गर्म भाभी चोदी पड़ोसी ने … साथ ही अपन दोस्त को भी चालू भाभी की चूत दिलवा दी. भाभी ने भी चूतड़ उछाल उछाल कर दोनों के बड़े लड़ गड़प लिए!
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मेरा नाम हुमा अली है दोस्तो!
मैं एक 28 साल की बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट औरत हूँ। मेरा कद 5′ 4″ का है, रंग एकदम गोरा है, चेहरा गोल और आँखें कजरारी हैं।
मेरी पतली कमर, मेरी खुली हुईं मस्त बांहें, मेरे सुराहीदार गर्दन, बड़े बड़े रसीले सुडौल मम्मे, मेरे उभरे हुए चूतड़ और उसके बीच की मस्तानी गांड किसी को भी अपनी तरफ खींचने के लिए काफी हैं।
मैं अक्सर साड़ी पहनती हूँ और उसके नीचे एक छोटी सी ब्रा!
ब्रा के अंदर से मेरे बड़े बड़े बूब्स हमेशा बाहर झांकते रहते हैं जिन्हें लोग बड़ी उत्सुकता से देखते हैं।
मैं जब चलती हूँ तो मेरे बूब्स सामने से हिलते हैं और पीछे से मेरी गांड मटकती है।
मुझे देख कर अक्सर लोग अपना लण्ड सहलाने लगते हैं।
वैसे तो मैं देखने में बड़ी भोली भाली और संभ्रांत महिला लगती हूँ पर सच्चाई यह है कि मैं अंदर से एक अय्याश, हरामजादी चुदक्कड़ औरत हूँ।
मैं बहनचोद पराये मर्दों के लण्ड की बेहद दीवानी हूँ और नए नए लोगों से चुदवाने की जबरदस्त शौक़ीन हूँ।
और मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी। कई लण्ड मेरी चूत में घुस चुके थे।
मैं कॉलेज के लड़कों से भी चुदी थी और बड़े लोगों से भी चुदी थी।
मुझे सबके लण्ड बहुत पसंद आये और मैं धकाधक बिना रुके चुदवाती गयी; लण्ड पे लण्ड लेती गई।
लेकिन मैं शादी के बाद सच में पराये मर्दों के लण्ड के लिए तड़पने लगी क्योंकि मुझे डर था की कहीं मेरा शौहर मेरी चुदाई के बारे में जान न जाए!
मैं उससे छिप छिप कर चुदवाना चाहती थी।
मेरी शादी अभी 6 महीने पहले यूनूस खान नाम के लड़के से हुई है। मैं दिल्ली में अकेली अपने शौहर के साथ रहती हूँ। मेरा शौहर स्मार्ट है, हैंडसम हैं और मेहनती भी है.
मैं पिछले 6 महीने से उससे चुदवा रही हूँ।
मगर एक ही लण्ड से चुदवाते चुदवाते बोर हो गयी हूँ। रोज़ रोज़ वही लण्ड, वही चुदाई की स्टाइल वही चुदाई की घिसी पिटी बातें!
मैं बहनचोद बहुत परेशान हो गयी हूँ। जवानी मेरी बेकार हुई जा रही है।
फिर मैंने ठान लिया कि अब मैं पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा लूंगी। एक नहीं कई लण्ड का मज़ा लूंगी। अपने हसबैंड को खूब चूतिया बनाऊंगी।
बहाने बनाना मुझे खूब आता है।
मैं मन में अपने हसबैंड को गालियां देने लगी- यूनूस खान तेरी माँ का भोसड़ा! तेरी बहन की बुर साले। तू अगर मुझे अच्छी तरह चोद नहीं पाता तो फिर मुझे दूसरे मर्दों से चुदवा क्यों नहीं लेता? उनके लण्ड मेरी चूत में पेलवा क्यों नहीं देता? ऐसा नहीं करेगा तू तो देख लेना कि अब तेरी बीवी भोसड़ी वाली क्या क्या गुल खिलाती है? अब मैं अपनी जवानी बरबाद नहीं करूंगी। पूरा मज़ा लूंगी पराये मर्दों के लण्ड का। रोज़ नये नये लण्ड पेलवाया करूंगी अपनी बुर चोदी बुर में!
एक दिन मैं अपने शौहर को एयरपोर्ट छोड़ने अपनी कार से गई थी. वह हवाई जहाज से मुंबई जा रहे थे।
वहां से लौट कर आई और अपनी कार पार्क कर रही थी। तभी मुझे अरविन्द अंकल दिखाई पड़े।
मैंने आवाज़ लगाई- अंकल जी!
वे पीछे मुड़े, मुझे देखा और बोले- अरे तुम हुमा … कैसी हो?
मैंने कहा- अंकल मैं अच्छी हूँ, आप कैसे हैं?
वे बोले- मैं मस्त हूँ.
मैंने कहा- तो मेरे घर आइये, मैं घर पर 11 बजे आपका इंतज़ार करुँगी।
उन्होंने कहा- ठीक है मैं आ जाऊंगा। आज तो संडे है। छुट्टी का दिन है।
मैं फिर ख़ुशी ख़ुशी अपने फ्लैट पर वापस आ गई।
मेरे मन में खुराफ़ात आने लगी।
मैं बाथ रूम गयी और अपनी झांटें वगैरह साफ़ करके खूब मस्ती से नहाया और बाहर आ गई।
मुझे मालूम है कि अंकल वाइन लेते हैं तो मैंने ड्रिंक्स का सारा इंतज़ाम कर लिया. साथ में सिगरेट का भी और स्नैक्स का भी।
मैं आपको बताना चाहूंगी दोस्तो कि मैं अंकल हमारे पड़ोसी हैं, मेरे शौहर पीने पिलाने के चक्कर में कई बार उनके साथ वक्त बिताया करते हैं. वे हमारे घर कम ही आते हैं पर फिर भी मेरी थोड़ी बहुत दोस्ती हो गई थी अंकल से। मैं उनके साथ बैठ कर वाइन भी पी लेती थी लेकिन कभी इसके आगे नहीं बढ़ी।
मैंने सिर्फ एक मैक्सी पहन ली. अंदर से मादरचोद मैं एकदम नंगी थी।
11 बजे का टाइम हो गया था, मैं अंकल के आने का इंतज़ार करने लगी।
जैसे ही बेल बजी, मैंने दरवाजा खोला तो सामने अंकल खड़े थे।
मैंने उन्हें अंदर बैठाया और दरवाजा बंद कर दिया।
अंकल उस समय बड़े स्मार्ट दिख रहे थे। वे लगभग 45 साल के थे लेकिन बड़े हैंडसम थे,गोरे चिट्टे थे।
मैंने कभी उसके लण्ड के दर्शन नहीं किये थे लेकिन मैंने ठान लिया कि मैं आज लण्ड के दर्शन जरूर करूंगी। दर्शन ही नहीं करूंगी बल्कि लण्ड मुंह में भी लूंगी और चूत में भी।
आज मैं बिना चुदवाये इसे जाने नहीं दूँगी। ऐसा सोच कर बैठी थी मैं!
मैंने बड़े प्यार से दो पैग व्हिस्की बनाई और एक पैग उसे पकड़ा दिया।
हमने चियर्स कहा और फिर हम मस्ती से पीने लगे व्हिस्की।
उधर मैंने किचन में अंडे उबलने के लिए रख दिये।
मेरी डीप नेक की मैक्सी थी। बटन नहीं था फीता था।
अंकल की नज़रें मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ देख रहीं थीं। उसके लण्ड में हलचल मची हुई थी।
मैं भी इधर उधर घूम घूम कर अपनी चूचियाँ बार बार उन्हें दिखा रही थी।
फिर मैंने सिगरेट सुलगाई, एक उन्हें पकड़ा दी और दूसरी मैंने पकड़ ली।
हम दोनों सिगरेट पीते हुए बातें करने लगे।
मैंने कहा- अंकल आपने शादी तो की नहीं?
वे बोले- हां शादी तो नहीं की। मुझे कभी शादी की जरूरत ही नहीं महसूस हुई।
“कमाल है? आप बिलकुल मस्त जवान हैं. बिना शादी के जवानी कैसे कटती होगी आपकी अंकल? मुठ्ठ मार मार कर जवानी काट रहे हो क्या?”
“नहीं ऐसा तो नहीं है।”
“तो क्या तुम लड़कियां चोदते हो अंकल? दोस्तों की बीवियां चोदते हो या फिर किसी की माँ, बहन, बेटी चोदते हो? कितनी भाभी चोदी आपने? खुल कर बताओ न मुझे?”
“जो मिल जाये उसकी को चोद लेता हूँ! बीसियों भाभी चोदी होंगी मैंने तो!”
“तो इसका मतलब आपको चूत की कोई कमी नहीं है। अच्छा बताओ कि आपको किसकी चूत सबसे ज्यादा अच्छी लगती है?”
“जो बड़े प्यार से और मन से अपनी चूत देती है मुझे वही चूत सबसे ज्यादा अच्छी लगती है।”
मैंने फिर सिगरेट का एक लंबा कस लिया और अंकल के लण्ड पर दूर से धुआं मारा और कहा- तेरा लण्ड तो भोसड़ी का बड़ा नसीब वाला है अंकल जो इन सबकी बुर का मज़ा लेता है। तेरा लण्ड ऐसा होगा यह मुझे नहीं मालूम था. अगर मालूम होता तो मैं बहुत पहले तेरे लण्ड के दर्शन कर लेती। चलो कोई बात नहीं देर आये दुरुस्त आये। अब आज मैं बड़े मजे से तेरे लण्ड का दर्शन करूंगी अंकल!
वह बोला- तेरे शौहर यूनूस को मालूम हो गया तो? हुमा?
मैंने कहा- मेरे शौहर की माँ का भोसड़ा … उसकी बहन की बुर … वो मेरा क्या उखाड़ लेगा? अभी तो वह 3 / 4 दिन के लिए टूर पर गया है। मैं अकेली हूँ अंकल, मुझे चोदो। आज मुझे खूब चोदो। मैं एकदम बेशरम हो गई।
ऐसा कह कर मैं उठी और अंकल की पैंट खोलने लगी।
पैंट खुली तो फिर चड्डी खोल कर लण्ड बाहर निकाल लिया।
लण्ड मैंने बस थोड़ा हिलाया ही था कि वह फनफना कर मेरे आगे खड़ा हो गया।
मेरे मुंह से निकला ओ माय गॉड! इतना बड़ा लण्ड! इतना मोटा लण्ड! इतना गोरा चिट्टा लण्ड! इतना हट्टा कट्टा लण्ड! बाप रे बाप ये तो बहुत बड़ा है! ये तो बहनचोद एक ही बार में चूत का भोसड़ा बना देगा?
फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार फेंके; वह मेरे आगे एकदम नंगा हो गया।
मैंने भी अपनी मैक्सी खोल कर फेंक दी।
मैं भी मादरचोद उसके आगे नंगी हो गयी। मैं एकदम से चिपक गयी उसके नंगे बदन से और बड़ी देर तक चिपकी रही.
मुझे बहुत दिनों के बाद किसी पराये पुरुष का लण्ड मिला था, पराये पुरुष का नंगा जिस्म मिला था।
मैं हर एक पल का मज़ा लेना चाहती थी। लण्ड अपनी आँखों से ओझल नहीं होने देना चाहती थी।
जैसे मैं उसके नंगे बदन पर हाथ फिरा रही थी, वैसे वह भी मेरे नंगे जिस्म में हाथ फिरा रहा था।
मेरी चूचियों पर, मेरे कन्धों पर, मेरी मस्त मस्त बांहों पर, मेरे पेट पर, नाभि पर, मेरी जांघों पर और मेरी मस्तानी चूत पर।
फिर उसने अपना हाथ मेरे चूतड़ों पर भी फेरा, मेरी गांड बड़े प्यार से सहलाई और बोला- हुमा, तुम बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो, बहुत हॉट हो यार! अगर तुमने थोड़ा सा भी इशारा किया होता तो मैं तुम्हें लण्ड बहुत पहले पकड़ा देता।
मैंने कहा- अरे अंकल, अगर तुमने थोड़ी सी भी लिफ्ट दी होती तो मैं अब तक जाने कितनी बार तुमसे चुदवा चुकी होती!
फिर क्या … मैंने लण्ड बड़े प्यार से पकड़ कर अपने माथे पर लगाया, अपनी आँखों पर लगाया, अपनी नाक पर घुमाया और फिर अपने होंठों पर रख लिया।
मैंने प्यार से लण्ड की चुम्मी ली, उसे पुचकारा और जबान निकाल कर लण्ड का टोपा चाटा।
मेरे पूरे बदन में खलबली मच गयी।
इतना प्यारा और मस्त मौला लण्ड मैं पहली बार देख रही थी।
मैंने लण्ड अपने मम्मों पर खूब रगड़ा, खूब मस्ती की; निपल्स और लण्ड की खूब मजे से लड़ाई करवाई।
बड़ा मज़ा आया।
फिर मैं चढ़ बैठी अंकल के ऊपर और रख दी अपनी चूत उसके मुंह पर!
मैंने सर पर अपने बालों का जूड़ा बनाया और झुक कर लंड चाटने लगी।
इधर अंकल मेरी चूत चाटने लगा।
हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए।
मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है।
अंकल बुर चाटने में माहिर तो था ही … वह अपनी जबान घुसा घुसा कर मेरी चूत का मज़ा लेने लगा, साथ ही साथ मेरी गांड भी चाटने लगा।
मैं लण्ड चाटने में माहिर थी तो लण्ड बड़ी मस्ती से चाट रही थी। लण्ड पर थूक थूक कर चाट रही थी। लण्ड की लार मेरे मुंह की लार से मिलकर एक नया स्वाद बना रही थी।
वह बोला- हुमा तू भोसड़ी की … बहुत अच्छी तरह लण्ड चाटती है। इस तरह तो किसी मादरचोदी ने मेरा लण्ड नहीं चाटा। तू तो बड़ी मस्ती लड़की है यार! तेरी माँ का भोसड़ा!
मैं उसकी गाली सुनकर और मस्त हो गयी।
कुछ देर में अंकल ने मुझे नीचे लिटा दिया और खुद जमीन पर खड़े होकर मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया। मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठी तो लण्ड गच्च से पेल दिया।
मेरी दोनों टांगें अंकल के कन्धों पर थीं और मैं भी आपको गांड उचका उचका कर चुदवाने लगी।
वह बोला- हुमा, मुझे ऐसी ही लड़की की बुर चोदने में मज़ा आता है जो खुद भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाये। जैसे तुम चुदवा रही हो। तेरी मस्तानी टाइट चूत मुझे बड़ा मज़ा दे रही है हुमा!
मैं बोलने लगी- हाय मेरे अंकल, तुम मेरे असली शौहर हो, मुझे खूब चोदो, पटक पटक के चोदो, हचक हचक के चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत, चीर डालो मेरी चूत! मैं तेरे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ, यार … बड़ा खूंखार है तेरा भोसड़ी का लण्ड। एकदम असली मरद का लण्ड है तेरा मादरचोद। मुझे ऐसा ही लौड़ा पसंद है; मुझे आज सबसे ज्यादा मज़ा आ रहा है।
वह स्पीड बढ़ाता गया और मैं उसे गालियां सुनाती गयी- तेरी बहन की बुर, हरामजादे अंकल … तेरी बिटिया की बुर, तेरी गांड में मैं पेलूँगी लण्ड, तेरी झांटें उखाड़ लूंगी। तू मुझे कुतिया की तरह चोद रहा है। तुझे किसी की बीवी चोदने में कोई शर्म नहीं आती, माँ के लौड़े … हाय रे कितना मज़ा आ रहा है यार!
मेरी चूत ढीली होती जा रही है।
इतने में अंकल ने कहा- यार मैं भी निकलने वाला हूँ।
तो मैं घूम गई और अपना मुंह खोल कर मुट्ठी से पकड़ लिया उसका लण्ड!
बस मैंने 10 / 12 बार लण्ड आगे पीछे किया तो उसने छोड़ दी पिचकारी मेरे मुंह में!
मैं निढाल हो गई; सारा वीर्य गटक गयी मैं और फिर मजे से लण्ड का टोपा चाटने लगी।
उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में घुस गये।
मैंने साबुन लगा कर उसके लण्ड को बड़े प्रेम से नहलाया।
उसने मुझे नहलाया।
हम बाहर आकर कपड़े पहन कर बैठ गए तो मैंने कहा- देखो अंकल, तुम इसी बिल्डिंग में रहते हो। मैं तेरे घर आऊँगी तो तेरे लण्ड पर बैठूंगी। मैं मौक़ा पाकर तुमको अपने घर बुलाऊंगी तो भी मैं तेरे लण्ड पर बैठूंगी। तेरा लण्ड मेरे लिए सिंहासन है और मुझे सिंहासन पर बैठना आता है।
दूसरे दिन शाम को मेरे पास अंकल का फोन आया।
वह बोला- हुमा, मैं अपने दोस्त जॉन को भेज रहा हूँ तेरे पास! वह भी मेरी ही तरह है। मैंने उसे बस बता दिया है और तुम्हारी खूब तारीफ की है। वह अभी आधे घंटे में तेरे पास पहुंच जायेगा। मैं चाहता हूँ कि तुम उसके साथ भी खूब मज़ा लूटो जैसे तुमने मेरे साथ लूटा है।
मैंने कहा- थैंक यू अंकल। मैं उसका इंतज़ार कर रही हूँ।
तब तक मैं अपना टच करके सारे इंतज़ाम के साथ बैठ गयी।
मैं खुश हो रही थी कि चलो आज एक और नया लण्ड मिलेगा।
बस कुछ देर में ही दरवाजे की घंटी बज उठी और उधर मेरे मन की घंटियां बजने लगीं।
मैं मन में सोचने लगी कि अगर जॉन का लण्ड अंकल के लण्ड जैसा होगा तो सच में बहुत मज़ा आएगा।
दरवाजा खुलते ही मैंने देखा कि सामने एक अधेड़ उम्र का गोरा चिट्टा हैंडसम आदमी खड़ा है।
उसे देख कर मेरी चूत की आग भड़क उठी।
वह बोला- मैं हुमा मैडम से मिलने आया हूँ।
मैंने उसे बड़े प्यार से अंदर बैठाया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।
मेरी चूचियाँ एकदम नंगी थी। मैंने बस एक शाल ओढ़ ली थी। मैंने नीचे एक घाघरा पहन लिया था और ऊपर कुछ नहीं!
मैंने ड्रिंक्स का सेट लगा दिया और उसके साथ ड्रिंक्स लेती हुई बातें करने लगी।
फिर मैंने धीरे से शाल नीचे गिरा दी तो उसे मेरी पूरी चूचियाँ नंगी दिख गयीं।
वह अपने होंठ चाटने लगा।
मैंने फ़ौरन शाल उठा कर ओढ़ लिया।
फिर मैं अपना घाघरा उठा कर उसे अपनी टांगें दिखाने लगी, बार बार किचेन में जा जा कर अपनी गांड का जलवा भी दिखाने लगी।
मैं जब पैग बनाने लगी तो शाल फिर नीचे गिर पड़ी।
उसने फिर मेरी चूचियाँ देखीं और मस्त होने लगा।
मैं बोली- ये भोसड़ी वाली शाल बार बार गिर जाती है।
मैंने पूछा- अंकल, तुम अरविन्द को कब से जानते हो?
वह बोला- मैं उसे 10 साल से जानता हूँ। वह मेरा पक्का दोस्त है।
मैंने कहा- पक्का दोस्त के माने क्या है?
वह बोला- मतलब हम लोग एक दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते?
मैंने कहा- अच्छा तो इसका मतलब अपना अपना लण्ड भी नहीं छिपाते हो तुम लोग? नंगे रहते हो एक दूसरे के आगे क्या?
वह बोला- हां, जब हम लोग सेक्स करते हैं तो नंगे रहते हैं।
मैंने कहा- तो तुम लोग लड़कियां एक साथ चोदते हो?
वह बोला- हां, आप ठीक कह रहीं थीं।
मैंने कहा- तो फिर मुझे भी चोदो। मैं अकेली हूँ, मुझे चोदो।
बस मैंने उसके लण्ड में आग लगा दी और उसकी जांघ पर हाथ रख दिया।
थोड़ा शाल हटाकर अपनी बड़ी बड़ी चूचियों की झलक फिर दिखा दी।
वह भी आगे बढ़ा और मेरे गाल चूम लिया और बोला- तुम सेक्सी बम हो हुमा! बड़ी मस्त, बिंदास और निहायत छिनार औरत हो तुम।
मैंने कहा- हां अब आये तुम भोसड़ी के सही रास्ते पर। अब आएगा मज़ा। मैं यही तो चाहती थी।
मैं उसके कपड़े खोलने लगी।
आखिर में जब मैंने उसकी पैंट खोल कर फेंकी तो चड्डी में आ गया।
चड्डी के ऊपर लण्ड का उभार साफ साफ दिख रहा था।
मैंने उस उभार को ही चूम लिया और बोली- हाय दईया, तुम चिंता न करो लण्ड राजा … मैं तुम्हें अभी बाहर निकालती हूँ।
फिर मैंने चड्डी उतार कर उसका लण्ड निकाल लिया।
लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया मेरे आगे!
मैंने कहा- ओ माय गॉड … कितना मस्त और जबरदस्त है तेरा मादर चोद लण्ड जॉन अंकल? क्या खिलाते हो इसको? एक दिन में कितनी बुर खाता है तेरा भोसड़ी का लण्ड?
मेरी बातों ने उसकी उत्तेजना बढ़ा दी।
मैं लण्ड की चुम्मियाँ लेने लगी, उसे चाटने लगी, उसे पुचकारने लगी।
फिर उसने मेरे कपड़े उतार दिये और मैं एकदम नंगी हो गयी।
वह मेरे नंगे बदन से खेलने लगा।
फिर हम दोनों बेड पर लेट गए।
नंगी मैं … नंगा वो … उसने मेरे पूरे नंगे जिस्म पर हाथ फिराया।
मैंने भी उसके नंगे जिस्म का मज़ा लिया और लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी।
उसका लण्ड अरविन्द के लण्ड से बड़ा भी था और मोटा भी।
उसके बाद जब उसने लण्ड पेला मेरी चूत में तो सच में मेरी माँ चुद गयी।
उसका मोटा लण्ड मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा, मेरी चूत का बाजा धकाधक बजाने लगा।
वह अरविन्द से भी अच्छी तरह से चोदने लगा मेरी फुद्दी!
मैं भी उसी तरह मस्त होकर चुदवाने लगी।
आखिरकार उसने मेरी चूत की गर्मी निकाल दी और मैं खलास हो गयी।
उसके बाद मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटा और एन्जॉय किया।
फिर मेरा पराये पुरुष से चुदवाने का सिलसिला चल पड़ा।
आजकल मेरे संपर्क में 6 / 7 लण्ड हमेशा रहते हैं और मैं उन सबसे बारी बारी से चुदवाती रहती हूँ।
पराये पुरुष के लण्ड मेरी सबसे बड़ी खुराक हैं; मैं बिना उनसे चुदे रह नहीं सकती.
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