिंग करने लगी और तभी मैं पोलीस वाला बनके उसके पास आया और उसे पकड़ने के लिए दौड़ा और गेम के अकॉरडिंग वो भी मुझसे बचने के लिए वाहा से भागने की कोशिश करने लगी, तो मैने उसे कस के पकड़ लिया और वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी पर मैने उसे कस्स के पकड़ लिया और बोला, मैं “बताओ क्या चुरा रही थी?”, नेहा “कुछ नही मैने कुछ नही चुराया”, मैं “तुम चोर हो पोलीस वालो को सबकी ज़ुबान खुलवाना आता है”, और मैं तलाशी लेने की आक्टिंग करने लगा और उसकी स्कर्ट पे उसकी बॉडी को दबाने लगा.
तो वो मना करती रही की मैने कुछ नही चुराया है, तो मैने उसकी एक बात नही सुनी और उसकी स्कर्ट उतारने की कोशिश करने लगा और नेहा सोच रही थी की ये सब गेम का ही पार्ट है और मैने उसके हाथ कस्स के पकड़े और उसकी स्कर्ट उपर कर के निकालने लगा, नेहा कहती रही की मैने कुछ नही चुराया है पर मैने उसकी स्कर्ट खींच के उतार दी अब वो सिर्फ़ समीज़ और पैंटी मे थी और उसकी नंगी बॉडी मुझे अब सॉफ नज़र आ रही थी, अब नेहा समझ गयी की कुछ तो गड़बड़ है और भैया ने मुझे खेल-खेल मे नंगा क्यो कर दिया और वो कहने लगी भैया ये क्या कर रहे हो, खेल मे ये सब नही होता है तो मैने कहा की ऐसे ही मज़ा आएगा और जब तुम पोलीस बनना तो तुम भी मेरे साथ जो चाहो कर लेना (मेरे उपर तो वैसे भी जुनून चड़ा हुआ था उसे नंगा करने का), फिर मैने उसके हाथ पकड़े और कहा की मैं तुम्हे अरेस्ट करता हूँ और ये कहते हुए मैने उसके हाथ एक कपड़े से बाँध दिए और वो भी इसे एक गेम समझ रही थी.
फिर मैने उसके बाल पकड़ के ज़ोर से खिछा और उसके पैरों को फेला के बोला “बताओ कहाँ छुपा रखा है समान” और ऐसा कहते ही मैने उसकी कच्ची उतार दी और अब वो नीचे से नंगी हो गयी और मुझसे कहने लगी की प्लीज़ भैया मुझे ये गेम नही खेलना पर अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैने कहा “चुप एक तो चोरी करती है और उपर से पोलीस वाले से ज़ुबान लड़ाती है” और मैने उसकी दोनो टांगे फैला के अपना मूह उसकी टाँगों के बीच ले जा के उसकी चुत को देखने लगा, वाउ क्या बुर थी उसकी पिंक पिंक बिल्कुल एक सील चुत की तरहा एक भी बाल नही था उसपे और मैने अपनी उंगली उसमे डाल दी और बोला “इसके अंदर क्या छुपाया है?” और उसकी चुत मे अपनी एक उंगली डालने लगा और अब वो मज़ा लेने लगी पर मुझे दिखाने के लिए रोक भी रही थी, पर मैने तो उसे अब बाँधा हुआ था और मैं ऐसा शो कर रहा था की मैं अब भी गेम ही खेल रहा हूँ और मैं ये भी समज चुका था की वो नाटक कर रही है और उसे पूरा मज़ा आ रहा है.
तो मैने उसकी चुत मे अपनी एक उंगली डाल दी और ज़ोर-ज़ोर से शुरू कर उसकी चुत मे से थोड़ा सा पानी निकालने लगा मैं समझ गया की ये गरम हो रही है, फिर मैं खड़ा हुआ और उससे बोला “चुप चाप बता दो की चोरी का माल कहाँ छुपाया है और मैं बहुत गुस्से वाला पोलीस वाला हूँ” वो कामुक नज़रों से मुझे देखने लगी और बोली की मैने कुछ नही चुराया है, तो मैने कहा की सब चोर यही कहते है और अब मैं उसके पास गया और उसकी समीज़ उतारने की कोशिश करने लगा पर उसके हाथ बँधे थे इस लिए समीज़ पूरी नही उतार पाया, अब मेरी नज़रों के सामने उसके नंगे-नंगे दूध थे बहुत छोटे-छोटे से उसके निप्पल अभी छोटे थे पिंक कलर के और दूध बहुत छोटे से संतरे जीतने बड़े थे, तो मैने उन्हे दबाया और अब मुझसे नही रुका गया और उसके छोटे छोटे निपल्स को पीने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी शायद मेरा उसके निपल्स को पीना उसे भी अछा लग रहा था.
और अब मैं एक हांत से उसके एक निपल्स को नोंच रहा था और दूसरे निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से पी रहा था वाउ क्या टेस्ट था एक अजीब सा ही टेस्ट था दोस्तो वो टेस्ट मुझे आज भी याद है, अब वो मेरे बाल खिच के मुझे अपने निपल्स को चुसवाने लगी और आअहह आह करने लगी, अब मैं इस खेल को चुदाई मे बढ़ाने के लिए तैयार था क्योकि अब मेरी प्यारी बहन की चुत मेरा लॅंड माँग रही थी और मुझे उसकी ये इछा पूरी करनी थी, मैं तभी उससे कहा, मैं “बोलो बेबी लॅंड चाहिए”, वो मेरे मूह से लॅंड सुनके शर्मा गयी और मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया, मैने तुरंत अपना लॅंड बाहर निकाला और उसके हाथ मे थमा दिया और वो बड़ी गोर से मेरे लॅंड को देखने लगी और लॅंड को आगे पीछे करने लगी, मैं ये देख के हैरान था की वो बड़े मज़े से लॅंड को आगे पीछे कर रही थी और तभी मैने उसे उठाया और उससे पूछा की क्या पहले तुमने कभी चुदाई की है और वो मेरी तरफ देख के हसणे लगी.
मैं समझ गया की इसकी रसिया पहले से ही टूट चुकी है, तो मैने बिना देर किए उसे एक टेबल पर झुकाया और उसकी नरम चुत पे अपना खड़ा लॅंड सटाया और एक जोरदार झटका मारा और लॅंड सीधा उसकी चुत मे जड़ दिया और वो आअहह आअहह करने लगी, मुझे भी बड़ा मज़ा आया और मैं उसे पूरी तेज़ी से चोदने लगा और वो आअहह आहह फुउककककक मईए फुउककककक मईए हार्डर करती रही और 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैने उसे कहा की मैं झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कम ऑन माय फेस और वो सीधा अपने घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे लॅंड से निकली गरमा-गरम पिचकारी ने उसके सारे फेस को माल से भर दिया, मैं हैरान था की वो मुझे देख कर हास रही थी बिल्कुल एक पॉर्न स्टार की तरहा और उसने मेरे लॅंड को चाट कर पूरा सॉफ कर दिया और वो चुदाई मैं आज तक नही भुला, तो गर्ल्स कैसी लगी मेरी लाइफ की ये रियल स्टोरी आगे की स्टोरी मैं नेक्स्ट टाइम बतौँगा.
प्लीज़ शेर युवर कॉमेंट्स और मेरी मैल आईडी है “[email protected]” एनी गर्ल और आंटी लकनव से या कानपुर और नियर बाइ एरिया आर मोस्ट वेलकम, वेटिंग फॉर युवर रेस्पॉन्सस टिल देन बाइ. कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कॉमेंट्स मे ज़रूर लिखे, ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सके – डीके