नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम प्रकाश सिंह है. मैं छत्तीसगढ़ के एक गांव में निवास करता हूँ. मेरी जिंदगी की पहली बार सेक्स की कहानी है यह … यह कहानी मेरी और मेरे चाचा की बेटी की है. इसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने चाचा की बेटी को चोदा.
यह घटना दो वर्ष पहले की है, जब मैं 22 साल का था और मेरे चाचा की लड़की 19 साल की थी. उसका नाम रूपाली है (बदला हुआ नाम). जैसी कि उम्र थी, वो नई नई जवान हुई लड़की थी.
यह बात उन दिनों की है जब हमारे रिश्तेदारी में शादी थी और घर के सभी लोग वहाँ जा रहे थे. मेरी बहन की तबियत की खराबी के कारण वो नहीं जा पाई.
तो मैंने कहा कि मैं भी इसका ख्याल रखने के लिए यहीं रुक जाता हूं.
तब घर वालों ने कहा कि ठीक है शाम को हम घर जल्दी आ जाएंगे.
हम दोनों ने हां कह दिया.
इस वक्त तक मेरे मन में ये बात कभी नहीं आई थी कि मैं अपनी बहन के साथ सेक्स करूँगा.
अब शाम हो गई थी, तभी चाचा का फ़ोन आया कि आज हम कुछ कारणों से घर नहीं आ पा रहे हैं. तुम रूपाली का ख्याल रखना.
मैंने हाँ कह दिया.
रात को हम दोनों ने डिनर किया. फिर एक ही बिस्तर में लेटे हुए हम लोग मूवी देखने लगे. मूवी ख़त्म हो जाने के बाद भी हमें नींद नहीं आ रही थी, तो हमने सोचा कुछ बात ही कर लेते हैं.
तब हमने बातचीत करना शुरू कर दिया और बात करते हुए ही उसने पूछा- भैया, बच्चा कैसे पैदा होते हैं और ये लंड क्या होता है?
उसकी यह बात सुनकर मैं अचंम्भित हो गया कि यह क्या सवाल पूछ रही है और मैं सोचने लगा कि इसे कैसे समझाऊँ.. या न समझाऊँ.
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उससे कहा कि जो मैं बताऊंगा उसे किसी और को मत कहना.
उसने मुझसे वादा किया, परन्तु मैं अब भी दुविधा में था कि उसे ये सब बताऊं या नहीं.
फिर मैंने सोचा कि बता ही देता हूं.. अगर मैंने नहीं बताया तो वो किसी और से पूछेगी.
हम दोनों एक ही चादर ओढ़ कर लेटे थे. मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और उसे अपनी चड्डी के अन्दर डाल दिया.
उसने कहा- ये आप क्या कर रहे हो भैया?
मैंने कहा- जो तू पूछ रही है, वही बता रहा हूँ.
उसने कहा- छि.. मुझे नहीं जानना.
यह कह कर वो करवट बदल कर सो गई.
लेकिन मेरी बुद्धि घूम गई थी. अब उसके टच से ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.
वो पीठ करके लेटी हुई थी. उसके बदन की गर्मी मुझे अब चुदाई की तरफ धकेलने लगी थी. मैं इस वक्त सब मर्यादा भूल चुका था. मैंने तो अब उसे चोदने का भी मन बना लिया था.
मैंने थोड़ी देर बाद मैं उसके पेट पर अपना हाथ लगा कर सोने लगा, पर नींद तो दोनों की ही नहीं आ रही थी.
वो मेरी ओर मुड़ी और बोलने लगी- भैया, ये गंदा नहीं लगता है?
अब मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने कहा- इसमें बहुत मजा आता है.
तो उसने कहा कि आपको कैसे पता?
तब मैंने उसे बताया कि मैंने मूवी देखी है.
उसने पूछा- कौन सी मूवी?
तब मैंने अपने मोबाइल पर उसे एक चुदाई की मूवी दिखाई.
वो बोलने लगी- कोई कैसे ऐसे कर सकता है.. छी.. बंद करो इसे.
लेकिन वो भी मूवी देख कर कुछ गर्म हो गई थी. मैंने इसका फायदा उठाया और कहा कि चल मैं बताता हूं कि ये लंड क्या है?
मैंने फिर से उसका हाथ पकड़ कर अपनी चड्डी के अन्दर ले गया. इस बार उसने अपना हाथ नहीं निकाला.
मैंने बताया कि जब ये डंडा तुम्हारी चूत में जाता है तब..
अभी मैंने अपनी पूरी बात ही नहीं की थी कि उसने मुझे फिर से टोकते हुए कहा- भैया, ये चूत क्या होती है?
मुझे एक और सिग्नल मिल गया, मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी के अन्दर डाल दिया और उसकी चूत को टच करके बताया कि इसे कहते है चूत.
वो चूत पर मेरा हाथ पाकर गनगना गई और मैंने भी चूत की फांकों में उंगली से जरा कुरेद दिया. उसकी चूत पर हल्की हल्की रेशमी झांटें थीं.
मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर नहीं निकाला, बस चूत को सहलाता रहा. उसको भी शायद मेरा हाथ से चूत का सहलाना अच्छा लग रहा था, इसलिए उसने भी अपनी टांगें खोल दीं.
फिर मैंने हाथ फेरते हुए आगे बताना शुरू किया. मैंने कहा कि जब आदमी का लंड और लड़की की चूत का मिलन होता है और जब इसमें से एक तरल पदार्थ निकल कर तुम्हारी चूत के तरल पदार्थ से मिलता है, तब बच्चे का निर्माण होता है.
मैं उसे बताए जा रहा था और वो मेरे लंड को पकड़े हुए थी. इधर मैं भी उसकी चुत पर हाथ रखे हुए चुत की मलाई निकलने का इन्तजार कर रहा था. मैंने और उसने दोनों ने अपने हाथ नहीं हटाए थे. उसके हाथ के स्पर्श से मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था और बाहर निकलने के लिए तड़प रहा था.
तब मैंने थोड़ी सी हलचल की और उसकी चूत में अन्दर डाल कर अपनी उंगली चलाने लगा. वो कुछ नहीं कह रही थी, शायद उसे भी मजा आ रहा था. उसकी चूत कुछ गीली होने लगी थी.
उसने कहा- भैया अब बहुत गर्मी लग रही है.
मैंने कहा- हां.
तभी किस्मत ने मेरा साथ दिया और लाइट चली गई. तब और गर्मी बढ़ गई. उसने कहा- भैया मैं अपने कपड़े उतार लूं?
मैं खुश हो गया और कहा कि हां बिल्कुल..
उसने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ ब्रा और नीचे चड्डी में सोने लगी. मैं उसके पेट पर हाथ फेरते हुए लेट गया. अब तक लाइट आ चुकी थी. फिर कुछ समय बाद मैं बाथरूम के लिए उठा और कमरे की लाइट जला दी.
वापस आते समय मैंने देखा कि वो कितनी खूबसूत लग रही थी. मैंने सोचा इतना अच्छा मौका मिला है और मैं बजाए इसे चोदने के, सो रहा हूँ.
तब मैंने लाइट फिर से ऑफ कर दी और अपने कपड़े उतार कर फिर से सोने चला गया. मैंने उसकी कमर से हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा. अभी मैंने जाना कि उसका फिगर 32-28-32 का था.
मैं उसके मम्मों को दबाता ही रहा. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं अपना हाथ नीचे ले गया और धीरे धीरे मैंने उसकी पैंटी को अलग कर दिया और उस पर अपनी उंगली फेरने लगा.
फिर मैंने अपने लंड को पीछे से सटा दिया और रगड़ने लगा.
मुझे लगा कि वो जाग रही है और वो कुछ नहीं कह रही थी, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई. मैं चूत में उंगली करता रहा. तभी उसकी सिसकारी निकल गई.
मैं अब समझ गया कि इसे भी आज चुदाना है. मैंने उसे अपनी ओर मोड़ लिया. उसके होंठों को अपने होंठों से मिला दिया और चूसता रहा.
अब मैंने पीछे हाथ करके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. उसके चूचे भी आजाद हो गए थे. मैं उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.. और सिस्कारियां लेने लगी ‘आ आह आह..’
मेरा लंड पूरा तन गया था. मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो.
उसने साफ साफ मना कर दिया.. लेकिन मेरे बहुत जोर देने पर वो मान गई. मैंने उसके मुँह की तरफ लंड किया तो पहले उसने मेरे लंड को चूमा और फिर लंड चूसने लगी.
कुछ ही पलों बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के गुप्तांगों को चूसने लगे. हम दोनों की चुदास भड़क उठी. उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि उसकी आग कैसे शान्त हो.
कुछ समय बाद मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. दोनों तरफ आग हद से ज्यादा भड़क चुकी थी.
मैंने चूत की फांकों में सुपारा फंसाया और एक धक्का दे मारा. मेरा लंड फिसल गया. फिर मैंने एक और कोशिश की, तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वो दर्द से चिल्लाने लगी- उई माँ मर गई.. निकालो इसे..
मैंने उसकी एक न सुनी और उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया. मैं कुछ समय बिना हिले डुले शांत पड़ा रहा. जब वो चुप हुई तो मैंने धक्का मार दिया. इस बार लंड पूरा अन्दर घुस गया था. वो फिर से जल बिन मछली की तरह उछलने को हुई.. लेकिन मेरे नीचे दबी होने के कारण वो ज्यादा कुछ नहीं कर सकी. अब मैं लंड को आगे पीछे करने लगा. कुछ ही देर में फर्स्ट टाइम सेक्स का दर्द काफूर हो गया और उसे भी भी लंड का मजा आने लगा. अब वो मजे से उम्म्ह… अहह… हय… याह… करके चुदने लगी.
कुछ समय बाद कुछ गर्म सा अहसास होने लगा. मुझे पता चल गया कि उसकी चूत झड़ गई है.
मैं भी अपनी स्पीड बढ़ाता गया और कहा- माँ बनना है मेरे बच्चे की?
उसने कहा- नहीं.
तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मम्मों पे सब निकाल दिया.
कुछ देर बाद मैंने उसकी फिर से चुदाई की. उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा.
अब जब भी हम अकेले मिलते हैं चुदाई हो जाती है. वो खुल कर चुदती है और कहती है कि अब तो मैं तेरी रांड हूँ जब चाहे चोद ले.
मैंने बहुत बार उसे चोदा है, कई सारे पोजीशन सिखाये है. अब हम दूर रहते हुए भी फ़ोन से सेक्स कर लेते हैं.
आपको मेरी बहन की चुत चोदने की कहानी कैसी लगी.. मुझे मेल कीजिये, आशा करता हूँ आपको ये कहानी अच्छी लगी हो.