हेल्लो दोस्तों मेरा नाम चिंकी है। मेरी उम्र 25 साल हैं। मै बिजनौर में रहती हूँ। मै एक हसीन जवान खूबसूरत बदन की मालकिन हूँ। मेरे को अपने गोरे बदन पर बहोत ही नाज था। मेरे बड़े पापा का लड़का यानी मेरा भाई ही इस नाजुक बदन का सबसे पहले मजा ले लिया। उस रात को मैं अब तक याद करती हूँ जिस रात मेरे बड़े पापा के लड़के ने पहली बार मेरी जवानी का मजा चखा था. पहली बार मैंने अपने भाई का लंड खाकर सम्भोग का पूरा मजा लिया। आज भी वो मेरे को चोद कर चुदाई का भरपूर मजा देता है। दोस्तों मेरी पहली बार किस तरह से चुदाई हुई थी। ये मै आपको अपने इस कहानी के माध्यम से बताती हूँ।
फ्रेंड्स ये बात दो साल पहले की है। जब मैं अपने बड़े पापा का बर्थडे सेलिब्रेट करने उनके घर शिमला गयउ हुई थीं। मेरी मुलाकात वहाँ मेरे बड़े भैया से हुई जिनका नाम विपेश था। देखने में वो बहोत जबरदस्त लगते थे। खाश करके उनकी आँखे बहोत ही शार्प लगती थी। मैंने उन्हें लगभग चार साल बाद देखा था। मेरे को पहली नजर में उनके साथ सम्भोग करने का मन करने लगा। फ्रेंड्स जब भी मै कोई हैंडसम बन्दा देखती थी। मेरी चूत मे खुजली होने लगती थी। मैं उनके बड़े मोटे लंड को खाना चाहती थी। भैया के लंड को देखने के लिए मैं व्याकुल थी।
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जैसे ही भैया मेरे सामने आते थे। मेरी नजर उनके पैंट के ऊपर ही जाकर टिकती थी। भैया को भी कुछ कुछ मालूम पड़ रहा था। रात में हम लोग साथ में ही सोए हुए थे। भैया कमरा दूसरा था। मै बड़ी मम्मी के पास और वो बड़े पापा के साथ लेटे हुए थे। घर से मै अकेली ही आयी थी। पापा को बाहर जाना था। तो उन्हीने मेंरे को बड़े पापा के बर्थडे में भेज दिया था। इस बार मेंरे आने पर सब लोग कुछ ज्यादा ही खुश थे। विपेश भाई तो कुछ ज्यादा ही लग रहे थे। मेरी जवानी को वो भी घूरते रहते थे। लेकिन भाई होने के नाते वो मेरे से डायरेक्ट कोई संबंध जोड़ सकते थे। वो भी मेरे जवानी के मजे लूटना चाहते थे। दूसरे दिन बड़े पापा का बर्थडे था। भैया और हम रात में सब लोग सोए हुए थे। मेरे को रात में पेशाब लगी थीं। मै बाथरूम में गयी। तो वहाँ पहले से ही कोई था। रूम के अंदर से धीरे धीरे से आवाजे आ रही थी। मैंने दरवाजे से कान तो सब पता चल गया। वो भैया ही थे। अंदर से चट… चट की आवाजें आ रही थी। साथ ही साथ भैया बोल रहे थे।
भैया: क्या करूँ इस चिंकी का! साला जबसे देखा है। लंड हिला हिला कर काम चलाना पड़ रहा हैं।
मेरे को ये तो पता हो गया कि भैया मौक़ा मिलते ही एक बार मेरे को चोदने के लिए कोशिश जरूर करेंगे। मै तो पहले से ही अपने इस 36 20 34 की रस भरे फिगर का उन्हें मजा देना चाहती थी। मैंने बाहर जाकर पेशब कर लिया। बड़े पापा और मम्मी शॉपिंग के लिए बाहर गए हुए थे। घर पर हम दोनों लोग ही थे। भैया तो मम्मी पापा के जाने के बाद मेरे को एक मिनट के लिए नहीं छोड़ रहे थे। वो मेरे से चुदने के बारे में पूंछना चाहते थे। लेकिन हर बार नहीं पूछ पाते थे।
भैया: चिंकी तुम बहोत खूबसूरत हो!
तारीफ से ही बातें आगे बढ़ाने लगे।
मै: शुक्रिया
भैया: तुम्हे शिमला कैसा लग रहा है
मै: बहोत अच्छा लग रहा है। खाश करके तुम!
भैया ख़ुशी से उछल पड़े।
भैया: मेरे को भी लोग पसन्द करते हैं। मेरे को भी पता नहीं था
मै: भैया आप कल बॉथरूम में कुछ बड़बडा रहे थे आप!
भैया: मै भला बॉथरूम में क्यूँ बड़बड़ाऊंगा!
मै: ज्यादा बात न बनाइये। मैंने अपने कानों से सुना था आप कुछ कह रहे थे
भैया: तो फिर तेरे को ये भी मालूम होगा क्या कहा था?
मै शर्माते हुए वहाँ से चली गयी। जब भी वो मेरे सामने आते तो हवस की नजरों से देखते थे। मूड तो हम।दोनो लोगो का बना हुआ था। लेकिन कोई बयां नहीं कर पा रहा था। मै किचन में चाय बना रही थी। पीछे से भैया ने जाकर मेरे को पकड़ लिया। अपनी बाहों में मेरे को जकड़ते हुए वो मेरे से कहने लगे।
भैया: जब से चिंकी तू आयी है। दिन रात मै तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूँ
मै: पता है! रात में बॉथरूम में सब कह रहे थे
भैया: तेरे को पता था फिर क्यों मेरे से पूछ रही थी
मै: भाई मेरे को आप से सुनना था
भैया: तो क्या तू अपने भाई का सपना सच करेगी!
मै: क्यों नही!
भैया: तू आज अपनी जवानी को मेरे हवाले कर दे। मेरे को आज तुम्हारा अंग प्रदर्शन करना है
मै: मेरे को शर्म आतीं है
भैया ने मेरे को अपने सीने से चिपका लिया। वो मेरे पीछे थे। उनका लंड मेरी गांड पर लग रहा था। उनके लंड के लंबाई का अंदाजा मेरे गांड पर लगने से हो गया था। मै भी अपनी गांड को आगे पीछे घुमाकर उनका लंड महसूस कर रही थी। उनका लंड काफी बड़ा और मोटा लग रहा था। वो मेरे को किचन में ही किस करना शुरू कर दिए। मेरे को किचन में देखते ही वो सब कुछ करना चाहते थे। उन्होंने मेरे को फ़िल्मी स्टाइल में अपनी तरफ घुमाया। मेरा चेहरा देखते ही वो मोहित हो गए। मेरे गुलाबी होंठ का रस पीने के वास्ते अपना होंठ मेरे मुह पर लगा दिया। मेरे होंठो को चूस कर वो मेरे फूले होंठो का रस निकाल रहे थे। वो बड़े मजे ले ले कर स्लो मोशन में मेरे होंठ का रसपान कर रहे थे। उनके इस तरह से करने से मेरी साँसे तेज होने लगी। धीरे धीरे मैं भी गर्म होने लगी। मेरे को गर्म करने में वो कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। उनका लंड खाने को मैं भी बेकरार थी। मैंने भी उनका साथ देना शुरू किया। वो मेरे को गले पर किस करने लगे। गले पर किस करते ही मैं पागल सी हो जाती हूँ।
मैं मदहोश होने लगी। मेरे को भैया में सैयां जी नजर आने लगे। सुहागरात की सीन की तरह हम दोनो काम पर जुटे थे। मैं बहोत ही गर्म हो चुकी थी। मैंने उस दिन हाफ टी शर्ट और लोवर पहना था। मेरे पेट पर नाभि अच्छी तरह से दिख रही थी। भैया ने मेरे टी शर्ट को निकालकर मजा लेना शुरू किया। चुम्मे से किये गए शुरुवात को वो धीरे धीरे आगे बढा रहे थे। भैया मेरे 36″ के चूचो को छेड़ कर खेलने लगे। मै भी मजे ले रही थी। मेरे दोनों चुच्चे को पकड़कर वो अपने हाथों में भर लिया। मैंने उस दिन काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। काले रंग की ब्रा में मम्मे बहुत ही आकर्षक दिख रहे थे।
भैया उनकी बड़ी तारीफ़ कर रहा था। ब्रा को निकाल कर दोनों बूब्स को आजाद कर दिया। बच्चो की तरह दूध के निप्पल को मुह में भरकर पी रहा था। उसे खूब दबाकर पिया। चूंचियो को काट काट कर पीते ही मैं जोर से “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज के साथ आहे भरने लगती थी। मैंने अपना हाथ लोवर में डाल लिया। उसके अंदर से ही चूत में ऊँगली करने लगी। भैया मेरी लोवर को ऊपर नीचे करता देख कर और जोर जोर से मेरे मम्मे दबाने लगे। किचन में जगह कम थी। भैया को चोदने में प्रॉब्लम होती।भैया ने मेरे को उठा लिया। छोटे बच्चो की तरह वो अपने गोद में लेकर मेरे को बिस्तर पर ले आये।
उसके बाद सारे कपडे लोवर पैंटी एक एक करके निकाल कर मुझे नंगा कर दिया। मेरी गोरी चिकनी चूत पर मुह लगाकर खूब चूम चूम कर चुसाई की। मेरी मुह से “अई…..अई…. अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की सिसकारियां निकलने लगी। मै चुदने को तड़पने लगी। भैया ने भी अपना लोवर उतारा और अब मेरी बारी थी। मैंने भी उनका लंड संभाल कर चूसना शुरू किया। भैया को भी कंट्रोल नहीं हो पा रहा था। अपना लंड वो मेरे मुह में ही आगे पीछे करने लगे। भैया के लंड को चूसने में बड़ा मजा आ रहा था। देखते ही देखते उनका लंड बहोत ही टाइट हो गया। उन्होंने मजे ले ले कर अपना लंड मुझसे खूब चुसवाया। मुझे उसका लंड चूस कर बहुत मजा आया। मेरी टांगो को फैलाकर मेरी चूत पर अपना लंड रख कर खूब जोर से रगड़ने लगा। मेरी चूत गर्म होकर लाल लाल हो गई। उसने धक्का मार कर अपने लंड का सुपारा मेरी चूत में डाल दिया। मै जोर जोर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज की सिसकारियां निकालने लगी।।
उसने मेरा मुह पकड़ कर दबा लिया। धक्के पर धक्का मार कर अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। मै दर्द से सिमट रही थी। वो अपने 6 इंच के लंड को पूरा घुसाकर खूब अच्छे से चुदाई कर रहा था। पहले तो मुझे बहुत दर्द हो रहा था। लेकिन इस दर्द से कुछ ही पलों में छुटकारा मिल गया। मै भी अपनी चूत को उठा उठा कर चुदवाने लगी। अब चीख की आवाज जोशीली आवाज में बदल गई। मै अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ उसका साथ दे रही थी। उससे पहले मैं कई बार चुद चुकी थी। इसीलिए कुछ ही देर में उनके मोटे लंड को सहने की क्षमता हो गयी। आज वो भी अपनी इस चुडक्कड़ बहन के साथ चुदाई करके बहुत खुश हो रहा था। मुझे उसका लंड बेहद पसंद आ गया।
उसने मेरे टांगो को उठा कर खूब चुदाई की। बाप रे उसका लंड अब भी।मेरी चूत को उसी तरह से फाडने के कार्य को जारी किये हुए था। मैंने आज तक इस तरह से नहीं चुदवाया हुआ था। उसने मुझे झुकाकर मेरी चूत को फाडने में लगा रहा। सेक्स पोजीशन के उस जोर जोर की चुदाई से मेरी चूत दुप दुपाने लगी। घच घच की आवाज से पूरा कमरा भर गया। भैया कही ब्रेक लगाने के बजाय एक्सीलेटर को ही बढाए जा रहे थे। मेरे को वो फुल स्पीड में चोद रहे थे। मै जोर जोर से “……अई…अई….अई……अ ई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की
आवाज के साथ चुद रही थी। भैया मेरी दोनों लटकती हुई चूंचियो को दबा दबा कर मेरी चुदाई कर रहे थे। मेरे को पहली बार कोई मर्द उससे पहले झड़ने पर मजबूर किया था। भैया की स्पीड ने मेरी चूत से माल निकाल दिया। उनके लंड के जल्दी जल्दी से चूत में घुसने की आवाज धीरे धीरे तेज होने लगी। मै झड़ने वाली हो गई।
कुछ देर में मै “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज के साथ झड़ गई। मेरी चूत से टप टप करके बूंदे गिरने लगी। भैया ने एक एक बूँद को चाट लिया। उसने चूत का कचरा करके। मेरी गांड को अब अपना शिकार बना रहा था। गांड के छेद पर अपना लंड लगाकर जोर का झटका मार कर घुसा दिया। मै फिर एक बार जोर जोर से “आआआअ ह्हह्हह…..ईईईईईईई…. ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..अम्मी….” की आवाज की चीख निकाल दी। वो मेरी गांड चुदाई में मस्त था। मेरी गांड रहे या फटे उसे कोई फर्क नहीं पड रहा था। मेरी गांड को भी फाड़कर उसने खूब मजा लिया। मै भी अब मजे ले लेकर गांड चुदाई करवा रही थी। लेकिन ये मजा अब वो ज्यादा देर तक नहीं दे सका। कुछ ही देर में उसका लंड भी जबाब देने लगा।
उसकी चोदने की रफ़्तार बढ़ गई। मै जोर जोर से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकाल रही थी। आखिर कर अपना सारा माल मेरी गांड में ही गिरा दिया। गरमा गरम माल मेरी गांड में बहुत ही अच्छा लग रहा था। रात भर उसने मुझे सोने नहीं दिया। जब भी लंड खड़ा होता। मुझे चोद कर गिरा लेता। इतने दिनों की प्यास को उसने मुझे चोद कर बुझा ली। अब तो हर दिन मुझे चोदता है। मुझे भी उसके लंड से चुदवाने में बहुत मजा आता है। मै अब बड़े पापा के घर ही रहती हूँ। भैया का लंड खाने की।आदत हो गई थी। उनके लंड के बिना मै एक दिन चैन से नहीं बैठ सकती। हर दिन विपेश भाई अपना लंड मेरे को मौक़ा निकाल के खिलाते हैं। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना