कल आंटी सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपने अम्मी-अब्बू की चुदाई रोज छुपकर देखा करता था। एक दिन मैंने अपनी किरायेदार आंटी और अंकल की चुदाई देखी.
मैं असगर आपको अपनी अम्मी की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूं।
घर में कई बार गलती से अम्मी-अब्बू की चुदाई देखने को मुझे मिल जाती थी।
इसी तरह से मैंने अपनी अम्मी की चुदाई देखी लेकिन, अब्बू के साथ नहीं बल्कि किसी और के साथ!
मेरी कामुक अम्मी की गर्मागर्म चूत जब चुदाई के लिए बेताब हो जाती थी तो उसको होश नहीं रहता था।
अब्बू का लंड तो वो चूत में लेती ही थी लेकिन उसकी प्यास अब्बू के लंड से नहीं बुझ रही थी।
इधर मैं भी अपनी अम्मी की चूत पर नजर बनाए हुए था क्योंकि उनकी चुदाई देखकर मैं बहुत गर्म हो जाता था।
मेरा लंड इंतजार कर रहा था कि वो कब मेरी अम्मी की चूत में जाएगा।
खैर मैं जानता हूं कि मेरी अम्मी कितनी भी कामुक हो लेकिन पराये मर्द के साथ संभोग की इच्छा नहीं करेगी क्योंकि वो एक घरेलू और अच्छी महिला थी।
जहां तक भरपूर चुदाई की इच्छा की बात है तो इसमें कुछ गलत नहीं है।
चुदाई की आग कोई औरत जानबूझकर तो पैदा नहीं करती।
अम्मी की चुदाई देखने के बाद अब भी मैं उनकी इज्जत करता हूं।
उनकी चुदाई की स्टोरी मैं खुद आज आप लोगों को बताने जा रहा हूं।
मेरे घर पर मैं और अम्मी-अब्बू हैं। मेरी उम्र 19 साल है। हमारा मकान 2 मंज़िल का है और ऊपर वाली मंज़िल में हम लोग रहते हैं। नीचे का हिस्सा खाली रहता है।
अब्बू रेलवे में टीटीई हैं तो कभी कभी वो एक एक हफ्ते के लिए भी चले जाते हैं।
मेरी अम्मी का फिगर करीब 34-32-38 है। अम्मी के दूध थोड़े से ढीले हो गए हैं क्योंकि अम्मी को चुदाई करवाते वक़्त दूधों को मसलवाने और निप्पलों को चुसवाने में बड़ा मजा आता है।
चुदवाते वक़्त वो खुद अब्बू से दूधों को अच्छे से मसलने के लिए कहती थी।
मेरे अब्बू भी मेरी अम्मी की चूचियों को ऐसे मसलते थे जैसे आटा गोंथा जा रहा हो।
कई बार तो अम्मी खुद ही अपने दूध पकड़कर अब्बू के मुंह में ठूँस देती थी।
कई बार मैं देखता था कि चुदने के नाम से ही उनके दूध टाइट होकर इतना तन जाते थे कि अब्बू जब ब्लाउज निकालते थे तो एकदम से कबूतर की तरह फड़फड़ा कर बाहर आ जाते थे।
अम्मी की गांड भी बड़ी लाज़वाब है, एकदम से मोटी और मांसल गांड है।
चलते हुए मेरी अम्मी के चूतड़ ऐसे हिलते हैं कि देखने वाला मर्द उनको वहीं घोड़ी बनाकर चोदने पर मजबूर हो जाए।
उनकी गांड की शेप ऐसी उठी हुई थी कि लगता था जैसे लौड़ों को अपनी ओर बुला रही है।
ऐसी गांड पोर्न फिल्मों में देखी थी मैंने!
मैं जानता था कि मेरी मां काफी हॉट और सेक्सी है। कभी किसी पराये मर्द से चुदने में उनकी रुचि नहीं थी।
अब्बू उनको तबियत से चोदते थे। हफ्ते में 3 बार तो अम्मी खुद अब्बू से चोदने के लिए कहती थी।
फिर हुआ यूं कि हमारे यहां पर एक किरायेदार रहने आया जिसकी उम्र 40 साल की थी। उसकी बीवी लगभग 35 साल की थी। हम लोगों की उनसे अच्छी दोस्ती हो गई।
आंटी हॉस्पिटल में नर्स थी और कभी कभी उनकी नाईट डयूटी भी रहती थी। अंकल बैंक में जॉब करते थे।
उनके घर में कोई बच्चा नहीं था।
ऐसे ही एक दिन मैं अपने रूम में सो रहा था।
अचानक मेरी आँख खुल गयी तो अम्मी और आंटी दोनों बातें कर रहे थे। चूंकि दोनों हमउम्र भी थीं तो अच्छी पटती थी दोनों में!
मैं अपने बिस्तर पर अपने रूम में लेटे हुए दोनों की बातें सुनने लगा।
मैंने सुना कि आंटी अपनी चुदाई की बातें कर रही थी।
मेरी अम्मी थोड़ी शर्मा रही थी लेकिन आंटी तो मेरा नाम लेकर अम्मी की चुदाई की बात भी कर रही थी कि असगर के अब्बू भी तो आपको अच्छे से चोदते होंगे।
अम्मी बोली- हां चोदते हैं। अभी तो 10-15 साल तो आराम से चुदूंगी।
आंटी- इतने साल तक?
अम्मी- हां, इतना तो होना ही चाहिए। 50-55 तक तो चुदाई का मजा लूंगी ही। हफ्ते में 4 बार न हो तो मुझे संतुष्टि नहीं मिलती।
आंटी- फिर तो तुम और मेरे पति एक जैसे हो, उनका भी कभी मन नहीं भरता। मैं तो परेशान हो जाती हूं।
अम्मी- क्यों?
आंटी- एक तो उनका लम्बा और मोटा बहुत है; फिर झटके भी बहुत ही तेज देते हैं।
यह सुनकर अम्मी को अब आंटी की बातों में मजा सा आने लगा। वो भी रुचि लेकर बात करने लगी।
उन दोनों की बातें सुनकर अब मेरा लंड भी खड़ा होने लगा।
उस दिन फिर मैं मुठ मारकर सोया।
एक दिन की बात है कि मैं रात 11 बजे अपने दोस्त के यहां से लौटा।
अंकल आंटी के रूम की लाइट जलती देखी तो सोचा कि ये दोनों चुदाई तो नहीं कर रहे?
अब मेरे मन में अंकल आंटी सेक्स देखने के ख्याल भी आ रहे थे।
मैंने रूम के दरवाजे के छेद से झाँका तो देखा कि आंटी अंकल से लिपटी हुई थी।
उसकी मैक्सी जांघों तक उठी हुई थी।
दोनों लिपटे हुए कुछ बातें कर रहे थे जिनको मैं साफ नहीं सुन पा रहा था।
फिर मैंने अंकल के मुंह से अपना नाम सुना तो मेरे कान वहीं पर लग गए।
वो दोनों हमारे बारे में कुछ बातें कर रहे थे।
फिर ध्यान से सुनने पर पता चला कि दोनों मेरी अम्मी की चुदाई की बातें कर रहे थे।
अंकल बोले- यार, तुम थोड़ा चुदने में सपोर्ट तो किया करो!
तो आंटी बोली- और कितना किया करूं? इतना लंबा और मोटा लंड है कि हालात खराब कर देते हो और उस पर जब खड़ा होता है तो बिल्कुल पत्थर की तरह ठोस … लगता ही नहीं कि मासपेशियां हैं इसमें! एक घंटे तक लगातार चोदते हो। तुम्हारे लिए तो असगर की अम्मी होनी चाहिए थी।
ये कहकर आंटी हंसने लगी।
अंकल बोले- लेकिन वो मुझसे क्यों चुदवाएगी?
आंटी बोली- हम दोनों एक दिन इसी बारे में बात कर रहे थे। उसकी चूत में बहुत आग है। वो हफ्ते में 4-5 बार चुदवाती है। आपसे भी चुदवा लेगी।
अंकल बोले- अच्छा, सही बात है। इसमें क्या शर्माना … वो तो सबको मालूम है कि चुदाई तो सब करवाती हैं, कोई कम कोई ज्यादा … लेकिन अभी भी उन्हें हफ्ते में 3-4 बार लण्ड चाहिए होता है तो फिर तो गज़ब की आग है उनकी चूत में! वैसे तो मुझे भी लगता था कि ये खूब लंड लेती होगी।
आंटी बोली- वो कैसे?
अंकल बोले- गांड देखकर … इतनी बड़ी मांसल गांड है कि घोड़ी बनाकर डाल दो, खुद ही लेने लगेगी। वैसे और क्या बता रही थी वो?
आंटी बोली- वो मानती है कि चुदाई में सही से आनंद आना चाहिए। वो चाहती है कि उनके दूधों को मर्द खूब अच्छे से मसले, उनको पिये, निप्पलों को चूसे, बदन को चूमे और हल्के हल्के दांतों से काटे।
फिर आगे बताते हुए आंटी बोली- असगर की अम्मी चूत चटवाने में भी पूरा सपोर्ट करती है। वो कह रही थी कि अगर मर्द लंड चुसवाने चाहे तो वो भी उसका पूरा सपोर्ट करती है। लंड ही नहीं बल्कि वो नीचे की गोलियां चूसने में रुचि रखती है। वो मानती है कि जितना मजा वो मर्द को देगी, फिर उतना ही मजा वो बदले में उसको देगा। वो खुद चूत में लंड लेकर अपनी तरफ से झटके मारती है।
अंकल- फिर तुम क्या बोली?
आंटी- कुछ नहीं, फिर मैंने तुम्हारे बारे में बताया कि तुम्हारा लण्ड इतना लंबा मोटा और सख्त है कि हालात खराब कर देता है और चुदाई भी तुम्हें 1 घंटे तक करनी होती है।
फिर आंटी आगे बताते हुए बोली- वो कहने लगी कि तुम्हें तो खुश होना चाहिए इतने चोदू पति मिले हैं। मैं तुम्हारी जगह होती तो बहुत खुश रहती।
अंकल- तो क्या वो गांड में भी लेती है लंड?
आंटी- हां, बता तो रही थी कि असगर के अब्बू का लंड अपनी गांड में लेती है।
अंकल- हां, इसीलिए मुझे शक था कि ये बहुत ज्यादा चुदक्कड़ होगी। तभी तो इतनी मोटी और विशाल गांड है इसकी!
मैं उनकी बातें वहीं पर खड़ा खड़ा सुन रहा था।
मैंने देखा अम्मी के बारे में सुनकर अंकल अपना लन्ड सहलाने लगे।
मैं समझ गया कि ये अम्मी को अब पटाकर के चोदने की सोच रहे हैं इसलिए लन्ड सहला रहे हैं।
फिर आंटी बोली- चलो अच्छा, अब सोने दो … नींद आ रही है।
तो अंकल बोले- ठीक है।
उसके बाद आंटी करवट के बल सो गई।
जब अंकल सीधे हुए तो उनका लंड देखकर मैं तो खुद हैरान रह गया।
इतना मोटा और लम्बा लंड था कि मैं देखता रह गया। ऐसा लंड मैंने बस पोर्न फिल्मों में ही देखा था।
वो अपने लंड को बार बार सहला रहे थे और मैं जान गया कि अब ये मेरी अम्मी के बारे में सोचकर ही अपने लंड को सहला रहे हैं।
मुझे डर भी लग रहा था कि अगर अम्मी को इनका लंड लेना पड़ा तो वो कैसे लेगी इतना बड़ा लंड!
वैसे मैं उस वक्त यही सोच रहा था कि अगर ये अम्मी को पटाकर चोदने की कोशिश करेंगे तो अम्मी नहीं चुदवाएगी क्योंकि मेरी अम्मी ने अब्बू के अलावा किसी और से चुदाई करवायी ही नहीं थी।
लेकिन अगर वो पट गईं तो फिर ये चोद चोदकर अम्मी की चूत का भोसड़ा बना देंगे और गांड का छेद भी बड़ा कर देंगे।
इतने में मैंने देखा कि अंकल का लंड पूरा खड़ा हो गया था।
वो अपने लंड की मुठ मारने लगे।
उनका लंड बहुत लम्बा लग रहा था और उनके हाथ में एकदम से सख्त होकर छत की तरफ खड़ा हो गया था।
उन्होंने आंटी को जगाने की कोशिश की लेकिन वो हिली नहीं।
फिर आंटी ने पीछे हाथ लाकर अंकल के लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी।
अंकल ने आंटी के हाथ को पकड़ लिया और उनके हाथ पर अपना हाथ रखकर अपने लंड की मुठ मरवाने लगे।
इससे भी अंकल को संतुष्टि नहीं हुई तो उन्होंने आंटी की मैक्सी को उनकी गांड तक उठा दिया और आंटी की मोटी और गोरी गांड मुझे भी दिखने लगी।
फिर अंकल आंटी की गांड में लंड लगाने लगे।
आंटी हटाने लगी लेकिन अंकल के लंड का तनाव देखकर मुझे लग रहा था कि वो आंटी की चुदाई करके ही शांत होंगे।
मैं भी चाह रहा था कि मुझे भी अंकल और आंटी की चुदाई लाइव देखने का मौका मिल जाए।
वैसे छेद में से झांकते हुए मेरी गर्दन भी दुखने लगी थी।
लेकिन मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और मैं उसको सहलाते हुए अंकल और आंटी की चुदाई शुरू होने का इंतजार कर रहा था।
फिर आंटी ने अंकल का लंड अपनी चूत पर लगा लिया और अंकल ने अपनी पैंट को अंडरवियर समेत घुटनों तक नीचे खींच दिया।
वो अपना लंड आंटी की चूत में धकेलने लगे।
अंकल हल्के धक्के लगाकर लंड चूत में घुसा चुके थे और हर धक्के के साथ आंटी की दर्द भरी आह निकल रही थी।
अब अंकल ने आंटी को चोदना शुरू किया और आंटी के मुंह से आह्ह … आह्ह … निकलने लगी।
कुछ ही देर में अंकल ने रफ्तार पकड़ ली और आंटी की चूत में तेजी के साथ लंड को पेलने लगे।
आंटी अपनी चूत के दर्द को बड़ी मुश्किल से बर्दाश्त कर पा रही थी। ऐसा लग रहा था कि अंकल अपना पूरा लंड आंटी की चूत में घुसा रहे थे।
उनकी चुदाई देखकर मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था।
मैंने वहीं पर पैंट में हाथ देकर लंड की मुठ मारना शुरू कर दिया। लेकिन वहां पर मुठ मारना सेफ नहीं था इसलिए मैंने लंड को बाहर नहीं निकाला और अंदर ही अंदर लंड को सहलाता रहा।
अंदर अंकल आंटी को चोदने में लगे हुए थे।
तभी मेरे फोन की घंटी बज पड़ी और मैं एकदम से घबरा गया।
मैं जल्दी से वहां से हट गया और ऊपर जाने लगा।
किसी तरह मैं बच गया वरना अंकल-आंटी को शक हो जाता कि मैं उनकी चुदाई देखने में लगा हुआ था।
मैंने फोन देखा तो मेरी अम्मी का ही फोन था।
मैं लेट हो गया था तो वो फोन करके पूछ रही थी।
फिर मैं अपने रूम में चला गया।
रात को सोते हुए मैं मुठ मारने लगा और अंकल आंटी सेक्स के बारे में सोचकर मैंने माल निकाला।
रात में भी मैं अंकल आंटी की बातों को लेकर सोच में था।
अब मुझे देखना था कि अंकल मेरी अम्मी को कैसे पटाने की कोशिश करेंगे।
मैं जानता था कि अंकल मेरी अम्मी की चुदाई करने की पूरी कोशिश करेंगे।
उस दिन के बाद से मैं अंकल और अपनी अम्मी पर नजर रखने लगा।
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