एक बार फिर मैं आपकी प्यारी चुदक्कड़ दोस्त मधु आप लोगों का अपनी आत्मकथा में स्वागत करती हूँ। मेरी पिछली कहानी
सुबह सवेरे पार्क में भाई से चुदी
को आप लोगों ने इतना प्यार दिया जिसके लिए आपकी ये भाभी, दोस्त और आप लोगों की मुँह बोली बीवी आप लोगों से गले मिलकर आप लोगों का धन्यवाद करती है और आप लोगों में से बहुत से लोग या यूं कहें कि सारे लोग मेरे होने वाले बच्चे का बाप बनना चाहते हैं। इसके लिए मैं ब्रा खोल कर आप लोगों का स्वागत करती हूँ और माफी भी मांगती हूँ।
मेरे पास अभी तक 4216 लोगों ने मेरे बच्चे की बाप बनने की इच्छा जतायी। मैं इतने सारे लोगों के लन्ड तो नहीं ले सकती लेकिन मैं कोशिश करूँगी कि मेरे होने वाले बच्चे के बाप ज्यादा से ज्यादा हों।
अब ज्यादा समय ना गंवाते हुए सीधे कहानी पर आती हूँ।
जैसा कि आपने पिछली कहानी में पढ़ा कि किस तरह मैं अपने मौसेरे भाई शनि से पार्क में चुदी और उसने किस तरह मेरे पूरी शरीर पर वीर्य की बारिश करी।
मैं शनि से हँसती हुई बोली- बहनचोद तो तुम बन ही गए हो, अब मेरे कपड़े तो दे दो, पार्क अब खुलने वाला है।
मोबाइल में वक्त देखा तो 5:20 हो रहे थे।
शनि बोला- दीदी, कपड़े तो बाइक के डिकी में ही भूल गया।
फिर मैं बोली- भूलेगा कैसे नहीं साले? तू तो मुझे चोदने आया था।
फिर हम दोनों हँसने लगे।
मैं बोली- जा बहनचोद कपड़े लेकर आ!
तो शनि बोला- यार दीदी, ऐसे ही बाहर चलो ना, अभी कोई नहीं होगा।
मैं बोली- अच्छा अगर किसी ने इस हाल में हमें देख लिया तो फिर वो भी चोद देगा।
तो शनि बोला- कुछ नहीं होगा, चलो।
फिर हम दीवार के पास आये तो शनि बोला- दीदी, आप चढ़ो, मैं आपको धक्का देता हूँ।
मैं दीवार पर चढ़ने लगी लेकिन शनि तो मेरे नंगे जिस्म से खेल रहा था, कभी वो मेरी चूचियों को ऐंठ देता तो कभी धक्का देने वक़्त गांड में दाँत चुभो देता।
मुझे अच्छी लग रही थी और मैं भी खेल रही थी। मैं भी जान बूझकर उसकी गोद में गिर जाती फिर मजे करती।
ये सब करते करते समय का ख्याल ही नहीं रहा।
तभी एक 20-22 साल के लड़के ने शनि को पीछे से थपथपाया और बोला- भाई, ये क्या हो रहा है?
शनि डर गया।
वो लड़का पार्क का गार्ड था।
शनि हकलाते हुए बोला- वो भाईई वो…
उस लड़के ने मोबाइल का टोर्च ऑन किया तो मुझे नंगी देखकर बोला- अच्छा तो ये कहानी है।
फिर मैं शनि को बोली- तू जा और बाइक स्टार्ट कर… मैं आती हूं।
शनि बोला- दीदी, आप अकेली?
मैं बोली- जा तू… मैं 2 मिनट में आती हूँ।
तो शनि चला गया।
उसके जाते ही मैंने उस गार्ड को गले लगाया और एक चुम्मी दे दी और बोली- आज के लिए इतना ही! और पार्क में ब्रा पेंटी तेरे लिए छोड़ कर जा रही हूँ।
और मैं जाने लगी तो लड़का बोला- मैडम जी, एक बार और गले मिल लो।
मैं जैसे ही मिलने गयी, उसने मेरी चूची पर किस किया.
मुझे उसकी ये बात अच्छी लगी, मैंने अपनी चूची उसके मुँह में रख दी और बोली- ये लो पी लो।
और फिर उसको अपनी दुधु पिलाकर शनि के पास चली गयी।
तशनि बोला- आप ठीक तो हो दी?
मैं बोली- बिल्कुल!
फिर उसने मुझे कपड़े दिये, मैं कपड़ों को लेकर उसके पीछे नंगी ही बैठ गयी और बोली- चल!
तो शनि बोला- दीदी कपड़े तो पहन लो?
मैं बोली- आज नंगी ही जाऊँगी।
तो शनि बोला- वाह दीदी, क्या बात है!
फिर हम दोनों शनि के रूम की ओर निकल पड़े।
शनि बोला- काश आप मेरी बीवी होती!
मैं बोली- साले भाई होकर भी पति वाला काम तो कर ही लिया।
फिर शनि बोला- ठीक है, आज से मैं आपका पति हूँ और आपकी रोज चुदाई करूँगा
और हँसने लगा।
शनि मेरी चूचियों के मजे लेने के लिये रास्ते ब्रेक में जानबूझकर अचानक ब्रेक मारता तो मैं बोली- ब्रेक क्यों मार रहा है? सीधे क्यों नहीं बोलता कि तेरे से चिपक कर बैठूँ।
फिर शनि बोला- दीदी, आप बहुत अच्छी हो।
हम पहुँचने ही वाले थे तो शनि बोला- दीदी, आप पार्क में अकेली वो भी नंगी क्या कर रही थी?
अब मैं सोच में पड़ गयी- क्या बोलूं?
फिर मैंने झूठ बोल दिया- यार वो सहेली की बर्थडे पार्टी से लौट रही थी, तभी कुछ लड़के जबरदस्ती करने लगे और मेरा रे प करने की कोशिश करना चाह रहे थे लेकिन मैं जैसे तैसे भाग निकली और पार्क के छुप गयी।
उसे क्या मालूम कि पाँचों लड़कों ने मेरी जम कर चूत मारी।
फिर हम शनि के यहाँ पहुँच गए। जैसे ही रूम में गयी, शनि ने लाइट जलाई। फिर अपने आप को देखा, मेरे पूरे शरीर पर शनि की वीर्य थी जो बिल्कुल सूख गया था, समय देखा तो 6 बज गये थे। मेरे पास कपड़े भी नहीं थी कि मैं घर जा सकती।
फिर मैंने मॉम को फोन करके कहा- मैं शनि के यहाँ हूँ, आने में थोड़ी देर लगेगी।
मॉम को मेरे पे शक हो गयी कि मैं झूठ बोल रही हूँ तो मॉम बोली- शनि से बात करवा?
तो मैंने शनि को फोन दे दिया, मॉम से शनि बोला- मासी, आप टेंशन मत लो, मैं शाम को आऊंगा तो मधु को अपने साथ ले आऊंगा।
मॉम मान गयी।
मैं रात भर चुद चुद कर बिल्कुल थक गई थी और बिस्तर पर लेट गयी। शनि भी मेरे पास लेट गया और मुझे किस करने लगा, मेरे बूब्स चूसने लगा, वो मेरे बदन के साथ खेल रहा था। और मैं पता नहीं कब नींद की आगोश में चली गयी।
जब मेरी नींद खुली तो देखा कि शनि मेरे पास बिल्कुल नंगा सोया हुआ है और लन्ड भी बिल्कुल ढीला सोया था। मैं उठकर जैसे ही बैठी तो वीर्य मेरी चूची से नीचे टपक रहा था।
फिर मैंने आईने के सामने जाकर देखा तो मेरी चुचियाँ एकदम लाल थी और लव बाईट भी थी। मैं समझ गयी कि शनि ने मेरी दुधु पर मुठ मेरी है।
मैंने समय देखा तो शाम के 4 बज रहे थे।
फिर मैंने शनि को उठाया और बोली- उठ बहनचोद, मुझे कपड़े भी लेने हैं और घर भी जाना है।
शनि ने उठते ही मुझे अपनी ओर बिस्तर पर खींच लिया और बोला- दीदी, आज रात रुक जाओ ना?
मैं बोली- अच्छा, आज रात ही क्यों, तेरे बच्चे की माँ बनने तक रुक जाती हूँ।
और हम दोनों भाई बहन हँसने लगे।
शनि हँसते हुए बोला- काश, तू मेरी बीवी होती।
मैं बोली- चल उठ और बाज़ार जाकर मेरे लिए कपड़े लेकर आ, तब तक मैं स्नान कर लेती हूँ।
तो शनि बोला- दीदी, मैं भी आपके साथ नहाऊंगा!
मैं बोली- पागल मत बन, जल्दी जा, मुझे देर हो रही है।
लेकिन शनि जिद करने लगा।
फिर मैं बोली- ठीक है, जल्दी उठ!
और मैं जाने लगी। वो वहीं लेटा मेरी लचकती गांड देख रहा था।
वो अचानक उठा और मुझे पीछे से दबोच लिया, उसका लन्ड मेरी गांड में चुभने लगा था।
वो बोला- दीदी, आपकी गांड बहुत सेक्सी है। एक बार गांड मारने दो ना?
मैं बोली- पागल हो गया है क्या? बहन हूँ तेरी रंडी नहीं… जब से मिला है चोदे ही जा रहा है।
मैंने थोड़ा गुस्सा दिखाया और बाथरूम में चली गयी। वो भी पीछे-पीछे आ गया और बोला- गुस्सा मत हो दीदी!
और बाथरूम में घुस गया और मैंने झड़ना शुरू किया और वो दोनों नहाने लगे। वो मुझे बड़े प्यार से स्नान करवा रहा था, मेरी चूची को मसलने लगा.
मैं फिर से थोड़ी उत्तेजित होने लगी, मैं कुछ नहीं बोली. वो फिर आगे बढ़ा और मेरे होंठों को जीभ से चाटने लगा। मेरे शरीर मे झनझनाहट सी फैल गयी। वो मेरे गाल, गर्दन, चूची सिर्फ चाटे जा रहा था जोकि मेरे लिए बिल्कुल नया और अलग अनुभव था। आज तक मैंने बाथरूम में ऐसे नहीं करवाया था।
फिर वो अचानक ऐसी जगह पहुँच गया जिसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं की थी… वो मेरे दोनों हाथों को ऊपर करके मेरी आर्मपिट चाटने लगा। मेरे मन में एक अजीब सी गुदगुदी सी हुई कि ‘ये क्या कर रहा है’ और मेरी आँखें बंद हो गयी और सब कुछ भूलकर बस मैं आंनद लेने लगी।
इससे पहले मैं कुछ समझ पाती, वो मेरी चूत में उंगली करने लगा और ये पानी तो आग में पेट्रोल छिड़कने का काम कर रही थी।
मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे मुँह से अपने आप सिसकारियां निकलने लगी- ओह्हह हहहह… आहह…
मैं अपना आपा खो चुकी थी और वो पूरे जोश से कभी मेरी चूची चाटता तो कभी गाल… तो कभी तो कभी होंठ, तो कभी गर्दन, तो कभी मेरी गांड और बीच-बीच में अपनी दाँत चुभो कर और पागल कर देता।
मैं तो बस आँखों को बंद कर एक अजीब सी दुनिया में खोई थी।
तभी उसने अचानक मेरी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चूत चाटने लगा। मेरी आँख अचानक से खुली और मैं मदहोशी से बोली- शनि… अब बस कर! बस मेरी चूत को फाड़ दे।
यह बात सुनते ही जैसे शनि पागल हो गया और मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया और अपने जीभ से मेरी चुदाई करने लगा। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। करीब 5 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झर गयी लेकिन वो अभी भी अपने जीभ से चोद रहा था।
फिर मैंने जैसे तैसे उसको अलग किया और बोली- हो गया… बस कर… बहुत नहा ली! अब चल!
और मैं बाथरूम से निकल गयी।
वो मेरे पीछे आया और बोला- दीदी, ये गलत है। आपका काम तो हो गया लेकिन मेरा लन्ड तो अभी भी खड़ा है।
तो मैं बोली- तो मैं क्या करूँ? मुझे देर हो रही है।
फिर वो गिड़गिड़ाने लगा- प्लीज दीदी, एक बार गांड मारने दो।
मैंने सोचा कि ये बिना चोदे मानेगा नहीं और देर भी हो रही थी, इससे चुद ही लेती हूँ तो मैंने हामी भर दी।
यह सुनते ही उसने मुझे गोद में उठाया, बेड पर पटक दिया और मुझे कुतिया की तरह मेरी गांड को उचका दिया. फिर मेरी गांड पर क्रीम लगा कर फिर उसने अपने लन्ड को मेरी गांड पे टिकाया और इतना जोरदार झटका मारा कि मैं दर्द के कारण लेट गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी- साले… बहनचोद निकाल लन्ड… मेरी गांड को फाड़ दिया।
लेकिन उसने नहीं सुना और लन्ड धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा. करीब 5 मिनट बाद उसने फिर एक जोर का झटका मारा और लन्ड पूरा अंदर चला गया। मेरे तो जैसे प्राण निकल गये। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, जोर से रोने लगी और गाली देने लगी- साले, मादरचोद, बहनचोद मेरी गांड से लन्ड निकाल!
और छटपटाने लगी।
फिर शनि ने मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद किया और मुझे बोला- शांत हो जा मेरी रानी।
और फिर धीरे धीरे वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कोई मोटा सरिया डाल कर मेरी गांड की गहराई नाप रहा हो।
मेरी तो आंखों से आंसू आने लगे लेकिन शनि लन्ड आगे पीछे कर रहा था।
करीब 5 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा मुझे!
फिर मैं भी धीरे-धीरे गांड उचकाने लगी। यह देखकर शनि ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अपने हाथों से मेरा भाई मेरी चूचियों को मसल रहा था। फिर उसने मेरी चूत के नीचे तकिया लगाया और स्पीड और बढ़ा दी और खचाखच अपनी बहन की गांड चोदने लगा. मैं भी तेजी से गान्ड उछाल उछाल कर लन्ड ले रही थी और सिसकारियां लेने लगी।
तकरीबन 10 मिनट बाद उसने मेरी गान्ड में तेज पिचकारी मारी और मेरे ऊपर निढाल हो पड़ गया। उसका वीर्य बहुत समय तक मेरी गान्ड से रिस रिस कर निकलता रहा। फिर शनि मेरे गले लगकर बोला- थैंक यू दीदी! आज आपने अपने भैया को सैंया बनने का मौका दिया।
और एक पप्पी करी।
फिर मैं बोली- अब तो घर चलें बहनचोद?
तो शनि बोला- घर नंगी जाओगी मेरी जान?
मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, बोली- मेरा बस चले तो मैं कभी कपड़े पहनूँ ही नहीं!
फिर मेरा भाई बाजार से जींस टॉप लाया, मैंने बिना ब्रा पेंटी के वो पहने और अपने भाई की बाइक पर उसकी कमर में अपनी चूचियां गड़ाती हुई, उसके लंड को पकड़ कर अपने घर आयी.
इस चुदाई के बाद हम दोनों भाई बहन ने बहुतों बार मौके खोज खोज कर चुदाई की।
मेरी प्रिय पाठको, उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को यह कहानी पसन्द आयी होगी।
आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगी, तब तक के लिए अपनी इस चुदक्कड़ मधु को आज्ञा दें।
मेरी मस्त पोर्न कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं।