हॉट Xxx साली की चुदाई कहानी फेसबुक पर मेरी दोस्त भाभी की है. वो सेक्स की प्यासी थी. मैं उसे चोदने नहीं जा सकता था तो मैंने उसे उसी के जीजा से चुदवाया.
साथियो, मैं राज जोधपुर राजस्थान से एक बार फिर से एक नयी सच्ची सेक्स कहानी लेकर हाज़िर हूँ.
नए पाठकों को अपना परिचय करवा देता हूं. मेरा नाम राज (बदला हुआ), उम्र अड़तालीस साल, लम्बाई छः फिट तीन इंच, भरा पूरा शरीर है, दिखने में ज्यादा हैंडसम नहीं हूँ. जो हैंडसम दिखते हैं, वो चुदाई के मामले में कम ही टिक पाते हैं.
हालांकि मैं इतना बदसूरत भी नहीं हूं कि किसी को पसंद ही न आ सकूँ. मेरे लंड साइज मैं कभी नापा नहीं, पर एक बार जो भी मुझसे चुदवाती है, वो बार बार चुदना चाहती है.
मुझे भाभियों, आंटियों में ज्यादा रूचि रहती है. वो लंड का मजा खुल कर लेती हैं.
मेरी पिछली सेक्स कहानी
अस्पताल में मिली लंड की प्यासी भाभी
की आप लोगों ने बहुत सराहना की, इसके लिए आपका दिल से आभार और धन्यवाद. बहुत सारे मेल आए, पर माफी चाहता हूँ कि सब का जवाब नहीं दे पाया.
मैं कोशिश करूंगा कि सबको जवाब दूं.
ये बात अभी दूसरे लॉकडाउन की है.
मेरा एक फेक फेसबुक खाता है जहां से इस हॉट Xxx साली की चुदाई कहानी की शुरुआत हुई थी.
उस फेसबुक अकाउंट में मेरी एक फ्रेंड है. उसका नाम आरजू (बदला हुआ) है. आरजू शादीशुदा है. वो दिल्ली में रहती है.
उसका शौहर बाहर जॉब करता है, इसलिए तीन चार महीने में ही उसका आना होता है.
शौहर की नामौजूदगी में आरजू अपनी चुत की आग को उंगली के सहारे ही ठंडी कर पाती है, इसके सिवाए वो कुछ नहीं कर सकती थी.
मैं आपका आरजू से परिचय करावा देता हूँ.
वो एक सुनहरे बदन की मलिका है. उसके मम्मों का साइज बत्तीस इंच है, उसके निप्पल भूरे रंग के हैं और चूचियां एकदम कड़क हैं.
उसका चेहरा किसी मासूम लड़की के जैसा है और उम्र यही कोई बीस इक्कीस साल की है.
वो एक नयी नवेली दुल्हन है, उसकी शादी अभी हुई ही थी.
एक दिन उसने फेसबुक पर अपनी फोटो को अपलोड किया तो मैंने कमेंट बॉक्स में लिखा- लगता है अभी तक पूरी तरह ठुकाई नहीं हुई है.
कुछ देर बाद मैसेंजर पर उसका मैसेज आया ‘आपका क्या मतलब है?’
मैंने रिप्लाइ किया कि कैसा मतलब?
उसने कहा- आपने कमेंट किया है कि पूरी तरह ठुकाई नहीं हुई, उसका क्या मतलब है?
मैंने कहा- ओह … तो आप इसका मतलब पूछ रही हैं … या ठुकवाना चाहती हैं?
उसने कहा- मतलब पूछ रही हूँ … ये ठुकवा ठुकवी क्या है, मुझे पता नहीं है?
मैंने बताया- आपकी ढंग से चुदाई नहीं हुई, इसको एक भाषा में ठुकाई भी कहते हैं.
उसने कहा- ओह … पर आपको कैसे पता कि मैं ढंग से चुदी नहीं हूँ?
मैंने कहा- आपकी फोटो से यही लग रहा है.
उसने मायूस होकर बोला- हां, मेरी शादी हाल ही में हुई है और कुछ दिनों बाद ही शौहर जॉब के लिए बंगलूर चले गए हैं. वो कभी कभार ही आ पाते हैं, इसलिए बहुत तड़प रही हूँ.
मैंने कहा- ओह … फिर आपकी रातें कैसे कट रही हैं?
उसने कहा- अब तो उंगली ही सहारा है.
मैंने पूछा- घर में और कौन कौन है?
वो बोली- सास ससुर और एक ननद है.
मैंने पूछा- क्या घर से बाहर जाना होता है?
वो बोली- कभी कभार ही हो पाता है, वो भी दस पंद्रह मिनट के लिए.
इधर उधर की बातें कुछ दिनों तक होती रहीं.
वैसे ही मैंने पूछा- मुहल्ले में कोई आप पर लाइन मारता है कि नहीं!
वो बोली- मोहल्ले वालों को मालूम है कि मेरा शौहर घर कम आता है, तो लाइन क्या … साले खा जाने वाली नज़र से देखते हैं. क्या बुड्डे, क्या जवान सबके लंड से लार टपकने लगती है.
मैंने उसके मुँह से लंड सुना तो समझ गया कि ये चुदने को मचल रही है. मैंने पूछा- ये तुमने कैसे जाना कि मोहल्ले के मर्दों के लंड से लार टपकने लगती है?
आरजू ने बताया- एक बार सब्जी लेकर मैं घर आ रही थी तो पीछे से ना जाने कौन जोर से मेरी गांड दबाकर भाग गया था. उस दिन मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया था. फिर एक बार मैं बस में सफर कर रही थी, तो भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण एक आदमी मेरी गांड से लंड सटाकर ऊपर ऊपर से ही मुझे चोदने लगा था. काफी देर बाद वो अन्दर ही झड़ गया और ढीला पड़ गया था. मैंने घर आकर सब कुछ याद करके उंगली करके अपनी चूत की आग शांत कर सकी थी, पर जो आग लंड से बुझती है, उंगलियों में वो दम कहां.
ऐसे ही हमारी चैट पर बातचीत हो रही थी. फोटो वीडियो का आदान प्रदान भी होता रहा.
इस दरम्यान मैंने मेरे फनफनाते लंड का वीडियो भी उसे भेजा.
मेरा मोटा लंड देखकर आरजू की आग और भड़क गई.
उसने कहा- राज प्लीज़ मेरी आग को किसी तरह से ठंडी कर दो यार.
इधर मुझे भी उसे चोदने की लालसा बढ़ रही थी.
पर क्या करें, ये साला कोरोना बीच में अपनी मां चुदवाने आ गया.
खैर … फिर एक दिन मैंने आरजू से पूछा- तुम्हें क्या लगता है कि तुम्हारे साथ ज्यादा छेड़छाड़ कौन करता है?
उसने बताया- मेरा जीजा मुझे बहुत ही ज्यादा छेड़ता है. वो शादी से पहले भी और अब भी मेरे साथ छेड़खानी करता रहता है.
मेरे मुँह से ओह निकला.
मैंने उससे बोला- तो जीजा से चुदवाने में क्या हर्ज है?
वो बोली- ना बाबा ना … अगर आपा व अन्य घर वालों को पता चल गया तो मुसीबत आ जाएगी. इससे मेरी आपा का घर भी टूट सकता है. मैं जिंदगी भर आंख उठाकर जी नहीं सकूंगी.
मैंने लम्बी सांस ली और हम्म में जवाब दे दिया. मैं मन ही मन में सोचने लगा कि बंदी है तो संस्कारी.
फिर मैंने आरजू से पूछा- जब इतना डरती हो, तो तुम मुझसे कैसे चुद पाओगी?
उसने कहा कि चूत की आग कुछ भी करवा सकती है.
मैंने कहा- तो जीजा है ना बेबी.
वो फिर से भड़क गई और बोली- रिश्तों में ये सब नहीं कर सकती हूँ.
मैंने उसको समझा बुझा कर शांत किया. फिर इधर उधर की बातें करके उसका मन बहलाया.
यहां पर मैं अपने पाठकों को एक संदेश देना चाहता हूँ.
आप सभी मानेंगे तो आभार, नहीं तो सबका धन्यवाद.
मैं ये कह रहा हूँ कि क्या रिश्तों के अलावा कहीं और चुत मिलनी बंद हो गई जो रिश्तों में ही चुदाई करने का काम किया जाता है.
मां, बहन, बाप, बैटी जैसे पवित्र रिश्ते ख़राब होते जा रहे हैं.
हां जीजा-साली देवर-भाभी, के रिश्ते की तो सदियों से सुनते आ रहे हैं.
पर दुनिया का सबसे पवित्र मां, बहन, बाप, बेटी?
अगर हम इंसान ही ऐसा करने लग जाएंगे, तो जानवर और इंसान में फर्क क्या रह जाएगा!
ये मैंने अपनी अंतरात्मा से कहा है, अगर किसी को बुरा लगे तो माफ कर देना.
फिर उस लड़की के साथ कुछ दिन ऐसा ही चला.
उसे मैंने विश्वास में लेकर कहा- जीजा-साली का तो सदियों से रिश्ता चलता आ रहा है. तुम इतना क्यों घबराती हो और जीजा बेचारा तुझे ठोकने के लिए तैयार बैठा है.
वो बोली- हां वो तो है, पर उसके साथ ये सब कैसे कर पाऊंगी?
मैंने कहा- तुम्हें कुछ नहीं करना, तुम्हें तो जीजा को सिर्फ हरी झंडी देनी है. फिर देखना क्या होता है.
उसने हम्म कह कर हामी भर दी.
फिर उसने मुझे अपना एक मुस्कराता हुआ फोटो भेजा.
मैं- हां ये हुई ना बात बेबी.
अब वो मुझसे जीजा से मिलने का आइडिया लेने लगी.
मैंने कहा- पहले जीजा को हरी झंडी दो और उसका परिणाम क्या आया है, वो मुझे बताओ, तब मैं आगे बताऊंगा.
उसने हरी झंडी दिखानी शुरू कर दी.
बेचारा जीजा तो इस मौके की तलाश वर्षों से कर रहा था.
आरजू ने जानबूझकर अपनी एक तौलिया में लिपटी फोटो भेजकर जीजा से कहा- सॉरी गलती से आ गई जीजा जी.
जीजा बाग बाग हो गया और बोला- कोई बात नहीं साली जी. पर लग मस्त रही हो.
इस तरह उन दोनों में नजदीकी बढ़ती गईं और एक दूसरे का होने के लिए बेताब होने लगे.
ये सब आरजू मुझे बता रही थी.
फिर मिलने की अड़चन आई.
आरजू ने मुझे बताया कि जीजा तो एकदम तैयार है और मैं भी, पर जगह की अड़चन है.
मैंने कहा- उसका भी हल है मेरे पास.
उसने कहा- क्या हल है?
मैंने कहा कि घर वाले कभी बाहर जाते हैं … जैसे किसी रिश्तेदार के यहां?
आरजू बोली- हां दो तीन दिन में ही जाने वाले हैं. कोई सगाई प्रोग्राम में जाना है, पर मुझे भी साथ जाना पड़ेगा.
मैंने कहा- तबियत ठीक नहीं है … का बहाना बना देना.
वो बोली- हां ये ठीक रहेगा.
फिर तय समय अनुसार सब होता रहा.
उधर जीजी साली की चुदाई के लिए उतावला हो रहा था.
फिर वो दिन आ ही गया जब मिलन होना था.
इस दरम्यान मैंने आरजू से कहा- प्लीज़ जीजा से जैसे चाहो चुदवा लेना पर तुम्हारी गांड का उद्घाटन तो मैं ही करूंगा. उसको कुंवारी ही रखना.
वो बोली- ओके गांड सिर्फ आपके लिए ही है.
उस दिन जीजा समय पर आ गया और आते ही उसने आरजू के साथ ताबड़तोड़ किसिंग चालू कर दी. वो ऐसे चूम रहा था, जैसे सदियों से प्यासा हो.
जीजा की उम्र पैंतीस साल की थी … पर वो था दमदार चोदू.
ऐसा आरजू ने बताया.
फिर वो दोनों बेडरूम में चुदाई के लिए चले गए. एक एक करके एक दूसरे के कपड़े अलग होने लगे.
कुछ ही समय में दोनों एकदम नंगे हो गए. चूमाचाटी चलती रही, एक दूजे में समाने लगे.
जीजा अपना फनफनाता लंड आरजू की चुत पर रगड़ने लगा, तो महीनों से प्यासी चूत पनियाने लगी और पूरी गीली होकर लंड लेने के लिए फुदकने लगी.
जीजा ने देर ना करते हुए एक ही झटके से लंड अन्दर डालने की कोशिश की पर लंड फिसल गया … आरजू की टाईट चूत में अन्दर नहीं जा सका.
दूसरी बार जीजा ने थूक लगाकर डाला तो आधा लंड अन्दर चला गया.
आरजू की चीख निकल गई.
धीरे धीरे जीजा लंड अन्दर डालता गया.
आरजू की चीखें बढ़ती गईं क्योंकि महिनों बाद जो चुदवा रही थी.
अब जीजा जोर जोर से चुदाई करने लगा.
आरजू को भी बहुत मजा आने लगा; चीखें, मादक सिसकारियों में बदल गईं और एक दूसरे का साथ देते हुए चुदाई करने लगे.
अचानक जीजा के मुँह से गालियां निकलने लगीं- मादरचोद रंडी तेरी मां का भोसड़ा … ले साली लंड खा!
साली भी गांड उठा कर मजे से चुदवाने लगी.
तभी जीजा के मुँह से निकला- मादरचोद रंडी तुझको तो पूरे मुहल्ले के लड़कों से चुदवाउंगा.
वो बात आरजू को खटक गई … पर उसने कुछ नहीं कहा.
वो चुदाई का परम आनन्द प्राप्त करने में लगी रही.
ताबड़तोड़ चुदाई हो रही थी. इतने में आरजू रह ना सकी और वो रस की फुहार छोड़ कर ढीली पड़ गई.
थोड़ी देर जीजा रूका और चुम्माचाटी करने लगा.
वो आरजू को वापस गर्म करने लगा.
थोड़ी देर बाद आरजू फिर से लंड लेने को तैयार हो गई.
अब आरजू डॉगी स्टाइल में लपक लपक कर चुदवाने लगी.
जीजा शायद गोली खाकर आया था तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.
इस दरम्यान आरजू एक बार फिर झड़ गई.
थोड़ी देर जीजा भी झड़ने वाला था, उसने आरजू से बोला- कहां लोगी?
आरजू बोली- मुँह में.
जीजा ने अपना फनफनाता लंड आरजू के मुँह में दे दिया और रस के फुव्वारे से आरजू का मुँह भर दिया.
आरजू रस गटक गई.
थकान की वजह से दोनों सुस्ताने लगे.
थोड़ी देर बाद दूसरा राउंड चालू हुआ
दूसरे राउंड में आरजू जीजू के ऊपर आ गई और लंड चूत पर सैट करके धीरे धीरे लंड चुत के अन्दर लेने लगी.
दूसरी बार की चुदाई थी तो चूत पुरी खुली हुई थी.
जीजा ने आरजू को दबाया तो फच्चाक से लंड चूत के अन्दर घुस गया.
फिर आरजू हौले हौले ऊपर हिचकोले लेती हुई लंड पर गांड पटकने लगी.
नीचे से जीजा इसके मम्मों पर हाथ जमाये हुए लंड उठा रहा था.
वो आंख बंद किए हुए चुदाई का परमानंद लेने में लगा था.
काफी देर ऐसे ही चुदाई का सिलसिला चला जिससे आरजू को थकान होने लगी.
ये जीजू को पता चल गया तो उसने पलटी मार कर पोज बदला और आरजू के ऊपर आ गया.
अब ताबड़तोड़ चुदाई होने लगी, जिससे दुनिया का सबसे प्यारा म्यूजिक बजने लगा.
हर पोजीशन में चुदाई के बाद दोनों एक साथ झड़ने के करीब आ गए.
जीजा बोला- इस बार कहां लोगी डार्लिंग?
आरजू ने कहा- मम्मों पर आने दे जानू.
आरजू झड़ गई थी.
जीजू ने भी अपना माल मम्मों पर झाड़ दिया.
दोनों ऐसे हांफ रहे थे, जैसे लम्बी दौड़ लगाकर आए हैं.
दोपहर के तीन बजने वाले थे और पांच बजे घर वाले आने वाले थे.
थोड़ा आराम करके जीजा साली फिर शुरू हो गए.
काफी देर तक चुदाई चली.
शाम साढ़े चार बजे जीजा वहां से निकल गया.
उसके जाते ही आरजू ने मुझे सब बता दिया.
साथियो ये थी मेरी फेसबुक फ्रेंड की चुदाई की कहानी. आप लोगों को कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताना.
इसी कहानी को आगे बढ़ाऊंगा जब मैं आरजू की चुदाई करने के लिए दिल्ली जाऊंगा.
कोरोना काल में गैर से दूर रहें और अपनी अपनी से मस्त चुदाई का मजा लेते रहें.
चाहे मीलों हो दूरी,
लंड हिलाना जरूरी.
अपना ख्याल रखें, धन्यवाद.
हॉट Xxx साली की चुदाई कहानी पर आपके मेल के इंतजार में!