भाई के दोस्त से चूत चुदवा ली मैंने

हॉट गर्ल चुदाई कहानी में मैंने अपने भाई के स्मार्ट दोस्त से अपनी चूत चुदवा ली. वो मेरे भाई के साथ घर आया तो उसे देख कर मेरी चूत लप लप करने लगी.

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दोस्तो, मेरा नाम शिवानी शर्मा है.
मैं अभी 20 साल की हूँ.
मेरी आपको सब टांगें खोल कर सॉरी क्योंकि स्टोरी लिखने में मैं लेट हो गई.

मेरी पिछली सेक्स कहानी में आप सबने पढ़ा था कि कैसे मेरे भाई ने मेरी फाड़ दी थी और मेरे अलावा कैसे उसने मेरी सहेली की चूत भी ले ली थी.

आज मैं उससे आगे की कहानी लिख रही हूँ.

हॉट गर्ल चुदाई कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सभी को अपने बारे में पुन: बता देती हूँ कि मेरे भाई ने मुझे चोद चोद कर भर दिया था.
उसने मेरा फिगर 30-28-32 से 34-30-36 का कर दिया है.
ये फिगर मुझे बहुत सेक्सी बना रहा है.

इसी सेक्सी फिगर के चलते मेरे साथ फिर से एक रंगीन सा मसला हुआ.

इस बार मैं अपने भाई के दोस्त से चुदी और कैसे भाई व उसके दोस्त ने भी मुझे चोदा.
पिछली कहानी में मैंने आपको बताया था कि मेरा भाई दिल्ली में एक रूम किराए पर लेकर रह रहा था.

मैं अपने एक एग्जाम के लिए उसके पास दिल्ली पहुंच गई थी.
क्योंकि मेरा भी बहुत दिनों से चुदने का मन था इसलिए मैं घर से एग्जाम का बहाना बना कर अपने भाई के पास दिल्ली गई थी.

मैं दोपहर तक भाई के रूम पर पहुंच गई थी.

मैंने उसके कमरे के बाहर पहुंच कर खुद को थोड़ा सेक्सी सा बनाया मतलब अपने बूब्स आदि को जरा सही से किया और दरवाजे पर दस्तक दी.
मेरे भाई ने दरवाजा खोला.

उस समय वो केवल टी-शर्ट और निक्कर में था.
दरवाजा खुलते ही मैं झट से अन्दर घुसी और पैर मारकर दरवाजा बंद करके उसके गले से लग गई.

अगले 5 मिनट तक मैंने उसको अपने सीने से चिपकाए रखा.
उसके बाद मैंने अपने भाई के होंठों से होंठों को चिपका दिया और गहरा लिपकिस करने लगी.

भाई भी मेरे साथ लगा हुआ था.
उसके दोनों हाथ मेरी गांड पर जमे हुए थे और वो मुझे अपने सीने से रगड़ कर चूमे जा रहा था.
करीब बीस मिनट तक हम दोनों ने एक दूसरे से लिपट कर अपनी बेचैनी को खत्म करने का प्रयास किया.

पूरी बेचैनी तो तब ही खत्म हो सकती थी जब हम दोनों के अंग एक दूसरे के अन्दर घुसकर प्यार करते.
थोड़ी देर के बाद हम दोनों अलग हुए और हाल चाल जानते हुए आराम करने लगे.

उसके बाद हम दोनों ने खाना खाया.

शाम के समय भाई बाहर चला गया. वो अपने एक दोस्त के साथ मिलने गया था.

वो मुझसे खाना बनाने की कह गया था.
मैंने खाना बनाना शुरू कर दिया था.

देर शाम को भाई वापिस आया तो उसके साथ उसका दोस्त भी आया था.
वो बहुत ही हैंडसम था.
उसका नाम समीर था.

जैसे ही वो अन्दर आया, मैं बस उसी को देखे जा रही थी.
भाई ने ये देख लिया और मुझको थोड़ा सम्भल कर रहने का इशारा किया.

आधा घंटा बाद वो चला गया.

भाई ने मुझसे कहा- उसको क्यों घूर कर देख रही थी?
मैंने उससे कहा- वो मुझको अच्छा लग रहा था.
इस बात पर भाई चिढ़ गया.

मैं बात को खत्म करने के लिए खड़ी हुई और भाई के सीने से चिपक गई, भाई के लंड पर हाथ लगाने लगी, उसको किस करने लगी.
मेरा भाई खुश हो गया और गर्म हो गया, उसका लंड खड़ा होने लगा.

मैं उसका लंड निक्कर से बाहर निकाल कर हिलाने लगी, फिर मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरे भाई ने मुझको दीवार की साइड बैठने को बोला और पूरा लंड मेरे मुँह में दे दिया.

वो तेज तेज मेरे मुँह को चोदने लगा.
मेरी तो गूं गूं की आवाज़ ही निकल रही थी.

भाई बोला- उसको देखने की सज़ा मिलेगी.
मैंने भी बहुत दिन से लंड नहीं लिया था तो बहुत मन कर रहा था.

भाई ने कुछ देर बाद मेरे मुँह से लंड बाहर निकाला.
इतनी देर में ही मेरी हालत बुरी हो चुकी थी, मेरी आंखों में से पानी आ रहा था.

मैं बोली- भाई उसको देख लिया तो ऐसा क्या हो गया?
वो बोला- वो साला बहुत हरामी है. अब देख लेना वो तुझे चोदे बिना नहीं मानेगा.

मेरा मन भी समीर का लंड लेने को करने लगा था तो मैं धीरे से बोली- अगर वो मुझे हाथ भी लगाएगा ना … तो देख लेना.
भाई- क्या देख लेना … तू क्या करेगी?

मैंने कहा- मैं भी उसे नहीं छोड़ूंगी … साले का कच्चा खा जाऊंगी.
भाई बोला- सही तो बोल पहले … उसको कच्चा खा जाएगी या उसका कच्चा खा जाएगी?

मैंने हंस दी और लंड मुँह में लेने का इशारा करती हुई बोली- उसका मुँह में लेकर खा जाऊंगी भाई, सच में मज़ा आ जाएगा.

भाई ने ये सुना और बोला- अबे वो मेरा दोस्त है … तू उसके साथ कैसे करेगी.
मैं बोली- आपने भी तो मेरी सहेली तान्या के साथ किया था, तो अब मुझको भी उसके साथ करना है.

मेरी इस बात पर भाई गुस्सा हो गया और बोला- देखता हूँ तू उसके साथ कैसे चुदती है.
मैं हंसने लगी.

वो मेरे कपड़े निकालने लगा और मुझको किस करने लगा.
मैं भी गर्म हो गई और भाई के साथ मज़े लेने लगी.

थोड़ी देर की चूमाचाटी और फ़ोरप्ले के बाद भाई ने मुझको घोड़ी बना दिया.
मैं जब तक सम्भल पाती कि मेरे भाई ने एक ही झटके में अपना आधा लंड मेरी चुत में पेल दिया.

मेरी तेज आवाज निकल गई ‘आआह मर गई … आह.’
मुझे ऐसा लगा मानो लोहे का गर्म सरिया मेरी चूत में एक झटके में पेल दिया गया हो.

‘आह मर गई …’ करके में चिल्लाई और मैंने भाई को बोला- मुझको दर्द हो रहा है भाई आराम से … आह!

लेकिन भाई को पता नहीं क्या हो गया था, वो रुका ही नहीं और जोर जोर से चोदने लगा.
मैं ‘आआह आअहह …’ करती हुई चुद रही थी.

तभी भाई ने अपने हाथ आगे लाते हुए मेरे दोनों दूध पकड़ कर भंभोड़े और कहा- साली रंडी … तुमको उससे चुदना है?
मैं भाई के मस्त झटकों में खोई हुई थी तो मैंने बोल दिया- हां लेना है उसका!

भाई ने लंड को तेजी से अन्दर ठूंसते हुए कहा- ठीक है साली, कल करता हूँ कुछ!
बस मैं खुश हो गई और वो मेरी चूत का भोसड़ा बनाने वाली प्रचंड चुदाई करने लगा.

मैं अब भाई के लंड के आगे खुद झटके दे रही थी.
भाई भी धकापेल चोदने लगा था.

हम दोनों की मस्त आवाजें निकल रही थी ‘आआह आह पेल दो आआह …’

कुछ दस मिनट बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और भाई भी मेरे साथ ही झड़ने लगा.
उसने मेरी चूत में ही अपने लंड का सारा पानी निकाल दिया.

चुदाई की थकान से हम दोनों वैसे ही नंगे सो गए.

ऐसी मस्त नींद आई कि मैं सीधे सुबह ही उठी.
भाई बाहर जाने को बोल रहा था.

मैंने उसे उसके दोस्त की याद दिलाई.
तो वो बोला- हां मुझे याद है. तूने अपनी फ्रेंड तान्या की दिलाई थी. अब मेरी बारी है. मैं समीर को रूम पर भेज देता हूँ. बाकी काम तू खुद से कर लेना.

मैं कुछ नहीं बोली बस मंद मंद मुस्कुराने लगी.

कुछ देर बाद भाई चला गया.
उसके बाद मैं नहा धोकर खाना बनाने लगी और खाकर बैठी ही थी कि भाई का दोस्त आ गया.

समीर ने मुझसे पूछा- मुझे आपके भाई ने भेजा है. उसके लैपटॉप पर मुझे कुछ काम करना था.

उस वक्त मैंने भाई की टी-शर्ट और निक्कर पहन रखी थी. उसमें से मेरे दूध हिलते हुए साफ़ दिख रहे थे.
मेरी गोरी जांघें उसके लंड को फनफनाने पर मजबूर कर रही थीं. मेरी नजरें भी उसके फूलते हुए लौड़े पर ही टिकी थीं.

वो मुझको वासना से देखे जा रहा था और बार बार अपने लंड को हाथ से सहला रहा था.
मैंने इठला कर उससे दोअर्थी भाषा में हां कहते हुए कहा- हां कर लो, जो करना है. मुझे क्या दिक्कत है.

वो मेरी बात सुनकर जरा मुस्कुराया और लैपटॉप खोल कर अपना काम करने लगा.
मैं भी जानबूझ कर कमरे में झुक कर झाड़ू लगाने लगी.

भाई की टी-शर्ट मुझे ढीली थी और मैंने उसके बटन भी नहीं लगाए थे तो मेरे दोनों दूध उसके सामने अपना जलवा बिखेर रहे थे.
वो लैपटॉप पर काम करते करते मुझको देख रहा था.

एक बार उससे नजरें मिलीं तो मैंने उससे चाय के लिए पूछा.
उसने हामी भर दी.
मैंने झट से उसके लिए चाय बना लाई और उसके साथ बैठ कर चाय पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगी.

वो एकदम से बोला- तुम अपने भाई से चुदती हो ना!
मैंने उससे तेज स्वर ने कहा- क्या बक रहे हो … दिमाग तो ठीक है ना!

ये सुनकर वो बोला- कूल डाउन बेबी. मैंने उसके फोन में आपकी और उसकी एक साथ वाली पिक देखी है और वो भी न्यूड!
मैं कुछ ना बोल पाई और थोड़ा डर गई.

वो बोला- कोई बात नहीं है, मैं किसी को नहीं बताऊंगा. आजकल सब चलता है.
मैं उसकी तरफ देखने लगी.

वो बोला- मैंने भी अपनी बहन की ले रखी है.
मैंने उससे कहा- वो कैसे?

वो अपनी और अपनी बहन की बातें बताने लगा.
उसकी खुली खुली बातों से मैं थोड़ी गर्म होने लगी.

वो धीरे धीरे से मेरी तरफ आ गया और मुझसे चिपक गया.
मैं भी कुछ नहीं बोली; मुझे तो खुद ही उससे चुदवाने का मूड था.

दो मिनट तक हम दोनों ने कोई बात नहीं की, फिर उसने धीरे से मुझको अपनी बांहों में ले लिया.

मैं कुछ नहीं बोली.
बस मेरे कंठ से हल्की सी ‘इस्स …’ की आवाज निकली.

इससे उसको ग्रीन सिग्नल मिल गया और मुझको कसके जकड़ कर प्यार करने लगा.

मैं भी उसका साथ देने लगी.
हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गए थे और हमारी जीभें एक दूसरे को चुदाई के लिए रेडी करने लगीं.

धीरे धीरे करके उसने अपने और मेरे सारे कपड़े निकाल दिए.
वो नंगा हुआ तो उसका लंड देख कर मेरी चूत बहने लगी.

मुझको अन्दर से कुछ कुछ सेक्सी सा लगने लगा.
मैंने उसके लंड को पकड़ लिया तो वो समझ गया और मुझे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गया.
वो मेरे बूब्स पीने लगा.

कुछ ही देर में उसने मुझको इतना गर्म कर दिया कि मेरा हाथ उसके लंड पर फिर से आ गया.

मैं इस बार उसका लंड हिलाने लगी.
मुझको हाथ से लंड सहलाने से समझ आ गया कि उसका लंड करीब 7 इंच का था और मेरे भाई से थोड़ा सा मोटा था.

वो नीचे होकर मेरी चूत को चूसने लगा.
मैं टांगें फैलाकर ‘आआह आआह …’ करने लगी.

सच में मेरे मुँह से पता नहीं, कैसी कैसी आवाज़ निकल रही थी.
फिर हम दोनों 69 में आ गए.

मैं भाई के दोस्त का लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ मिनट चूसने के बाद उसने मुझे बेड के किनारे पर लाकर मेरी टांगें खोल दीं और अपना लंड मेरी चूत पर रख कर रगड़ने लगा.

मैंने लंड की गर्मी का अहसास पाते ही अपनी आंखें बंद कर लीं.

तभी उसने मुझसे पूछा- तुम अपने भाई से आखिरी बार कब चुदी थीं?
मैंने बोला- कल रात को ही!

वो कुछ नहीं बोला बस धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत मैं पेलने लगा और मुझको चोदने लगा.
मैं टांगें फैला कर हवा में उठा कर लंड ले रही थी.
इस आसन में मुझको उसका पूरा लंड चूत में आता जाता दिख रहा था.

वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और झटके से वापस चूत में डाल देता.
हॉट गर्ल चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था.

मेरी मादक आवाजें निकलने लगी थीं.
इससे वो और जोश में आ गया था और जोर जोर से चोदने लगा था.

दस मिनट की धकापेल चुदाई में उसने अपना पानी निकाल दिया और मेरे ऊपर ही ढेर ही गया.
वो मेरे दूध चूसते हुए बोला- मजा आया?
मैंने भी उसे चूम कर कहा- हां बहुत.

वो बोला- एक बार फिर से करें?
मैंने कहा- भाई आने वाला होगा. मैं यहां 2-3 दिन हूँ. बाद में कर लेना.

वो ओके बोल कर मेरे ऊपर से हट गया.
हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और हमारे बीच थोड़ी देर तक हंसी मज़ाक होता रहा.

वो बोला- किसी दिन हम चारों करेंगे.
मैं बोली- चार कौन?

वो बोला- मैं अपनी बहन को ले आऊंगा, मैं, तुम और तुम्हारा भाई … हो गए ना चार?
मैं कुछ नहीं बोली.

थोड़ी देर बाद वो चला गया.
उसके जाते ही मैंने भाई को कॉल किया.

वो आ गया. मैंने उसे सब बता दिया.
वो कुछ नहीं बोला और मुझको किस करने लगा.
अब हम दोनों ने एक बार और चुदाई की.

उसी रात को समीर घर आया.
भाई भी घर पर था.

उन दोनों ने आपस में कुछ बात की.
वो बार बार मुझको देख रहा था.

कुछ देर बाद वो घर चला गया.

अगली रात उन दोनों ने एक साथ मेरी दोनों तरफ से बजाई. मेरी बढ़िया सैंडविच चुदाई हुई.
वो सेक्स कहानी अगली बार लिखूंगी.

आपको मेरी ये हॉट गर्ल चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करना.
आपकी शिवानी शर्मा