नमस्कार दोस्तो, स्वीट भाभियों और सभी चूतवालियों को मेरे कड़क लंड का सलाम। आशा करता हूँ कि आप सब अपनी अपनी चूत और लंड के साथ सलामत हो और खुश हो।
अब ज्यादा समय नष्ट न करते हुए मैं कहानी पर आना चाहूँगा लेकिन उससे पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहता हूँ।
मैं शौर्य सुथार राजस्थान जोधपुर से हूँ, एक सीधा-साधा, शर्मीला, 6 इंच का लंडधारी लड़का जो हमेशा लड़कियों से दूर तो नहीं पर नजदीक जाने में भी कतराता था जब तक मेरे साथ ये हसीन घटना नहीं हुई।
तो दोस्तो अब आप सब अपना लंड हाथ मे ले लीजिए और सभी चूतवालियों अपनी अपनी चूत में उंगलियां डाल लीजिये क्योंकि यह सत्य कहानी पढ़ने के बाद आपकी चूत एक उंगली से शांत नहीं होने वाली!
उस समय मेरी उम्र महज 19 साल की थी और मैं कोलकाता में रहता था अपने चाचा के साथ! चढ़ती जवानी थी तो मुझे हमेशा चूत की चाहत रहती थी! पर कोई मिलती नहीं थी तो अपना हाथ जगन्नाथ करता रहता था।
मेरे चाचा के घर पर एक बंगाली भाभी काम करने आती थी, कसम से क्या बदन था उसका … उसको देखकर ही मेरी हालत खराब हो जाती थी. उसका नाम गौरी था, अब आपको तो पता ही होगा कि बंगाली आइटम कितने हॉट और रसीले होती हैं. मैं हमेशा से उस गौरी भाभी को काम करते हुए देखता रहता था पर वो हमेशा छोटा समझ कर अनदेखा कर देती।
इस तरह से दो साल निकल गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
तो फिर मैंने उम्मीद ही छोड़ दी थी और मैं भी उसको अनदेखा करने लगा था. कुछ दिन ऐसे ही निकल गए और कोई बात नहीं हुई.
फिर एक दिन मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मैं काम पर नहीं गया. जब सुबह वो आई तो मैं नाईट ड्रेस में सोया हुआ था और सुबह सुबह पेशाब नहीं करने की वजह से मेरा लंड तना हुआ था। पता नहीं उसने देखा होगा या नहीं … पर उस दिन के बाद वो मेरे नजदीक रहने लगी, मुझसे बात करने लगी थी और मेरी हर बात का ख्याल रखने लगी थी।
फिर एक दिन कुछ काम से मेरे चाचा को राजस्थान गांव में जाना पड़ा, तो घर में मैं अकेला ही था क्योंकि चाचीजी ओर उनके बच्चे गांव में ही रहते थे. जब शाम को गौरी आई तो मैं भी घर में काम से लौट आया था. मैं थका हुआ था तो सो गया बिना कुछ खाये पिये!
क्योंकि घर की एक चाबी हमेशा उसके पास रहती थी तो वो उस चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर आ गई और अपना काम करने लगी।
सारा काम खत्म करके उसने खाना खाने के लिए मुझे आवाज दी तो मैं सोने का नाटक करने लगा. जब उसको लगा कि मैं नींद में हूँ तो वो मेरे बाजू में बैठ गयी और मुझे देखने लगी. जब मैं फिर भी नहीं उठा तो वो मेरे ऊपर ही मेरी छाती पर लेट गई और मेरे लंड को सहलाने लगी.
मेरा लंड तो उसके छूते ही खड़ा हो गया, मेरे लंड को पहली बार किसी औरत का छुअन ज्यादा समय तक सहन नहीं हुआ और मेरा स्खलन हो गया और पैंट में से गीला सा दिखने लगा, फिर मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाया और मैंने उसे कस कर अपनी बांहों में जकड़ लिया, वो हड़बड़ाकर दूर हो गयी।
फिर उसने मुझसे 10-15 दिन तक कोई बात नहीं की और ऐसे ही चलता रहा. और तब तक चाचा वापस आ गए और चाची और उनकी फैमिली भी साथ में आ गए.
अब मैं गौरी को हमेशा देखता रहता था और अकेले मिलने का मौका ढूंढता रहता था। मेरी हरकतों को चाची ने समझ लिया और अब वो मेरे ऊपर और गौरी पर नजर रखने लगी. मेरी चाची गांव की देसी गोरी थी, गेहुंआ रंग … कसम से भगवान ने उनको बहुत फुरसत से बनाया होगा। मैं उनकी शादी से ही उनको चोदने की चाहत रखता था, उनके चक्कर में मुझे गौरी से बात करने का मौका नहीं मिला.
फिर एक दिन मैं बाथरूम में नहा रहा था तो चाची की पैंटी वहाँ पर रखी हुई थी, मैं उसको हाथ में लेकर सूंघने लगा और चाची की चूत को याद करके मुठ मारने लगा, मैं जोश में ज्यादा ही जोर से चिल्लाया ओर चाची का नाम लेने लगा।
चाची ने सुन लिया और पूछा- शौर्य, क्या कर रहा है अंदर?
तो मैं हड़बड़ा गया और चाची की पैंटी को वहीं पे फेंक दिया।
खैर चाची की बात बाद में करेंगे … फिलहाल गौरी की कहानी निरंतर करता हूँ.
फिर एक दिन चाचा चाची को कोलकाता घुमाने के लिए अपने साथ लेकर गए और बच्चों को भी साथ में ले लिया. जब मैं काम से वापिस आया तो घर में गौरी काम कर रही थी. मैंने सोचा ‘बेटा आज मौका है चौका मार दे … नहीं तो अपना लंड हाथ से हिलाते रहना उसे कभी चुत नसीब नहीं होगी।’
यह सोचकर मैं रसोई में गया और उसको पीछे से पकड़ लिया और गले पर चुम्बन करने लगा. उसने कुछ देर विरोध किया पर बाद में उसका विरोध काम हो गया पर वो मेरा साथ नहीं दे रही थी।
तो मैंने सोचा जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए … नहीं तो इसकी चूत कभी नहीं मिलेगी. मैंने उसको छोड़ दिया और कमरे में जाकर टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद गौरी आई और मेरे पास आकर बैठकर रोने लगी.
मैंने उसको कहा- अगर मेरी हरकत का तुमको बुरा लगा तो मुझे माफ़ कर दो. और चाचा चाची को मत बताना!
तो वो मेरे गले लगकर रोने लगी और बोली- ऐसी बात नहीं है, मैं भी वही चाहती हूँ जो तुम चाहते हो, मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाता है.
और उसने बताया कि मेरा पति हमेशा शराब पीकर आता है और सो जाता है मुझे हाथ भी नहीं लगाता है और कभी करता भी है तो दो चार झटके लगाकर अपना काम करके सो जाता है।
उसने यह भी बताया कि वो मुझे शुरू से ही पसंद करती है पर बता नहीं पाई.
और उसने बोला कि जब मैं उसको घूरता था तब वो देखती थी नजर चुराकर … पर कभी बोल नहीं पाई।
तो मेरे से अब कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने जल्दी में उसे अपने पास खींच लिया और उसको अपने नीचे लिटा लिया, मैंने उसको किस करना चालू किया और कुछ देर में वो भी मेरा साथ देने लगी. कसम से … क्या रसीले होंठ थे उसके … मजा आ गया.
फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा और कुछ देर बाद मेरा हाथ उसकी पावरोटी जैसी फूली हुई चूत तक पहुंच गया. जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ, वो एकदम से सिहर गयी और आह… ऊह… सिसकारियां भरने लगी. फिर मैंने उसका ब्लाउज साड़ी ओर पेटीकोट निकाल दिया.
सच में उसका 34-29-33 का फिगर रोशनी में ब्रा और पेंटी में गौरी क्या माल लग रही थी.
फिर मैं उसको चाटने लगा हर जगह पर … पूरे शरीर पर किस करने लगा. फिर हम लोग 69 की पोजीशन में आ गए, वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा. कुछ देर में वो अकड़ी ओर उसका माल मेरे मुंह में निकल गया. मुझे अजीब लगा पर जोश जोश में मैं निगल गया और थोड़ी देर में मेरा भी हो गया और मेरा रस उसने निगल लिया.
इस बीच हमारी कोई बात नहीं हुई.
फिर उसने मेरे सामने देखा और बोली- आमाके भरपूर मोजा आसछे! मतलब मुझे बहुत मजा आया।
गौरी फिर से मेरे लंड को चाटने लगी और मेरा लंड एक बार फिर से कामवासना की जंग लड़ने के लिए तैयार हो गया. फिर उसने मुझे अपने ऊपर लिया और बोली- भितोर ठेलो (मतलब अन्दर डालो)
मैंने गौरी की चूत पर लंड का निशाना लगाकर धक्का लगाया तो फिसल गया और साइड में चला गया. फिर उसने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पे लगाया और बोली- अब धक्का लगाओ!
मैंने जोर लगाया तो मेरे लंड का सुपारा अंदर चला गया, मुझे ऐसे लगा जैसे मैं कोई जन्नत की सैर कर रहा हूँ.
फिर मैं धक्के लगाने लगा और वो भी अपनी गांड उठाकर साथ देने लगी. फिर लगभग 20 मिनट बाद मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ गयी और वो अपनी गांड और जोर से हिलाने लगी और उसकी सिसकारियों की आवाज तेज हो गयी, वो चिल्लाने लगी- ओह … आह … ऊह जानू … आमी आस्छि!
और उसने मुझे जोर से जकड़ लिया अपनी बांहों में, उसकी चूत के रस की गर्मी में सहन नहीं कर पाया और मैं भी उसकी चूत के अंदर झड़ गया।
फिर हम लोग ऐसे ही चिपक के थोड़ी देर लेटे रहे, मुझे झपकी लग गयी, फिर उसने मुझे जगाया और अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया. उस सारे समय हम दोनों नंगे ही रहे थे. खाना खाने के बाद हमने एक बार और चुदाई की और तब वो बोली- बहुत मजा आया, इतना मजा मुझे मेरे पति के साथ भी नहीं आया।
फिर हम लोग साथ में नहाने गए, उसने मेरे शरीर पे साबुन लगाया और नहलाने लगी. मैंने भी उसके शरीर पे साबुन लगाना चालू किया और फिर वो मेरा लंड चूसने लगी और बोली- एक बार और करते हैं.
और मुझे तो बस यही चाहिए था … मैं वहीं पर पानी से उसके शरीर से साबुन उतारकर लगा उसकी चूत चाटने … और फिर उसकी सिसकारियां चालू हो गयी.
हम लोग अपनी मस्ती में सब भूल गए और हमें समय का कोई अंदाज नहीं रहा और चाचा चाची बच्चों के साथ वापस आ गए. चाची शायद पहले आई थी और चाचा और बच्चे पीछे थे.
चाची आई और डोर बेल बजाई. पर हम लोग तो चुदाई करने में मस्त थे तो किसको डोर बेल की आवाज सुनाई देती!
तब चाची ने अपनी चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आ गयी. अंदर आकर वो रसोई में पानी पीने जा रही थी कि रास्ते में ही बाथरूम से सिसकारियों की आवाज सुनकर रुक गयी और बाथरूम के पास आकर जोर से दरवाजा बजाया.
हम लोग मस्ती में दरवाजा लॉक करना भूल गए थे और चाची के दरवाजा बजाने से दरवाजा एकदम से खुल गया और उन्होंने हम दोनों को चुदाई करते देख लिया. उस समय हम डॉगी स्टाइल में चुदाई कर रहे थे तो चाची को मेरा लंड पूरा का पूरा दिखाई दे गया.
वो जोर से चिल्लाई और मुझे जोर से थप्पड़ मारा और बोली- यह क्या हरकत है? मैं तेरे चाचा को सब बता दूंगी और तुझे गांव भेज दूंगी. और इस रंडी को नौकरी से निकलवा दूंगी।
फिर मेरी और उसकी हवा टाइट हो गयी और मेरा लंड लटक गया। गौरी अलग हुई और चाची से माफी मांगने लगी और बोली- फिर कभी ऐसा नहीं होगा. प्लीज आप भैया को कुछ नहीं बताना!
चाची गुस्से में वहां से चली गयी और हम लोग भी बाहर आ गए।
उस दिन चाची ने चाचा को कुछ नहीं बोला। दूसरे दिन मैं भी काम पर जल्दी चला गया और गौरी भी काम पर नहीं आई.
मैं शाम को आया तो चाची ने कहा- मैंने कभी नहीं सोचा था कि तू ऐसा काम करेगा।
मैं चाची को कोई जवाब नहीं दे पाया और रोने लगा और बोला- चाची, आप मुझे माफ़ कर दो, मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा।
फिर चाची बोली- तू हमेशा मुझे क्यों घूरता रहता है?
तो मैं ओर ज्यादा डर गया तो चाची ने चिल्लाकर पूछा लेकिन मैं बोला- कुछ नहीं … चाची ऐसे ही! मुझे माफ़ कर दो, फिर ऐसी गलती नहीं करूँगा।
तो चाची बोली- एक ही शर्त पर माफ करूँगी अगर तू मेरे सवाल का सही जवाब दे तो?
मैं बोला- चाची, आप जो बोलोगी, मैं वो करूँगा.
तो चाची बोली- गौरी में ऐसा क्या देखा जो तूने उसको चोद दिया? और तू शादी के समय से मुझे भी घूरता रहता है. क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैं बोला- नहीं!
तो चाची बोली- कोई बात नहीं, अब डर मत, मैं तेरे चाचा को नहीं बोलूंगी.
फिर हम लोगों ने खाना खाया और साथ में बैठकर सब टीवी देख रहे थे तो अचानक चाची ने चाचा को बताया- गौरी दो दिन से काम पे नहीं आई!
तो चाचा ने गौरी को फ़ोन किया और गौरी को पूछा कि काम पे क्यों नहीं आ रही हो?
तो गौरी ने तबीयत खराब होने का बहाना किया और अगले दिन आने बोला।
तब हम लोग सोने चले गए.
अगली सुबह जब गौरी आई तो चाची ने उसको पूछा- तबीयत को क्या हुआ? शौर्य ने ज्यादा चोद दिया क्या?
ऐसा मुझे गौरी ने बाद में बताया था.
गौरी कुछ नहीं बोली तो चाची ने फिर पूछा- कैसा लगा चुदाई करके? सच सच बता?
फिर गौरी ने भी बता दिया- मैडम, मेरा मर्द मुझे खुश नहीं रख पाता है तो मैं बहक गई और ये सब हो गया. मुझे माफ़ कर दो। लेकिन मुझे शौर्य के साथ चुदाई करने में बहुत मजा आया. ऐसा आज तक मेरे मर्द के साथ भी नहीं आया।
फिर चाची ने सब पूछा और उसको बोली- मुझे भी चुदना है और तू प्लान बना!
एक दिन गौरी मुझे मौका देखकर बोली- मेरे घर पे आ जाओ चुदाई करने!
उसने चाची को भी बोल दिया- आप मेरे घर आ जाओ!
और समय भी बता दिया.
उसके बताये टाइम पर चाची आई और हमें चुदाई करते देखकर बोली- वाह जी, यहां पर तो ये काम किया जा रहा है.
मुझे उन्हें देखकर हैरानी हुई लेकिन फिर गौरी ने अपना और चाची का प्लान बताया. मुझे जानकर बहुत खुशी हुई और अब मेरे सपनों की रानी चाची मुझसे चुदने वाली थी।
चाची की चुदाई की कहानी फिर कभी।
उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता है मैं गौरी की चुदाई कर लेता हूँ।