मेरी हॉट सेक्सी वाइफ की कहानी में पढ़ें कि हम पति-पत्नी एक बार दिल्ली घूमने गए तो वहां मेरी बीवी कि गैर मर्द के लंड की तलब लगी. तो हमने क्या किया?
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार!
मैं विनय कुमार यानि विनी!
आपने अन्तर्वासना पर मेरी पहली दो कहानियाँ पढ़ीं होगीं।
अगर नहीं पढ़ीं तो पढ़ लें।
जिन लोगों ने मेरी पिछली कहानियां पढ़ी हैं, वे जानते होंगे कि मैं शादीशुदा हूं और मेरी बीवी का नाम मीनाक्षी है।
मैं अपनी बीवी को गैर मर्दों से चुदवाता हूं और खुद भी मर्दों से गांड मरवाता हूं।
जो लोग नए हैं, उनके लिए बता दूं कि मेरी बीवी 30 साल की है; उसका फिगर 42-32-44 है; बूब्स तो जैसे पहाड़ हैं और निप्पल उनकी चोटी।
मेरी बीवी सोसायटी में सबके सामने शरीफ बनकर रहती है लेकिन जब भी हम किसी अनजानी जगह जाते हैं तो वह लंड की भूखी रंडी बन जाती है।
वो बहुत चुदक्कड़ है, उसे पहलवान टाइप के हट्टे कट्टे भारी भरकम मर्द पसंद हैं।
तो दोस्तो, अब मैं अपनी आज की कहानी की शुरुआत करता हूं।
यह हॉट सेक्सी वाइफ की कहानी आज से लगभग दो महीने पुरानी है।
उस दिन हम दिल्ली में एक फाइव स्टार होटल में ठहरे हुए थे।
हमें वहां पर पांच दिन तक रुकना था।
हम पहले दो दिन दिल्ली में खूब घूमे। दो दिन में सारी दिल्ली देखने के बाद अब हमारे पास देखने के लिए कुछ नहीं रह गया था।
फिर मेरी बीवी ने कहा- दिल्ली आए हैं तो कुछ न कुछ करके ही जाएंगे।
मैं उसकी बात समझ गया था; उसकी चूत को अब गैर मर्द के लंड की जरूरत महसूस हो रही थी।
उसके गोरे गालों को सहलाते हुए मैंने कहा- मुझे पता था, आज तू ऐसा कुछ जरूर कहेगी इसलिए मैंने तेरे लिए कुछ सोच लिया है।
मैंने उसको एक न्यूज दिखाई जो पहलवानों की कुश्ती के बारे में थी।
वहां से थोड़ी ही दूरी पर पहलवानों की कुश्ती आयोजित की गई थी।
उसमें मेरी बीवी की पसंद के मर्दों की भरमार होने वाली थी।
मीनू से मैं बोला- आज कुश्ती देखने चलें?
सुनते ही वो खुश हो गई और बोली- हट्टे कट्टे मर्द पहलवानों को जब मैं लंगोट में देखती हूं तो मेरी चूत पानी पानी हो जाती है। मेरा तो मन है कि आज हम पूरा दिन कुश्ती ही देखेंगे।
हम सुबह 9 बजे कुश्ती देखने के लिए निकल पड़े।
मीनू ने एक बहुत ही गहरे गले का टॉप पहना था जिसमें उसके बड़े बूब्स साफ दिख रहे थे; बूब्स के बीच की लकीर यानि क्लिवेज पूरी खुली थी।
नीचे उसने छोटी चड्डी पहनी थी जिसमें उसकी बड़ी गांड का आकार समा भी नहीं रहा था।
कुश्ती वाली जगह पर पहुंचकर हम अखाड़े की रिंग के बिल्कुल नज़दीक पहली ही लाइन में बैठ गए।
थोड़ी देर में कुश्ती शुरू हो गई और उसे देख मेरी बीवी के बदन पर पसीना आने लगा था।
उसकी चूत में भी जरूर पसीना आ रहा था; उत्तेजना से उसका चहेरा लाल हो गया था।
आधा दिन वहीं बीत गया।
दोपहर के समय में हम पास के ही एक होटल में खाना खाने के लिए गए।
वहां पर एक पहलवान बैठकर खाना खा रहा था।
मेरी बीवी उसकी तरफ मुँह करके खाने लगी।
जब भी पहलवान की नज़र मीनू पर पड़ती वो मुस्करा देती और अपनी जीभ अपने गुलाबी होंठों पर फेर देती।
हमने खाना खा लिया तो हम बाहर निकले।
वो पहलवान सामने ही खड़ा था।
मीनू उसके पास गई और बात करने लगी।
उसका नाम अमरजीत था। वह तीस साल का था।
मेरी बीवी ने होटल के बारे में उसे बताया तो उसने कहा कि उसका एक फ्रेंड उसी होटल में ठहरा है और वह शाम को उससे मिलने जाने वाला है।
इस पर मेरी बीवी ने उसको न्यौता दे दिया कि आओ तो हमसे भी मिलकर जाना।
उसे रूम नंबर दिया और मीनू चली आयी।
मीनू ने मुझे कहा कि लगता है कि काम बन गया।
फिर हम अपने होटल आ गए और आराम करने लगे।
मीनू ने अपनी पूरी बॉडी वेक्स की, चूत के बाल साफ किये, फिर शावर लिया और हम सो गए।
शाम को सात बजे उठे, फ्रेश होकर खाना खाया और कमरे में आ गए। मीनू ने एक पिंक कलर की नाइटी पहनी थी और अंदर काली ब्रा और पैंटी थी।
हम लोग अमरजीत के आने का इन्तज़ार करने लगे।
रात के 9 बजे दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी।
मीनू ने दरवाजा खोला तो सामने अमरजीत और उसका दोस्त खड़े थे।
उसका दोस्त भी पहलवान से कम न था।
मेरी बीवी ने उसे अंदर आने को कहा।
हम सब बेड पर बैठे थे।
थोड़ी देर बातें कीं, फिर मीनू ने कहा कि मेहमानों के लिए कुछ ठंडा-गर्म मंगा लो!
मैंने पूछा- क्या लोगे?
उन्होंने मीनू के बदन को घूरा और फिर मुस्करा कर बोले- अभी तो बियर पिला दीजिए।
मीनू भी उनकी बात पर मुस्करा दी।
मैं बियर लेने के लिए रूम के बाहर चला गया।
वो दोनों जैसे मेरे ही जाने का इंतजार कर रहे थे।
मेरे जाते ही उस पहलवान ने मीनू को पकड़ लिया, उसके गालों पर किस कर दिया और बड़े बड़े चूचों को मसल दिया।
मीनू पतिव्रता होने का नाटक करने लगी और बोलने लगी- मैं ऐसी नहीं हूं।
अमरजीत बोला- अब नाटक मत कर मेरी जान … अभी पता चल जाएगा तू कैसी है।
ये कहकर उसने एक फोन कॉल किया।
उसके पांच मिनट बाद दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी।
मीनू को लगा कि मैं बीयर लेकर आ गया हूं।
उसने उठकर दरवाजा खोला तो वो सन्न रह गई।
दरवाजे पर ताहिर पठान खड़ा था।
मैंने आपको पिछली कहानी
आम के बाग़ में गैर मर्द से बीवी की जोरदार चुदाई
में बताया था कि कैसे ताहिर पठान ने दो दिन और दो रात मेरी बीवी को बगीचे में चोदा था।
वो ताहिर को वहां देख हैरान थी।
ताहिर बोला- अंदर नहीं बुलाओगी मेरी जान?
तभी अमरजीत बोला- अब नाटक छोड़, ताहिर हमारा दोस्त है और इसने तेरे बारे में सब कुछ बता दिया है कि तू कितनी बड़ी रंडी है।
अब तक ताहिर अंदर आ गया था।
वो अमरजीत से बोला- यह बहुत बड़ी छिनाल है, आज हम तीनों को एक साथ खुश कर देगी।
अब मीनू के पास नाटक करने के लिए कुछ छुपा न था।
वो बोली- तो देर किस बात की कर रहे हो? मुझे नंगी कर दो अब!
अमरजीत आगे आया और उसने मीनू की नाइटी उतार दी। उसका दोस्त परमवीर आगे बढ़ा और मीनू की ब्रा निकाली। अब ताहिर ने मीनू की पैंटी उतार डाली।
होटल के कमरे में अब मेरी प्यारी बीवी मीनू अमरजीत, परमवीर और ताहिर, तीनों के सामने बिल्कुल नंगी थी।
उन तीनों ने भी अपने कपड़े उतारे, सिर्फ चड्डी पहने रखी।
तभी मैं बियर लेकर आया।
रूम का सीन देखकर मैं सब समझ गया।
ताहिर ने मुझे कहा- कैसा है रे तू?
मैंने कहा- एकदम मस्त ताहिर जी! आप यहाँ कैसे?
ताहिर ने कहा- तेरी बीवी की भोसड़ी की खुशबू यहाँ तक खींच लाई। तेरी बीवी को अमरजीत के साथ बात करते देख लिया था। मुझे पता लग गया था कि ये रांड आज इस पहलवान के नीचे सोएगी, और अमरजीत मेरा दोस्त है तो हम सबने मिलकर आज तेरी बीवी को चोदने का प्लान बना लिया।
अब अमरजीत ने मेरी बीवी को गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया।
फिर अपनी चड्डी निकाली; उसका लौड़ा भी ताहिर जितना, पूरे दस इंच का मोटा-तगड़ा था।
वो मेरी बीवी मीनू की चूत को चाटने लगा।
मीनू सिसकारियाँ लेने लगी।
तभी परमवीर ने भी अपनी चड्डी निकाल कर अपने लौड़े को मेरी बीवी के मुँह में दे दिया।
मीनू परमवीर का लन्ड चूसने लगी।
उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
ताहिर मीनू के बूब्स दबा रहा था।
फिर अमरजीत ने अपना लंड मीनू की फुद्दी के होंठों पर रखा और हल्का धक्का मारा।
उसका मोटा गुलाबी सुपारा मीनू की चूत को चीरता हुआ घुस गया।
मीनू चिल्लाना चाहती थी लेकिन परमवीर का लंड मुँह में होने की वजह से चिल्ला ना सकी।
अमरजीत ने दो धक्के और दिए और पूरा लंड मीनू की चूत में समा गया।
अब अमरजीत पूरे जोश में मीनू को मिशनरी पोजीशन में चोदने लगा।
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना गाढ़ा माल मीनू की योनि में भर दिया।
अब परमवीर की बारी थी।
उसने मीनू को घोड़ी बनाया और डॉगी स्टाइल में चोदने लगा।
साथ में वो मीनू की गांड पर जोर जोर से चपत मार रहा था जिससे मीनू की गांड लाल हो गई।
परमवीर की उंगलियों के निशान मीनू की गांड पर साफ नज़र आ रहे थे।
मीनू चिल्लाने के साथ साथ कामुक सिसकारियां ले रही थी।
उसकी सिसकारियों की गूंज पूरे कमरे में फैल रही थी।
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद परमवीर भी मीनू की चूत में झड़ गया।
मीनू की चूत दो पहलवानों के माल से भर गई।
अब ताहिर की बारी थी।
ताहिर बेड पर सीधा लेट गया। उसका लंड छत की ओर मुंह उठाए खड़ा था।
उसने मेरी बीवी को उसके लंड पर बैठने के लिए कहा।
मीनू उसके लंड पर बैठ गई और उछलने लगी।
नीचे से धक्के लगाते हुए ताहिर ने भी पूरा माल मीनू की योनि में निकाला।
पहला राउंड खत्म हो चुका था।
वो चारों निढाल होकर बेड पर पड़े थे।
आधे घंटे के आराम के बाद दूसरा राउंड शरू हुआ।
दूसरे राउंड में मीनू को बेड के किनारे घोड़ी बना दिया गया।
फिर वो तीनों बारी बारी से आकर मीनू की चुदाई करने लगे।
तीन लौड़ों से एक बार चुदने के बाद उसकी चूत पूरी खुल चुकी थी।
अब चुदाई ऐसे हो रही थी कि एक बार में पूरा लंड अंदर जा रहा था और पूरा बाहर लाकर फिर से अंदर घुसाया जा रहा था।
तीनों ने पांच-पांच मिनट तक मेरी बीवी की चुदाई की।
फिर दो दो लोग एक साथ चोदने लगे। इस तरह ये राउंड बहुत लम्बा चला।
चुदते हुए मीनू का पेशाब निकलने लग गया जिसे उन तीनों ने एक गिलास में इकट्ठा कर लिया।
मीनू की चूत अब चुद-चुदकर भोसड़ा बन चुकी थी।
आधे घंटे की चुदाई के बाद उन तीनों ने अपना अपना माल उस गिलास में निकाला जिसमें मीनू का पेशाब भरा हुआ था।
फिर उस गिलास में ठंडी बियर डाली और वो गिलास मेरे हाथों में थमा दिया।
ताहिर ने मुझे वो गिलास पीने के लिए कहा।
मेरी बीवी की चूत का मूत, तीनों पहलवानों का वीर्य और बियर उसमें भरी हुई थी जिसे मैं अमृत समझ कर पी गया।
अमरजीत बोला- ताहिर ठीक ही कह रहा था, तेरा पति तो सच में गांडू है।
इस तरह से बातें करते हुए हम सब सो गए।
सुबह मेरी नींद सिसकारियों की आवाज के साथ खुली।
मीनू उन तीनों की गिरफ्त में थी और चुदते हुए सिसकारियां ले रही थी।
सुबह की जोशीली चुदाई के बाद उन तीनों ने ही अपना माल मेरी बीवी को पिला दिया।
उसके बाद वो तीनों वहां से चले गए।
मीनू निढाल होकर बेड पर सो गई।
मैंने उसका बदन देखा तो पूरे शरीर पर दांतों के काटने के लाल निशान पड़ गए थे।
उसकी चूचियों पर उन तीनों की उंगलियों के निशान साफ नजर आ रहे थे।
नाश्ते में वो उन तीनों का वीर्य पी चुकी थी तो उसको गहरी नींद आ गई।
उसके बाद वो दोपहर के तीन बजे उठी।
फिर नहा धोकर वो तैयार हो गई और हम बगीचे में घूमने चले गए।
वहीं पर ताहिर का कॉल आ गया और वो शाम के प्रोग्राम की बात करने लगा।
मीनू हंसकर बोली- पूछना क्या है ताहिर जी, मुझे तो आप तीनों ने चोद चोदकर अपनी रखैल बना ही लिया है, शाम को भी आ जाइयेगा। मेरी फुद्दी आपके लिए ही तो है।
ताहिर बोला- तो आज हम तीनों तेरी गांड भी मारेंगे।
मीनू हंसकर बोली- ठीक है, जल्दी आना फिर मेरी गांड फाड़ने।
फिर वो मुझसे बोली- पतिदेव एक काम कर दो।
मैं बोला- क्या?
मीनू- मेरे लिए गर्भनिरोधक गोलियां ला दो।
फिर हम दोनों हंस पड़े।
मैं मेडिकल शॉप पर गया और गर्भ निरोधक गोलियों का पैकेट ले आया।
मीनू ने दवाई ले ली।
फिर उस रात को भी मेरी बीवी की मीनू की जबरदस्त चुदाई हुई।
मीनू की गांड भी चुदी।
उस रात उन तीनों ने मीनू को बेहाल कर दिया।
मीनू की गांड और फुद्दी को गुफा बना दिया।
इन दो रातों में मीनू को स्वर्ग का मज़ा आया।
फिर हम दिल्ली से वापस आ गए।
मीनू के लिए तीन पहलवानों के साथ एकसाथ सेक्स का वो पहला एक्सपीरियंस था।
तो दोस्तो, आपको मेरी हॉट सेक्सी वाइफ की कहानी कैसी लगी, मुझे बताना जरूर!